बिहार राज्य सभी धर्मों के एक विशेष केंद्र था, आज भी बिहार में अनेकता में एकता के लिए प्रसिद्ध है। बिहार राज्य भारत के कुछ महान साम्राज्यों और महान महापुरुषों
बिहार के प्रमुख खनिज अयस्क खनिज स्थान अभ्रक गया (दिबौर, भलुआरीकला, विषनपुर, मझुली) नवादा, मुंगेर, जमुई, बिंजैसा, महेश्वरी, नावाडीह एवं चकाई चूना पत्थर रोहतास (जदुनाथपुर, कनकपुर, जारदाग, नावाडीह, काटुडार, पीपराडीह),
बिहार के लोक नाट्य (Folk Drama of Bihar) जट-जाटिन – प्रत्येक वर्ष सावन से लगभग कार्तिक माह की पूर्णिमा तक केवल अविवाहितों द्वारा अभिनीत इस लोकनाट्य में जट-जाटिन के वैवाहिक
बिहार का लोक नृत्य (Folk Dance of Bihar) छऊ नृत्य – यह लोकनृत्य युद्ध भूमि से संबंधित है, जिसमें नृत्य शारीरिक भाव भंगिमाओं, ओजस्वी स्वरों तथा पगों का धीमी-तीव्र गति
बिहार का लोक संगीत (Folk Music of Bihar) बिहार में संगीत का प्रारंभ वैदिक युग में हुआ। भृगु, गौतम, याज्ञवलक्य आदि जैसे श्रेष्ठ ऋषि-मुनियों का संगीत साधना में प्रमुख स्थान
प्राचीन काल में बिहार स्थित नालंदा महाविहार, तिलाधक महाविहार (विश्वविद्यालय, नालंदा) और विक्रमशिला महाविहार (विश्वविद्यालय) विश्वविख्यात थे। यहां शिक्षा ग्रहण करने वाले प्रमुख विदेशी छात्र थे – हेनसांग, फाह्यान एवं
वर्ष 2011 की अन्तिम जनगणना रिपोर्ट के अनुसार, बिहार की कुल जनसंख्या 10,40,99,452 है, जो देश की कुल आबादी का 8.6% है। परन्तु, जनसंख्या के आधार पर यह देश का
किसी देश या प्रदेश का जलप्रवाह तन्त्र वहाँ की स्थलाकृति और जलवायु से प्रवाहित होता है। बिहार के जलप्रवाह पर भी इन्हीं तत्त्वों का महत्त्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है। यहाँ के
संरचना एवं उच्चावच की भिन्नता के आधार पर बिहार को तीन प्रमुख भौतिक विभाग शिवालिक पर्वतीय प्रदेश, गंगा का मैदान एवं छोटानागपुर सीमांत पठारी प्रदेश में विभक्त किया गया है।
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