भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 14 जून 2022 के दिन भारत की तीनों सेनाओं के लिए ‘अग्निपथ योजना (Agnipath Yojana)’ शुरू की है, अग्निपथ योजना के तहत देश की तीनों सेनाओं भारतीय थल सेना (Indian Army), भारतीय वायुसेना (Indian Air force) और भारतीय नौसेना (Indian Navy) में ‘अग्निवीरों’ को सिर्फ चार साल के लिए भर्ती किया जाएगा। इन तीनों सेनाओं में शामिल होने वाले सैनिकों को ‘अग्निवीरों (Agniveer)’ से सम्बोधित किया जाएगा। चार साल की सेवा के बाद अग्निवीर सेना की नौकरी छोड़ देंगे। इसके बाद वह समाज में एक स्कील्ड नागरिक के तौर पर अनुशासित जीवन जी सकते हैं। मेरिट के आधार पर और सेना की जरूरत के हिसाब से सेना 25 फीसद अग्निवीरों को रेगुलर कैडर में समायोजित कर सकती है।
अग्निवीर बनने की योग्यता
अग्निपथ योजना के तहत, पुरुष और महिला (सेवा की जरूरत होने पर शामिल की जाएंगी) दोनों को अग्निवीर बनने का मौका दिया जाएगा। 17.5 साल से लेकर 21 साल तक के युवा इस सेवा में शामिल हो सकेंगे। वर्तमान में सेना के जो मेडिकल और फिजिकल स्टैंडर्ड हैं वही मान्य होंगे। 10वीं और 12वीं पास कर चुके युवा (सैन्य बलों की नियम और शर्तों के अनुसार) अग्निवीर बन सकते हैं।
अग्निपथ में भर्ती कैसे होगी?
अग्निपथ योजना के तहत, 17.5 साल से 21 साल के युवाओं को सेना में भर्ती किया जाएगा। इन्हें 10 हफ्ते से लेकर 6 महीने तक की ट्रेनिंग दी जाएगी। इन जवानों को होलोग्राफिक्स, नाइट, फायर कंट्रोल सिस्टम से लैस किया जाएगा। साथ ही, हैंड हेल्ड टारगेट सिस्टम भी जवानों के हाथ में दिए जाएंगे।
अग्निवीरों की सैलरी
अग्निपथ योजना के तहत युवाओं को पहले साल 4.76 लाख का सालाना पैकेज मिलेगा। चौथी साल तक बढ़कर ये 6.92 लाख तक पहुंच जाएगा। इसके अलावा अन्य रिस्क और हार्डशिप भत्ते भी मिलेंगे। चार साल की नौकरी के बाद युवाओं को 11.7 लाख रुपए की सेवा निधि दी जाएगी, इस पर कोई टैक्स नहीं लगेगा।
शहीद या हादसे का शिकार होने पर
आर्मी चीफ जनरल मनोज पांडे ने बताया कि अगर इस सेवा के दौरान कोई जवान शहीद होता है तो उसके परिवार को पूरा इंश्योरेंस कवर मिलेगा। इसके अलावा, शहीद के परिवार को सेवा निधि समेत लगभग एक करोड़ रुपये दिए जाएंगे। इसके अलावा, शहीद की बची हुई सेवा की पूरी सैलरी भी परिवार को मिलेगी। सेवा के दौरान अगर जवान दिव्यांग हो जाते हैं तो दिव्यांगता के प्रतिशत के हिसाब से करीब 44 लाख रुपये मिलेंगे। सेवा निधि के अलावा बची हुई सेवाकाल की पूरी सैलरी भी जवान को दी जाएगी।
अग्निपथ योजना का लाभ
- अग्निपथ योजना न केवल सैन्यकर्मियों की कमी के मुद्दे को हल करने में मदद करेगी, बल्कि यह वेतन वृद्धि एवं पेंशन के बोझ को भी कम करेगी।
- रिक्तियां होने की स्थिति में योजना के तहत भर्ती सर्वश्रेष्ठ युवाओं को सेना में बने रहने का अवसर भी मिल सकता है।
- सैनिकों को केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों सहित कुछ सरकारी नौकरियों की भर्ती में प्राथमिकता देने के साथ मौद्रिक भुगतान किया जाएगा।
- इस योजना के तहत संलग्न लोगों को निजी क्षेत्र के तहत भी प्राथमिकता देने पर विचार किया जा रहा है।
- वेतन और ग्रेच्युटी भुगतान में बचाए गए संचयी धन का उपयोग ज़रूरी सैन्य आधुनिकीकरण हेतु किया जा सकता है।
अग्निपथ योजना की आलोचन
- पेशेवर सैनिकों की जगह छोटी अवधि वाली सैनिक लेंगे तो इसका असर क्षमता पर पड़ेगा।
- सैनिकों में युवाओं की भर्तियां छोटी अवधि के लिए करेंगे तो वे 24 साल होते-होते फौज से बाहर हो जाएंगे. इससे देश में और बेरोज़गारी ही बढ़ेगी।
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