राजस्थान में स्थित वन्य जीव अभ्यारण्य
(Wildlife Sanctuary in Rajasthan)
| अभ्यारण्य |
स्थान |
वर्ष |
विशेषता |
| केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान |
भरतपुर |
1981 |
पक्षियों का स्वर्ग |
| बँध बारेठा अभ्यारण्य |
भरतपुर |
1985 |
जरखों के लिये प्रसिद्ध |
| रणथम्भौर राष्ट्रीय उद्यान |
सवाई माधोपुर |
1955 |
बाघों का घर |
| नाहरगढ़ अभ्यारण्य |
जयपुर |
1980 |
राज्य का प्रथम जैविक उद्यान |
| फूलवारी की नाल अभ्यारण्य |
उदयपुर |
1983 |
मांसी-वाकल नदी का उदगम |
| जयसमन्द अभ्यारण्य |
उदयपुर |
1955 |
बघेरों के लिये प्रसिद्ध |
| सज्जनगढ़ अभ्यारण्य |
उदयपुर |
1987 |
नीलगाय व जंगली सुअरों के लिये प्रसिद्ध |
| सीतामाता अभ्यारण्य |
चित्तौड़गढ़ |
1979 |
उड़न गिलहरियों के लिये प्रसिद्ध |
| भैसरोडगढ अभ्यारण्य |
चित्तौड़गढ़ |
1983 |
घड़ियालों के लिये प्रसिद्ध |
| बस्सी अभ्यारण्य |
चित्तौड़गढ़ |
1988 |
बाघों के विचरण हेतु प्रसिद्ध |
| राष्ट्रीय चम्बल अभ्यारण्य |
कोटा |
1979 |
घड़ियालों के लिये प्रसिद्ध |
| दर्रा अभ्यारण्य |
कोटा |
1955 |
गागरोनी (हीरामन) तोते के लिये प्रसिद्ध |
| जवाहर सागर अभ्यारण्य |
कोटा |
1975 |
मगरमच्छ के लिये प्रसिद्ध |
| रामगढ़ विषधारी अभ्यारण्य |
बूंदी |
1982 |
बाघों का स्वतन्त्र विचरण |
| कनकसागर अभ्यारण्य |
बूंदी |
1987 |
– |
| सरिस्का अभ्यारण्य |
टलवर |
1982 |
हरे कबुतरों के लिये प्रसिद्ध |
| तालछापर अभ्यारण्य |
चुरू |
1971 |
काले हिरणों के लिये प्रसिद्ध |
| माउन्ट आबू अभ्यारण्य |
सरोही |
1960 |
जंगली मुर्गो के लिये प्रसिद्ध |
| रामसागर अभ्यारण्य, वन विहार |
धौलपुर |
1955 |
– |
| शेरगढ़ अभ्यारण्य |
बारां |
1983 |
साँपों का संरक्षण स्थल |
| रावली टाडगढ़ अभ्यारण्य |
टजमेर |
1983 |
– |
| गजनेर अभ्यारण्य |
बीकानेर |
– |
तीतरों के लिये प्रसिद्ध |