UKSSSC LT SYLLABUS – (General)
पाठ्यक्रम
पद – सहायक अध्यापक (एल. टी.) सामान्य
विषय – भारतीय इतिहास
- भारतीय इतिहास के स्त्रोत : साहित्यिक एवं पुरातात्विक
- प्रस्तर युग का वृहद सर्वेक्षणः पुरापाषाण काल, मध्य पाषाणकाल, नवपाषाण काल
- ताम्रपाषाणकालीन संस्कृति, लौह संस्कृति, महापाषाण संस्कृति
- हड़प्पा सभ्यताः उत्पत्ति, विस्तार, विशेषतायें, पतन
- वैदिक एवं उत्तर वैदिक युगः स्त्रोत, उत्पत्ति, राजनैतिक, सामाजिक, आर्थिक एवं धार्मिक स्थिति
- प्रादेशिक राज्यों का उदयः महाजनपद, मगध साम्राज्य की सफलता के कारण
- छठी शताब्दी ई०पू० के सामाजिक-धार्मिक आन्दोलन: जैन धर्म, बौद्ध धर्म इत्यादि
- मौर्य कालः मौर्य साम्राज्य की स्थापना एवं विस्तार, प्रशासन एवं अर्थव्यवस्था, अशोक का धम्म, मौर्य कला
- उत्तर मौर्य कालः शुंग, कण्व, सातवाहन, राजनीतिक-आर्थिक स्थिति, कला एवं स्थापत्य
- शक, पार्थियन एवं कुषाण युगः कनिष्क प्रथम, कला एवं स्थापत्य का विकास, कुषाण वंश का पतन
- गुप्त कालः स्त्रोत, प्रशासन, आर्थिक स्थिति, कला एवं स्थापत्य, पतन
- उत्तर गुप्त कालः हर्षवर्धन, राजनीतिक, आर्थिक एवं धार्मिक स्थिति, चालुक्य, पल्लव, पाल, प्रतिहार एवं राष्ट्रकूट वंश
- चोल वंशः प्रशासन, स्थानीय स्वशासन
- तुर्कों का आक्रमणः गजनवी, गोरी वंश, कारण एवं परिणाम
- दिल्ली सल्तनतः गुलाम, खिलजी, तुगलक, सैयद एवं लोदी वंश, प्रशासन, अर्थव्यवस्था, कला एवं स्थापत्य।
- विजयनगर एवं बहमनी साम्राज्यः राजनीतिक, आर्थिक स्थिति, कला, स्थापत्य
- भक्ति एवं सूफी आंदोलन: उत्पत्ति एवं विकास
- मुगल कालः उद्भव, विकास, बाबर, हुमायूँ, अकबर की प्रशासनिक एवं धार्मिक नीति, जहाँगीर एवं नूरजहाँ का मूल्याँकन, शाहजहाँ: कला का विकास, उत्तराधिकार का युद्ध, औरंगजेब, मुगल साम्राज्य का पतन, उत्तर मुगल काल
- मराठों का उदयः शिवाजी, पेशवाओं के अन्तर्गत प्रशासन, मराठा साम्राज्य का पतन
- भारत में ब्रिटिश साम्राज्य का आरम्भ : यूरोपियों के मध्य संघर्ष एवं विस्तार
- औपनिवेशिक अर्थव्यवस्थाः कृषि एवं व्यापार
- 18 वीं शताब्दी के सामाजिक एवं धार्मिक सुधार आंदोलनः राजा राममोहन राय, ईश्वर चन्द विद्यासागर, सर सैयद अहमद खाँ इत्यादि ।
- स्वतंत्रता आन्दोलन : उदारवाद, उग्रवाद, क्रान्तिकारी
- गाँधीवादी आन्दोलन : असहयोग, सविनय अवज्ञा, भारत छोड़ो आन्दोलन
- साम्प्रदायिकता एवं भारत का विभाजन
- भारत छोड़ो आन्दोलन के बाद की घटनायें : शिमला सम्मेलन, कैबिनेट मिशन, संविधान सभा, माउन्टबेटेन योजना, गणतन्त्र की स्थापना।
पाठ्यक्रम
पद – सहायक अध्यापक (एल. टी.) सामान्य
विषय – भूगोल
उत्तराखण्ड का भूगोलः
भौगोलिक अवस्थिति, भू-आकृति एवं संरचना, मौसम एवं जलवायु, जल प्रवाह तन्त्र, प्राकृतिक वनस्पति, कृषि – परम्परागत कृषि एवं फसलें, फसलों का उत्पादन एवं क्षेत्रीय वितरण, वाणिज्यिक कृषि, फसल विविधता, जैविक कृषि, पोषण एवं खाद्यान्न सुरक्षा, पशुपालन, सिंचाई के साधन, प्राकृतिक संसाधन – हिमनद झील तथा जलाशय, बहुउद्देशीय जल विद्युत परियोजना, मृदा, खनिज, जड़ी बूटियाँ एवं चिकित्सकीय पौधे, मानव संसाधन—, प्रवास तथा मनीऑर्डर अर्थव्यवस्था, पर्यटन एवं तीर्थाटन नगरीकरण, छावनियाँ, परिवहन तन्त्र, औद्योगीकरण एवं औद्योगिक विकास, अनुसूचित जातियाँ तथा जनजातियाँ, आपदाएँ एवं प्रबन्धन– हिमस्खलन, भूस्खलन, भूकम्प, बाढ़, बादल फटना, सूखा, वनाग्नि, मानव एवं वन्यजीव संघर्ष।
भारत का भूगोल
भौगोलिक परिचय, उच्चावच्च एवं संरचना, भौतिक प्रवेश, जलवायु प्रदेश, जल प्रवाह तन्त्र, प्राकृतिक वनस्पतियाँ, मिट्टियाँ, जल संसाधन, सिंचाई के साधन, पशुपालन, कृषि एवं कृषि – जलवायु प्रदेश, खनिज संसाधन – लौह अयस्क खनिज तेल, कोयला, उद्योग;- लोहा एवं इस्पात उद्योग, सीमेन्ट उद्योग, तेल शोधनशाला, सूती कपड़ा उद्योग, चीनी उद्योग ।
जनसंख्या एवं अधिवास, नगरीकरण, परिवरहन के साधन ।
पर्यावरणीय समस्याएं – जल प्रदूषण, वायु प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण, पर्यावरण अपघटन, कूड़ा करकट प्रबन्धन, नमामि गंगे परियोजना, सूदूर संवेदन की अवधारणा एवं महत्व, भौगोलिक सूचना प्रणाली, मौसम पूर्वानुमान ।
आपदायें एवं आपदा प्रबन्धन – भूकम्प, उष्ण कटिबन्धीय चक्रवातीय तूफान, बाढ़, मरुस्थलीकरण, सुनामी।
विश्व का भूगोल
पृथ्वी की उत्पत्ति एवं सौर मंडल, भू-संतुलन का सिद्धान्त, पर्वतों के निर्माण के सिद्धान्त, चट्टान, अपरदन, अपक्षय, वायुमण्डल की संरचना, विश्व जलवायु प्रदेश; महासागरीय धाराएं, सागरीय नितल की बनावट, ज्वार-भाटा, एलनीनो तथा लानीनो, कृषि एवं उद्योग; खनिज, ऊर्जा संसाधन, कृषि प्रदेश, औद्योगिक प्रदेश, जनसंख्या, जनजातियाँ, विश्व तापमान वृद्धि एवं जलवायु परिवर्तन, अर्न्तराष्ट्रीय व्यापार।
पाठ्यक्रम
पद – सहायक अध्यापक (एल. टी.) सामान्य
विषय – राजनीति विज्ञान
- राज्यः परिभाषा और तत्व, राज्य की उत्पत्ति के सिद्धान्तः विकासवादी तथा सामाजिक समझौता सिद्धान्त
- संप्रभुता – परिभाषा और मुख्य विशेषताएँ
- अवधारणाएँ – स्वतंत्रता, समानता, न्याय, अधिकार तथा प्रजातंत्र
- शासन के प्रकार – संसदात्मक और अध्यक्षात्मक शासन, एकात्मक और संघात्मक, ब्रिटेन व अमेरिका के संदर्भ में
- दलीय व्यवस्था तथा दबाव समूह
- लोक कल्याणकारी राज्य की अवधारणा
- राजनीतिक विचारक – यूनानीः प्लेटो और अरस्तू
- राजनीतिक विचारक भारतीय – कौटिल्य, गांधी और अम्बेडकर
- मार्क्सवाद
- नारीवाद
- पर्यावरणवाद
- संयुक्त राष्ट्र संघ – मुख्य अंग तथा उनके कार्य
- मानवाधिकार
- आतंकवाद
- वैश्वीकरण
- गुट निरपेक्ष आंदोलन
- दक्षिण एशिया क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क)
- भारतीय संविधान का निर्माण और स्रोत
- भारतीय संविधान की प्रस्तावना और मुख्य विशेषताएँ
- मौलिक अधिकार और मौलिक कर्तव्य, राज्य के नीति निर्देशक सिद्धान्त
- संघीय कार्यपालिका – राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मंत्रिपरिषद
- संघीय संसद – राज्य सभा और लोक सभा
- संघीय न्यायपालिका – सर्वोच्च न्यायालय – संरचना तथा क्षेत्राधिकार, न्यायिक पुनरावलोकन
- भारत में संघीय व्यवस्था का स्वरूप
- चुनाव आयोग – संगठन और कार्य तथा शक्तियाँ
- पंचायत राज्य उत्तराखण्ड के विशेष संदर्भ में
पाठ्यक्रम
पद – सहायक अध्यापक (एल. टी.) सामान्य
विषय – अर्थशास्त्र
इकाई 1.
व्यष्टि अर्थशास्त्रः अर्थ, क्षेत्र एवं अर्थशास्त्र की अध्ययन विधियां, उपयोगिता विश्लेषण, मांग का नियम, तटस्थता वक्र विश्लेषण, उपभोक्ता का संतुलन, मांग की लोच, उत्पत्ति के नियम, उत्पादन फलन, सममात्रा वक्र, उत्पादक का संतुलन, उत्पादन की लागत और लागत वक्र, पूर्ति वक्र, आगम वक्र, बाजार ढाँचा, पूर्ण प्रतियोगिता, एकाधिकार एकाधिकारात्मक प्रतियोगिता के अंतर्गत कीमत निर्धारण तथा अल्पाधिकार; साधन कीमत निर्धारण – वितरण का सीमांत उत्पादकता सिद्धांत, श्रम, लगान, ब्याज तथा लाभ के सिद्धांत।
इकाई 2.
समष्टि अर्थशास्त्रः अर्थ, क्षेत्र तथा समष्टि अर्थशास्त्र के प्रकार, राष्ट्रीय आय अर्थ, अवधारणायें तथा इसकी माप, क्लासिकी तथा केन्जियन रोजगार सिद्धान्त, उपभोग फलन, गुणक की अवधारणा; स्फीति; व्यापार चक्र; मुद्रा एवं बैकिंग- अवधारणा, कार्य माप, मुद्रा का परिमाण सिद्धांत – लेन-देन तथा नकद शेष दृष्टिकोण, केन्द्रीय बैंक, व्यापारिक बैंक, बैकिंग क्षेत्र सुधार, मौद्रिक नीति; लोक वित- अर्थ, राजकोषीय कार्य, अधिकतम सामाजिक लाभ का सिद्धांत, लोक व्यय- अर्थ, नियम एवं लोक व्यय के प्रभाव; लोक आय – स्त्रोत, कराघात एवं करापात तथा करारोपण के प्रभाव, वस्तु एवं सेवा कर (जी0एस0टी0); लोक ऋण – अर्थ, स्त्रोत और भुगतान की विधियां, सार्वजनिक वस्तु एवं वाह्यतायें, राजकोषीय नीति।
इकाई 3.
भारतीय अर्थव्यवस्थाः भारतीय अर्थव्यवस्था की विशेषतायें, जनांकिकीय प्रवृत्तियां, मानव विकास सूचकांक, प्राकृतिक संसाधन, कृषि उत्पादन तथा उत्पादकता की प्रवृत्तियां, कृषि वित और विपणन, सहकारी आंदोलन, खाद्य सुरक्षा; औद्योगिक निष्पादन और समस्यायें, लघु उद्योग, सूक्ष्म – लघु एवं मध्यम उद्योग, भारत में सुधार पूर्व एवं सुधार पश्चात औद्योगिक विकास, नई औद्योगिक नीति, ‘नीति’ आयोग; भारत का विदेशी व्यापार – प्रवृत्ति और दिशा, भारत का भुगतान संतुलन, नई विदेशी व्यापार नीति, विश्व व्यापार संगठन (WTO) एवं भारत; सामाजिक सुरक्षा योजनायें, भारतीय कर प्रणाली के वर्तमान मुद्दे, भारत में संघीय व्यवस्था, संघीय बजट (नवीनतम) विश्लेषण तथा बजट घाटे, गरीबी निवारण और रोजगार सृजन कार्यक्रम, उत्तराखण्ड की अर्थव्यवस्था – मूलभूत विशेषतायें, प्राकृतिक संसाधन – खनिज, जल और वनं जनसंख्या, फसल चक्र (cropping pattern), जैविक खेती और परम्परागत फसलें, सहकारी कृषि, राज्य की अधः संरचना, औद्योगीकरण तथा विपणन की समस्यायें, प्रवास, पर्यटन, क्षेत्रीय असंतुलन, राज्य की कल्याणकारी योजनायें तथा आपदा प्रबंधन तंत्र, राज्य के बजटों (नवीनतम) का विश्लेषण।
इकाई 4.
अर्थशास्त्र में सांख्यिकी का अनुप्रयोगः समंकों का संकलन, वर्गीकरण तथा प्रदर्शन; केन्द्रीय प्रवृत्ति की माप – माध्य, माध्यिका एवं बहुलक, अपकिरण, लारेंज वक्र, सहसंबंध-कार्ल पियर्सन तथा कोटि अंतर विधि, सूचकांक।
Download UKSSSC LT (General) Syllabus in PDF |
Read Also : |
|
---|---|
UKSSSC LT Previous Year Exam Papers |
Click Here |