उत्तराखंड लोकसेवा आयोग व अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा आयोजित की जानेवाली आगामी परीक्षाओं (UKPSC/ UKSSSC) को मध्यनजर रखते हुए Exam Pillar आपके लिए Daily MCQs प्रोग्राम लेकर आया है। इस प्रोग्राम के माध्यम से अभ्यर्थियों को उत्तराखंड लोकसेवा आयोग व अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के परीक्षाओं के प्रारूप के अनुरूप वस्तुनिष्ठ अध्ययन सामग्री उपलब्ध कराये जायेंगे।
Daily UKPSC / UKSSSC MCQs : उत्तराखंड (Uttarakhand)
30 October, 2025
Q1. उत्तराखण्ड के इतिहास का क्रमबद्ध वृतांत सर्वप्रथम किसने लिखा था?
(A) शिवप्रसाद डबराल
(B) एटकिंसन
(C) यशोधर मठपाल
(D) के. पी. नौटियाल
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व्याख्या: उत्तराखण्ड के इतिहास का क्रमबद्ध और संगठित वृतांत सबसे पहले एटकिंसन द्वारा लिखा गया था। यह कार्य इतिहास लेखन की दिशा में अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि इससे प्रदेश के अतीत का व्यवस्थित विवरण प्राप्त हुआ।
Q2. उत्तराखण्ड पुरातत्व की दिशा को आगे बढ़ाने का श्रेय निम्नलिखित में से किन विद्वानों को जाता है?
(A) यशवंत सिंह कठौच और यशोधर मठपाल
(B) के. पी. नौटियाल और मदनमोहन जोशी
(C) शिवप्रसाद डबराल और मदन भट्ट
(D) उपरोक्त सभी
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व्याख्या: उत्तराखण्ड में पुरातत्व के क्षेत्र में योगदान देने वाले प्रमुख विद्वान यशवंत सिंह कठौच, यशोधर मठपाल, मदनमोहन जोशी, मदन भट्ट, शिवप्रसाद डबराल और के. पी. नौटियाल रहे हैं। इन सभी ने मिलकर राज्य के प्राचीन इतिहास के साक्ष्य उजागर किए।
Q3. हरिद्वार के बहादराबाद में ताम्र उपकरण और मृदभांड की खोज कब हुई थी?
(A) 1948 ई.
(B) 1951 ई.
(C) 1953 ई.
(D) 1956 ई.
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व्याख्या: हरिद्वार के बहादराबाद क्षेत्र में 1951 ई. में ताम्र उपकरणों और मृदभांडों की खोज हुई थी, जो उस क्षेत्र में प्रागैतिहासिक सभ्यता के अस्तित्व का संकेत देती है।
Q4. हरिद्वार को किस सभ्यता का नगर कहा गया है?
(A) सिंधु सभ्यता
(B) गेरूवे रंग की सभ्यता
(C) महापाषाण सभ्यता
(D) ताम्रपाषाण सभ्यता
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व्याख्या: हरिद्वार को गेरूवे रंग की सभ्यता का नगर कहा गया है क्योंकि यहाँ प्राप्त मिट्टी और बर्तनों में गेरूवे रंग का प्रमुख उपयोग मिलता है, जो एक विशिष्ट सांस्कृतिक पहचान दर्शाता है।
Q5. उत्तराखण्ड से प्राप्त प्रस्तर उपकरणों को किस वर्ग में रखा गया है?
(A) ब्लॉक वर्ग
(B) फ्लेक वर्ग
(C) कोर वर्ग
(D) पॉलिश वर्ग
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व्याख्या: उत्तराखण्ड से मिले प्रस्तर उपकरण जैसे स्कैनर्स, छेनी, और कन्नी को फ्लेक वर्ग में रखा गया है, जो आद्य ऐतिहासिक काल की तकनीकी विशेषता को दर्शाते हैं।
