उत्तराखंड लोकसेवा आयोग व अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा आयोजित की जानेवाली आगामी परीक्षाओं (UKPSC/ UKSSSC) को मध्यनजर रखते हुए Exam Pillar आपके लिए Daily MCQs प्रोग्राम लेकर आया है। इस प्रोग्राम के माध्यम से अभ्यर्थियों को उत्तराखंड लोकसेवा आयोग व अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के परीक्षाओं के प्रारूप के अनुरूप वस्तुनिष्ठ अध्ययन सामग्री उपलब्ध कराये जायेंगे।
Daily UKPSC / UKSSSC MCQs : उत्तराखंड (Uttarakhand)
25 November, 2025
| Read This UKPSC / UKSSSC Daily MCQ – (Uttarakhand) in English Language |
Q1. बौद्ध साहित्य की पाली भाषा में उत्तराखण्ड के लिए कौन-सा शब्द प्रयुक्त हुआ है?
(A) हिमवंत
(B) इलावर्त
(C) केदारखण्ड
(D) माया क्षेत्र
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व्याख्या: बौद्ध साहित्य की पाली भाषा में उत्तराखण्ड को ‘हिमवंत’ कहा गया है। यह शब्द इस प्रदेश के हिमालय से गहरे संबंध को दर्शाता है। बौद्ध ग्रंथों में यह क्षेत्र ध्यान, साधना और तपस्या का स्थान बताया गया है।
Q2. वैदिक काल में उत्तराखण्ड में किस जन का शासन था?
(A) यदु
(B) त्रित्सु
(C) पुरू
(D) अनु
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व्याख्या: ऋग्वेद में उल्लेख है कि आर्य समाज पाँच प्रमुख जनों में विभक्त था — पुरू, त्रित्सु, अनु, यदु और त्रिवसु। इनमें से उत्तराखण्ड क्षेत्र पर त्रित्सु जन का शासन था, जो वीरता और धार्मिकता के लिए प्रसिद्ध थे।
Q3. रघुवंश महाकाव्य में गढ़वाल हिमालय के लिए कौन-सा शब्द प्रयुक्त हुआ है?
(A) गौरी-गुरू
(B) हिमवंत
(C) केदारखण्ड
(D) उत्तर-कुरु
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व्याख्या: रघुवंश महाकाव्य में गढ़वाल हिमालय के लिए ‘गौरी-गुरू’ शब्द का प्रयोग किया गया है। यह शब्द गढ़वाल क्षेत्र के धार्मिक और पवित्र स्वरूप का द्योतक है, जहाँ देवी गौरी (पार्वती) और भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्त्व है।
Q4. गढ़वाल क्षेत्र के प्राचीन नामों में से कौन-सा नाम उल्लेखित है?
(A) इलावर्त
(B) तपोभूमि
(C) हिमवंत
(D) ब्रह्मपुर
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व्याख्या: गढ़वाल क्षेत्र के प्राचीन नाम बद्रीकाश्रम क्षेत्र, तपोभूमि और केदारखण्ड थे। ये नाम इस क्षेत्र की धार्मिक, आध्यात्मिक और योग साधना परंपरा को दर्शाते हैं। यह भूमि ऋषि-मुनियों की साधना का केंद्र मानी जाती रही है।
Q5. केदारखण्ड में गढ़वाल की लम्बाई कितनी बताई गई है?
(A) 60 योजन
(B) 50 योजन
(C) 40 योजन
(D) 30 योजन
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व्याख्या: केदारखण्ड में गढ़वाल क्षेत्र की लम्बाई 50 योजन बताई गई है, जो लगभग 200 मील के बराबर है। यह विवरण इस क्षेत्र के भौगोलिक विस्तार को प्रकट करता है, जो हिमालय से लेकर मैदानी क्षेत्रों तक फैला हुआ था।
