उत्तराखंड लोकसेवा आयोग व अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा आयोजित की जानेवाली आगामी परीक्षाओं (UKPSC/ UKSSSC) को मध्यनजर रखते हुए Exam Pillar आपके लिए Daily MCQs प्रोग्राम लेकर आया है। इस प्रोग्राम के माध्यम से अभ्यर्थियों को उत्तराखंड लोकसेवा आयोग व अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के परीक्षाओं के प्रारूप के अनुरूप वस्तुनिष्ठ अध्ययन सामग्री उपलब्ध कराये जायेंगे।
Daily UKPSC / UKSSSC MCQs : उत्तराखंड (Uttarakhand)
16 December, 2025
| Read This UKPSC / UKSSSC Daily MCQ – (Uttarakhand) in English Language |
Q1. यौधेय शासकों का कौन-सा सामरिक योगदान कुषाणों के संदर्भ में उल्लेखनीय है?
(A) कृषि सुधारों के माध्यम से कुषाणों की अर्थव्यवस्था को मजबूत किया
(B) कुषाणों को पराजित करने में मुख्य भूमिका निभाई
(C) कुषाणों के साथ वैधानिक संधि कर क्षेत्रीय शांति स्थापित की
(D) कुषाणों के स्वर्ण सिक्कों को अपनी सेना के धन के रूप में अपनाया
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Explanation: उपलब्ध प्रमाण बताते हैं कि यौधेय शासक कुषाणों के विरुद्ध सक्रिय सैन्य प्रतिरोध कर सके और कुषाणों को कुचलने में उनका मुख्य योगदान रहा। इस प्रकार उनकी सैन्य क्षमता और क्षेत्रीय महत्व स्पष्ट होता है। विकल्प (A) कृषि सुधारों का राजनीतिक-दस्तावेज़ीय समर्थन अभिलेखों में नहीं दिखता; (C) वैधानिक संधि का कोई संकेत नहीं है जबकि प्रतिरोध और पराजय का उल्लेख मिलना अधिक सुसंगत है; (D) कुषाण स्वर्ण सिक्कों के उपयोग के बारे में ऐसी कोई सूचना नहीं कि यौधेयों ने उन्हें सीधे अपनी सेना के वित्त के रूप में अपनाया हो। अतः सटीक और तार्किक विकल्प (B) है।
Q2. यौधेय मुद्राएँ कहां-कहां से प्राप्त हुईं—निम्न में से कौन-सा संयोजन सटीक है?
(A) जौनसार-भावर (देहरादून) तथा कालो-डांडा (लैंसडाउन)
(B) काषीपुर तथा कोटद्वार
(C) अल्मोड़ा तथा अठूर
(D) खटीमा तथा मुनि की रेती
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Explanation: प्राप्त अभिलेखों के अनुरूप यौधेय मुद्राएँ जौनसार-भावर (देहरादून) और कालो-डांडा (लैंसडाउन) से मिलीं। यह भौगोलिक स्थिति यौधेय सत्ता के हिमालयी तलहटी तथा निचले पहाड़ी क्षेत्रों में प्रभाव को रेखांकित करती है। विकल्प (B) वे स्थान हैं जहाँ कुषाणकालीन या अन्य मुद्राएँ मिलीं; विकल्प (C) तथा (D) स्थितियाँ अन्य शासन-सम्बन्धी सिक्कों से जुड़ी हुई हैं। इसलिए (A) सटीक मिलान प्रस्तुत करता है।
Q3. यौधेय सिक्कों की भौ-लिपिक विशेषता के रूप में कौन-सा अवलोकनीय लक्षण मिलता है?
(A) सिक्कों पर केवल एकल-लिपि अभिलेख होते हैं
(B) सिक्के द्वि तथा त्री-मुद्रालेख (double/triple legends) वाले पाए गए
(C) सिक्के शुद्ध स्वर्ण से ही ढलाए गए थे
(D) सिक्कों पर केवल पशु-आकृतियाँ बिना किसी नाम के मिलती हैं
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Explanation: सिक्कों के रूप-विश्लेषण से ज्ञात होता है कि यौधेय सिक्के द्वि व त्री मुद्रालेख वाले मिले, जिसका अर्थ यह हुआ कि इन सिक्कों पर एक से अधिक पंक्तियों/लिपियों में अभिलेख अंकित थे — संभवतः भिन्न भाषायी/लिपिक दर्शनों या हरित-मान्यता हेतु। विकल्प (A) इस बहुल-लिपिकता को नकारता है और इसलिए असंगत है; (C) शुद्धता या धातु के संबंध में यौधेय सिक्कों के लिए ऐसा सामान्यीकृत दावा उपलब्ध नहीं है; (D) यह भी अपूर्ण दावापूर्ण है क्योंकि सिक्कों पर नाम/देव-चित्र आदि अंकित होने के प्रमाण मौजूद हैं। अतः (B) विश्लेषणात्मक रूप से समर्थित उत्तर है।
Q4. यौधेय वंश का प्रशासनिक स्वरूप सिक्कों पर किस प्रकार संकेतित होता है?
(A) सिक्कों पर शूलधारी कार्तिकेय की प्रतिमा एवं गण-शासन प्रणाली की स्पष्टता
(B) सिक्कों पर केवल एक राजा का एकल व्यक्तिगत प्रतीक दिखता है
(C) सिक्कों पर विदेशी शासकों के नाम लिखे मिलते हैं
(D) सिक्कों पर सम्राट के प्रशस्तिपत्र का विस्तृत लेख मिलता है
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Explanation: सिक्कों पर शूलधारी कार्तिकेय की तस्वीर मिलने के साथ-साथ मुद्रालेखों से यह संकेत मिलता है कि शासन में गण-प्रकार की व्यवस्था मौजूद थी — अर्थात् सामूहिक या गणतांत्रिक पहलुओं वाले शासकीय संगठन। यह धार्मिक-अधिष्ठाता और शासकीय ढाँचे के समन्वय को दर्शाता है। विकल्प (B) एकल राजतंत्र की गवाही देता है, जो सिक्कों की गण-शासन संकेतों के विपरीत है; (C) विदेशी शासकों के नाम का संकेत नहीं मिलता; (D) प्रशस्तिपत्र जैसी महाकाव्यात्मक अभिलेख संरचना का सिक्कों पर विस्तृत रूप में होना असामान्य है और यहां पर ऐसा कोई प्रमाण प्रस्तुत नहीं है। अतः (A) प्रमाण-समर्थित और अवधारणात्मक रूप से योग्य उत्तर है।
Q5. यौधेय शासन का क्षेत्र कौन-से नदियों के मध्य आकर सीमांकित होता है?
(A) गोदावरी और कृष्णा
(B) यमुना और सतलज
(C) गंगा और गोदावरी
(D) नर्मदा और तापी
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Explanation: सिक्कों के वितरण व ऐतिहासिक संकेतों के आधार पर यौधेय सत्ता का शासन यमुना और सतलज नदियों के मध्य क्षेत्र में स्थापित था। यह स्थान सूचारु रूप से उत्तर-पश्चिमी उप-महाद्वीपीय क्षेत्र के उस हिस्से से मेल खाता है जिसमें जौनसार-भावर एवं कालो-डांडा जैसी खोज-साइट्स आती हैं। विकल्प (A), (C), तथा (D) भूगोलिक रूप से दक्षिण/मध्य भारत से संबंधित हैं और यौधेय प्रभाव के सापेक्ष उपयुक्त नहीं ठहरते। इसलिए (B) निर्विवाद सही उत्तर है।
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