Daily MCQs - UKPSC Lower Upper PCS Daily MCQ – (Indian Economy) – 09 January 2025

UKPSC Lower/Upper PCS Daily MCQ – (Economy) – 09 January 2025

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उत्तराखंड लोकसेवा आयोग द्वारा आयोजित की जानेवाली आगामी परीक्षाओं (UKPSC Lower PCS और Upper PCS) को मध्यनजर रखते हुए Exam Pillar आपके लिए Daily Lower PCS MCQs प्रोग्राम लेकर आया है। इस प्रोग्राम के माध्यम से अभ्यर्थियों को उत्तराखंड लोकसेवा आयोग के परीक्षाओं के प्रारूप के अनुरूप वस्तुनिष्ठ अध्ययन सामग्री उपलब्ध कराये जायेंगे। 

Daily UKPSC Lower/Upper PCS MCQs : भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) 09 January, 2025 (Thursday)

1. भारत ने मिश्रित अर्थव्यवस्थाकी अवधारणा को निम्नलिखित में किसके अन्तर्गत स्वीकार किया ?
(a) संविधान का निर्माण
(b) द्वितीय पंचवर्षीय योजना
(c) 1948 की औद्योगिक नीति
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं

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उत्तर – (B)

व्याख्या – भारत में मिश्रित अर्थव्यवस्था की अवधारणा को द्वितीय पंचवर्षीय योजना के अन्तर्गत स्वीकार किया गया। मिश्रित अर्थव्यवस्था से तात्पर्य ऐसी अर्थव्यवस्था से है जिसमें निजी तथा सरकारी दोनों क्षेत्रों का सह-अस्तित्व होता है। भारत में नियोजित अर्थव्यवस्था मिश्रित अर्थव्यवस्था पर आधारित है। प्रो. जॉन मेनार्ड कींस को मिश्रित अर्थव्यवस्था का जनक माना जाता है।

2. विकास का भारतीय मॉडल किसके हितों की सुरक्षा करता है?
(a) व्यक्ति
(b) राज्य
(c) व्यक्ति और राज्य दोनों
(d) उपर्युक्त में से किसी की नहीं

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उत्तर – (C)

व्याख्या – विकास का भारतीय मॉडल व्यक्ति और राज्य दोनों के हितों की सुरक्षा करता है, इस कथन की पुष्टि इस तथ्य से होती है कि, भारत में अर्थव्यवस्था के विकास के लिये मिश्रित अर्थव्यवस्था का स्वरूप अपनाया गया है।

3. बन्द अर्थव्यवस्था (क्लोज्ड इकोनॉमी) से आप क्य समझते हैं-
(a) निर्यात बन्द
(b) आयात-निर्यात बन्द
(c) आयात बन्द
(d) नियंत्रित पूंजी

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उत्तर – (B)

व्याख्या – ऐसी अर्थव्यवस्थायें जिनमें अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार व्यवस्था में किसी अन्तर्राष्ट्रीय पूंजी का हस्तक्षेप न हो अर्थात् विश्व के देशों के साथ व्यापार न होकर देश में ही व्यापार अधिक होता हो उसे बन्द अर्थव्यवस्था ( closed economy) कहते हैं। बंद अर्थव्यवस्था में आयात-निर्यात बिल्कुल बंद रहता है। समाजवादी अर्थव्यवस्था इसका विशिष्ट उदाहरण है परन्तु आजकल यह अर्थव्यवस्था भी बाजार की शक्तियों से प्रभावित रही है । वर्तमान में कोई भी अर्थव्यवस्था बंद अर्थव्यवस्था नहीं रह गयी है।

4. अल्प विकसित अर्थव्यवस्था की सामान्यतया विशेषता होती है:
1. प्रति व्यक्ति निम्न आय
2. पूँजी निर्माण की निम्न दर
3. निम्न आश्रितता अनुपात
4. तृतीयक क्षेत्र में अधिक कार्यबल शक्ति का होना ।
नीचे दिये गये कूटों से सही उत्तर चुनिये:
कूट :
(a) 1 तथा 2
(b) 2 तथा 3
(c) 3 तथा 4
(d) 1 तथा 4

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उत्तर – (A)

व्याख्या – अल्प विकसित अर्थव्यवस्था शब्द ऐसे राष्ट्रों के लिए प्रयोग किया जाता है जहाँ के लोगों का रहन-सहन का स्तर काफी नीचा होता है क्योंकि वहाँ पर उत्पादकता का स्तर कम एवं जनसंख्या का स्तर अधिक होने से प्रति व्यक्ति आय का स्तर निम्न पाया जाता है। 

अल्प विकसित अर्थव्यवस्था की निम्नलिखित विशेषताएं भी हैं –
निम्न जीवन स्तर, निम्न प्रति व्यक्ति आय, जनसंख्या वृद्धि की ऊँची दर, बेरोजगारी, पूँजी निर्माण की निम्न दर परिसम्पत्तियों का दोषपूर्ण वितरण, अर्थव्यवस्था में कृषि क्षेत्र (प्राथमिक क्षेत्र) का आधिपत्य। कुछ अल्पविकसित अर्थव्यवस्थाओं में अपनी गरीबी कम करने, आय के स्तर को बढ़ाने का सामर्थ्य पाया जाता है। इसलिए उन्हें विकासशील अर्थव्यवस्थाएं भी कहते हैं ।

5. निम्नलिखित में से कौन-सा आर्थिक विकास का प्रमुख कारक नहीं है?
(a) पूँजी का संचय एवं तकनीक सुधार
(b) जनसंख्या में परिवर्तन
(c) विशेषीकृत क्रियाओं / गतिविधियों में श्रम विभाजन
(d) तकनीकविद् एवं नौकरशाह

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उत्तर – (D)

व्याख्या – तकनीकविद् एवं नौकरशाहों को आर्थिक विकास के प्रमुख कारकों में शामिल नहीं किया जाता है। जबकि पूँजी के संचय व तकनीक सुधार, जनसंख्या में परिवर्तन तथा विशेषीकृत गतिविधियों में श्रम विभाजन आर्थिक विकास के प्रमुख कारकों में शामिल हैं।

6. निम्नलिखित में से कौन-सा एक आर्थिक वृद्धि का अच्छा सूचक है ?
(a) चालू कीमतों पर सकल घरेलू उत्पाद
(b) स्थिर कीमतों पर सकल घरेलू उत्पाद
(c) चालू कीमतों पर सकल राष्ट्रीय उत्पाद
(d) स्थिर कीमतों पर सकल राष्ट्रीय उत्पाद

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उत्तर – (B)

व्याख्या – स्थिर कीमतों पर सकल घरेलू उत्पाद आर्थिक वृद्धि का अच्छा सूचक है। स्थिर कीमतों या किसी आधार वर्ष के आधार पर व्यक्त आय को वास्तविक आय कहा जाता है। साधन लागत पर व्यक्त वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद, राष्ट्रीय उत्पाद तथा प्रति व्यक्ति आय को सामान्यतया आर्थिक संवृद्धि के माप के रूप में स्वीकार किया जाता है। किन्तु चूँकि प्रतिव्यक्ति आय की गणना करते समय जनसंख्या को भी ध्यान में रखा जाता है, इसलिए प्रतिव्यक्ति आय की वृद्धि को ही आर्थिक संवृद्धि की माप के लिए स्वीकार किया जाता है।

7. किसी देश की आर्थिक संवृद्धि का सबसे उपयुक्त मापदण्ड है, उसका-
(a) सकल घरेलू उत्पाद
(b) निवल घरेलू उत्पाद
(c) निवल राष्ट्रीय उत्पाद
(d) प्रति व्यक्ति वास्तविक आय

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उत्तर – (D)

व्याख्याप्रति व्यक्ति आय = राष्ट्रीय आय/ जनसंख्या 

प्रति व्यक्ति आय से कर, मूल्य ह्रास निकाल देने पर प्रति व्यक्ति वास्तविक आय प्राप्त होती है। किसी भी देश के आर्थिक संवृद्धि का वास्तविक मापक प्रति व्यक्ति वास्तविक आय ही है। चूँकि आर्थिक संवृद्धि का अर्थ किसी देश की राष्ट्रीय आय में वृद्धि से होता है, अतः इसके लिए प्रति व्यक्ति आय ही वास्तविक मापक है।

8. मिश्रित अर्थव्यवस्था से तात्पर्य है-
(a) आधुनिक एवं परम्परागत क्षेत्रों का सह अस्तित्व
(b) सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र का सह अस्तित्व
(c) स्वदेशी एवं विदेशी क्षेत्र का सह अस्तित्व
(d) आधुनिक और परम्परागत समाज का अस्तित्व

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उत्तर – (B)

व्याख्या – मिश्रित अर्थव्यवस्था से तात्पर्य सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र के सहअस्तित्व से है । यह निजी उपक्रम और निजी लाभों का समर्थन करती है, परन्तु साथ-ही-साथ सम्पूर्ण समाज के हितों की रक्षा के लिए सरकार के अस्तित्व को भी महत्वपूर्ण मानती है। स्वतंत्रता के पश्चात भारत ने मिश्रित अर्थव्यवस्था की प्रणाली को अपनाया है।

9. भारत के सामने सबसे बड़ी चुनौती है-
(a) आधारभूत सुविधाओं में अधिक सरकारी पूँजी लगाना
(b) देश की जैव विविधता को कायम रखना
(c) बेहतर तथा अधिक संतुलित विकास करना
(d) भारत की प्रमुख नदियों की सफाई

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उत्तर – (C)

व्याख्या – देश के सम्मुख उपस्थित तमाम चुनौतियों के बीच बेहतर तथा अधिक संतुलित विकास करना सबसे बड़ी चुनौती है। मात्र जीडीपी की वृद्धि दर को ऊँचा रखना ही उद्देश्य नहीं, बल्कि इस जीडीपी के उत्पादन के दौरान संसाधनों की सततता बनाए रखना व जीडीपी के उत्पादन से प्राप्त होने वाले आय से असमानता को कम करना देश के सम्मुख एक बड़ी चुनौती है।

10. निम्नलिखित में से कौन ग्रामीण अर्थव्यवस्था में अंशदान नहीं देता है?
(a) पशुपालन
(b) कुटीर उद्योग
(c) निजी धन उधार देने का प्रचलन
(d) अच्छे उपकरणों की उपलब्धता

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उत्तर – (C)

व्याख्या – निजी धन उधार देने का प्रचलन ग्रामीण अर्थव्यवस्था में योगदान नहीं देता है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था में कुटीर उद्योग, पशुपालन और अच्छे यंत्र मुख्य रूप से योगदान देते हैं।

 

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