The internet

इण्टरनेट (The internet)

इण्टरनेट सेवाएँ (Internet Services)

इण्टरनेट से उपयोगकर्ता कई प्रकार की सेवाओं का लाभ उठा सकता है, जैसे कि इलेक्ट्रॉनिक मेल, मल्टीमीडिया डिस्प्ले, शॉपिंग, रियल टाइम ब्रॉडकास्टिंग इत्यादि। इनमें में कुछ महत्वपूर्ण सेवाएँ इस प्रकार हैं।

(a) चैटिंग (Chatting)

यह वृहत स्तर पर भी उपयोग होने वाली टेक्स्ट आधारित संचारण है, जिससे इण्टरनेट पर आपस में बातचीत कर सकते हैं। इसके माध्यम से उपयोगकर्ता चित्र, वीडियो, ऑडियों इत्यादि भी एक-दूसरे के साथ शेयर कर सकते हैं।

उदाहरण – skype, whatsaap, messenger इत्यादि।

(b) ई-मेल (Electronic-mail)

ई-मेल के माध्यम से कोई भी उपयोगकर्ता किसी भी अन्य व्यक्ति को इलेक्ट्रॉनिक रूप में सन्देश भेज सकता है तथा प्राप्त भी कर सकता है। ई-मेल को भेजने के लिए किसी भी उपयोगकर्ता का ई-मेल ऐड्रेस होना बहुत आवश्यक है, जोकि विश्व भर में उस ई-मेल सर्विस पर अद्वितीय होता है। ई-मेल में SMTP (Simple Mail Transfer Protocol) का भी इस्तेमाल किया जाता है। इसके अन्तर्गत वेब सर्वर पर कुछ मैमोरी स्थान प्रदान कर दिया जाता है, जिसमें सभी प्रकार के मेल संग्रहीत होते हैं। ई-मेल सेवा का उपयोग उपयोगकर्ता विश्वभर में कहीं से भी कभी भी कर सकता है। उपयोगकर्ता ई-मेल वेबसाइट पर उपयोगकर्ता नेम (जोकि सामान्यतः उसका ई-मेल एड्रेस होता है) व पासवर्ड की सहायता से लॉग इन कर सकता है और अपनी प्रोफाइल को मैनेज कर सकता है। ई-मेल एड्रेस में दो भाग होते है जो एक प्रतीक @ द्वारा अलग होते हैपहला भाग यूजरनेम तथा दूसरा भाग डोमेन नेम होता है।

उदाहरण के लिए, exampillar.com@gmail.com यहाँ पर exampillar यूजरनेम तथा gmail.com डोमेन नेम है।

(c) वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग (Video Conferencing)

वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के माध्यम से कोई व्यक्ति या व्यक्तियों का समूह किसी अन्य व्यक्ति या समूह के साथ दूर होते हुए भी आमने-सामने रहकर वार्तालाप कर सकते हैं। इस कम्युनिकेशन में उच्च गति इण्टरनेट कनेक्शन की आवश्यकता होती है व इसके साथ एक कैमरे, एक माइक्रोफोन, एक वीडियो स्क्रीन तथा एक साउण्ड सिस्टम की भी जरूरत होती है।

(d) ई-लर्निग (E-learning)

इसके अन्तर्गत कम्प्यूटर आधारित प्रशिक्षण, इण्टरनेट आधारित प्रशिक्षण, ऑनलाइन शिक्षा इत्यादि सम्मिलित हैं जिसमें उपयोगकर्ता को किसी विषय पर आधारित जानकारी को इलेक्ट्रॉनिक रूप में प्रदान किया जाता है। इस जानकारी को वह किसी भी आउटपुट माध्यम पर देखकर स्वयं को प्रशिक्षित कर सकता है। यह कम्प्यूटर या इण्टरनेट से ज्ञान को प्राप्त करने का एक माध्यम है।

(e) ई-बैकिंग (E-banking)

इसके माध्यम से उपयोगकर्ता विश्वभर में कहीं से भी अपने बैंक अकाउण्ट को मैनेज कर सकता है। यह एक स्वचालित प्रणाली का अच्छा उदाहरण है, जिसमें उपयोगकर्ता की गतिविधियों (पूँजी निकालने, ट्रांसफर करने, मोबाइल रिचार्ज करने इत्यादि) के साथ उसका बैंक अकाउण्ट भी मैनेज होता रहता है। ईबैकिंग से किसी भी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस (पीसी, मोबाइल आदि) इत्यादि पर इण्टरनेट की सहायता की जा सकती है। इसके मुख्य व व्यावहारिक उदाहरण हैं- बिल पेमेण्ट सेवा, फण्ड ट्रांसफर, रेलवे रिजर्वेशन, शॉपिंग इत्यादि।

(f) ई-शॉपिंग (E-shopping)

इसे ऑनलाइन शॉपिंग भी कहते हैं। जिसके माध्यम से उपयोगकर्ता कोई भी सामान; जैसे- किताबें, कपड़े, घरेलू सामान, खिलौने, हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर तथा हेल्थ इन्श्योरेन्स इत्यादि को खरीद सकता है। इसमें खरीदे गए सामान की कीमत चुकाने के लिए कैश ऑन डिलीवरी व ई-बैंकिंग (कम्प्यूटर पर ही वेबसाइट से भुगतान) का प्रयोग करते हैं। यह भी विश्वभर में कहीं से भी की जा सकती है।

(g) ई-रिजर्वेशन (E-reservation)

यह किसी भी वेबसाइट पर किसी भी वस्तु या सेवा के लिए स्वयं को या किसी अन्य व्यक्ति को आरक्षित करने के लिए प्रयुक्त होती है, जैसे- रेलवे रिजर्वेशन में, एयरवेज, टिकट बुकिंग में, होटल रूम्स की बुकिंग इत्यादि में। इसकी सहायता से उपयोगकर्ता के टिकट काउण्टर पर खड़े रहकर प्रतीक्षा नहीं करनी होती। इसे इण्टरनेट के माध्यम से किसी भी जगह से कर सकते है।

(h) सोशल नेटवर्किंग (Social Networking)

यह इण्टरनेट के माध्यम से बना हुआ सोशल नेटवर्क (कुछ विशेष व्यक्ति या अन्य असम्बन्धित व्यक्तियों का समूह) होता है। इसके माध्यम से उस सोशल नेटवर्क के अन्तर्गत आने वाला कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति से सम्पर्क साध सकता है चाहे वे दोनों कहीं भी हो। सोशल नेटवर्किंग सोशल साइट्स पर की जा सकती है तथा कम्युनिकेशन टेक्स्ट, पिक्चर्स, वीडियो इत्यादि के रूप में भी स्थापित हो सकता है। कुछ सोशल नेटवर्किंग साइट्स इस प्रकार है facebook, instagram इत्यादि।

(i) ई-कॉमर्स (E-commerce)

इसके अन्तर्गत सामानों का लेन-देन, व्यापारिक सम्बन्धों को बनाए रखाना व व्यापारिक जानकारियों को शेयर करना इत्यादि आता है, जिसमें धनराशि का लेन-देन इत्यादि भी सम्मिलित है। दूसरे शब्दों में, यह इण्टरनेट से सम्बन्धित व्यापार है।

(ii) एम-कॉमर्स (M-commerce)

यह किसी भी वस्तु या सामान इत्यादि को वायरलेस कम्युनिकेशन के माध्यम से खरीदने तथा बेचने के लिए प्रयोग होता है। इसमें वायरलेस उपकरणों, जैसे मोबाइल, टैबलेट इत्यादि का प्रयोग होता है। संक्षेप में, जो कार्य ईकॉमर्स के अन्तर्गत होते हैं, वही सब कार्य मोबाइल इत्यादि पर करने को एम-कॉमर्स कहते हैं।

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