Purbi Champaran District in Bihar

पूर्वी चम्पारण जनपद (Purbi Champaran District)

पूर्वी चम्पारण जनपद का परिचय (Introduction of Purbi Champaran District)

पूर्वी चम्पारण की स्थिति (Location of Purbi Champaran)

  • मुख्यालय (Headquarters) – मोतिहारी (Motihari)
  • पुराना नाम व उपनाम (Old Name and Surname) – जानकीगढ, चानकीगढ
  • मंडल (Division) – तिरहुत (मुजफ्फरपुर)
  • क्षेत्रफल (Area) – 3,968 वर्ग किमी
  • भाषा (Language) भोजपुरी, हिंदी 
  • सीमा रेखा
    • पूर्व में – शिवहर और सीतामढ़ी
    • पश्चिम में पश्चिमी चंपारण और गोपालगंज
    • उत्तर में – नेपाल 
    • दक्षिण में गोपालगंज और मुज्जफरपुर
  • राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) NH-28, NH-28A, NH-98
  • नदियाँ (Rivers) – गंडक, बागमती, सिकरहना, ललबकिया, तिलावे, कचना, मोतिया, तिऊर और धनौति

पूर्वी चम्पारण की प्रशासनिक परिचय (Administrative Introduction of Purbi Champaran)

  • विधानसभा सीट (Assembly Seat) – 12 (रक्सौल, सुगौली, नरकटिया, हरसिद्धि, गोबिन्दगंज, केसरिया, कल्याणपुर, पीपरा, मोतिहारी, मधुबन, चिरैया, ढाका)
  • लोकसभा सीट (Lok Sabha Seat) – 3 (पश्चिम चंपारण (पार्ट), पूर्वी चम्पारण, शिवहर (पार्ट))
  • तहसील / अंचल (Tehsil / Zone) – 27  (अरेराज, आदापुर, कल्याणपुर, केसरिया, कोटवा, घोड़ासहन, चकिया, चिरैया, छौड़ादानो, तेतरिया, तुरकौलिया, ढाका, पकड़ीदयाल, पताही, पहाड़पुर, पीपराकोठी, फेनहारा, बनकटवा, बंजरिया, मधुवन, मेहसी, मोतिहारी, रक्सौल, रामगढवा, संग्रामपुर, सुगौली, हरसिद्धी)
  • अनुमंडल (Subdivision) – 6 ( अरेराज, चकिया, मोतिहारी, पकड़ीदयाल, रक्सौल, सिकरहना )
  • प्रखंड (Block) 27  (अरेराज, आदापुर, कल्याणपुर, केसरिया, कोटवा, घोड़ासहन, चकिया, चिरैया, छौड़ादानो, तेतरिया, तुरकौलिया, ढाका, पकड़ीदयाल, पताही, पहाड़पुर, पीपराकोठी, फेनहारा, बनकटवा, बंजरिया, मधुवन, मेहसी, मोतिहारी, रक्सौल, रामगढवा, संग्रामपुर, सुगौली, हरसिद्धी)
  • कुल ग्राम (Total Village) 1,344
  • कुल ग्राम पंचायत (Total Gram Panchayat) 405
  • नगर पालिका परिषद (Municipal Council) – 2 (मोतिहारी, रक्सौल )

पूर्वी चम्पारण की जनसंख्या (Population of Purbi Champaran (East Champaran))

  • कुल जनसंख्या (Total Population) – 50,99,371
    • पुरुष जनसंख्या (Male Population) – 26,81,209
    • महिला जनसंख्या (Female Population) – 24,18,162
  • शहरी जनसंख्या (Urban Population) – 4,01,343 (7.87 %)
  • ग्रामीण जनसंख्या (Rural Population) – 46,98,028 (92.13 %)
  • साक्षरता दर (Literacy Rate) – 55.79%
    • पुरुष साक्षरता (Male Literacy) – 65.34 % 
    • महिला साक्षरता (Female Literacy) – 45.12 %
  • जनसंख्या घनत्व (Population Density) – 1,285
  • लिंगानुपात (Sex Ratio) – 902
  • जनसंख्या वृद्धि दर (Population Growth Rate) – 29.43%
  • धार्मिक जनसंख्या (Religious Population)
    • हिन्दू जनसंख्या – 40,86,453 (80.14 %)
    • मुस्लिम जनसंख्या – 9,90,349 (19.42 %)
    • ईसाई जनसंख्या – 4,865 (0.10 %)
    • सिख जनसंख्या – 668 (0.01 %)
    • बौद्ध जनसंख्या – 878 (0.02 %)
    • जैन जनसंख्या – 464 (0.01 %)

Population Source – census2011.co.in

पूर्वी चम्पारण के संस्थान व प्रमुख स्थान (Institution & Prime Location of Purbi Champaran)

  • शिक्षण संस्थान (Teaching Institute) – महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय, मोतीहारी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, सरकारी पॉलिटेक्निक
  • धार्मिक स्थल (Religious Place) – सोमेश्वर नाथ महादेव
  • प्रसिद्ध स्थल (Famous Place) – केसरिया का बौद्ध स्‍तूप, गाँधी स्मारक (मोतिहारी), जॉर्ज ऑरवेल स्मारक, विश्व कबीर शांति स्तंभ (बेलवातिया), प्रियदर्शी सम्राट अशोक, मोहनदास करमचंद गॉधी, ऐतिहासिक एवं पुरानत्विक विरासत, चंद्रहिया बिहार
  • उद्योग (Industry) – चीनी मिल, मेहसी का बटन उद्योग

Notes –

  • चंपारण का नाम चंपा + अरण्य से बना है जिसका अर्थ होता है- चम्‍पा के पेड़ों से आच्‍छादित जंगल।
  • पुराण में वर्णित है कि यहाँ के राजा उत्तानपाद के पुत्र भक्त ध्रुव ने यहाँ के तपोवन नामक स्थान पर ज्ञान प्राप्ति के लिए घोर तपस्या की थी।
  • एक ओर चंपारण की भूमि देवी सीता की शरणस्थली होने से पवित्र है वहीं दूसरी ओर आधुनिक भारत में गाँधीजी का चंपारण सत्याग्रह भारतीय स्वतंत्रता के इतिहास का अमूल्य पन्ना है।
  • राजा जनक के समय चंपारण तिरहुत प्रदेश का अंग था।
  • भगवान बुद्ध ने यहाँ अपना उपदेश दिया था जिसकी याद में तीसरी सदी ईसापूर्व में प्रियदर्शी अशोक ने स्तंभ लगवाए और स्तूप का निर्माण कराया।
  • गुप्त वंश तथा पाल वंश के पतन के बाद मिथिला सहित समूचा चंपारण प्रदेश कर्नाट वंश के अधीन हो गया।
  • अंग्रेजों ने चंपारण को सन 1866 में ही स्वतंत्र इकाई बनाया था लेकिन 1971 में इसका विभाजन कर पूर्वी तथा पश्चिमी चंपारण बना दिया गया।
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