राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने 22 जनवरी 2019 को राष्ट्रपति भवन में प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार (Prime Minister National Child Award) – 2019 की घोषणा की। ये पुरस्कार 26 चयनित विजेताओं को प्रदान किये जायेंगे। इनमें नवाचार, शैक्षिक, खेल, कला और संस्कृति, समाज सेवा और बहादुरी श्रेणी के तहत राष्ट्रीय बाल पुरस्कार (जिसे अब बाल शक्ति पुरस्कार का नाम दिया गया है) के लिए एक संयुक्त पुरस्कार भी शामिल है। इस वर्ष बाल शक्ति पुरस्कार के लिए कुल 783 आवेदन प्राप्त हुए थे।
दो व्यक्तियों और तीन संस्थानों को भी राष्ट्रीय बाल कल्याण पुरस्कार श्रेणी के तहत पुरस्कार दिये जायेंगे। पुरस्कार विजेताओं के नामों को महिला बाल कल्याण मंत्री श्रीमती मेनका संजय गांधी की अध्यक्षता में राष्ट्रीय चयन समिति द्वारा अंतिम रूप दिया गया है। महिला और बाल विकास मंत्रालय द्वारा प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार के नाम के तहत एक संशोधित पुरस्कार योजना शुरू की गई है। यह पुरस्कार दो मुख्य श्रेणियों में दिये जायेंगे। अब इनमें बहादुरी पुरस्कार भी शामिल किये गये हैं। इनकी श्रेणियां इस प्रकार हैं-
- बाल शक्ति पुरस्कार (पहले इन्हें राष्ट्रीय बाल पुरस्कार के नाम से जाना जाता है)
- बाल कल्याण पुरस्कार (पहले इन्हें राष्ट्रीय बाल कल्याण पुरस्कार के नाम से जाना जाता है)
- बाल शक्ति पुरस्कार – नवाचार समाज सेवा, शैक्षिक, खेल, कला और संस्कृति तथा वीरता श्रेणियों में दिये जायेंगे। पुरस्कारों में एक मेडल, एक लाख रूपये का नकद ईनाम और 10,000 रूपये मूल्य का पुस्तक बाउचर, प्रमाण-पत्र आदि प्रदान किये जायेंगे।
- बाल कल्याण पुरस्कार – व्यक्तिगत और संस्थागत श्रेणियों में दिये जायेंगे। इसमें व्यक्तिगत विजेता को एक लाख रूपये का नकद पुरस्कार, एक मेडल और एक प्रमाण-पत्र प्रदान किये जायेंगे। संस्थागत पुरस्कार में पांच लाख रूपये प्रत्येक का नकद पुरस्कार, एक मेडल और एक प्रमाण-पत्र शामिल है।
आम जनता में योजना को लोकप्रिय और अधिक सामान्य बनाने के लिए मंत्रालय ने ऑन-लाइन आवेदन स्वीकार करने के लिए एनआईसी द्वारा विकसित एक पुरस्कार पोर्टल (www.nca-wcd.nic.in) की शुरूआत की। कोई बच्चा जो भारतीय नागरिक हो और भारत में रह रहा हो, राष्ट्रीय बाल पुरस्कार के लिए इस वेब-पोर्टल पर अपेक्षित जानकारी और संबंधित दस्तावेज़ों को भेजकर पंजीकरण करा सकता है। किसी भी क्षेत्र में उत्कृष्टता हासिल करने वाला कोई भी बालक जो भारत का नागरिक हो अपना नामांकन करा सकता है। कोई व्यक्ति जिसने बाल विकास के क्षेत्र में बच्चों के लिए उत्कृष्ट योगदान दिया हो, जिसका बच्चों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा हो और जो बच्चों के विकास संरक्षण और कल्याण में कम से कम सात साल से योगदान कर रहा हो, अपना नामांकन भर सकता है। जो संस्थान कम से कम 10 वर्षों से बाल कल्याण के क्षेत्र में कार्य कर रहे हो और उन्होंने बच्चों के लिए उत्कृष्ट कार्य किया हो वे राष्ट्रीय बाल कल्याण पुरस्कार के लिए आवेदन कर सकता है। ये पुरस्कार 26 जनवरी से पहले प्रदान किये जा रहे हैं ताकि ये बच्चे गणतंत्र दिवस परेड़ में भाग ले सकें।
वीरता के लिए
भारत बंद के दौरान मध्यप्रदेश के मुरैना में दंगे, पथराव और कर्फ्यू के दौरान असाधारण साहस दिखाने के लिए।
- मध्यप्रदेश के कार्तिक कुमार गोयल
- मध्यप्रदेश के कुमारी आदिरिका गोयल
- कनार्टक के निखिल दयानंद जितूरी
बाल कल्याण पुरुस्कार
- हिमाचल प्रदेश के ताशी नाम्ग्याल और डा. अरुमाला श्रीधर रेड्डी
- (संस्थाएं) रंगकहले, समुगम ट्रस्ट और हेंड इन हेंड
नवाचार (इनोवेशन) के क्षेत्र में
- तमिलनाडु के ए. सूर्यनारायण सेन,
- कर्नाटक के मोहम्मद सुहैल
- कर्नाटक के चिन्या सलीमपाशा,
- कर्नाटक के ए यू नचिकेत कुमार,
- ओडिशा के नैसर्गिक लेंका,
- दिल्ली के माधव लावाकरे
- कर्नाटक की कुमारी अरुणिमा सेन
समाज सेवा के क्षेत्र में
- उत्तरप्रदेश की कुमारी ईहा दीक्षित,
- कर्नाटक की कुमारी पर्थयक्ष बी. आर.
- पश्चिम बंगाल के आर्यमन लाखोटिया
शैक्षिक क्षेत्र में
- राजस्थान की कुमारी मेघा बोस,
- ओडिशा के आयुष्मान त्रिपाठी
- दिल्ली के निशांत धनखड़
कला और संस्कृति के क्षेत्र में
- राम एम.,
- देव दुष्यंत कुमार जोशी,
- विनायक एम.,
- आर्यमान अग्रवाल और
- तृप्तराज अतुल पंड्या
खेल के क्षेत्र में
- शिवांगी पाठक,
- एशो,
- प्रियम टेटेड,
- अनीश और
- विजय देवकुले