उत्तराखंड के प्राकृतिक प्रदेशों में महाहिमालय (हिमाद्रि) क्षेत्र में ही उल्लेखनीय पर्वत शिखर हैं। जिन्हें छः श्रेणियों में वर्गीकृत किया जा सकता है-
- बन्दरपुंछ (6320 मी.),
- गंगोत्री (6672 मी.), केदारनाथ (6968 मी.), चौखम्बा (7138 मी.),
- कामेट (7756 मी.),
- नन्दादेवी (7817 मी.) दूनागिरि (7066 मी.), त्रिशूल (7120 मी.), नन्दाकोट (6861 मी.),
- पंचाचूली (6904 मी.) तथा
- कुटी शागटांग (6480 मी.)।
यह शिखर समूह भागीरथी, अलकनन्दा, पच्छिमी धौली, पूर्वी धौली तथा गोरी गंगा से निर्मित अनुप्रस्थ घाटियों द्वारा एक दूसरे से पृथक भूदृश्य बनाते हैं। महाहिमालय के उत्तर में ट्राँस-हिमालय की जैक्सर श्रेणी के साथ-साथ कई गिरिद्वार हैं।
उत्तराखण्ड-हिमालय में पर्वत श्रृंखलाओं का विस्तार उत्तर-पश्चिम से दक्षिण-पूर्व दिशा में है, जिन्हें महाहिमालय क्षेत्र से निकलने वाली, दक्षिण दिशा में प्रवाहमान नदियों ने गहरी विस्तीर्ण घाटियों में विभक्त कर दिया है। प्रदेश के उत्तरी-पश्चिमी अंचल में श्रीकठ (6728 मी.), बन्दरपुंछ (6320 मी.) तथा यमुनोत्री (6400 मी.) शिखरों वाली पर्वत श्रेणियाँ हैं। यमुनोत्री के ठीक पूर्व में गंगोत्री शिखर क्षेत्र की पर्वत श्रेणियाँ हैं, जिनका दक्षिणमुखी विस्तार भागीरथी, भिलंगना और बालगंगा के जलागम क्षेत्रों का निर्माण करता है। महाहिमालय के पूर्वी भाग में केदारनाथ (6968 मी.), बद्रीनाथ (7140 मी.) तथा सुमेरू, मेरू, भृगुपंथ, सतोपंथ आदि अनेक शिखरों से युक्त पर्वत श्रेणियाँ हैं। पूर्वी धौली तथा सरस्वती नदी के मध्य, कामेट (7756 मी.) तथा गौरी पर्वत (6250 मी.) का विस्तार है। बद्रीनाथ घाटी (6 कि.मी. x 1.5 कि.मी.), नर पर्वत (5831 मी.) तथा नारायण पर्वत (5965 मी.) श्रृंखलाओं से आवृत होकर ‘U’ आकार की घाटी बनाती है।
नन्दादेवी शिखर-समूह में हिमाच्छादित शिखरों के साथ गढ़वाल और कुमाऊँ की सीमा रेखा बनाने वाली अनेक विस्तीर्ण श्रृंखलायें हैं। नन्दादेवी पर्वत श्रृंखला तथा इसके उत्तरी-पश्चिमी विस्तार के साथ दूनागिरि (7066 मी.), कालोंका (6931 मी.), दियोदामला (6632 मी.), पूर्वी दूनागिरि (6448 मी.), लाटूधुरा (6384 मी.) तथा पूर्वी नन्दादेवी (7434 मी.) आदि शिखरों वाली श्रेणियाँ, पिथौरागढ़ तथा चमोली जनपदों की सीमा रेखा बनाती हैं। आगे चलकर दक्षिणी नन्दादेवी शिखर क्षेत्र का विस्तार, अल्मोड़ा जनपद को चमोली से पृथक करता है। इसी श्रेणी का पूर्वी तथा दक्षिण-पूर्वी विस्तार, नन्दाघुघटी (6309 मी.), पिण्डारीकांठा, चोंगू, नन्दाकोट (6861 मी.) तथा नन्दाखाना (6202 मी.) की श्रेणियाँ, अल्मोड़ा को पिथौरागढ़ जनपद से पृथक करती हैं।
कुमाऊँ हिमालय के मध्यवर्ती भाग में पंचाचूली (6904 मी.) श्रेणियाँ, धौलागा (पू.) तथा गोरी गंगा के जलागम क्षेत्रों को पृथक करती हैं। इन श्रेणियों के बम्बाधुरा (6335 मी.) तक उत्तरी तथा उत्तरी-पश्चिमी विस्तार में अनेक हिमनद हैं। गोरीगंगा, धौलीगंगा (पूर्वी) तथा कुठीयांग्टी ने इस क्षेत्र को अनेक अनुप्रस्थ श्रेणियों में विभक्त कर दिया है।
मध्य हिमालय क्षेत्र की पर्वत श्रृंखलायें, महाहिमालय क्षेत्र से निकलने वाली नदियों द्वारा अनेक छोटी-बड़ी श्रेणियों तथा घाटियों में विभक्त हैं। पश्चिमी क्षेत्र में यमुनोत्री पर्वत श्रृंखला, जौनसार बावर क्षेत्र में उतरकर, देवबन (2951 मी.), लोखण्डीटिब्बा (2800 मी.) नागटिब्बा (3002 मी.), सुरकण्डा (2770 मी.) आदि दक्षिण पूर्वी श्रेणियों से मिल जाती है। गंगोत्री क्षेत्र की श्रृंखलायें, भागीरथी. भिलंगना और मन्दाकिनी के जलागम क्षेत्रों को एक-दूसरे से पृथक करती हैं। नन्दाकोट शिखर क्षेत्र से उतरने वाला दक्षिणी पश्चिमी श्रेणियाँ, अलकनन्दा बेसिन की पूर्वी सीमा रेखा बनाती है, जो गढ़वाल एवं कुमाऊँ को एक-दूसरे से पृथक करती हैं। दक्षिण में पूर्वी गढ़वाल की दूधातीला श्रणा, पिण्डर और रामगंगा नदियों की जल विभाजक रेखा है। जहां गढ़वाल क्षेत्र में प्रायः सभा उल्लेखनीय पर्वत शिखर हैं, वहीं कुमाऊँ क्षेत्र में पंचाचूली (6904 मी.) शिखर को छोड़कर प्रायः सभी पहाड़ियाँ उन्नतोदर हैं, जिनकी सामान्य ऊँचाई (2400 मी.) तक है। इसीलिए कुमाऊँ को कूर्मप्रस्थ (कूर्मपृष्ठ-कछुए की पीठ की भाँति) भी कहा गया है।
उत्तराखण्ड हिमालय के प्रमुख पर्वत शिखरों की स्थिति एवं सिंधुतल से ऊंचाई निम्नवत है –
क्र.सं. | पर्वत शिखर | समुद्र तल से ऊँचाई | जनपद |
1 | नन्दादेवी (पश्चिमी) | 7,817 मीटर | चमोली |
2 | कामेट | 7,756 मीटर | चमोली |
3 | चौखम्बा | 7,138 मीटर | चमोली |
4 | त्रिशूल | 7,120 मीटर | चमोली |
5 | दूनागिरि | 7,066 मीटर | चमोली |
6 | नन्दाकोट | 6,861 मीटर | चमोली-पिथौरागढ़ |
7 | नीलकंठ | 6,597 मीटर | चमोली |
8 | बद्रीनाथ | 7,140 मीटर | चमोली |
9 | नन्दादेवी (पूर्वी) | 7,434 मीटर | चमोली-पिथौरागढ़ |
10 | स्वर्गारोहिणी | 6,252 मीटर | चमोली-उत्तरकाशी |
11 | माणा पर्वत | 7,273 मीटर | चमोली |
12 | सतोपंथ | 7,084 मीटर | चमोली |
13 | गंधमादन | 6,984 मीटर | चमोली |
14 | नरपर्वत | 5,831 मीटर | चमोली |
15 | नारायणपर्वत | 5,965 मीटर | चमोली |
16 | हाथीपर्वत | 6,727 मीटर | चमोली |
17 | देवस्थान | 6,678 मीटर | चमोली |
18 | गौरीपर्वत | 6,250 मीटर | चमोली |
19 | नन्दाधुंघटी | 6,309 मीटर | चमोली |
20 | पंचाचूली | 6,904 मीटर | चमोली-पिथौरागढ़ |
21 | गुन्नी | 6,180 मीटर | चमोली-पिथौरागढ़ |
22 | तुंगनाथ/चन्द्रशिला | 3,690 मीटर | रुद्रप्रयाग |
23 | केदारनाथ | 6,968 मीटर | चमोली-उत्तरकाशी |
24 | बन्दरपुंछ | 6,320 मीटर | उत्तरकाशी |
25 | जैलंग | 5,871 मीटर | उत्तरकाशी |
26 | केदारकाँठा | 3,813 मीटर | उत्तरकाशी |
27 | यमुनोत्री | 6,400 मीटर | उत्तरकाशी |
28 | भागीरथी पर्वत | 6,856 मीटर | उत्तरकाशी |
29 | श्रीकठ | 6,728 मीटर | उत्तरकाशी |
30 | गंगोत्री | 6,672 मीटर | उत्तरकाशी |
31 | थलय (थैली) सागर | 6,904 मीटर | उत्तरकाशी |
32 | केदार डोम | 6,831 मीटर | उत्तरकाशी |
33 | भ्रिगुंती | 6,772 मीटर | उत्तरकाशी |
34 | सुमेरू | 6,331 मीटर | उत्तरकाशी |
35 | जानोली | 6,632 मीटर | उत्तरकाशी |
36 | खुर्चकुंड | 6,612 मीटर | उत्तरकाशी |
37 | भरत खुंटा | 6,578 मीटर | उत्तरकाशी |
38 | शिवलिंग | 6,543 मीटर | उत्तरकाशी |
39 | मेरु उत्तर | 6,450 मीटर | उत्तरकाशी |
40 | मेरु पश्चिम | 6,361 मीटर | उत्तरकाशी |
41 | मेरु दक्षिण | 6,672 मीटर | उत्तरकाशी |
42 | किर्ति स्तम्भ | 6,270 मीटर | उत्तरकाशी |
43 | श्रीकंठ | 6,133 मीटर | उत्तरकाशी |
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