Mineral Resources

उत्तर प्रदेश राज्य के खनिज संसाधन

उत्तर प्रदेश राज्य के खनिज संसाधन (Mineral Resources of Uttar Pradesh)

उत्तर प्रदेश राज्य खनिज संसाधन के दृष्टिकोण से एक महत्त्वपूर्ण स्थान रखता है। प्रदेश के विन्ध्य क्षेत्र की पर्वत श्रृंखला के मध्य विभिन्न प्रकार की खनिज सम्पदाओं का भण्डार है। राज्य में उपलब्ध सभी खनिज पदार्थ मुख्य रूप से 9 जिलों में केन्द्रित हैं – आगरा, ललितपुर, झाँसी, चित्रकूट, बांदा, प्रयागराज, मिर्जापुर, महोबा एवं सोनभद्र।

उत्तर प्रदेश में पाए जाने वाले खनिज संसाधनों का विवरण

क्र. खनिज प्रमुख खान क्षेत्र
1 ग्लास सैण्ड
  • प्रयागराज (इलाहाबाद) (करछना तहसील)
  • बांदा (करवी तहसील)
  • मऊ जिला
2 डोलोमाइट
  • मिर्जापुर, सोनभद्र एवं बांदा
  • मिर्जापुर के कजराहट क्षेत्र में उच्च स्तर का डोलोमाइट उपलब्ध
3 तांबा
  • सोनराई (जिला ललितपुर)
4 जिप्सम
  • झांसी, हमीरपुर, मिर्जापुर जिलों में उपलब्ध
5 चूना पत्थर
  • मिर्जापुर (गुरुमाकनाच-बपुहाटी)
  • सोनभद्र (कजराहट)
6 संगमरमर
  • मिर्जापुर एवं सोनभद्र
7 नॉन प्लास्टिक फायर क्ले
  • मिर्जापुर जिले के बांसी, मकरीखोह क्षेत्र में
8 यूरेनियम
  • ललितपुर जिला
9 बैराइट्स एवं एडालूसाइट
  • मिर्जापुर एवं सोनभद्र जिलों में
10 ऐस्बेस्टॉस
  • मिर्जापुर जिले में
11 कोयला
  • सोनभद्र के निचले गोंडवाना क्षेत्र में
  • मिर्जापुर जिले के सिंगरौली क्षेत्र में (प्रदेश में कोयला के अपर्याप्त भण्डार)
12 हीरा
  • बांदा जिले में कुछ मात्रा में उपलब्ध
  • मिर्जापुर के जंगल क्षेत्र में भी उपलब्ध
13 रॉक फॉस्फेट
  • बांदा जिले में उपलब्ध
14 सेलखड़ी
  • हमीरपुर और झांसी जिलों में
15 एण्डालसाइट
  • सोनभद्र
16 पाइराइट्स
  • मिर्जापुर जिला
17 कांच बालू
  • वाराणसी के चकिया क्षेत्र, झांसी के मुडारी बाला बहेट और प्रयागराज (इलाहाबाद) तथा बांदा जिलों के शंकरगढ़, लौहगुढ, बोरगढ़ और धानद्रोल क्षेत्र में, गंगा में वाराणसी और बावली, यमुना में आगरा व इलाहाबाद की कांच बालू प्राप्त

खनिज संसाधन से संबंधित महत्त्वपूर्ण तथ्य

  • पाइरोफिलाइट खनिज का प्रयोग कीटनाशकों के निर्माण में किया जाता है, जो कि हमीरपुर व झाँसी जिलों में मिलता है।
  • सोनभद्र तथा मिर्जापुर में अच्छे किस्म का चूना-पत्थर मिलता है।
  • उत्तर प्रदेश का काँच-बालू के उत्पादन में देश में प्रथम स्थान है।
  • शारदा व रामगंगा नदियों के बालू के कण में सोने के कण पाए जाते हैं।
  • उत्तर प्रदेश में उत्तम कोटि का लोहा नहीं पाया जाता।
  • स्पार्क प्लग और पोर्सिलेन बनाने में मिर्जापुर से प्राप्त एण्डालुसाइट खनिज का उपयोग होता है।
  • उत्तर प्रदेश का देश के कुल खनिज उत्पादन में 2.6% का योगदान है तथा खनिज उत्पादन में राज्य का भारत में दसवाँ स्थान है।
  • भू-तत्त्व एवं खनिकर्म निदेशालय की स्थापना वर्ष 1963 में की गई थी।
  • रॉक फॉस्फेट उर्वरक बनाने के काम आता है तथा अम्लीय मृदा के उपचार में भी इसका प्रयोग किया जाता है।
  • सन् 1974 में उत्तर प्रदेश खनिज विकास निगम की स्थापना की गयी थी।
  • उत्तर प्रदेश में प्रथम खनिज नीति वर्ष 1998 में बनी।
  • ग्लासलैण्ड, इलाहाबाद, बाँदा और मऊ जनपद में प्राप्त होता है।
  • मिर्जापुर के बाँस मकरी खोह क्षेत्र में प्लास्टिक फायरक्ले पाया जाता है।
  • जनपद ललितपुर में यूरेनियम के भण्डार हैं।
  • उत्तर प्रदेश चूना पत्थर के संचित राशि की दृष्टि से देश का दूसरा बड़ा राज्य है।
  • राज्य में प्राप्त डोलोमाइट का प्रयोग इस्पात उद्योग में निस्सरण एवं तापसह्य के लिए किया जाता है।
  • शारदा एवं रामगंगा नदियों के रेत में सोने के कण पाए जाते हैं।
  • राज्य में उत्तम कोटि के लौह अयस्क नहीं पाए जाते हैं और निम्न कोटि का लौह अयस्क भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं है। यही कारण है कि लौह अयस्क को बिहार, मध्य प्रदेश, आदि राज्यों से खरीदा जाता है।
  • कांच बालू के उत्पादन में उत्तर प्रदेश का अग्रणी स्थान है।
  • मिर्जापुर जिले के सिंगरौली क्षेत्र में कोयले की खुदाई कोल इण्डिया लिमिटेड द्वारा की जा रही है जिसका उपयोग ओबरा के ताप विद्युतगृह में किया जाता है।
  • बॉक्साइट चित्रकूट जिले में प्राप्त होता है। इस खनिज की मदद से ऐलुमिनियम बनाया जाता है। रेणुकूट (मिर्जापुर) की ऐलुमिनियम फैक्ट्री में बॉक्साइट का प्रयोग हो रहा है।
  • उत्तर प्रदेश में खनिज विकास की गति को बढ़ाने के उद्देश्य से राज्य खनिज विकास निगम की स्थापना 23 मार्च, 1974 को की गई थी। निगम की स्थापना के मुख्य उद्देश्य हैं
    • उत्तर प्रदेश एवं अन्य स्थानों में खनिज एवं उप खनिजों का वैज्ञानिक एवं व्यावसायिक संचालन तथा विकास एवं उस पर आधारित उद्योगों की स्थापना तथा उन्हें प्रोत्साहित कर खनिजों के मूल्य में वृद्धि करना।
    • उत्तर प्रदेश में भूतत्व खनिकर, खनिज उच्चीकरण, खनिज आधारित उद्योगों तथा शोध एवं विकास के द्वारा खनिज विकास की गति को बढ़ाना।

उत्तर प्रदेश की खनिज नीति

राज्य की पहली खनिज नीति 29 दिसम्बर, 1998 को घोषित। खनिज विकास को उद्योग का दर्जा। राज्य के 10 जिले खनिज बहुल घोषितसहारनपुर, मिर्जापुर, सोनभद्र, प्रयागराज (इलाहाबाद), बांदा, हमीरपुर, महोबा, जालौन, झांसी, ललितपुर। खनिजों से प्राप्त राजस्व के 5% भाग से ‘खनिज विकास निधि’ स्थापित करने की योजना। औद्योगिक विकास आयुक्त की अध्यक्षता में एक कार्यकारी दल गठित। राज्य के ITI तथा पालीटेक्निकों में खनन पाठ्यक्रम आरम्भ करने की घोषणा। खनिज उत्पादन में राज्य का देश में 10वां स्थान तथा देश के कुछ खनिज उत्पादन का प्रदेश में 2.6% भाग ही उत्पादित।

Note –

  • उत्तर प्रदेश के विन्ध्य क्षेत्र की पर्वत श्रृंखला के मध्य विभिन्न प्रकार की खनिज सम्पदाओं का भण्डार है।
  • सोनराई (जिला ललितपुर) तांबे का प्रमुख खान क्षेत्र है।
  • ललितपुर जिला यूरेनियम का प्रमुख खान क्षेत्र है।
  • मिर्जापुर जिले ऐस्बेस्टॉस का प्रमुख खान क्षेत्र है।
  • हमीरपुर और झांसी जिलों में सेलखड़ी खनिज संसाधन है।
  • उत्तर प्रदेश में उत्तम कोटि का लोहा नहीं पाया जाता।
  • उत्तर प्रदेश का देश के कुल खनिज उत्पादन में 2.6% का योगदान है।
  • भू-तत्त्व एवं खनिकर्म निदेशालय की स्थापना वर्ष 1963 में की गई थी।
  • सन् 1974 में ‘उत्तर प्रदेश खनिज विकास निगम’ की स्थापना की गयी थी।
  • कांच बालू के उत्पादन में उत्तर प्रदेश का अग्रणी स्थान है।
  • बॉक्साइट चित्रकूट जिले में प्राप्त होता है।
  • उत्तर प्रदेश में राज्य खनिज विकास निगम की स्थापना 23 मार्च, 1974 को की गई थी।
  • खनिज उत्पादन में राज्य का देश में 10वां स्थान है।

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