Daily MCQs : अर्थव्यवस्था एवं सामाजिक विकास (Economy and Social Development) 26 December, 2024 (Thursday)
1. रैयतवाड़ी व्यवस्था के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. इस व्यवस्था में रैयत अथवा काश्तकार ही भूमि का स्वामी होता था।
2. रैयत की जोतों के लिए मालगुजारी अलग-अलग तय नहीं की जाती थी।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2
व्याख्या – रैयतवाड़ी व्यवस्था दक्षिणी तमिलनाडु, महाराष्ट्र, बरार तथा कुर्ग में लागू की गई थी। इस व्यवस्था में रैयत अथवा काश्तकार ही भूमि का स्वामी होता था और उसके तथा राज्य के बीच कोई मध्यस्थ नहीं होता था। रैयत को भूमि बेचने, हस्तांतरण करने, गिरवी रखने, शिकमी देने तथा उपहार में देने का अधिकार प्राप्त था। जब तक वह बन्दोबस्त के समय निर्धारित मालगुजारी देता रहता था, उस समय तक उसे बेदखल नहीं किया जा सकता था। जमींदारी व्यवस्था में ये अधिकार काश्तकारों को प्राप्त नहीं थे। अतः कथन 1 सही है। रैयतवाड़ी व्यवस्था में बन्दोबस्त अस्थायी होता था। रैयत की जोतों के लिए मालगुजारी अलग-अलग तय की जाती थी।यह बन्दोबस्त मध्य प्रदेश में 20 वर्ष के लिए, बम्बई (महाराष्ट्र) में 30 वर्ष के लिए तथा मद्रास (तमिलनाडु) व संयुक्त प्रान्त (उत्तर प्रदेश) में 40 वर्ष के लिए किया जाता था। अतः कथन 2 सही नहीं है।Show Answer/Hide
2. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. भारत उन देशों में से एक है, जहाँ उपभोक्ता संबंधित समस्याओं के निवारण के लिए विशिष्ट न्यायालय हैं।
2. उपभोक्ता के अधिकारों को मजबूती देने हेतु उपभोक्ता निवारण प्रक्रिया का वर्ष 2015 में संशोधन हुआ था।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही नहीं है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2
व्याख्या – उपभोक्ता वह व्यक्ति होता है जो वस्तुओं या सेवाओं को अपने या किसी और के लिए खरीदता है। 24 दिसंबर को भारत में राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस के रूप में मनाया जाता रहा है। वर्ष 1986 में भारतीय संसद ने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम पारित किया था। भारत उन देशों में से एक है, जहाँ उपभोक्ता संबंधित समस्याओं के निवारण के लिए विशिष्ट न्यायालय हैं। अतः कथन 1 सही है। वर्तमान समय में, देश में लगभग 2000 से अधिक उपभोक्ता संगठन हैं, जिनमें से केवल 50-60 ही अपने कार्यों के लिए पूर्ण संगठित और मान्यता प्राप्त हैं। फिर भी, उपभोक्ता निवारण प्रक्रिया जटिल, खर्चीली और समय साध्य साबित हो रही है। उपभोक्ता के अधिकारों को मजबूती देने हेतु उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम (COPRA) का वर्ष 2019 में संशोधन हुआ था। अतः कथन 2 सही नहीं है।Show Answer/Hide
3. भारत सरकार ने वर्ष 1991 को प्रत्यक्ष व परोक्ष करों की संरचना का अध्ययन करने के लिए किस समिति का गठन किया था?
(a) केलकर समिति
(b) रेखी समिति
(c) चेलैया समिति
(d) यशवन्त सिन्हा समिति
व्याख्या – भारत सरकार ने 29 अगस्त, 1991 को प्रत्यक्ष व परोक्ष करों की संरचना का अध्ययन करने के लिए राजा जे. चेलाया की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया था। इस समिति ने अपनी रिपोर्ट में कई महत्वपूर्ण सिफारिशें कीं, जिनमें से कुछ को बाद में लागू किया गया। कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों में प्रत्यक्ष व परोक्ष सभी प्रकार के करों की लोच में वृद्धि लाना तथा सकल कर राजस्व व सकल घरेलू उत्पाद में प्रत्यक्ष करों के हिस्से में वृद्धि करना, कर-दरों में परिवर्तनों द्वारा कर प्रणाली को और न्यायोचित बनाना व व्यापक आधार प्रदान करना, प्रत्यक्ष कर प्रणाली को युक्तिसंगत बनाना ताकि उसकी असंगतियों को दूर किया जा सके तथा आर्थिक प्रेरणाओं को और मजबूत बनाया जा सके, कराधान के लिए नए क्षेत्रों का पता लगाना, इत्यादि शामिल थे।Show Answer/Hide
4. निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिए:
अदृश्य व्यापार | पर्यटन |
गैर-उपदान आय | निर्यात से अधिक आयात |
व्यापार घाटा | सेवाओं का व्यापार |
उपर्युक्त युग्मों में से कितने सही सुमेलित हैं?
(a) केवल एक
(b) केवल दो
(c) सभी तीन
(d) कोई भी नहीं
व्याख्या – अदृश्य व्यापार, अंतरराष्ट्रीय लेन-देन है जिसमें मूर्त वस्तुओं का आदान-प्रदान शामिल नहीं होता है। इसमें सेवाओं का आयात और निर्यात होता है। अतः युग्म 1 सही सुमेलित नहीं है। सेवाओं के व्यापार में, उपदान और गैर-उपदान आय दोनों शामिल होती हैं । उपदान आय में उत्पादन के साधनों जैसे व्यय, भूमि और पूंजी से प्राप्त निवल अंतर्राष्ट्रीय आयों को शामिल किया जाता है। सेवा-उत्पादों जैसे जहाजरानी, बैंकिंग, पयर्टन, सॉफ़्टवेयर सेवाओं आदि से प्राप्त निवल बिक्री को गैर-उपदान आय कहते हैं।अतः युग्म 2 सही सुमेलित नहीं है। व्यापार घाटा तब होता है जब कोई देश अपने व्यापारिक साझेदार को निर्यात की तुलना में अधिक वस्तुओं और सेवाओं का आयात करता है. व्यापार घाटे को व्यापार का नकारात्मक संतुलन भी कहा जाता है। हैं।अतः युग्म 3 सही सुमेलित नहीं है।Show Answer/Hide
5. महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. इस अधिनियम के तहत, हर साल 120 दिनों की गारंटीकृत मजदूरी रोज़गार देने का मकसद है।
2. इसके अंतर्गत एक-तिहाई रोजगार महिलाओं के लिये सुरक्षित किया गया है।
3. मनरेगा की शुरुआत वर्ष 2005 को हुई थी।
उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं?
(a) केवल एक
(b) केवल दो
(c) सभी तीन
(d) कोई भी नहीं
व्याख्या – महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार अभिनियम 2005 (मनरेगा) का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका सुरक्षित करने के लिये हर घर के लिये मजदूरी रोजगार कम से कम 100 दिनों के लिये उपलब्ध कराना है। अतः कथन 1 सही नहीं है। इसका उद्देश्य सतत् विकास में, मदद करना ताकि सूखा, वन कटाई एवं मिट्टी के कटाव जैसी समस्याओं से बचा जा सके। इस प्रावधान के तहत एक-तिहाई रोजगार महिलाओं के लिये सुरक्षित किया गया है। केंद्र सरकार द्वारा स्थापित राष्ट्रीय रोजगार गारंटी कोष के अंतर्गत अगर आवेदक को 15 दिन के अंदर रोज़गार उपलब्ध नहीं कराया गया तो वह दैनिक बेरोज़गार भत्ते का हकदार होगा। अतः कथन 2 सही है। अगस्त 2005 में भारतीय संसद द्वारा पारित नरेगा अधिनियम को 2 फरवरी 2006 में देश के विभिन्न राज्यों में लागू किया गया तथा 2 अक्टूबर 2009 को इसे मनरेगा नाम दिया गया। अतः कथन 3 सही नहीं है।Show Answer/Hide