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G20 Policy Coordination

G20 शिखर सम्मेलन (G20 Summit)

G20 : वैश्विक आर्थिक सहयोग की महत्वपूर्ण प्रमुख व्यवस्था

G20 शिखर सम्मेलन का परिचय

G20 शिखर सम्मेलन एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है जो दुनिया के 20 प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के नेताओं और वित्तमंत्रियों के बीच आयोजित किया जाता है। इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य वैश्विक आर्थिक मुद्दों पर चर्चा करना और वैश्विक आर्थिक स्थिति को सुधारने के तरीकों को ढूंढना है। G20 शिखर सम्मेलन एक वर्ष में एक बार होता है और विश्व भर के महत्वपूर्ण आर्थिक विषयों पर चर्चा करता है, जैसे कि वित्तीय स्थिति, व्यापार, वित्तीय बाजार, उपयुक्ति, विकास, औद्योगिकीकरण, क्लाइमेट चेंज, और अन्य सामाजिक और आर्थिक मुद्दे।

G20 का संक्षिप्त इतिहास

G20 का प्रारूप पहली बार 1999 में वित्तीय मंत्रियों के स्तर पर आरंभ हुआ था, और इसका पहला शिखर सम्मेलन 2008 में वाशिंगटन, डीसी, अमेरिका में आयोजित हुआ था। उस समय की वित्तीय संकट के बाद, G20 का महत्व बढ़ गया और यह एक महत्वपूर्ण आर्थिक प्लेटफार्म बन गया जिसमें विभिन्न देशों के नेता और मंत्री आर्थिक सुझाव और नीतियों को बहस करते हैं। G20 के सदस्य देश विश्व के सबसे बड़े और सबसे महत्वपूर्ण अर्थव्यवस्थाओं को प्रतिनिधिता देते हैं। G20 सम्मेलन में विश्व के वित्तमंत्री, रिजर्व बैंक के गवर्नर्स, और अन्य आर्थिक प्रमुख भी भाग लेते हैं, जो आर्थिक मुद्दों पर विचार करते हैं और आर्थिक नीतियों को बदलने के सुझाव देते हैं।

G20 शिखर सम्मेलन के सदस्य देश

2023 के अनुसार, समूह में 21 सदस्य हैं – अर्जेंटीना, औस्ट्रेलिया, ब्राज़ील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इण्डोनेशिया, इताली, जापान, मैक्सिको, रूस, सौदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका, यूरोपीय संघ और अफ्रीकीय संघ। 

यह सम्मेलन वर्षिक रूप से आयोजित नहीं होता है, बल्कि यह आवश्यकतानुसार होता है और विश्व के विभिन्न स्थानों पर हो सकता है। इसमें विभिन्न आर्थिक मुद्दों पर चर्चा की जाती है और आर्थिक सहयोग की राह में कदम बढ़ाने के लिए प्रयास किए जाते हैं।

G20 का वैश्विक आर्थिक स्थिति विषय में महत्व

G20 एक महत्वपूर्ण आर्थिक संगठन है जिसका मुख्य उद्देश्य वैश्विक आर्थिक स्थिति के प्रमुख मुद्दों के बारे में विचार-विमर्श करना और साथ ही आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देना है। इसका महत्व निम्नलिखित कारणों से है:

  • वैश्विक आर्थिक प्रशासन : G20 सदस्य देश विश्व की कुल आर्थिक उत्पादन का बड़ा हिस्सा बनाते हैं, जिससे इसका महत्वपूर्ण भूमिका बनता है क्योंकि इन देशों के नेता आर्थिक नीतियों का प्रबंधन करते हैं और वैश्विक आर्थिक प्रशासन में सहयोग करते हैं।
  • आर्थिक मुद्दों का विचार-विमर्श : G20 सम्मेलनों में विश्व की मुख्य आर्थिक मुद्दों पर विचार किया जाता है, जैसे कि वित्तीय संकट, वित्तीय सुरक्षा, व्यापार, निवेश, और व्यापारिक नियम और मानक।
  • आर्थिक सहयोग : G20 देश आर्थिक सहयोग के कई पहलुओं पर सहमति देते हैं, जैसे कि विकास और गरीबी के खिलाफ कदम उठाना, व्यापार के बाधाओं को कम करना, और आर्थिक सहयोग के माध्यम से विकासशील और पिछड़े हुए देशों को समर्थन प्रदान करना।
  • सामरिकता : वैश्विक आर्थिक स्थिति के मामले में बदलाव अवश्य होता है और G20 सम्मेलनें इस प्रक्रिया को प्रशंसा करती हैं, क्योंकि विश्व की आर्थिक स्थिति एक अस्थिर और परिवर्तनशील परिप्रेक्ष्य में होती है।

G20 के पिछले शिखर सम्मेलनों की समीक्षा

G20 Washington DC, USA Summit (2008) : 2008 G20 शिखर सम्मेलन वाशिंगटन डीसी में सब-प्राइम मॉर्टगेज वित्तीय संकट को ध्यान में रखते हुए आयोजित किया गया था और इसे ‘वित्तीय बाजारों और विश्व अर्थव्यवस्था पर शिखर सम्मेलन की घोषणा’शीर्षक दिया गया था। नेताओं ने आर्थिक विकास को सुदृढ़ करने, मौजूदा वित्तीय संकट से निपटने और सुधार की नींव रखने के प्रयासों पर चर्चा की ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इस तरह का संकट फिर से उत्पन्न न हो।

G20 London, United Kingdom Summit (2009) : लंदन शिखर सम्मेलन ऐसे समय में हुआ जब विश्व द्वितीय विश्व युद्ध के बाद सबसे विकट आर्थिक संकट का सामना कर रहा था। लंदन शिखर सम्मेलन का उद्देश्य विश्व की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं और प्रमुख अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के नेताओं को एक साथ लाना था ताकि वैश्विक अर्थव्यवस्था को स्थिर करने तथा आर्थिक बहाली सुनिश्चित करने और नौकरियों को सुरक्षित रखने के लिए आवश्यक सामूहिक कार्रवाई की जा सके।  

G20 Toronto, Canada Summit (2010) : G20 टोरंटो शिखर सम्मेलन के समय, अधिकांश देशों ने वैश्विक आर्थिक मंदी से उबरना शुरू कर दिया था। शिखर सम्मेलन घोषणा में कहा गया कि विभिन्न अर्थव्यवस्थाओं में उच्च बेरोजगारी दर और वित्तीय संकट के प्रभाव के समवर्ती अस्तित्व के रूप में गंभीर चुनौतियां बनी हुई हैं।

G20 Toronto, Canada Summit (2010) :  G20 देशों और पांच देशों तथा सात अंतर्राष्ट्रीय संगठनों सहित आमंत्रित प्रतिभागियों ने शिखर सम्मेलन में भाग लिया। G20 सियोल शिखर सम्मेलन एजेंडा, प्रोटोकॉल और प्रबंधन के मामले में एक बड़ी सफलता थी। G20 सियोल शिखर सम्मेलन के प्रमुख परिणामों में ‘मजबूत, सतत और संतुलित विकास के लिए रूपरेखा’, ‘IMF कोटा सुधार और कार्यकारी बोर्ड की संरचना का समायोजन’, ‘बेसल III करार और SIFI (प्रणालीगत रूप से महत्वपूर्ण वित्तीय संस्थान) समस्या समाधान’ और ‘DDA के प्रति प्रतिबद्धता की पुष्टि’ जैसे करार शामिल थे।

G20 Cannes, France Summit (2011) : G20 नेताओं का शिखर 2011 में कान्स, फ्रांस में आयोजित किया गया था, जिसमे कमोडिटी बाजार में पारदर्शिता, विकासशील देशों में बुनियादी ढांचे में निवेश, विकास और जलवायु के लिए नवोन्मेषी वित्तपोषण, बैंकिंग विनियमन, कृषि कीमतों का अस्थिरता से बचाव, भ्रष्टाचार से मुकाबला करना, बाजार विनियमन, व्यापार, IMF की कार्रवाई क्षमता और निगरानी में वृद्धि, कृषि, वैश्वीकरण का सामाजिक विनियमन, आपातकालीन मानवीय खाद्य भंडार, अंतर्राष्ट्रीय मौद्रिक प्रणाली में सुधार और विकास और रोजगार के लिए कार्य योजना आदि मुद्दों पर चर्चा हुई।

G20 Los Cabos, Mexico Summit (2012) : मैक्सिकयाई अध्यक्षता की प्राथमिकताएं आर्थिक स्थिरता और विकास तथा रोजगार के लिए संरचनात्मक सुधार करना; वित्तीय प्रणाली को मजबूत बनाना और आर्थिक विकास में बढ़ोतरी के लिए वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देना; आपस में जुड़ी वैश्विक अर्थव्यवस्था में अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संरचना में सुधार करना; खाद्य सुरक्षा को सुदृढ़ करना और कच्चे माल की कीमत की अस्थिरता को कम करना; सतत विकास, हरित विकास को बढ़ावा देना और जलवायु परिवर्तन से निपटना शामिल था।

G20 Saint Petersburg, Russia Summit (2013) : इस शिखर सम्मेलन में सतत, मजबूत और संतुलित विकास के लिए रूपरेखा करार का कार्यान्वयन; रोजगार उपलब्ध कराना;  अंतरराष्ट्रीय मौद्रिक और वित्तीय प्रणाली में सुधार करना; वित्तीय विनियमन और पर्यवेक्षण में सुधार करना; वैश्विक ऊर्जा बाजारों का सतत विकास; अंतरराष्ट्रीय विकास को बढ़ावा देना;  बहुपक्षीय व्यापार को मजबूत बनाना; भ्रष्टाचार रोध आदि मुद्दों पर चर्चा हुई।

G20 Brisbane, Australia Summit (2014) : इस सम्मेलन में वित्तीय सुरक्षा, व्यापार, वित्तीय निवेश, और ग्लोबल आर्थिक प्रबंधन जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई।

G20 Antalya, Türkiye Summit (2015) : इस सम्मेलन के दौरान, आर्थिक सहयोग, वित्तीय सुरक्षा, आर्थिक जागरूकता, और अपराध के खिलाफ साझा कदम उठाने की बातचीत हुई।

G20 Hangzhou, China Summit (2016) : इस सम्मेलन में वित्तीय स्थिति, वित्तीय सुरक्षा, ग्रीन वित्त, और ग्लोबल आर्थिक सहयोग के मुद्दे पर चर्चा हुई।

G20 Hamburg, Germany Summit (2017) : इस सम्मेलन में व्यापार, वित्तीय निवेश, क्लाइमेट चेंज, और विश्व व्यापार में न्याय के मुद्दे पर चर्चा हुई।

G20 Buenos Aires, Argentina Summit (2018) : इस सम्मेलन में व्यापार, वित्तीय सुरक्षा, और आर्थिक सहयोग के मुद्दे पर विचार-विमर्श किया गया।

G20 Osaka, Japan Summit (2019) : इस सम्मेलन में व्यापार, वित्तीय सुरक्षा, डिजिटल आर्थिक, और व्यापारिक नियमों के मुद्दों पर बहस की गई।

G20 Riyadh, Saudi Arabia Summit (2020) : सउदी अरब ने 2020 को रियाद में एक वर्चुअल G20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी की। G20 नेताओं ने वैश्विक कार्रवाई, एकजुटता और बहुपक्षीय सहयोग के संबंध में, ग्रह की सुरक्षा और नई सीमाएँ स्थापित करने का समन्वय करने के लिए अपनी प्रतिबद्घता व्यक्त की। इसके अलावा G20 के नेताओं ने Covid-19 महामारी से निपटने के लिए मिलकर काम करने, विकास को बढ़ावा देने एवं अधिक समावेशी, सतत और सहज भविष्य बनाने के लिए प्रतिबद्घता व्यक्त की।

G20 Bali, Indonesia Summit (2021) : इस शिखर सम्मेलन में छह आमंत्रित देशों (स्पेन, नीदरलैंड, सिंगापुर, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य, रवांडा और ब्रुनेई, नेपाड और आसियान) एवं नौ अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। “लोग, ग्रह, समृद्घि” के सिद्घांत के तहत नेताओं के शिखर सम्मेलन में तीन मुख्य सत्रों में स्वास्थ्य संकट से जुड़े बृहद आर्थिक वैश्विक विकास; पर्यावरण और जलवायु चुनौतियों के समाधान; वैश्विक स्तर पर सतत विकास को विकसित करने की आवश्यकता पर चर्चा की गई।

G20 Bali, Indonesia Summit (2022) : इस शिखर सम्मेलन मे G20 की प्रक्रिया और वर्ष भर मंत्रिस्तरीय बैठकों कार्यसमूहों और संपर्क समूहों के तहत किए जाने वाले गहन कार्य शामिल थे।

G20 New Delhi, India Summit (2023) :इस शिखर सम्मेलन का विषय “वसुधैव कुटुंबकम” था, जिसका अर्थ है “विश्व एक परिवार है”। इस शिखर सम्मेलन में रूस-यूक्रेन तनाव से लेकर धारणीय विकास, खाद्य सुरक्षा और वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन शुरू करने जैसे विविध वैश्विक मुद्दों पर सर्वसम्मत सहमति बनी। इस शिखर सम्मेलन में विकासशील देशों का प्रतिनिधित्व बढ़ाने के एक महत्त्वपूर्ण कदम के रूप में G20 देशों ने अफ्रीकी संघ (African Union- AU) को स्थायी सदस्य के रूप में शामिल करने का निर्णय लिया।

नरेंद्र मोदी और G20

नरेंद्र मोदी, भारत के प्रधानमंत्री, ने भारत की प्रतिष्ठितता को बढ़ाने और विश्व आर्थिक मामलों में भाग लेने के लिए G20 में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने G20 के सदस्य देशों के साथ विश्व आर्थिक मुद्दों पर सहयोग किया है और भीषण मामलों पर विचार-विमर्श किया है।

नरेंद्र मोदी ने G20 में भारत के आर्थिक और वित्तीय मामलों को प्रमुखता दी है, जैसे कि वित्तीय समावेशन, वित्तीय सुरक्षा, वित्तीय निवेश, और व्यापार संबंधित मुद्दों पर विचार किया गया है। उन्होंने विशेष रूप से सौर ऊर्जा, गरीबी के खिलाफ उपायोगी नीतियों की प्रोत्साहना दी है और वैश्विक जलवायु परिवर्तन के संबंध में उच्च स्तरीय बहस में भाग लिया है।

नरेंद्र मोदी ने G20 में भारत के रूप में गरीब और विकासशील देशों के प्रतिष्ठान मुद्दों के प्रवक्ता के रूप में भी काम किया है। वह गरीबी और असमानता के खिलाफ लड़ने के लिए भी उठे और G20 में सामरिकता और सहयोग की बढ़ावा देने के लिए प्रयास किए हैं।

इन तरीकों से, नरेंद्र मोदी ने G20 में भारत के प्रतिष्ठान को बढ़ाने और विश्व आर्थिक मामलों में भाग लेने में महत्वपूर्ण योगदान किया है। वह भारत की आर्थिक और वित्तीय स्थिति को बेहतर बनाने के लिए अन्य G20 सदस्य देशों के नेताओं के साथ मिलकर काम करते हैं और ग्लोबल आर्थिक प्रबंधन में सहयोग करते हैं।

आगामी शिखर सम्मेलन 

आगामी शिखर सम्मेलन की मेजबानी ब्राजील करेगा, लेकिन अभी इसकी तिथियों और शहर की घोषणा नहीं की गई है। 

 

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