Daily MCQs Indian Constitution Archives | TheExamPillar

Daily MCQs Indian Constitution

Daily MCQs – संविधान एवं राजव्यवस्था – 22 July 2024 (Mon)

Daily MCQs : संविधान एवं राजव्यवस्था (Constitution and Polity)
22 June, 2024 (Monday)

1. लोकसभा अध्यक्ष की शक्तियों के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. अध्यक्ष लोकसभा के चालू सत्र का सत्रावसान करता है।
2. राष्ट्रपति की सहमति के लिए भेजे जाने से पहले स्पीकर सभी विधेयकों को मंजूरी देता है।
3. अध्यक्ष मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति और लोकसभा की नियुक्ति समिति का प्रमुख होता है।
उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं?
(A) केवल एक

(B) केवल दो
(C) सभी तीन
(D) कोई भी नहीं

Show Answer/Hide

उत्तर – (D)

व्याख्या: राष्ट्रपति सत्र को स्थगित कर देते हैं, यानी समाप्त कर देते हैं। स्पीकर इसे केवल कुछ समय के लिए स्थगित कर सकते हैं. स्पीकर केवल यह सूचित करता है कि कोई विधेयक धन विधेयक है या नहीं। प्रधानमंत्री कैबिनेट की नियुक्ति समिति के प्रमुख होते हैं। लोकसभा में कोई नियुक्ति समिति नहीं है। अतः कोई भी कथन सही नहीं हैं

 

2. किस अधिनियम ने गवर्नर जनरल को भारतीय लोगों के प्रतिनिधियों को अपनी विस्तारित परिषद में नामांकित करके कानून के काम में शामिल करने में सक्षम बनाया है?
(A) भारत सरकार अधिनियम, 1858

(B) भारतीय परिषद अधिनियम, 1861
(C) भारतीय परिषद अधिनियम, 1892
(D) भारत सरकार अधिनियम, 1935

Show Answer/Hide

उत्तर – (B)

व्याख्या – भारतीय परिषद अधिनियम, 1861 ने भारतीयों को कानून बनाने की प्रक्रिया से जोड़कर प्रतिनिधि संस्थाओं की शुरुआत की। इस प्रकार इसमें प्रावधान किया गया कि वायसराय को कुछ भारतीयों को अपनी विस्तारित परिषद के गैर-आधिकारिक सदस्यों के रूप में नामित करना चाहिए। 1862 में, तत्कालीन वायसराय लॉर्ड कैनिंग ने अपनी विधान परिषद में तीन भारतीयों को नामित किया – बनारस के राजा, पटियाला के महाराजा और सर दिनकर राव। अतः विकल्प (b) सही है

3. निम्नलिखित में से कौन प्रत्यक्ष लोकतंत्र के उपकरण हैं?
1. जनमत संग्रह

2. नागरिक की पहल
3. स्मरण
4. जनमत से निर्णय
नीचे दिए गए कोड का उपयोग करके सही उत्तर चुनिए:
(A) केवल 1, 2 और 3

(B) केवल 2, 3 और 4
(C) केवल 1, 2 और 4
(D) उपर्युक्त सभी

Show Answer/Hide

उत्तर – (D)

व्याख्या – लोकतंत्र दो प्रकार का होता है-प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष। प्रत्यक्ष लोकतंत्र में, लोग अपनी सर्वोच्च शक्ति का सीधे प्रयोग करते हैं जैसा कि स्विट्जरलैंड में होता है। प्रत्यक्ष लोकतंत्र के चार उपकरण हैं, अर्थात् जनमत संग्रह, पहल, स्मरण और जनमत से निर्णय । दूसरी ओर, अप्रत्यक्ष लोकतंत्र में, लोगों द्वारा चुने गए प्रतिनिधि सर्वोच्च शक्ति का प्रयोग करते हैं और इस प्रकार सरकार चलाते हैं और कानून बनाते हैं। इस प्रकार का लोकतंत्र, जिसे प्रतिनिधि लोकतंत्र भी कहा जाता है, दो प्रकार का होता है-संसदीय और अध्यक्षात्मक। अतः विकल्प (d) सही है

4. कुछ अन्य लोकतंत्रों के विपरीत भारतीय संविधान लिखित है। इसका क्या मतलब है?
1. राजनीतिक और प्रशासनिक संघर्षों को कम करने के लिए भारत में सरकार के स्वरूप को संविधान में संहिताबद्ध किया गया है।

2. संसद द्वारा बनाए गए सभी कानूनों को संविधान के एक भाग के रूप में लिखा जाना चाहिए।
3. लिखित संविधान के कारण ही नागरिक मौलिक अधिकारों का आनंद ले पाते हैं।
नीचे दिए गए कूट का उपयोग करके सही उत्तर चुनिए:
(A) केवल 1

(B) केवल 2 और 3
(C) केवल 1 और 3
(D) 1, 2 और 3

Show Answer/Hide

उत्तर – (A)

व्याख्या – संविधान केंद्र और राज्य दोनों सरकारों की संरचना, संगठन, शक्तियों और कार्यों को निर्दिष्ट करता है और उन सीमाओं को निर्धारित करता है जिनके भीतर उन्हें काम करना चाहिए। इस प्रकार, यह दोनों के बीच गलतफहमी और असहमति से बचता है। भारत में बने सभी कानूनों को संविधान से अलग संहिताबद्ध किया गया है और कानून की किताब में रखा गया है। उन्हें संविधान का हिस्सा बनने की जरूरत नहीं है. यहां तक कि ब्रिटेन में भी जहां कोई लिखित संविधान नहीं है, लोगों को कई मौलिक अधिकार प्राप्त हैं। हालाँकि, केवल इसलिए कि हमारे मौलिक अधिकार संविधान में लिखे गए हैं, राजनीतिक कार्यपालिका की इच्छा के अनुसार उनमें संशोधन करना और बदलना मुश्किल है। अतः केवल कथन 1 सही है

5. संविधान के 42वें संशोधन द्वारा राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांतों में निम्नलिखित में से कौन सा सिद्धांत जोड़ा गया?
(A) पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए समान काम के लिए समान वेतन।

(B) उद्योगों के प्रबंधन में श्रमिकों की भागीदारी।
(C) काम, शिक्षा और सार्वजनिक सहायता का अधिकार।
(D) श्रमिकों के लिए जीवनयापन योग्य वेतन और काम की मानवीय स्थितियाँ सुरक्षित करना।

Show Answer/Hide

उत्तर – (B)

व्याख्या – संविधान में 42वें संशोधन में तीन नए निदेशक सिद्धांत जोड़े गए, जैसे समान न्याय और मुफ्त-कानूनी सहायता, उद्योगों के प्रबंधन में श्रमिकों की भागीदारी और पर्यावरण, वन और वन्य जीवन की सुरक्षा। अतः विकल्प (b) सही है

Read Also :
All Daily MCQs  Click Here
Uttarakhand Study Material in Hindi Language (हिंदी भाषा में) Click Here
Uttarakhand Study Material in English Language
Click Here 
Uttarakhand Study Material One Liner in Hindi Language
Click Here
Previous Year Solved Paper  Click Here
UP Study Material in Hindi Language   Click Here
Bihar Study Material in Hindi Language Click Here
MP Study Material in Hindi Language Click Here
Rajasthan Study Material in Hindi Language Click Here

Daily MCQs – संविधान एवं राजव्यवस्था – 15 July 2024 (Mon)

Daily MCQs : संविधान एवं राजव्यवस्था (Constitution and Polity)
15 June, 2024 (Monday)

1. लोकसभा अध्यक्ष की शक्तियों के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. अध्यक्ष लोकसभा के चालू सत्र का सत्रावसान करता है।
2. राष्ट्रपति की सहमति के लिए भेजे जाने से पहले स्पीकर सभी विधेयकों को मंजूरी देता है।
3. अध्यक्ष मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति और लोकसभा की नियुक्ति समिति का प्रमुख होता है।
उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं?
(A) केवल एक

(B) केवल दो
(C) सभी तीन
(D) कोई भी नहीं

Show Answer/Hide

उत्तर – (D)

व्याख्या – राष्ट्रपति सत्र को स्थगित कर देते हैं, यानी समाप्त कर देते हैं। स्पीकर इसे केवल कुछ समय के लिए स्थगित कर सकते हैं. स्पीकर केवल यह सूचित करता है कि कोई विधेयक धन विधेयक है या नहीं। प्रधानमंत्री कैबिनेट की नियुक्ति समिति के प्रमुख होते हैं। लोकसभा में कोई नियुक्ति समिति नहीं है। अतः सभी कथन गलत हैं

2. किस अधिनियम ने गवर्नर जनरल को भारतीय लोगों के प्रतिनिधियों को अपनी विस्तारित परिषद में नामांकित करके कानून के काम में शामिल करने में सक्षम बनाया है?
(A) भारत सरकार अधिनियम, 1858
(B) भारतीय परिषद अधिनियम, 1861
(C) भारतीय परिषद अधिनियम, 1892
(D) भारत सरकार अधिनियम, 1935

Show Answer/Hide

उत्तर – (B)

व्याख्या – भारतीय परिषद अधिनियम, 1861 ने भारतीयों को कानून बनाने की प्रक्रिया से जोड़कर प्रतिनिधि संस्थाओं की शुरुआत की। इस प्रकार इसमें प्रावधान किया गया कि वायसराय को कुछ भारतीयों को अपनी विस्तारित परिषद के गैर-आधिकारिक सदस्यों के रूप में नामित करना चाहिए। 1862 में, तत्कालीन वायसराय लॉर्ड कैनिंग ने अपनी विधान परिषद में तीन भारतीयों को नामित किया – बनारस के राजा, पटियाला के महाराजा और सर दिनकर राव। अतः विकल्प (B) सही है

3. निम्नलिखित में से कौन प्रत्यक्ष लोकतंत्र के उपकरण हैं?
1. जनमत संग्रह
2. नागरिक की पहल
3. स्मरण
4. जनमत से निर्णय
नीचे दिए गए कोड का उपयोग करके सही उत्तर चुनिए:
(A) केवल 1, 2 और 3
(B) केवल 2, 3 और 4
(C) केवल 1, 2 और 4
(D) उपर्युक्त सभी

Show Answer/Hide

उत्तर – (D)

व्याख्या – लोकतंत्र दो प्रकार का होता है-प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष। प्रत्यक्ष लोकतंत्र में, लोग अपनी सर्वोच्च शक्ति का सीधे प्रयोग करते हैं जैसा कि स्विट्जरलैंड में होता है। प्रत्यक्ष लोकतंत्र के चार उपकरण हैं, अर्थात् जनमत संग्रह, पहल, स्मरण और जनमत से निर्णय । दूसरी ओर, अप्रत्यक्ष लोकतंत्र में, लोगों द्वारा चुने गए प्रतिनिधि सर्वोच्च शक्ति का प्रयोग करते हैं और इस प्रकार सरकार चलाते हैं और कानून बनाते हैं। इस प्रकार का लोकतंत्र, जिसे प्रतिनिधि लोकतंत्र भी कहा जाता है, दो प्रकार का होता है-संसदीय और अध्यक्षात्मक। अतः विकल्प (D) सही है

4. कुछ अन्य लोकतंत्रों के विपरीत भारतीय संविधान लिखित है। इसका क्या मतलब है?
1. राजनीतिक और प्रशासनिक संघर्षों को कम करने के लिए भारत में सरकार के स्वरूप को संविधान में संहिताबद्ध किया गया है।
2. संसद द्वारा बनाए गए सभी कानूनों को संविधान के एक भाग के रूप में लिखा जाना चाहिए।
3. लिखित संविधान के कारण ही नागरिक मौलिक अधिकारों का आनंद ले पाते हैं।
नीचे दिए गए कूट का उपयोग करके सही उत्तर चुनिए:
(A) केवल 1
(B) केवल 2 और 3
(C) केवल 1 और 3
(D) 1, 2 और 3

Show Answer/Hide

उत्तर – (A) 

व्याख्या – संविधान केंद्र और राज्य दोनों सरकारों की संरचना, संगठन, शक्तियों और कार्यों को निर्दिष्ट करता है और उन सीमाओं को निर्धारित करता है जिनके भीतर उन्हें काम करना चाहिए। इस प्रकार, यह दोनों के बीच गलतफहमी और असहमति से बचता है। भारत में बने सभी कानूनों को संविधान से अलग संहिताबद्ध किया गया है और कानून की किताब में रखा गया है। उन्हें संविधान का हिस्सा बनने की जरूरत नहीं है. यहां तक कि ब्रिटेन में भी जहां कोई लिखित संविधान नहीं है, लोगों को कई मौलिक अधिकार प्राप्त हैं। हालाँकि, केवल इसलिए कि हमारे मौलिक अधिकार संविधान में लिखे गए हैं, राजनीतिक कार्यपालिका की इच्छा के अनुसार उनमें संशोधन करना और बदलना मुश्किल है। अतः केवल कथन 1 सही है

5. संविधान के 42वें संशोधन द्वारा राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांतों में निम्नलिखित में से कौन सा सिद्धांत जोड़ा गया?
(A) पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए समान काम के लिए समान वेतन।
(B) उद्योगों के प्रबंधन में श्रमिकों की भागीदारी।
(C) काम, शिक्षा और सार्वजनिक सहायता का अधिकार।
(D) श्रमिकों के लिए जीवनयापन योग्य वेतन और काम की मानवीय स्थितियाँ सुरक्षित करना।

Show Answer/Hide

उत्तर – (B)

व्याख्या – संविधान में 42वें संशोधन में तीन नए निदेशक सिद्धांत जोड़े गए, जैसे समान न्याय और मुफ्त-कानूनी सहायता, उद्योगों के प्रबंधन में श्रमिकों की भागीदारी और पर्यावरण, वन और वन्य जीवन की सुरक्षा। अतः विकल्प (B) सही है

Read Also :
All Daily MCQs  Click Here
Uttarakhand Study Material in Hindi Language (हिंदी भाषा में) Click Here
Uttarakhand Study Material in English Language
Click Here 
Uttarakhand Study Material One Liner in Hindi Language
Click Here
Previous Year Solved Paper  Click Here
UP Study Material in Hindi Language   Click Here
Bihar Study Material in Hindi Language Click Here
MP Study Material in Hindi Language Click Here
Rajasthan Study Material in Hindi Language Click Here

Daily MCQs – संविधान एवं राजव्यवस्था – 24 June 2024 (Mon)

Daily MCQs : संविधान एवं राजव्यवस्था (Constitution and Polity)
24 June, 2024 (Monday)

1. भारत के संविधान में उल्लिखित राज्यपाल के कार्यालय के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. उनका कार्यालय संवैधानिक रूप से केंद्र सरकार के नियंत्रण और अधीनस्थ है।
2. किसी विशेष राज्य का राज्यपाल उस राज्य का नहीं होना चाहिए।
3. भारत के राष्ट्रपति को उस राज्य के राज्यपाल की नियुक्ति करने से पहले संबंधित राज्य के मुख्यमंत्री से परामर्श करना चाहिए।
उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं?
(a) केवल एक

(b) केवल दो
(c) सभी तीन
(d) कोई भी नहीं

Show Answer/Hide

उत्तर – (D) 

व्याख्या – संविधान के तहत राज्यपाल का एक स्वतंत्र पद होता है। संविधान किसी व्यक्ति की राज्यपाल के रूप में नियुक्ति के लिए केवल दो योग्यताएँ निर्धारित करता है। ये हैं:

  • वह भारत का नागरिक होना चाहिए।
  • उसे 35 वर्ष की आयु पूरी करनी चाहिए।

इसके अतिरिक्त, पिछले कुछ वर्षों में इस संबंध में दो सम्मेलन भी विकसित हुए हैं। सबसे पहले, वह बाहरी व्यक्ति होना चाहिए, यानी वह उस राज्य से संबंधित नहीं होना चाहिए जहां उसकी नियुक्ति की गई है, ताकि वह स्थानीय राजनीति से मुक्त हो। दूसरे, राज्यपाल की नियुक्ति करते समय राष्ट्रपति को संबंधित राज्य के मुख्यमंत्री से परामर्श करना आवश्यक होता है, ताकि राज्य में संवैधानिक मशीनरी का सुचारू कामकाज सुनिश्चित हो सके। हालाँकि, कुछ मामलों में दोनों सम्मेलनों का उल्लंघन किया गया है।

अतः सभी कथन गलत हैं

 

2. नागरिकता अधिनियम 1955 निम्नलिखित पर या उसके बाद नागरिकता के निर्धारण से संबंधित है:
(A) 15 अगस्त 1947
(B) 14 अगस्त 1947
(C) 26 नवंबर 1949
(D) 26 जनवरी 1950

Show Answer/Hide

उत्तर – (D)

व्याख्या – नागरिकता अधिनियम, 1955 संविधान के लागू होने के बाद नागरिकता के अधिग्रहण और हानि का प्रावधान करता है। यह अधिनियम उन व्यक्तियों की पहचान करता है जो इसके प्रारंभ होने पर (अर्थात् 26 जनवरी, 1950 को) भारत के नागरिक बन गए। अतः विकल्प (D) सही है

3. निजी सदस्यों के विधेयकों और संकल्पों पर समिति के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. समिति विधेयकों को वर्गीकृत करती है और निजी सदस्यों द्वारा पेश किए गए विधेयकों और संकल्पों पर चर्चा के लिए समय आवंटित करती है।
2. यह लोक सभा की ही एक विशेष समिति है।
उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं?
(A) केवल 1
(B) केवल 2
(C) 1 और 2 दोनों
(D) न तो 1 और न ही 2

Show Answer/Hide

उत्तर – (C)   

व्याख्या – यह समिति विधेयकों को वर्गीकृत करती है और निजी सदस्यों (मंत्रियों के अलावा) द्वारा पेश किए गए विधेयकों और प्रस्तावों पर चर्चा के लिए समय आवंटित करती है। यह लोकसभा की एक विशेष समिति है और इसके अध्यक्ष उपाध्यक्ष सहित 15 सदस्य होते हैं। राज्यसभा के पास ऐसी कोई समिति नहीं है। राज्यसभा में यही कार्य उस सदन की कार्य सलाहकार समिति द्वारा किया जाता है। अतः सभी कथन सही हैं

 

4. चुनाव आयोग चुनाव के उद्देश्य से राजनीतिक दलों को पंजीकृत करता है और उन्हें उनके आधार पर राष्ट्रीय या राज्य दलों के रूप में मान्यता देता है:
1. मतदान प्रदर्शन
2. वित्तीय सहायता
3. लड़े गए चुनावों की संख्या
4. कैडर ताकत
नीचे दिए गए कोड का उपयोग करके सही उत्तर चुनिए:
(A) केवल 1, 2 और 3
(B) केवल 1
(C) केवल 1, 2 और 4
(D) केवल 2 और 3

Show Answer/Hide

उत्तर – (B)

व्याख्या – चुनाव आयोग चुनावों के उद्देश्य से राजनीतिक दलों को पंजीकृत करता है और उनके मतदान प्रदर्शन के आधार पर उन्हें राष्ट्रीय या राज्य दलों के रूप में मान्यता देता है। अतः विकल्प (B) सही है

5. 1978 के 44वें संशोधन अधिनियम के अनुसार, निम्नलिखित में से किस स्थिति में राष्ट्रपति शासन को प्रत्येक 6 महीने में एक वर्ष से अधिक बढ़ाया जा सकता है?
1. पूरे भारत में या पूरे राज्य में या उसके किसी भी हिस्से में पहले से ही राष्ट्रीय आपातकाल है।
2. चुनाव आयोग प्रमाणित करता है कि संबंधित राज्य में चुनाव नहीं कराए जा सकते।
उपर्युक्त में से कौन सा/से कथन सही है/हैं?
(A) केवल 1
(B) केवल 2
(C) 1 और 2 दोनों
(D) न तो 1 और न ही 2

Show Answer/Hide

उत्तर – (C)

व्याख्या – 1978 के 44वें संशोधन अधिनियम ने किसी राज्य में राष्ट्रपति शासन का विस्तार करने की संसद की शक्ति पर रोक लगाने के लिए एक नया प्रावधान पेश किया। इस प्रावधान के अनुसार, राष्ट्रपति शासन को केवल निम्नलिखित शर्तों के तहत हर 6 महीने में एक वर्ष से अधिक बढ़ाया जा सकता है:

  • पूरे भारत में या पूरे राज्य में या राज्य के किसी भी हिस्से में पहले से ही राष्ट्रीय आपातकाल है।
  • चुनाव आयोग प्रमाणित करता है कि राज्य में चुनाव नहीं कराए जा सकते।
  • राष्ट्रपति शासन को राष्ट्रपति द्वारा किसी भी समय हटाया जा सकता है और इसके लिए संसद की मंजूरी की आवश्यकता नहीं होती है।

अतः दोनों कथन सही हैं

Read Also :
All Daily MCQs  Click Here
Uttarakhand Study Material in Hindi Language (हिंदी भाषा में) Click Here
Uttarakhand Study Material in English Language
Click Here 
Uttarakhand Study Material One Liner in Hindi Language
Click Here
Previous Year Solved Paper  Click Here
UP Study Material in Hindi Language   Click Here
Bihar Study Material in Hindi Language Click Here
MP Study Material in Hindi Language Click Here
Rajasthan Study Material in Hindi Language Click Here

Daily MCQs – संविधान एवं राजव्यवस्था – 03 June 2024 (Mon)

Daily MCQs : संविधान एवं राजव्यवस्था (Constitution and Polity)
03 June, 2024 (Monday)

1. एक राज्य विधानमंडल किसी नगर पालिका में निम्नलिखित में से किस व्यक्ति के प्रतिनिधित्व का प्रावधान कर सकता है?
1. लोकसभा और राज्य विधान सभा के सदस्य उन निर्वाचन क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं जिनमें पूर्ण या आंशिक रूप से नगरपालिका क्षेत्र शामिल है।
2. नगरपालिका क्षेत्र के भीतर रहने वाले शिक्षक और स्नातक

3. नगरपालिका प्रशासन में विशेष ज्ञान या अनुभव रखने वाले व्यक्ति
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए:
(A) केवल 1 और 2

(B) केवल 2 और 3
(C) केवल 1 और 3
(D) 1, 2 और 3

Show Answer/Hide

उत्तर – (C)

व्याख्या – यह प्रावधान नगरपालिका प्रशासन को बढ़ाने के लिए किया गया है और नगरपालिका में शामिल हो सकते हैं:

  • नगरपालिका प्रशासन में विशेष ज्ञान या अनुभव रखने वाले व्यक्ति जिन्हें नगर पालिका की बैठकों में वोट देने का अधिकार नहीं है।
  • लोकसभा और राज्य विधान सभा के सदस्य उन निर्वाचन क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं जिनमें पूर्ण या आंशिक रूप से नगरपालिका क्षेत्र शामिल है।
  • राज्यसभा और राज्य विधान परिषद के सदस्य नगरपालिका क्षेत्र के भीतर निर्वाचक के रूप में पंजीकृत हैं।

अतः विकल्प (C) सही है

2. निम्नलिखित में से कौन सा सिद्धांत संसदीय सरकार का आधार सिद्धांत माना जाता है?
(A) स्वतंत्रता

(B) संप्रभुता
(C) भाईचारा
(D) सामूहिक जिम्मेदारी

Show Answer/Hide

उत्तर – (D)

व्याख्या – सामूहिक जिम्मेदारी के सिद्धांत का तात्पर्य है कि लोकसभा अविश्वास प्रस्ताव पारित करके मंत्रालय (यानी, प्रधान मंत्री की अध्यक्षता वाली मंत्रिपरिषद) को पद से हटा सकती है। यह संसदीय सरकार का आधारभूत सिद्धांत है। मंत्री सामान्य रूप से संसद और विशेष रूप से लोकसभा के प्रति सामूहिक रूप से उत्तरदायी होते हैं (अनुच्छेद 75)। अतः विकल्प (D) सही है

3. प्रोटेम स्पीकर के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. भारत का संविधान राज्यपाल को राज्य विधानमंडल में प्रोटेम स्पीकर नियुक्त करने की शक्ति देता है।

2. प्रोटेम स्पीकर की शक्तियां निर्वाचित स्पीकर की शक्तियों के साथ सह-व्यापक नहीं हैं।
उपर्युक्त में से कौन सा/से कथन सही है/हैं?
(A) केवल 1

(B) केवल 2
(C) 1 और 2 दोनों
(D) न तो 1 और न ही 2

Show Answer/Hide

उत्तर – (A)

व्याख्या –

  • संविधान का अनुच्छेद 180 (1) राज्यपाल को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त करने की शक्ति देता है। अनुच्छेद कहता है कि यदि अध्यक्ष की कुर्सी खाली हो जाती है और पद भरने के लिए कोई उपाध्यक्ष नहीं है, तो कार्यालय के कर्तव्यों का पालन “विधानसभा के ऐसे सदस्य द्वारा किया जाएगा जिसे राज्यपाल इस उद्देश्य के लिए नियुक्त कर सकते हैं”। अतः कथन 1 सही है
  • प्रोटेम स्पीकर की शक्तियां व्यापक होती हैं। सुरेंद्र वसंत सिरसट मामले में 1994 के अपने फैसले में बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा था कि जब तक स्पीकर का चुनाव नहीं हो जाता, तब तक एक प्रोटेम स्पीकर “सभी शक्तियों, विशेषाधिकारों और उन्मुक्तियों के साथ सभी उद्देश्यों के लिए” सदन का अध्यक्ष होता है।

4. भारत के चुनाव आयोग के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. संविधान में चुनाव आयोग के सदस्यों की योग्यता निर्धारित नहीं की गई है।

2. संविधान में चुनाव आयोग के सदस्यों का कार्यकाल निर्दिष्ट किया गया है।
उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं/हैं?
(A) केवल 1
(B) केवल 2
(C) 1 और 2 दोनों
(D) न तो 1 और न ही 2

Show Answer/Hide

उत्तर – (A) 

व्याख्या – यद्यपि संविधान ने चुनाव आयोग की स्वतंत्रता और निष्पक्षता की रक्षा और सुनिश्चित करने की मांग की है, लेकिन चुनाव आयोग के सदस्यों के संबंध में कुछ खामियों पर ध्यान दिया जा सकता है, जैसे,

  • संविधान में चुनाव आयोग के सदस्यों की योग्यता (कानूनी, शैक्षिक, प्रशासनिक या न्यायिक) निर्धारित नहीं की गई है।
  • संविधान में चुनाव आयोग के सदस्यों का कार्यकाल निर्दिष्ट नहीं किया गया है।

अतः केवल कथन 1 सही है

5. उद्देश्य संकल्प के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. जवाहरलाल नेहरू ने संविधान सभा में ऐतिहासिक ‘उद्देश्य प्रस्ताव’ पेश किया और 1950 में विधानसभा द्वारा इसे सर्वसम्मति से अपनाया गया।
2. इसका संशोधित संस्करण वर्तमान संविधान की प्रस्तावना है।
उपर्युक्त में से कौन सा/से कथन सही है/हैं?
(A) केवल 1

(B) केवल 2
(C) 1 और 2 दोनों
(D) न तो 1 और न ही 2

Show Answer/Hide

उत्तर – (B)

व्याख्या –

  • 13 दिसंबर, 1946 को जवाहरलाल नेहरू ने विधानसभा में ऐतिहासिक ‘उद्देश्य प्रस्ताव’ पेश किया। इसने संवैधानिक संरचना के मूल सिद्धांतों और दर्शन को निर्धारित किया। यह प्रस्ताव 22 जनवरी, 1947 को विधानसभा द्वारा सर्वसम्मति से अपनाया गया था। अतः कथन 1 सही नहीं है
  • इसने इसके बाद के सभी चरणों के माध्यम से संविधान के अंतिम आकार को प्रभावित किया। इसका संशोधित संस्करण वर्तमान संविधान की प्रस्तावना है। अतः कथन 2 सही है

 

Read Also :
All Daily MCQs  Click Here
Uttarakhand Study Material in Hindi Language (हिंदी भाषा में) Click Here
Uttarakhand Study Material in English Language
Click Here 
Uttarakhand Study Material One Liner in Hindi Language
Click Here
Previous Year Solved Paper  Click Here
UP Study Material in Hindi Language   Click Here
Bihar Study Material in Hindi Language Click Here
MP Study Material in Hindi Language Click Here
Rajasthan Study Material in Hindi Language Click Here

Daily MCQs – संविधान एवं राजव्यवस्था – 27 May 2024 (Mon)

Daily MCQs : संविधान एवं राजव्यवस्था (Constitution and Polity)
27 May, 2024 (Monday)

1. भारत शासन अधिनियम, 1858 के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः
1. इस अधिनियम के द्वारा भारत के राज्य सचिव नामक एक नए पद का सृजन किया गया।

2. कंपनी में कोर्ट ऑफ डायरेक्टर्स एवं बोर्ड ऑफ कंट्रोल की व्यवस्था बनी रही।
3. गवर्नर जनरल पद का नाम बदलकर ‘वायसराय’ कर दिया गया।
4. लॉर्ड विलियम बैंटिक भारत के प्रथम वायसराय बने।
उपरोक्त कथनों में से कौन-से सही हैं?
(A) केवल 1 और 2
(B) केवल 1 और 3
(C) केवल 1, 3 और 4
(D) 1, 2, 3 और 4

Show Answer/Hide

उत्तर – (B)

व्याख्या – कथन 2 एवं 4 गलत हैं, क्योंकि भारत शासन अधिनियम, 1858 के द्वारा कंपनी के कोर्ट ऑफ डायरेक्टर्स एवं बोर्ड ऑफ कंट्रोल को समाप्त कर दिया गया एवं भारत में द्वैध शासन प्रणाली का अंत हो गया। भारत का प्रथम वायसराय लॉर्ड विलियम बैंटिक को नहीं बल्कि लॉर्ड कैनिंग को बनाया गया।

  • इस अधिनियम के द्वारा भारत के राज्य सचिव नामक एक नए पद का सृजन किया गया। यह सचिव ब्रिटिश मंत्रिमंडल का सदस्य होता था एवं भारतीय मामलों में ब्रिटिश संसद के प्रति उत्तरदायी होता था। भारतीय प्रशासन पर नियंत्रण की संपूर्ण शक्ति राज्य सचिव में निहित थी।
  • भारत सचिव की सहायता के लिये 15 सदस्यीय एक परिषद (Council of India) का गठन किया गया। यह परिषद एक सलाहकार समिति थी। परिषद का अध्यक्ष भारत सचिव को बनाया गया था।
  • गवर्नर जनरल का पद ‘वायसराय’ कहलाने लगा, क्योंकि इस अधिनियम के तहत कंपनी के शासन को समाप्त कर दिया गया। भारत का शासन सीधे महारानी विक्टोरिया के अधीन चला गया । गवर्नर जनरल अब सम्राट के प्रतिनिधि की हैसियत से कार्य करने लगा था।
  • संचालक मंडल, नियंत्रण मंडल एवं गवर्नर जनरल की सभी शक्तियाँ परिषद सहित भारत सचिव में केंद्रित कर दी गई, जो संसद के प्रति उत्तरदायी था। भारत सचिव की परिषद को निगमित निकाय (Corporate Body) घोषित किया गया, जिस पर इंग्लैंड एवं भारत में दावा किया जा सकता था।
  • नई व्यवस्था का प्रारंभ महारानी विक्टोरिया की घोषणा के साथ हुआ, जिसकी घोषणा इलाहाबाद में आयोजित एक विशेष दरबार में 1 नवंबर, 1858 में की गई थी।अतः कथन 1 और 3 सही है

 

2. चार्टर एक्ट, 1853 के विषय में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सही नहीं है?
(A) चार्टर अधिनियमों की श्रृंखला में यह अंतिम अधिनियम था।
(B) इस अधिनियम के द्वारा सिविल सेवकों की भर्ती एवं चयन हेतु खुली प्रतियोगिता का प्रारंभ किया गया।
(C) इस अधिनियम के द्वारा गवर्नर जनरल के लिये एक विधान परिषद का गठन किया गया।
(D) इस अधिनियम ने भारतीय विधान परिषद को बजट पर बहस करने की शक्ति प्रदान की।

Show Answer/Hide

उत्तर – (D)

व्याख्या – कथन (d) असत्य है, क्योंकि विधान परिषद को बजट पर बहस करने की शक्ति भारतीय परिषद अधिनियम, 1892 के द्वारा प्राप्त हुई।

  • 1793 से 1853 के दौरान पारित किये गए चार्टर अधिनियमों की श्रृंखला में यह अंतिम अधिनियम था।
  • इस अधिनियम द्वारा सिविल सेवकों की भर्ती एवं चयन हेतु खुली प्रतियोगिता की व्यवस्था प्रारंभ की गई। 1854 में भारतीय सिविल सेवा के संबंध में ‘मैकाले समिति’ का गठन किया गया।
  • गवर्नर जनरल की परिषद में कानून-निर्माण में सहायता देने के लिये छः नए सदस्यों की नियुक्ति की गई। इस प्रकार गवर्नर जनरल के लिये विधान परिषद अस्तित्व में आया, जिसे भारतीय (केंद्रीय) विधान परिषद कहा गया इस विधान परिषद ने ‘लघु संसद’ की तरह कार्य किया। इस प्रकार पहली बार गवर्नर जनरल की परिषद के विधायी एवं प्रशासनिक कार्यों को अलग-अलग किया गया।
  • इस अधिनियम के तहत पहली बार भारतीय विधान परिषद में स्थानीय प्रतिनिधित्व प्रारंभ किया गया।
  • इस अधिनियम द्वारा बंगाल के लिये एक पृथक् लेफ्टिनेंट-गवर्नर की नियुक्ति की गई एवं गवर्नर जनरल को बंगाल के शासन भार से मुक्त कर दिया गया।

 

3. निम्नलिखित में से कौन-सा कथन असत्य है?
(A) 1813 के चार्टर एक्ट के तहत ईसाई मिशनरियों को भारत में कार्य करने की अनुमति प्रदान कर दी गई।
(B) 1813 के चार्टर एक्ट के द्वारा भारत में कंपनी के व्यापारिक एकाधिकार को पूर्णतः समाप्त कर दिया गया।
(C) 1833 के चार्टर एक्ट के द्वारा गवर्नर जनरल की परिषद में चौथे सदस्य के रूप में विधि सदस्य नियुक्त किया गया।
(D) 1833 के चार्टर एक्ट के द्वारा बंगाल के गवर्नर जनरल को भारत का गवर्नर जनरल बना दिया गया।

Show Answer/Hide

उत्तर -(B)

व्याख्या – कथन (b) गलत है, क्योंकि 1813 के चार्टर एक्ट  द्वारा भारत में कंपनी के व्यापारिक एकाधिकार को समाप्त कर दिया गया, परंतु चाय एवं चीन पर कंपनी का व्यापारिक एकाधिकार बना रहा। 1813 के चार्टर एक्ट द्वारा भारत में ईसाई धर्म के प्रचार की अनुमति प्रदान कर दी गई।

  • 1833 के चार्टर एक्ट के तहत गवर्नर जनरल की परिषद में विधि सदस्य के रूप में चौथे सदस्य की नियुक्ति की गई। लॉर्ड मैकाले को विधि सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया। लॉर्ड मैकाले की अध्यक्षता में भारत में पहला ‘विधि आयोग’ गठित हुआ।
  • 1833 के चार्टर एक्ट के तहत बंगाल के गवर्नर जनरल को भारत का गवर्नर जनरल बना दिया गया। गवर्नर जनरल की सरकार भारत की सरकार एवं उसकी परिषद भारतीय परिषद कहलाई। लॉर्ड विलियम बैंटिक भारत के प्रथम गवर्नर जनरल बने।
  • 1833 के चार्टर एक्ट द्वारा भारत में दास प्रथा को गैर-कानूनी घोषित कर दिया गया।
  • 1833 का चार्टर एक्ट में यह प्रावधान किया गया कि कंपनी के प्रदेशों में रहने वाले किसी भारतीय को धर्म, वंश, रंग या जन्म आदि के आधार पर कंपनी में किसी पद के लिये अयोग्य नहीं ठहराया जा सकता, परंतु कोर्ट ऑफ डायरेक्टर्स के विरोध के कारण इस प्रावधान को समाप्त कर दिया गया। आगे चलकर यह प्रावधान प्रशासन में भागीदारी का मुख्य आधार बना।

 

4. निम्नलिखित अधिनियमों पर विचार कीजियेः
1. 1793 का अधिनियम
2. 1813 का अधिनियम
3. 1833 का अधिनियम
4. 1853 का अधिनियम
उपर्युक्त में से कौन-से अधिनियम चार्टर अधिनियम के नाम से जाने जाते हैं?
(A) केवल 1 और 2
(B) केवल 1, 2 और 3
(C) केवल 2, 3 और 4
(D) 1, 2, 3 और 4

Show Answer/Hide

उत्तर – (D)

व्याख्या – उपर्युक्त सभी अधिनियम चार्टर अधिनियम के नाम से जाने जाते हैं। 1786 एवं 1857 के बीच ब्रिटिश संसद ने कंपनी के मामले में चार प्रमुख चार्टर अधिनियम पारित किये। उपरोक्त चार्टर अधिनियम 20-20 वर्ष के अंतराल पर पारित किये गए। इन्हें चार्टर अधिनियम इसलिये कहा जाता है, क्योंकि इन अधिनियमों के द्वारा कंपनी की आज्ञा-पत्र अवधि बढ़ाने के साथ-साथ कंपनी के अधिकार, कंपनी एवं सरकार के बीच संबंध, कंपनी के भारतीय प्रशासन में समय-समय पर महत्त्वपूर्ण बदलाव किये गए।

5. पिट्स इंडिया एक्ट, 1784 के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:
1. इस अधिनियम द्वारा द्वैध शासन व्यवस्था का प्रारंभ हुआ।
2. इस अधिनियम के द्वारा नियंत्रण मंडल (Board of Control) नाम से एक नए निकाय का गठन किया गया। जिसे व्यापार संबंधी प्रबंधन का कार्य सौंपा गया।
3. राजनीति संबंधी प्रबंधन का कार्य संचालक-मंडल (Court of Directors) के हाथों में सौंपा गया।
4.  कार्यकारी परिषद के सदस्यों की संख्या चार से घटाकर तीन कर दी गई।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही नहीं है/हैं?
(A) केवल 1
(B) केवल 2 और 3
(C) केवल 1 और 4
(D) केवल 1, 2, 3 और 4

Show Answer/Hide

उत्तर – (B)

व्याख्या – कथन 2 एवं 3 सही नहीं हैं, क्योंकि इस अधिनियम के द्वारा ब्रिटिश संसद द्वारा कंपनी के राजनीतिक एवं व्यापारिक कार्यों को पृथक् किया गया। व्यापार संबंधी कार्यों का प्रबंधन कंपनी के प्रतिनिधि संचालक मंडल (Court of Directors) के हाथों में सौंपा गया, जबकि राजनीतिक कार्यों के प्रबंधन के लिये ब्रिटिश संसद द्वारा ‘नियंत्रण-मंडल’ (Board of Control) नामक एक नए निकाय का गठन किया गया।

  • कंपनी के कार्यों को दो भागों में विभाजित किया गया: व्यापारिक एवं राजनीतिक संबंधित कार्य, जिन्हें क्रमशः कोर्ट ऑफ डायरेक्टर्स एवं बोर्ड ऑफ कंट्रोल के हाथों में सौंपा गया। इस प्रकार इस अधिनियम द्वारा द्वैध शासन व्यवस्था का प्रारंभ हुआ।
  • बंगाल के गवर्नर जनरल की सहायता के लिये रेग्यूलेटिंग एक्ट, 1773 में चार सदस्यीय एक कार्यकारी परिषद की स्थापना की गई थी। इस अधिनियम द्वारा इसकी सदस्य संख्या चार से घटाकर तीन कर दी गई ।
  • इस एक्ट से संबंधित विधेयक ब्रिटिश संसद में तत्कालीन ब्रिटिश प्रधानमंत्री पिट द यंगर ने प्रस्तुत किया था, इसलिये इस विधेयक को ‘पिट्स इंडिया एक्ट’ के नाम से जाना जाता है।

 

Read Also :
All Daily MCQs  Click Here
Uttarakhand Study Material in Hindi Language (हिंदी भाषा में) Click Here
Uttarakhand Study Material in English Language
Click Here 
Uttarakhand Study Material One Liner in Hindi Language
Click Here
Previous Year Solved Paper  Click Here
UP Study Material in Hindi Language   Click Here
Bihar Study Material in Hindi Language Click Here
MP Study Material in Hindi Language Click Here
Rajasthan Study Material in Hindi Language Click Here

Daily MCQs – संविधान एवं राजव्यवस्था – 20 May 2024 (Mon)

Daily MCQs : संविधान एवं राजव्यवस्था (Constitution and Polity)
20 May, 2024 (Monday)

1. रेग्यूलेटिंग एक्ट-1773 के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सही नहीं है?
(A) इस अधिनियम के अंतर्गत कलकत्ता में 1773 में एक सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना की गई थी।
(B) इस अधिनियम के द्वारा बंगाल के गवर्नर को बंगाल के गवर्नर जनरल पद नाम दिया गया।
(C) लॉर्ड वॉरेन हेस्टिंग्स बंगाल के प्रथम गवर्नर जनरल बने।
(D) इस अधिनियम के द्वारा भारत में ईस्ट इंडिया कंपनी पर नियंत्रण रखने का प्रथम प्रयास किया गया था।

Show Answer/Hide

उत्तर – (A) 

व्याख्या – कथन (a) सत्य नहीं है, क्योंकि रेग्यूलेटिंग एक्ट-1773 के द्वारा भारत में एक सर्वोच्च न्यायालय स्थापित करने संबंधी प्रावधान किया गया था, परंतु इसकी स्थापना वर्ष 1774 में कलकत्ता में की गई थी न कि 1773 में। इस सर्वोच्च न्यायालय में एक मुख्य न्यायाधीश एवं तीन अन्य न्यायाधीश थे। सर एलिजा इम्पे को मुख्य न्यायाधीश बनाया गया था।

  • इस अधिनियम के द्वारा बंगाल के गवर्नर को बंगाल का गवर्नर जनरल पद का नाम दिया गया। मद्रास एवं बंबई के गवर्नरों को बंगाल के गवर्नर जनरल के अंतर्गत कर दिया गया। गवर्नर जनरल की सहायता के लिये चार सदस्यों वाली एक कार्यकारी परिषद का गठन किया गया। बंगाल का पहला गवर्नर जनरल वॉरेन हेस्टिंग्स को बनाया गया।
  • इस अधिनियम के द्वारा ईस्ट इंडिया कंपनी पर नियंत्रण रखने के लिये प्रथम बार प्रयास किया गया था। इस अधिनियम में पहली बार भारत में कंपनी के राज के लिये लिखित संविधान प्रस्तुत किया गया तथा कंपनी के राजनीतिक एवं प्रशासनिक उत्तरदायित्वों को स्वीकार किया गया।
  • रेग्यूलेटिंग एक्ट 1773 की कमियों को दूर करने के लिये ब्रिटिश  संसद द्वारा 1781 में एक संशोधन अधिनियम पारित किया गया, जिसे ‘एक्ट ऑफ सैटलमेंट’ के नाम से जाना जाता है।

 

2. निम्नलिखित पर विचार कीजियेः
1. प्रांतीय स्वायत्तता
2. प्रांतों में द्वैध शासन
3. संघीय व्यवस्था
4. संघीय न्यायालय की स्थापना
5. भारतीय रिज़र्व बैंक की स्थापना
उपरोक्त में से कौन-से भारत शासन अधिनियम, 1935 के संदर्भ में सही हैं?
(A) केवल 1, 2 और 3
(B) केवल 1, 2, 3 और 4
(C) केवल 1, 3, 4 और 5
(D) उपरोक्त सभी

Show Answer/Hide

उत्तरः (C)

व्याख्या – कथन 2 असत्य है, क्योंकि भारत शासन अधिनियम, 1935 के द्वारा अधिनियम, 1919 में लागू की गई प्रांतों में द्वैध शासन व्यवस्था समाप्त करके केंद्र में द्वैध शासन की स्थापना की गई। केंद्रीय विषयों को आरक्षित एवं हस्तांतरित भागों में विभाजित किया गया। प्रतिरक्षा, वैदेशिक मामले, धार्मिक मामले (ईसाई धर्म संबंधी) तथा कबाइली क्षेत्र आरक्षित विषय थे।

  • इस अधिनियम के द्वारा प्रांतीय स्वायत्तता लागू की गई, क्योंकि प्रत्येक प्रांत में एक कार्यपालिका एवं विधानमंडल की स्थापना की गई थी। गवर्नर को उन मंत्रियों की सलाह पर कार्य करना पड़ता था, जो विधान परिषद के प्रति उत्तरदायी होते थे।
  • इस अधिनियम के द्वारा एक अखिल भारतीय संघ की स्थापना का प्रावधान किया गया था, जो ब्रिटिश शासन के प्रांतों एवं उन देशी रियासतों, जो स्वेच्छा से शामिल होना चाहते थे, से मिलकर बनने वाला था। तीन सूचियों-संघ सूची, राज्य सूची एवं समवर्ती सूची का बँटवारा केंद्र एवं राज्यों के बीच होना था। अवशिष्ट शक्तियाँ वायसराय को दी गई थीं, परंतु यह अखिल भारतीय संघ अस्तित्व में आ न सका, क्योंकि देशी रियासतों ने इसमें शामिल होने से इनकार कर दिया था।
  • इस अधिनियम द्वारा संघ की राजधानी दिल्ली में एक संघीय न्यायालय का प्रावधान किया गया था। इसमें एक मुख्य न्यायाधीश, तीन अन्य न्यायाधीश एवं दो अतिरिक्त न्यायाधीशों का प्रावधान था। सम्राट द्वारा न्यायाधीश का चुनाव किया जाना था, जो 65 वर्ष की आयु तक अपने पद पर रह सकता था। सन् 1937 में एक संघीय न्यायालय की स्थापना की गई।
  • इस अधिनियम के तहत एक भारतीय रिज़र्व बैंक की स्थापना की गई।
  • इस अधिनियम के द्वारा संघीय लोक सेवा के अतिरिक्त प्रांतीय सेवा आयोग एवं दो या अधिक राज्यों के लिये संयुक्त सेवा आयोग की स्थापना की गई।
  • गवर्नर जनरल आपातकाल की घोषणा कर छः माह के लिये केंद्रीय सरकार के सभी कार्यों को सीधे अपने उत्तरदायित्व में ले सकता था।

 

3. भारत शासन अधिनियम, 1919 के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन असत्य है?
(A) इस अधिनियम ने भारत में आंशिक रूप से उत्तरदायी शासन व्यवस्था की स्थापना की।
(B) इस अधिनियम के द्वारा केंद्र में द्विसदनीय व्यवस्था प्रारंभ की गई।
(C) इस अधिनियम द्वारा केंद्र में द्वैध शासन की स्थापना की गई।
(D) इस अधिनियम द्वारा पृथक् निर्वाचन प्रणाली का विस्तार किया गया।

Show Answer/Hide

उत्तर – (C)

व्याख्या – कथन (c) गलत है, क्योंकि भारत शासन अधिनियम, 1919 के द्वारा केंद्र में नहीं, बल्कि प्रांतों में द्वैध शासन प्रणाली की स्थापना हुई। प्रांतीय विषयों को दो भागों में विभाजित किया गया था: हस्तांतरित एवं आरक्षित विषय।

  • हस्तांतरित विषय पर गवर्नर का शासन होता था और इन कार्यों में वह उन मंत्रियों की सहायता लेता था, जो विधान परिषद के प्रति उत्तरदायी थे। आरक्षित विषयों पर गवर्नर, कार्यपालिका परिषद की सहायता से कार्य करता था और कार्यपालिका परिषद विधान परिषद के प्रति उत्तरदायी नहीं थी। शिक्षा, स्वास्थ्य आदि हस्तांतरित विषय थे, जबकि पुलिस, जेल, न्याय, वित्त, राजस्व आदि आरक्षित विषय थे।
  • भारत शासन अधिनियम, 1919 ने भारत में आंशिक रूप से (Partially) उत्तरदायी शासन की स्थापना की। इस अधिनियम के द्वारा ब्रिटिश संसद ने पहली बार भारत में उत्तरदायी प्रशासन की दिशा में कदम बढ़ाया। इस अधिनियम में प्रांतीय स्तर पर संसदीय शासन व्यवस्था की झलक मिलती है।
  • इस अधिनियम द्वारा केंद्र में पहली बार द्विसदनीय व्यवस्था प्रारंभ की गई-
    • (i)  राज्य परिषद (Council of State)- ऊपरी सदन (5 वर्ष के लिये)
    • (ii) विधान सभा (Legislative Assembly)- निचला सदन (3 वर्ष के लिये)
  • इस अधिनियम द्वारा पृथक् निर्वाचन प्रणाली का विस्तार मुस्लिमों के अलावा सिखों, भारतीय ईसाइयों, आंग्ल-भारतीयों एवं यूरोपियों तक किया गया।
  • इस अधिनियम द्वारा केंद्र एवं प्रांतीय विषयों की सूची पहचान कर पृथक् किया गया तथा केंद्रीय एवं प्रांतीय विधान परिषदों को अपनी सूचियों के विषयों पर विधान बनाने की शक्ति प्रदान की गई। यातायात, डाकतार, सुरक्षा एवं वैदेशिक मामले केंद्रीय विषय के अंतर्गत तथा कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य, स्थानीय प्रशासन प्रांतीय विषयों के अंतर्गत शामिल किये गए।
  • संपत्ति, कर या शिक्षा के आधार पर सीमित संख्या में लोगों को मताधिकार प्रदान किया गया।
  • इस अधिनियम के द्वारा एक लोकसेवा आयोग का गठन किया गया तथा ली आयोग की सिफारिश पर सन् 1926 में सिविल सेवकों की भर्ती के लिये केंद्रीय लोक सेवा आयोग का गठन किया गया।
  • इस अधिनियम द्वारा केंद्रीय बजट को राज्यों के बजट से अलग किया गया।
  • इस अधिनियम द्वारा एक वैधानिक आयोग का गठन किया गया।
  • इस अधिनियम द्वारा लंदन में भारत के उच्चायुक्त कार्यालय का सृजन किया गया।
  • भारत शासन अधिनियम, 1919 मोंटेग्यू-चेम्सफोर्ड सुधार पर आधारित, जिसकी घोषणा 20 अगस्त, 1917 में की गई तथा यह अधिनियम सन् 1921 में लागू हुआ एवं 1937 तक भारत में लागू रहा।

 

4. भारतीय परिषद अधिनियम, 1909 के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन-सा/से कथन सत्य है/हैं?
1. इस अधिनियम के द्वारा पहली बार विधान परिषद को बजट पर बहस करने की शक्ति प्राप्त हुई।
2. इस अधिनियम के द्वारा सांप्रदायिक निर्वाचन प्रणाली की शुरुआत हुई।
3. यह अधिनियम मोंटेग्यू-चेम्सफोर्ड सुधार के नाम से जाना जाता है।
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर का चयन कीजिये:
(A) केवल 1 और 2
(B) केवल 2
(C) केवल 1 और 3
(D) 1, 2 और 3

Show Answer/Hide

उत्तर – (B)

व्याख्या – कथन 1 और 3 असत्य हैं, क्योंकि विधान परिषद को बजट पर बहस करने का अधिकार पहली बार भारत परिषद अधिनियम, 1892 द्वारा प्रदान किया गया था, परंतु बजट पर मतदान करने एवं पूरक प्रश्न पूछने की शक्ति प्रदान नहीं की गई थी। बजट पर मतदान करने एवं पूरक प्रश्न पूछने तथा सार्वजनिक हित के विषयों पर प्रस्ताव पेश करने की शक्ति विधान परिषद को भारतीय परिषद अधिनियम, 1909 के द्वारा प्राप्त हुई।

  • इस अधिनियम के द्वारा सांप्रदायिक निर्वाचन प्रणाली अथवा पृथक निर्वाचन की व्यवस्था की गई अर्थात् मुस्लिम सदस्यों का चुनाव केवल मुस्लिम मतदाता ही कर सकते थे।
  • इस अधिनियम को मॉर्ले-मिंटो सुधार के नाम से जाना जाता है, न कि मोंटेग्यू-चेम्सफोर्ड सुधार। मार्ले भारत-सचिव एवं लॉर्ड मिंटो भारत के वायसराय थे।
  • लॉर्ड मिंटो को सांप्रदायिक निर्वाचन के जनक के रूप में जाना जाता है।
  • सत्येंद्र सिन्हा वायसराय की कार्यपालिका परिषद के प्रथम भारतीय सदस्य बने। इन्हें विधि सदस्य बनाया गया था।

 

5. भारत परिषद अधिनियम, 1861 के विषय में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन असत्य है?
(A) इस अधिनियम के द्वारा पहली बार भारतीय प्रतिनिधियों को कानून बनाने की प्रक्रिया में शामिल किया गया।
(B) इस अधिनियम ने विकेंद्रीकरण प्रक्रिया का प्रारंभ किया।
(C)  इस अधिनियम ने वायसराय को अध्यादेश निकालने की शक्ति प्रदान की, जिसकी अवधि एक वर्ष थी।
(D)  इस अधिनियम ने कैनिंग के द्वारा प्रारंभ की गई पोर्टफोलियो प्रणाली को मान्यता प्रदान की।

Show Answer/Hide

उत्तर – (C) 

व्याख्या – कथन (c) असत्य है, क्योंकि यह अधिनियम वायसराय को आपातकाल में परिषद की संस्तुति के बिना अध्यादेश जारी करने की शक्ति प्रदान करता है, परंतु इसकी अवधि एक वर्ष नहीं, बल्कि छः माह होती थी।

  • इस अधिनियम के द्वारा पहली बार भारतीय प्रतिनिधियों को कानून बनाने की प्रक्रिया में शामिल किया गया। सन् 1862 में लॉर्ड कैनिंग द्वारा तीन भारतीयों: बनारस के राजा, पटियाला के महाराज एवं सर दिनकर राव को गैर-सरकारी सदस्य के रूप में विधान परिषद में मनोनीत किया गया।
  • इस अधिनियम द्वारा रेग्यूलेटिंग एक्ट, 1773 में प्रारंभ की गई केंद्रीकरण की प्रवृत्ति को बदल दिया गया एवं विकेन्द्रीकरण की प्रक्रिया प्रारंभ की गई। मद्रास एवं बंबई प्रेसीडेंसियों को विधायी शक्तियाँ पुनः प्रदान की गईं।
  • इस अधिनियम के आधार पर बंगाल (1862), उत्तर-पश्चिम सीमा प्रांत (1866) एवं पंजाब (1897) में विधान परिषदों का गठन हुआ।
  • इस अधिनियम ने लॉर्ड कैनिंग द्वारा 1859 में प्रारंभ की गई पोर्टफोलियो प्रणाली को मान्यता प्रदान की गई।

 

Read Also :
All Daily MCQs  Click Here
Uttarakhand Study Material in Hindi Language (हिंदी भाषा में) Click Here
Uttarakhand Study Material in English Language
Click Here 
Uttarakhand Study Material One Liner in Hindi Language
Click Here
Previous Year Solved Paper  Click Here
UP Study Material in Hindi Language   Click Here
Bihar Study Material in Hindi Language Click Here
MP Study Material in Hindi Language Click Here
Rajasthan Study Material in Hindi Language Click Here

Daily MCQs – संविधान एवं राजव्यवस्था – 13 May 2024 (Mon)

Daily MCQs : संविधान एवं राजव्यवस्था (Constitution and Polity)
13 May, 2024 (Monday)

1. निम्नलिखित में से कौन संविधान प्रारूप समिति के सदस्य नहीं थे?
1. जे.बी. कृपलानी

2. सरदार पटेल
3. गोपालास्वामी आयंगर
4. अल्लादी कृष्णस्वामी अय्यर
5. टी.टी. कृष्णामचारी
कूटः
(A) केवल 1 और 2
(B) केवल 1, 2 और 3
(C) केवल 1, 2 और 5
(D) केवल 1, 4 और 5

Show Answer/Hide

उत्तर – (A) 

व्याख्या – सरदार पटेल एवं जे.बी. कृपलानी संविधान प्रारूप समिति के सदस्य नहीं थे, इसके अतिरिक्त सभी इसके सदस्य थे। संविधान प्रारूप समिति का गठन 29 अगस्त, 1947 में किया गया था, जिसमें अध्यक्ष सहित निम्नलिखित सात सदस्य थे, जो निम्नलिखित थे-
1. डॉ. बी.आर. अंबेडकर – अध्यक्ष
2. एन. गोपालास्वामी आयंगर

3. अल्लादी कृष्णस्वामी अय्यर
4. डॉ. के.एम. मुंशी
5. सैय्यद मोहम्मद सादुल्ला
6. एन. माधव राव (बी.एल. मित्र के स्थान पर)
7. टी.टी. कृष्णामाचारी (डी.पी. खेतान की मृत्यु के पश्चात्)

संविधान सभा एवं संविधान प्रारूप के संबंध में कुछ अन्य बातें:

  • बी.एन. राव (जो संविधान सभा के संवैधानिक सलाहकार थे) द्वारा संविधान का पहला प्रारूप तैयार किया गया था।
  • इसके मूल प्रारूप में 243 अनुच्छेद एवं 13 अनुसूचियाँ थीं।
  • के.एम. मुंशी संविधान प्रारूप समिति के मूलतः एकमात्र कांग्रेसी सदस्य थे।
  • डॉ. अंबेडकर संविधान सभा में बंबई प्रेसीडेंसी से निर्वाचित हुए थे।

 

2. निम्नलिखित में से कौन-सा कथन असत्य है?
(A) भारतीय संविधान बनने में 2 वर्ष 11 महीने एवं 18 दिन लगे।
(B) भारतीय संविधान के निर्माण होने तक संविधान सभा की कुल 11 बैठकें आयोजित की गईं।
(C) संविधान सभा ने राष्ट्रगान को 26 जनवरी, 1950 को अपनाया।
(D) संविधान सभा निर्माण संबंधी सर्वप्रथम विचार 1934 में प्रस्तुत किया गया।

Show Answer/Hide

उत्तरः (C)

व्याख्या – कथन (C) असत्य है, क्योंकि संविधान सभा द्वारा राष्ट्रगान एवं राष्ट्रगीत 24 जनवरी,1950 में अपनाया गया। 24 जनवरी, 1950 को डॉ. राजेंद्र प्रसाद को भारत का प्रथम राष्ट्रपति चुना गया।

  • भारतीय संविधान को बनने में 2 वर्ष 11 महीने और 18 दिन लगे। इसमें संविधान सभा की कुल 11 बैठकें आयोजित की गई थीं। प्रथम बैठक 9-23 दिसंबर, 1946 में एवं 11वीं बैठक 14-26 नवंबर, 1949 में आयोजित की गई थी। संविधान सभा की अंतिम बैठक 24 जनवरी, 1950 को आयोजित की गई। इस बैठक में संविधान सभा के सदस्यों ने संविधान पर हस्ताक्षर किये।
  • नई संसद के निर्माण तक संविधान सभा अंतरिम संसद के रूप में कार्य करती रही।
  • भारत में संविधान सभा के गठन का विचार वर्ष 1934 में पहली बार भारत में वामपंथी आंदोलन के नेता एम.एन.राय द्वारा रखा गया था, परंतु भारतीयों की ओर से संविधान सभा की मांग रखने का प्रथम प्रयास वर्ष 1934 में स्वराज पार्टी द्वारा किया गया। उसने एक प्रस्ताव पारित कर कहा कि वयस्क मताधिकार के आधार पर निर्वाचित भारतीय प्रतिनिधियों की एक संविधान सभा होगी, जो संविधान का निर्माण करेगी। इसके बाद वर्ष 1935 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने पहली बार भारत के संविधान के निर्माण के लिये आधिकारिक रूप से संविधान सभा के गठन की मांग की।

 

3. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः
1. संविधान सभा द्वारा राष्ट्रीय ध्वज के प्रारूप को 22 जुलाई,1947 को अपनाया गया था।
2. राष्ट्रीय ध्वज के बीच के चक्र में कुल तीलियाँ 24 हैं।
3. राष्ट्रीय ध्वज की लंबाई-चौड़ाई का अनुपात 4 : 3 है।
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर का चयन कीजियेः
(A) केवल 1 और 2
(B) केवल 2
(C) केवल 2 और 3
(D) 1, 2, 3 और 4

Show Answer/Hide

उत्तर – (A)

व्याख्या – कथन 3 गलत है, क्योंकि राष्ट्रीय ध्वज की लंबाई-चौड़ाई का अनुपात 3 : 2 है।

  • संविधान सभा की कुल 12 बैठकें आयोजित की गई थीं। अंतिम बैठक 24 जनवरी, 1950 को आयोजित की गई, जब इसके सदस्यों ने संविधान पर हस्ताक्षर किये थे। संविधान सभा ने अपने चौथे अधिवेशन में 22 जुलाई 1947 को राष्ट्रीय ध्वज के प्रारूप को स्वीकार किया था।
  • राष्ट्रीय ध्वज के बीच के चक्र में कुल तीलियों की संख्या 24 है।

संविधान सभा से संबंधित कुछ अन्य तथ्यः

  • ग्रेनविले ऑस्टिन ने अपनी पुस्तक ‘द इंडियन कॉन्स्टीट्यूशन’ में लिखा है कि ‘संविधान सभा एकदलीय निकाय है। सभा ही कांग्रेस है और कांग्रेस ही भारत है।’
  • लॉर्ड विसकाउण्ट ने संविधान सभा को हिंदुओं का निकाय कहा है।
  • विंस्टन चर्चिल के अनुसार संविधान सभा ने भारत के केवल एक बड़े समुदाय का प्रतिनिधित्व किया है।
  • आइवर जेनिंग्स के अनुसार भारतीय संविधान निर्माताओं ने भारतीय संघ में अल्पसंख्यक हितों एवं भावनाओं को न्यूनतम रखने का प्रयास किया है।

 

4. निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा असत्य है?
(A) संविधान सभा ने अनेक समितियों के माध्यम से कार्य किया था।
(B) संविधान सभा के प्रथम अध्यक्ष डॉ. राजेंद्र प्रसाद बने थे।
(C) उद्देश्य प्रस्ताव पं. जवाहरलाल नेहरू के द्वारा प्रस्तुत किया गया था।
(D) संविधान सभा में सभी समुदायों को पर्याप्त प्रतिनिधित्व प्रदान किया गया था।

Show Answer/Hide

उत्तर – (B)

व्याख्या – कथन (B) गलत है, क्योंकि संविधान सभा की प्रथम बैठक 9 दिसंबर, 1946 में हुई थी, जिसमें डॉ. सच्चिदानंद सिन्हा को अस्थायी अध्यक्ष बनाया गया था। 11 दिसंबर, 1946 को डॉ. राजेंद्र प्रसाद को संविधान सभा का स्थायी अध्यक्ष बनाया गया।

  • संविधान सभा में आठ बड़ी समितियाँ तथा अन्य छोटी समितियाँ थीं। संविधान सभा इन सभी समितियों के माध्यम से अपना कार्य करती थी।
  • संविधान सभा में ‘उद्देश्य प्रस्ताव’ 13 दिसंबर, 1946 में पं. जवाहरलाल नेहरू के द्वारा प्रस्तुत किया गया था, जिसे संविधान सभा ने 22 जनवरी, 1947 में पारित किया था।
  • संविधान सभा में सभी समुदायों को उचित प्रतिनिधित्व प्रदान किया गया था, जैसे-हिंदू, मुस्लिम, सिख, पारसी, आंग्ल-भारतीय, भारतीय ईसाई, अनुसूचित जाति एवं जनजातियाँ, महिलाएँ आदि।
  • संविधान सभा में 15 महिला सदस्य एवं 28 अनुसूचित जाति के सदस्य थे।
  • संविधान सभा से संबंधित कुछ अन्य बातें: कैबिनेट मिशन के तहत संविधान सभा की कुल सदस्य संख्या-389 होनी थी, परंतु भारत विभाजन के पश्चात् संविधान सभा की सदस्य संख्या घटकर 299 रह गई । 26 नवंबर, 1949 को 284 सदस्य उपस्थित हुए और अंतिम रूप से पारित संविधान पर हस्ताक्षर किये थे।

 

5. संविधान सभा के विषय में निम्नलिखित में से कौन-से कथन सत्य हैं?
1. इसकी रचना कैबिनेट मिशन के प्रस्ताव पर आधारित थी।
2. इसके सदस्यों का चुनाव सीमित मताधिकार के आधार पर किया गया था।
3. इसके सदस्यों का निर्वाचन सार्वभौम वयस्क मताधिकार के आधार पर किया गया था।
4. यह एक बहुदलीय निकाय थी।
कूट :
(A) केवल 1 और 2
(B) केवल 1 और 3
(C) केवल 1, 2 और 4
(D) केवल 1, 3 और 4

Show Answer/Hide

उत्तर – (C)

व्याख्या – कथन 3 गलत है, क्योंकि संविधान सभा के सदस्यों का निर्वाचन जनता द्वारा प्रत्यक्ष रूप से नहीं किया गया था, बल्कि 1935 में स्थापित प्रांतीय विधानसभाओं के सदस्यों द्वारा अप्रत्यक्ष विधि से किया गया था।

  • संविधान सभा की रचना वैसी थी,जैसा कि कैबिनेट मिशन,1946 में प्रस्तावित था। इसकी सीटें जनसंख्या के अनुपात में निर्धारित की गई थीं। मोटेतौर पर 10 लाख की जनसंख्या पर एक सीट का अनुपात रखा गया था।
  • इसके चुनाव में सीमित मताधिकार का प्रयोग किया गया था,जैसे:कर,संपत्ति एवं शैक्षणिक योग्यता के आधार पर सीमित किया गया था।
  • इसमें कांग्रेस एवं मुस्लिम लीग के अलावा अन्य छोटे-छोटे दल एवं समूह शामिल थे,जैसे-कृषक प्रजा पार्टी, कम्यूनिस्ट पार्टी, यूनियनिस्ट पार्टी आदि। अतः संविधान सभा एक बहुदलीय निकाय थी।

 

Read Also :
All Daily MCQs  Click Here
Uttarakhand Study Material in Hindi Language (हिंदी भाषा में) Click Here
Uttarakhand Study Material in English Language
Click Here 
Uttarakhand Study Material One Liner in Hindi Language
Click Here
Previous Year Solved Paper  Click Here
UP Study Material in Hindi Language   Click Here
Bihar Study Material in Hindi Language Click Here
MP Study Material in Hindi Language Click Here
Rajasthan Study Material in Hindi Language Click Here

Daily MCQs – संविधान एवं राजव्यवस्था – 06 May 2024 (Mon)

Daily MCQs : संविधान एवं राजव्यवस्था (Constitution and Polity)
06 May 2024 (Monday)

1. निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सही नहीं है?
(A) भारत शासन अधिनियम, 1935 के प्रावधानों के अनुरूप बर्मा को भारत से अलग कर दिया गया।

(B) वर्तमान में भारत में राष्ट्रपति को अध्यादेश निर्गत करने की शक्ति भारत शासन अधिनियम, 1935 से प्रेरित है।
(C) भारत शासन अधिनियम, 1935 में भारत के लिये एक लिखित संविधान का प्रावधान किया गया था।
(D) भारत शासन अधिनियम 1935 में पहली बार प्रांतीय स्तर पर द्विसदनीय विधानमंडल की स्थापना की गई।

Show Answer/Hide

उत्तर – (C)

व्याख्या – भारत शासन अधिनियम,1935 में भारत के लिये एक लिखित संविधान का उल्लेख नहीं किया गया था। भारत में संविधान का सर्वप्रथम उल्लेख क्रिप्स मिशन में किया गया था। अतः कथन (C) असत्य है

  • भारत शासन अधिनियम, 1935 के प्रावधानों के अनुरूप सन् 1937 में बर्मा को भारत से अलग कर दिया गया।
  • वर्तमान में भारत में राष्ट्रपति को जो अध्यादेश (अनुच्छेद-123)निकालने की शक्ति है,वह भारत शासन अधिनियम,1935 से प्रेरित है।
  • भारत शासन अधिनियम,1935 में प्रांतीय स्वायत्तता का प्रावधान किया गया था,इसके तहत एक प्रांतीय कार्यपालिका एवं प्रांतीय विधानमंडल का प्रावधान किया गया था। इस अधिनियम द्वारा प्रांतीय स्तर पर पहली बार द्विसदनीय विधान मंडल की स्थापना की गई थी। छः प्रांतों में दो सदनों की व्यवस्था थी:मद्रास, बंबई, बंगाल, बिहार, संयुक्त प्रांत एवं असम।
  • भारत शासन अधिनियम 1935 ‘श्वेत पत्र’ पर आधारित है, जिसे विभिन्न गोलमेज सम्मेलन के परिणामस्वरूप तैयार किया गया था।

2. सूची- I को सूची- II से सुमेलित कीजियेः

सूची-I
(भारतीय संविधान के लक्षण)
सूची-II
(संबंधित देश)
A. समवर्ती सूची 1. जर्मनी
B. संघात्मक व्यवस्था 2.कनाडा
C. आपात उपबंध 3. रूस (पूर्व सोवियत संघ)
D. मूल कर्त्तव्य 4. ऑस्ट्रेलिया

कूटः
.   A B C D

(A) 1 2 3 4
(B) 1 2 4 3
(C) 4 2 1 3
(D) 3 2 4 1

Show Answer/Hide

उत्तर – (C)

व्याख्या –

  • समवर्ती सूची – ऑस्ट्रेलिया के संविधान से समवर्ती सूची  (विस्तृत उभयनिष्ठ सूची)एवं दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को अपनाया गया है।
  • संघात्मक व्यवस्था – कनाडा के संविधान से सशक्त केन्द्र के साथ संघीय व्यवस्था, अवशिष्ट शक्तियाँ तथा केन्द्र द्वारा राज्यपाल की नियुक्ति के प्रावधानों को अपनाया गया है।
  • आपात उपबंध – जर्मनी के संविधान (वीमर) से आपात उपबंध लिया गया है।
  • मूल कर्त्तव्य – रूस (पूर्व सोवियत संघ) के संविधान से लिया गया है।
  • संविधान में संशोधन की प्रक्रिया – दक्षिण अफ्रीका के संविधान से संविधान में संशोधन की प्रक्रिया एवं राज्य सभा के सदस्यों का निर्वाचन को लिया गया है।
  • गणतंत्रात्मक व्यवस्था – फ्राँस के संविधान से लिया गया है। इसके अलावा स्वतंत्रता, समानता एवं बंधुत्व का सिद्धांत लिया गया है।
  • राज्य के नीति निदेशक तत्त्व – आयरलैण्ड के संविधान से राज्य के नीति निदेशक तत्त्व, राज्य सभा में प्रतिभा, अनुभव एवं सेवा के आधार पर मनोनयन एवं राष्ट्रपति की निर्वाचन पद्धति को अपनाया गया है।
  • संसदीय शासन प्रणाली – ब्रिटेन के संविधान से संसदीय शासन प्रणाली, विधि का शासन, विधायी प्रक्रिया, मंत्रिमंडल प्रणाली, एकल नागरिकता आदि अपनाया गया है।
  • उद्देशिका – संयुक्त राज्य अमेरिका के संविधान से उद्देशिका, स्वतंत्र न्यायपालिका, न्यायिक पुनरावलोकन, मूल अधिकार, उप-राष्ट्रपति का पद, राष्ट्रपति पर महाभियोग आदि लिया गया है।
  • विधि द्वारा स्थापित प्रक्रिया – इसे जापान के संविधान से लिया गया है।

 

3. भारत एवं ब्रिटिश संविधान के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सत्य है?
(A)  दोनों देशों में संसदीय प्रणाली का प्रावधान है।

(B) दोनों देशों में एक स्वतंत्र न्यायपालिका का प्रावधान है।
(C) दोनों देशों ने संघात्मक व्यवस्था को अपनाया है।
(D) दोनों देशों का संविधान नम्य (लचीला) है।

Show Answer/Hide

उत्तर – (A)

व्याख्या – कथन (A) सही है, क्योंकि भारत एवं ब्रिटेन में संसदीय प्रणाली को अपनाया गया है। इसमें वास्तविक एवं नाममात्र कार्यपालिका का प्रावधान है। सामूहिक उत्तरदायित्व प्रणाली को अपनाया गया है,अर्थात कार्यपालिका विधानमंडल के प्रति उत्तरदायी रहती है। अमेरिका में अध्यक्षात्मक प्रणाली को अपनाया गया है।

  • भारत एवं अमेरिका में संघात्मक प्रणाली को अपनाया गया है, जबकि ब्रिटेन में एकात्मक प्रणाली को अपनाया गया है।
  • भारत एवं अमेरिका में संविधान के निर्वचन (व्याख्या) के लिये एक स्वतंत्र न्यायालय का प्रावधान किया गया है, जबकि ब्रिटेन में स्वतंत्र न्यायपालिका का अभाव है। इसलिये भारत एवं अमेरिका में न्यायिक पुनरावलोकन का प्रावधान है, जबकि ब्रिटेन में इसका अभाव है। ब्रिटेन में संसद सबसे अधिक प्रभावशाली है।
  • अमेरिकी संविधान कठोर संविधान का उदाहरण है, जबकि ब्रिटेन का संविधान नम्य संविधान का उदाहरण है, वहीं भारत का संविधान कठोर एवं नम्य संविधान का मिश्रण है।
  • भारत में गणतंत्रात्मक प्रणाली को अपनाया गया है, क्योंकि भारत में राष्ट्रपति का चुनाव जनता द्वारा अप्रत्यक्ष विधि से किया जाता है, जबकि ब्रिटेन में राजतंत्र प्रणाली को अपनाया गया है, क्योंकि वहाँ सम्राट का चुनाव वंश परम्परा के आधार पर किया जाता है।

 

4. भारत एवं अमेरिका के संविधान के विषय में निम्नलिखित में से कौन-सा प्रावधान एक-समान है?
(A) दोनों में एकल नागरिकता का प्रावधान है।

(B) दोनों में इकहरी न्यायपालिका पाई जाती है।
(C) दोनों के संविधान में तीन सूचियाँ हैं।
(D) संविधान के निर्वचन (व्याख्या) के लिये एक स्वतंत्र न्यायपालिका पाई जाती है।

Show Answer/Hide

उत्तर – (D)

व्याख्या – उपरोक्त में से विकल्प (D) सत्य है, क्योंकि अमेरिका एवं भारत में संविधान के निर्वचन के लिये एक स्वतंत्र न्यायपालिका पाई जाती है, जिसे न्यायिक पुनरावलोकन की शक्ति प्राप्त है।

  • भारत में एकल नागरिकता का प्रावधान किया गया है, जबकि संयुक्त राज्य अमेरिका में केन्द्र एवं राज्य के लिये अलग-अलग नागरिकता का प्रावधान है।
  • भारत में इकहरी न्यायपालिका है, जबकि अमेरिका में न्यायपालिका की द्वैधता है, अर्थात केन्द्र एवं राज्य की अपनी न्यायपालिका है।
  • भारत के संविधान में तीन प्रकार की सूची हैं- संघ सूची, राज्य सूची एवं समवर्ती सूची, वहीं अमेरिका में संघ से संबंधित विषयों को लिख दिया गया है एवं शेष शक्ति राज्यों को सौंप दी गई है। भारत में अवशिष्ट शक्तियाँ केन्द्र के पास हैं, जबकि अमेरिका में राज्यों के पास हैं।
  • लिखित संविधान का प्रारंभ अमेरिका से हुआ, परन्तु अमेरिका का संविधान विश्व का सबसे छोटा लिखित संविधान है, जिसके मूल संविधान में केवल सात अनुच्छेद हैं। वहीं भारत का संविधान विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान है। भारत के मूल संविधान में 395 अनुच्छेद, 22 भाग एवं 8 अनुसूचियाँ (अब 12 अनुसूचियाँ) हैं।

 

5. सूची -I को सूची- II से सुमेलित कीजियेः

सूची-I सूची-II
A. संचालन समिति 1. पं. जवाहरलाल नेहरू
B. प्रांतीय संविधान समिति 2. जे.बी. कृपलानी
C. संघीय संविधान समिति 3. सरदार पटेल
D. मूल अधिकार उप-समिति 4. डॉ. राजेंद्र प्रसाद

कूटः
.  A B C D

(A) 1 2 3 4
(B) 1 2 4 3
(C) 4 3 1 2
(D) 4 3 2 1

Show Answer/Hide

उत्तर – (C)

व्याख्या – संविधान सभा के द्वारा संविधान निर्माण से संबंधित विभिन्न कार्यों को करने के लिये कई समितियों का गठन किया गया, जिनमें 8 बड़ी समितियाँ तथा अन्य छोटी समितियाँ थीं जिसमें से कुछ महत्त्वपूर्ण समितियों की सूची इस प्रकार है –

समितियाँ अध्यक्ष
1. संघ शक्ति समिति  पं. जवाहरलाल नेहरू
2. संघीय संविधान समिति पं. जवाहरलाल नेहरू
3. प्रांतीय संविधान समिति सरदार पटेल
4. संचालन समिति डॉ. राजेंद्र प्रसाद
5. प्रक्रिया नियम समिति डॉ. राजेंद्र प्रसाद
6. देशी रियासतों से वार्ता के लिये बनी समिति डॉ. राजेंद्र प्रसाद
7. मौलिक अधिकार उपसमिति जे.बी. कृपलानी
8. अल्पसंख्यक उपसमिति एच.सी. मुखर्जी
9. सलाहकार समिति (परामर्शदाता समिति) सरदार पटेल
10. प्रारूप समिति डॉ. अंबेडकर
11. राष्ट्रध्वज संबंधी तदर्थ समिति डॉ. राजेंद्र प्रसाद
12. राज्यों से वार्ता के लिये बनी समिति पं. जवाहरलाल नेहरू

 

Read Also :
All Daily MCQs  Click Here
Uttarakhand Study Material in Hindi Language (हिंदी भाषा में) Click Here
Uttarakhand Study Material in English Language
Click Here 
Uttarakhand Study Material One Liner in Hindi Language
Click Here
Previous Year Solved Paper  Click Here
UP Study Material in Hindi Language   Click Here
Bihar Study Material in Hindi Language Click Here
MP Study Material in Hindi Language Click Here
Rajasthan Study Material in Hindi Language Click Here
error: Content is protected !!