Daily MCQs India & World Geography

Daily MCQs – भारत एवं विश्व का भूगोल – 04 March 2025 (Tuesday)

Daily MCQs : भारत एवं विश्व का भूगोल (India and World Geography)
04 March, 2025 (Tuesday)

1. पश्चिमी घाट के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. पश्चिमी घाट की ऊँचाई उत्तर से दक्षिण की ओर घटती जाती है।
2. अधिकांश प्रायद्वीपीय नदियों की उत्पत्ति पश्चिमी घाट से होती है।
3. पश्चिमी घाट सतत् है तथा इसे केवल दर्रों के द्वारा ही पार किया जा सकता है।
उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं?
(A) केवल एक
(B) केवल दो
(C) सभी तीन
(D) कोई भी नहीं

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उत्तर – (B) 

व्याख्या – पश्चिमी घाट की ऊँचाई उत्तर से दक्षिण की ओर बढ़ती चली जाती है न कि घटती जाती है। अतः कथन 1 सही नहीं है
ज़्यादातर प्रायद्वीपीय नदियों की उत्पत्ति पश्चिमी घाट से होती है, जैसे-कृष्णा, कावेरी, गोदावरी, भीमा, तुंगभद्रा आदि। अतः कथन 2 सही है
पश्चिमी घाट पश्चिमी तट के समानांतर स्थित हैं, तथा वे सतत् हैं और उन्हें केवल दर्रों के द्वारा ही पार किया जा सकता है। अतः कथन 3 सही है

2. वर्ष 1973 से पहले लक्षद्वीप को निम्नलिखित नामों से जाना जाता था:
1. लकादीव
2. मिनिकाय
3. एमीनदीव
उपर्युक्त में से कितने सही हैं?
(A) केवल एक
(B) केवल दो
(C) सभी तीन
(D) कोई भी नहीं

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उत्तर – (C) 

व्याख्या – लक्षद्वीप द्वीपों का एक समूह है जो छोटे-छोटे मूंगा द्वीपों से बना है।पहले इनको लकादीव, मीनीकाय तथा एमीनदीव के नाम से जाना जाता था। वर्ष 1973 में इनका नाम लक्षद्वीप रखा गया। कावारत्ती द्वीप लक्षद्वीप का प्रशासनिक मुख्यालय है। इस द्वीप समूह पर पादप तथा जंतु के बहुत से प्रकार पाए जाते हैं। पिटली द्वीप, जहाँ मनुष्य का निवास नहीं है वहाँ एक पक्षी-अभयारण्य है। अतः विकल्प (c) सही उत्तर है

3. निम्नलिखित पर्वत श्रेणियों पर विचार कीजिए:
1. काराकोरम
2. लद्दाख
3. जास्कर
4. पीरपंजाल
उपर्युक्त में से कौन-सी पर्वत श्रेणियाँ कश्मीर हिमालय के अंतर्गत आती हैं?
(A) केवल एक
(B) केवल दो
(C) केवल तीन
(D) सभी चार

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उत्तर – (D) 

व्याख्या – काराकोरम, लद्दाख, जास्कर और पीरपंजाल कश्मीर हिमालय की पर्वत श्रेणियाँ हैं। कश्मीर हिमालय का उत्तर-पूर्वी भाग, जो वृहत हिमालय और काराकोरम श्रेणियों के बीच स्थित है, एक ठंडा मरुस्थल है। अतः विकल्प (d) सही उत्तर है

4. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. नर्मदा नदी के उत्तर में प्रायद्वीपीय पठार का वह भाग जो मालवा पठार के अधिकतर हिस्से पर फैला है उसे निम्न भूमि के नाम से जाना जाता है।
2. दक्षिण का पठार एक त्रिभुजाकार भूभाग है,जो नर्मदा नदी के उत्तर में स्थित है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(A) केवल 1
(B) केवल 2
(C) 1 और 2 दोनों
(D) न तो 1 और न ही 2

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उत्तर – (D) 

व्याख्या – प्रायद्वीपीय पठार एक मेज की आकृति वाला स्थल है जो पुराने क्रिस्टलीय आग्नेय तथा रूपांतरित शैलों से बना है। यह गोंडवाना भूमि के टूटने एवं अपवाह के कारण बना था तथा यही कारण है कि यह प्राचीनतम भूभाग का एक हिस्सा है। इस पठारी भाग में चौड़ी तथा छिछली घाटियाँ एवं गोलाकार पहाड़ियाँ हैं। इस पठार के दो मुख्य भाग हैं- ‘मध्य उच्चभूमि’ तथा ‘दक्कन का पठार’। नर्मदा नदी के उत्तर में प्रायद्वीपीय पठार का वह भाग जो कि मालवा के पठार के अधिकतर भागों पर फैला है उसे मध्य उच्चभूमि के नाम से जाना जाता है। अतः कथन 1 सही नहीं है

विंध्य शृंखला दक्षिण में सतपुड़ा श्रृंखला तथा उत्तर-पश्चिम में अरावली से घिरी है। पश्चिम में यह धीरे-धीरे राजस्थान के बलुई तथा पथरीले मरुस्थल से मिल जाता है। इस क्षेत्र में बहने वाली नदियाँ- चंबल, सिंध, बेतवा तथा केन दक्षिण-पश्चिम से उत्तर-पूर्व की तरफ बहती हैं। मध्य उच्चभूमि पश्चिम में चौड़ी लेकिन पूर्व में संकीर्ण है। इस पठार के पूर्वी विस्तार को स्थानीय रूप से बुंदेलखंड तथा बघेलखंड के नाम से जाना जाता है। इसके और पूर्व के विस्तार को दामोदर नदी द्वारा अपवाहित छोटा नागपुर पठार दर्शाता है। दक्षिण का पठार एक त्रिभुजाकार भूभाग है, जो नर्मदा नदी के दक्षिण में स्थित है। उत्तर में इसके चौड़े आधार पर सतपुड़ा की शृंखला है, जबकि  महादेव, कैमूर की पहाड़ी तथा मैकाल शृंखला इसके पूर्वी विस्तार हैं। अतः कथन 2 सही नहीं है

5. निम्नलिखित में से कौन-कौन सी प्राकृतिक स्थलाकृतियाँ प्रायद्वीपीय पठार में पाई जाती हैं?
1. टॉर
2. ब्लॉक पर्वत
3. पर्वत स्कंध
4. नग्न चट्टान संरचना
उपर्युक्त में से कितने सही हैं?
(A) केवल एक
(B) केवल दो
(C) केवल तीन
(D) सभी चार

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उत्तर – (D) 

व्याख्या – प्रायद्वीपीय क्षेत्र की मुख्य प्राकृतिक स्थलाकृतियों में टॉर, ब्लॉक पर्वत, भ्रंश घाटियाँ, पर्वत स्कंध, नग्न चट्टान संरचना, टेकरी पहाड़ी श्रृंखलाएँ और क्वार्ट्जाइट भित्तियाँ शामिल हैं, जो प्राकृतिक जल संग्रह के स्थल हैं। अतः विकल्प (d) सही उत्तर है

Daily MCQs – भारत एवं विश्व का भूगोल – 18 February 2025 (Tuesday)

Daily MCQs : भारत एवं विश्व का भूगोल (India and World Geography)
18 February, 2025 (Tuesday)

1. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. पैग्मेलियन पॉइंट भारत का सबसे उत्तरी बिंदु है।
2. सौराष्ट्र और अरुणाचल प्रदेश के बीच देशांतरीय अंतर लगभग 30° है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही नहीं है/हैं?
(A) केवल 1
(B) केवल 2
(C) 1 और 2 दोनों
(D) न तो 1 और न ही 2

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उत्तर – (A) 

व्याख्या – भारत 8°4′ उत्तर से 37°6′ उत्तरी अक्षांश और 68°7′ पूर्व से 97°25′ पूर्वी देशांतर तक फैला हुआ है। इस प्रकार इसका अक्षांशीय एवं देशांतरीय विस्तार लगभग तीस डिग्री है। भारत की मुख्य भूमि से दूर, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में देश का सबसे दक्षिणी बिंदु, पैग्मेलियन पॉइंट या इंदिरा पॉइंट 6° 45′ उत्तरी अक्षांश पर स्थित है। कश्मीर में इंदिरा पॉइंट से कन्याकुमारी तक इसकी उत्तर-दक्षिण सीमा 3,214 किमी है जबकि कच्छ के रण से अरुणाचल प्रदेश तक इसकी पूर्व-पश्चिम चौड़ाई 2,933 किमी है। अतः कथन 1 सही नहीं है

भारत का अक्षांशीय विस्तार भूमध्य रेखा और उत्तरी ध्रुव के बीच की कोणीय दूरी का लगभग एक तिहाई है और इसका देशांतरीय विस्तार भूमध्य रेखा की परिधि का लगभग बारहवां हिस्सा है। पश्चिम में सौराष्ट्र और पूर्व में अरुणाचल प्रदेश के बीच अनुदैर्ध्य अंतर लगभग 30° है। पृथ्वी अपनी धुरी पर 24 घंटे में 360° घूमती है। अतः कथन 2 सही है

2. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. कर्क रेखा भारत के कुल7 राज्यों से होकर गुजरती है।
2. भारत का सबसे उत्तरी अक्षांश37°6’E है।
3. केवल दो द्वीप भारत के पड़ोसी देश है।
उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं?
(A) केवल एक
(B) केवल दो
(C) सभी तीन
(D) कोई भी नहीं

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उत्तर – (B) 

व्याख्या – भारत देश, दक्षिण एशिया में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। देश में कुल 28 राज्य तथा 8 केंद्र शासित प्रदेश है। दक्षिण में समुद्र पार भारत के दो पड़ोसी द्वीप समूह राष्ट्र श्रीलंका एवं मालद्वीप है।  भारत विश्व के भौगोलिक क्षेत्रफल का 2.4 प्रतिशत है तथा विश्व का सातवाँ बड़ा देश है। यह उत्तरी गोलार्ध में स्थित है। भारत पृथ्वी के उत्तरी-पूर्वी गोलार्द्ध में 8°4′ से 37°6′ उत्तरी अक्षांश तथा 68°7′ से 97°25 पूर्वी देशान्तर के मध्य स्थित है। अक्षांश और देशांतर का विस्तार लगभग 30° है। परंतु फिर भी पूर्व-पश्चिम का विस्तार उत्तर-दक्षिण के विस्तार की अपेक्षा कम प्रतीत होता है। कर्क रेखा भारत के आठ राज्यों (गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा और मिजोरम) से होकर गुजरती है। 82°30′ पूर्व देशांतर रेखा को भारत की मानक याम्योत्तर माना गया है जो कि उत्तर प्रदेश में मिर्जापुर से गुजरती है। अक्षांश का प्रभाव दक्षिण से उत्तर की ओर, दिन और रात की अवधि पर पड़ता है। अतः कथन 1 गलत है और कथन 2 सही है

दक्षिण में समुद्र पार हमारे पड़ोसी दो द्वीप समूह राष्ट्र श्रीलंका और मालदीव हैं। भारत और श्रीलंका के बीच में छोटा समुद्री रास्ता पाक जलसंधि तथा मन्नार की खाड़ी है। मालदीव, लक्षद्वीप समूह के दक्षिण में स्थित है। अतः कथन 3 सही है

3. भूमंडलीय तापन के क्या प्रभाव हो सकते हैं?
1. समुद्र के स्तर में वृद्धि
2. ध्रुवीय बर्फ का पिघलना
3. चरम मौसम की घटनाओं में वृद्धि
उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं?
(A) केवल एक
(B) केवल दो
(C) सभी तीन
(D) कोई भी नहीं

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उत्तर – (C) 

व्याख्या – भूमंडलीय तापन के कई संभावित प्रभाव हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं-समुद्र के स्तर में वृद्धि, ध्रुवीय बर्फ का पिघलना, चरम मौसम की घटनाओं में वृद्धि, कृषि उत्पादन में कमी, जैव विविधता में कमी इत्यादि। अतः विकल्प (c) सही उत्तर है

4. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. उत्तरी मैदान जलोढ़ निक्षेपों से बने हैं।
2. प्रायद्वीपीय पठार आग्नेय तथा रूपांतरित शैलों वाली कम ऊँची पहाड़ियों एवं चौड़ी घाटियों से बना है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(A) केवल 1
(B) केवल 2
(C) 1 और 2 दोनों
(D) न तो 1 और न ही 2

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उत्तर – (C) 

व्याख्या – भारत की भूमि बहुत अधिक भौतिक विभिन्नताओं को दर्शाती है। भूगर्भीय तौर पर प्रायद्वीपीय पठार पृथ्वी की सतह का प्राचीनतम भाग है। इसे भूमि का एक बहुत ही स्थिर भाग माना जाता था। परंतु हाल के भूकंपों ने इसे गलत साबित किया है। हिमालय एवं उत्तरी मैदान हाल में बनी स्थालाकृतियाँ हैं। भूगर्भ वैज्ञानिकों के अनुसार हिमालय पर्वत एक अस्थिर भाग है। हिमालय की पूरी पर्वत श्रृंखला एक युवा स्थलाकृति को दर्शाती है। जिसमें ऊँचे शिखर, गहरी घाटियाँ तथा तीव्र तेज बहने वाली नदियाँ है। भारत के उत्तरी मैदान सिंधु, गंगा और ब्रह्मपुत्र नदियों और उनकी सहायक नदियों के द्वारा लाए गए जलोढ़ निक्षेपों से बने हैं। अतः कथन 1 सही है

प्रायद्वीपीय पठार, भारत का प्राचीन भूभाग है। यह पठार त्रिकोणीय है और उत्तर में चौड़ा है। कन्याकुमारी के पास पहुंचने पर यह दक्षिण में संकीर्ण हो जाता है। प्रायद्वीपीय पठार, पश्चिम में अरावली पर्वतमाला से लेकर पूर्व में छोटा नागपुर पठार तक फैला हुआ है। प्रायद्वीपीय पठार, आग्नेय और रूपांतरित कठोर क्रिस्टलीय चट्टानों से बना है। इसका निर्माण गोंडवाना भूमि के टूटने और खिसकने से हुआ।  यह पठार, चौड़ी और उथली घाटियों और गोलाकार पहाड़ियों से बना है। अतः कथन 2 सही है

5. भारत की भौगोलिक आकृतियों को निम्नलिखित वर्गों में विभाजित किया जा सकता है:
1. हिमालय पर्वत शृंखला
2. दक्षिणी मैदान
3. तटीय मैदान
उपर्युक्त में से कितने सही सुमेलित हैं?
(A) केवल एक
(B) केवल दो
(C) सभी तीन
(D) कोई भी नहीं

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उत्तर – (B) 

व्याख्या – भारत की भौगोलिक आकृतियों को कुल छह भागों में विभाजित गया है: हिमालय पर्वत शृंखला, उत्तरी मैदान, प्रायद्वीपीय पठार, भारतीय मरुस्थल, तटीय मैदान और द्वीप समूह। भारत की उत्तरी सीमा पर विस्तृत हिमालय भूगर्भीय रूप से युवा एवं बनावट के दृष्टिकोण से वलित पर्वत शृंखला है। ये पर्वत शृंखलाएँ  पश्चिम-पूर्व दिशा में सिंधु से लेकर ब्रह्मपुत्रा तक फैली हैं। इसमें हिमालय के सभी मुख्य शिखर हैं। हिमालय के कुछ ऊँचे शिखर माउंट एवरेस्ट (नेपाल), कंचनजुंगा (भारत), मकालु (नेपाल), धौलागिरि (नेपाल), नंगा पर्वत (भारत), अन्नपूर्णा (नेपाल), नंदादेवी (भारत), कामेट (भारत), नामचा बरुआ (भारत) और गुरुला मंधाता (नेपाल)। उत्तरी मैदान तीन प्रमुख नदी प्रणालियों- सिंधु,  गंगा एवं ब्रह्मपुत्रा तथा इनकी सहायक नदियों से बना है। यह मैदान जलोढ़ मृदा से बना है। प्रायद्वीपीय पठार के किनारों संकीर्ण तटीय पट्टियों का विस्तार है। यह पश्चिम में अरब सागर से लेकर पूर्व में बंगाल की खाड़ी तक विस्तृत है। अतः विकल्प (b) सही उत्तर है

 

Daily MCQs – भारत एवं विश्व का भूगोल – 04 February 2025 (Tuesday)

Daily MCQs : भारत एवं विश्व का भूगोल (India and World Geography)
04 February, 2025 (Tuesday)

1. निम्नलिखित में से कौन सा से सिंगुलैरिटी की विशेषता है-
1. अत्यधिक सूक्ष्म आयतन
2. अनंत तापमान
3. अत्यंत सूक्ष्म घनत्व
कूट का प्रयोग कर सही उत्तर का चयन कीजिए:
(A) केवल एक सही है
(B)
केवल दो सही है
(C)
तीनों सही हैं
(D)
कोई भी सही नही है

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उत्तर – (A) 

व्याख्या –

अत्यधिक सूक्ष्म आयतन – सिंगुलैरिटी अंतरिक्ष समय में एक बिंदु है जहां घनत्व और गुरुत्वाकर्षण अनंत होने की भविष्यवाणी की जाती है। इसका मतलब है कि इसका आयतन शून्य या अकल्पनीय रूप से छोटा आकार होगा। अत: यह सही है।

अनंत तापमान – भौतिकी के नियम, सिंगुलैरिटी पर काम नहीं करते हैं, और इसका एक परिणाम यह है कि यहाँ तापमान अनंत तक पहुंच जाएगा। अत: यह सही है।

बहुत कम घनत्व – यह गलत है। सिंगुलैरिटी वास्तव में अनंत घनत्व वाली होती हैं, न कि बहुत कम घनत्व की। इसका मतलब यह है कि पदार्थ की अनंत मात्रा एक अनंत छोटे बिंदु में संपीड़ित हो जाएगी। अत: यह सही नहीं है।

2. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. आकाशगंगा के निर्माण की शुरुआत हाइड्रोजन गैस से बने विशाल बादलों के संचयन से होती है।
2. तारे निहारिका (Nebula)के अंदर गैस के गुथित झुंड हैं, जिनका निर्माण लगभग 5 से 6 अरब वर्ष पहले हुआ।
उपर्युक्त में से कौन सा/से कथन सही है/हैं?
(A) केवल 1
(B)
केवल 2
(C)
1 और 2 दोनों
(D)
न तो 1 न ही 2

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उत्तर – (C) 

व्याख्या – आकाशगंगाओं का निर्माण वास्तव में मुख्य रूप से हाइड्रोजन गैस से बने विशाल बादलों के संचय से शुरू होता है। ये बादल, जिन्हें विशाल आणविक बादल कहा जाता है, सैकड़ों प्रकाश-वर्ष तक फैले हो सकते हैं और इनमें लाखों या अरबों सौर द्रव्यमान वाली गैस होती है। गुरुत्वाकर्षण इस गैस को एक साथ खींचने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जिससे अंततः आकाशगंगाओं का निर्माण होता है। अतः  कथन 1 सही है। 

अंततः, बढ़ते हुए नीहारिका में गैस के स्थानीयकृत गुच्छे विकसित हो जाते हैं। ये गुच्छे और भी सघन गैसीय पिंडों में बढ़ते रहते हैं, जिससे तारों का निर्माण होता है। ऐसा माना जाता है कि तारों का निर्माण लगभग 5-6 अरब वर्ष पहले हुआ था। अतः  कथन 2 सही है

3. निम्नलिखित में से कौन सा से हमारे सौरमंडल के अवयव हैं?
1. सूर्य (तारा)
2. ग्रह
3. उपग्रह
4. धूमकेतु
5. धूलिकण
6. छूद्रग्रह
निम्नलिखित कूट का प्रयोग कर सही उत्तर का चयन कीजिए:
(A) केवल 1, 2, 3 और 4
(B) केवल 1, 2,3,4 और 6
(C) केवल 1, 2, 3, 4 और 5
(D) 1, 2, 3 4, 5 और 6

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उत्तर – (D) 

व्याख्या –

सूर्य (तारा): हमारे सौर मंडल का केंद्रीय तारा, जिसके चारों ओर अन्य सभी वस्तुएँ परिक्रमा करती हैं। 

ग्रह: एक बड़ा, खगोलीय पिंड जो सूर्य की परिक्रमा करता है । हमारे सौर मंडल में आठ ग्रह हैं: बुध, शुक्र, पृथ्वी, मंगल, बृहस्पति, शनि, यूरेनस और नेपच्यून। 

उपग्रह: एक प्राकृतिक वस्तु जो किसी ग्रह या बौने ग्रह की परिक्रमा करती है। हमारे सौर मंडल में सैकड़ों ज्ञात चंद्रमा हैं, जिनमें पृथ्वी पर एक (चंद्रमा), बृहस्पति के पास 79, शनि के पास 82, इत्यादि शामिल हैं। 

धूमकेतु: बर्फ, धूल और चट्टान से बना एक खगोलीय पिंड जो सूर्य की परिक्रमा करता है। धूमकेतुओं की कक्षाएँ अत्यधिक विलक्षण होती हैं, जो उन्हें नेपच्यून की कक्षा से सबसे दूर के बिंदु पर ले जाती हैं। 

धूल के कण: बर्फ और चट्टान के छोटे कण जो सूर्य की परिक्रमा करते हैं, ज्यादातर मंगल और बृहस्पति के बीच क्षुद्रग्रह बेल्ट और नेपच्यून से परे कुइपर बेल्ट में केंद्रित होते हैं। 

क्षुद्रग्रह: सौर मंडल के निर्माण से चट्टानी, वायुहीन अवशेष जो सूर्य की परिक्रमा करते हैं, मुख्य रूप से मंगल और बृहस्पति के बीच क्षुद्रग्रह बेल्ट में। 

अतःसभी सही हैं।

4. पार्थिव ग्रहों तथा जोवियन ग्रहों के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1.
पार्थिव ग्रहों का घनत्व जोवियन ग्रहों के घनत्व से अधिक है।
2. सौरमंडल निर्माण की अवस्था में पहले पार्थिव ग्रहों का निर्माण हुआ उसके बाद जोवियन ग्रहों का निर्माण हुआ।
3. पार्थिव ग्रहों पर वायुमंडल पाए जाते हैं जबकि जोवियन ग्रहों पर वायुमंडल नहीं पाए जाते।
उपर्युक्त में से कौन सा/से कथन सही है/हैं?
(A) केवल 1
(B)
केवल 1 और 2
(C)
केवल 1 और 3
(D)
1, 2 और 3

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उत्तर – (A) 

व्याख्या – मुख्य रूप से हाइड्रोजन और हीलियम जैसी हल्की गैसों से बने जोवियन ग्रहों का घनत्व सघन चट्टानी पदार्थों से बने स्थलीय ग्रहों की तुलना में कम है। अतः कथन 1 सही है

माना जाता है कि बृहस्पति और शनि का निर्माण सौर मंडल के शुरुआती 10 मिलियन वर्षों में सबसे पहले और सबसे तेजी से हुआ था। चट्टानी ग्रह तारे के करीब, डिस्क के सबसे गर्म क्षेत्रों में विकसित होते हैं। बर्फीले दानव बनने के बाद स्थलीय ग्रहों के एकत्र होने के लिए बहुत अधिक गैस नहीं बचती है। तारे के जन्म के बाद बुध, शुक्र, पृथ्वी और मंगल जैसे चट्टानी ग्रहों को बनने में लाखों वर्ष लग सकते हैं। अतः कथन 2 सही नहीं है

सभी जोवियन ग्रहों का वायुमंडल घना है, जो मुख्य रूप से हाइड्रोजन और हीलियम से बना है। हालाँकि, उनके वायुमंडल की संरचना और संरचना स्थलीय ग्रहों से काफी भिन्न है। अतः कथन 3 सही नहीं है

5. क्षुद्रग्रह और धूमकेतु में क्या अंतर है?
1. क्षुद्रग्रह छोटे चट्टानी ग्रह हैं,जबकि धूमकेतु चट्टानी और धात्विक सामग्री द्वारा जमी हुई गैसों से बनते हैं।
2.
क्षुद्रग्रह ज्यादातर बृहस्पति और मंगल की कक्षाओं के बीच पाए जाते हैं,जबकि धूमकेतु ज्यादातर शुक्र और बुध के बीच पाए जाते है।
3. धूमकेतु एक बोधगम्य पूंछ दिखाते हैं,जबकि क्षुद्रग्रह नहीं दिखाते हैं।
उपर्युक्त दिए गए कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(A) केवल 1 और 2
(B) केवल 1 और 3
(C)
केवल 3
(D)
1, 2 और 3

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उत्तर – (B) 

व्याख्या – क्षुद्रग्रह वास्तव में छोटे, चट्टानी पिंड हैं जो मुख्य रूप से लोहे और निकल जैसी धातुओं और खनिजों से बने होते हैं। दूसरी ओर, धूमकेतु बर्फ, धूल और चट्टानी या धातु कणों से बने होते हैं। अतः  कथन 1 सही है

जबकि अधिकांश क्षुद्रग्रह मंगल और बृहस्पति के बीच क्षुद्रग्रह बेल्ट में पाए जाते हैं, धूमकेतु मुख्य रूप से नेप्च्यून से परे ऊर्ट क्लाउड में सुदूर बाहरी सौर मंडल में रहते हैं। धूमकेतुओं का केवल एक छोटा सा हिस्सा ही सूर्य के करीब जाता है, जहां वे दिखाई देते हैं। अतः कथन 2 सही नहीं है

क्षुद्रग्रहों और धूमकेतुओं के बीच सबसे अधिक ध्यान देने योग्य अंतर एक पूंछ की उपस्थिति है। धूमकेतुओं की एक चमकती हुई पूंछ विकसित हो जाती है, जो सूर्य के करीब आने पर बर्फ के गर्म होने से निकलने वाली धूल और गैस से बनी होती है। जिन क्षुद्रग्रहों में पर्याप्त मात्रा में बर्फ की कमी होती है, वे ऐसी पूंछ प्रदर्शित नहीं करते हैं। अतः कथन 3 सही है

 

Daily MCQs – भारत एवं विश्व का भूगोल – 21 January 2025 (Tuesday)

Daily MCQs : भारत एवं विश्व का भूगोल (India and World Geography)
21 January, 2025 (Tuesday)

1. पृथ्वी की कोर के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. बाह्य कोर ठोस अवस्था में है, जबकि आंतरिक कोर तरल अवस्था में है।

2. कोर के केंद्र की तुलना में कोर की सीमाओं पर पृथ्वी का घनत्व अधिक है।
3. कोर निकल और लोहे जैसे भारी तत्वों से बना है जिसे ‘निफ़े’ परत कहा जाता है।
उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं/हैं?
(a) केवल एक

(b) केवल दो
(c) सभी तीन
(d) कोई भी नहीं 

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उत्तर – (A) 

व्याख्या – बाहरी कोर तरल अवस्था में है और आंतरिक कोर ठोस अवस्था में है। अतः कथन 1 सही नहीं है। 

कोर सीमा पर तत्वों का घनत्व लगभग 5.5 ग्राम/सेमी3 है और केंद्र पर घनत्व 13 ग्राम/सेमी3 है। अतः कथन 2 सही नहीं है

कोर निकल और लोहे जैसे भारी तत्वों से बना है जिसे ‘निफ़े’ परत कहा जाता है। अतः कथन 3 सही है

2. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. भूकंप केवल भ्रंश तल पर चट्टानों के खिसकने से उत्पन्न होते हैं।
2. चट्टान का खिंचाव और सिकुड़न P तरंगों के कारण होता है।
3. S तरंगें केवल ठोस माध्यमों में यात्रा कर सकती हैं और तरल और गैसों में विलुप्त हो जाती हैं।
उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं/हैं?
(a) केवल एक
(b) केवल दो
(c) सभी तीन
(d) कोई भी नहीं

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उत्तर – (B)

व्याख्या – भूकंप खनन, ज्वालामुखी या विस्फोट आदि के कारण भी उत्पन्न हो सकते हैं। अतः कथन 1 सही नहीं है

P-तरंगें, तरंग की दिशा के समानांतर कंपन करती हैं। यह प्रसार की दिशा में पदार्थों पर दबाव डालती हैं, जिससे पदार्थों में खिंचाव और सिकुड़न होता है अतः कथन 2 सही है

S-तरंगें केवल ठोस माध्यमों में यात्रा कर सकती हैं और तरल और गैसों में विलुप्त हो जाती हैं। अतः कथन 3 भी सही है

3. ऐसी लहरदार सामग्री जिसमें नीचे से मैग्मा कक्षों के रूप में स्रोत तक निश्चित नाली होती है, उन्हें फैकोलिथ कहा जाता है।
(a) फैकोलिथ
(b) लैपोलिथ
(c) बाथोलिथ
(d) लैकोलिथ

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उत्तर – (A)

व्याख्या – वलित आग्नेय पर्वतों में सिंकलाइन के आधार पर और एंटीक्लाइन के शीर्ष पर अंतर्भेदी चट्टानों का एक लहरदार समूह पाया जाता है। ऐसी लहरदार चट्टानें जिसमें मैग्मा कक्षों के रूप में नीचे स्रोत तक निश्चित नाली होती है, उन्हें फैकोलिथ कहा जाता है।

4. भूकंप के मापन के संबंध में निम्नलिखित में से कौन सा कथन सही है?
(a) सतह पर फोकस के ठीक ऊपर के बिंदु को अधिकेंद्र कहा जाता है। यह तरंगों के निरीक्षण करने का प्रथम बिंदु है।
(b) तीव्रता का पैमाना क्षति की मात्रा से संबंधित है।
(c) रिक्टर स्केल भूकंप के दौरान निकलने वाली ऊर्जा से संबंधित है।
(d) सभी कथन सही हैं।

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उत्तर – (D)

व्याख्या – जिस बिंदु पर ऊर्जा निकलती है उसे भूकंप का फोकस कहा जाता है जिसे हाइपोसेंटर भी कहा जाता है। फोकस के निकटतम बिंदु को उपरिकेंद्र कहा जाता है। यह तरंगों का अनुभव करने का प्रथम बिंदु है। यह फोकस के ठीक ऊपर का बिंदु है। भूकंप की घटनाओं को या तो तीव्रता या झटके की तीव्रता के अनुसार मापा जाता है। तीव्रता का पैमाना क्षति की मात्रा से संबंधित है। रिक्टर स्केल भूकंप के दौरान निकलने वाली ऊर्जा से संबंधित है। अतः सभी कथन सही हैं

5. निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिए:

1. वोसगेस ब्लॉक पर्वत
2. एंडीज़ युवा वलित पर्वत
3. गिरनार अवशिष्ट पर्वत
4. माउंट पोपा ज्वालामुखी पर्वत

उपर्युक्त में से कितने युग्म सही सुमेलित हैं?
(a) केवल एक युग्म
(b) केवल दो युग्म
(c) केवल तीन युग्म
(d) सभी चार युग्म

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उत्तर – (D)

व्याख्या – ब्लॉक पर्वतों का निर्माण तनवमूलक बलों से उत्पन्न दोषों के कारण हुआ है। उदाहरण: वोसगेस (यूरोप), ब्लैक फॉरेस्ट (जर्मनी)।

वलित पर्वतों का निर्माण तलछट चट्टानों के वलन के कारण होता है। उदाहरण: आल्प्स, रॉकीज़, हिमालय।

ज्वालामुखी पर्वतों का निर्माण ज्वालामुखी गतिविधि के कारण होता है। उदाहरण: माउंट फ़ूजी यामा (जापा), माउंट पोपा (म्यांमार)।

अवशिष्ट पर्वत नदियों, हवा और ग्लेशियरों जैसी अपरदनकारी शक्तियों के परिणामस्वरूप उभरते हैं। उदाहरण:विंध्य, राजमहल, गिरनार, इत्यादि। अतः सभी युग्म सही सुमेलित हैं

 

Daily MCQs – भारत एवं विश्व का भूगोल – 14 January 2025 (Tuesday)

Daily MCQs : भारत एवं विश्व का भूगोल (India and World Geography)
14 January, 2025 (Tuesday)

1. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. P-तरंगें या ‘प्राथमिक तरंगें’ तीव्र गति से तेजी से चलती हैं और सतह पर सबसे पहले पहुंचती हैं जबकि S-तरंगें या द्वितीयक तरंगें कुछ समय बाद अंतराल के साथ सतह पर पहुंचती हैं।
2. P-तरंगें केवल ठोस पदार्थों में ही गमन कर सकती हैं जबकि S-तरंगें गैसीय, तरल और ठोस पदार्थों में भी गमन कर सकती हैं।
3. P-तरंगें सबसे हानिकारक तरंगें मानी जाती हैं।
उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं/हैं?
(a) केवल एक

(b) केवल दो
(c) सभी तीन
(d) कोई भी नहीं

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उत्तर – (A) 

व्याख्या – भूकंप के दौरान ऊर्जा निकलने से तरंगें उत्पन्न होती हैं जिन्हें भूकंपीय तरंगें कहा जाता है। भूकंपीय तरंगें मूलतः दो प्रकार की होती हैं – भूगर्भीय तरंगें और धरातलीय तरंगें। 

भूगर्भीय तरंगें: ये उद्गम केंद्र पर ऊर्जा उत्सर्जन के कारण उत्पन्न होती हैं और पृथ्वी के आंतरिक भाग से होकर सभी दिशाओं में जाती हैं। इसलिए, इसका नाम भूगर्भीय तरंगे है। भूगर्भीय तरंगें सतही चट्टानों के साथ परस्पर क्रिया करती हैं और तरंगों का नया समूह उत्पन्न करती हैं जिन्हें धरातलीय तरंगें कहा जाता है। 

धरातलीय तरंगें: ये तरंगें सतह के साथ चलती हैं। विभिन्न घनत्वों वाले पदार्थों के माध्यम से यात्रा करते समय तरंगों का गति बदल जाती है। पदार्थ जितना सघन होगा, गति उतनी ही अधिक होगी। विभिन्न घनत्व वाली सामग्रियों के सामने आने पर प्रतिबिंबित या अपवर्तित होने पर उनकी दिशा भी बदल जाती है। 

भूगर्भीय तरंगें दो प्रकार की होती हैं। इन्हें P-तरंगें और S-तरंगें कहा जाता है। P-तरंगें या ‘प्राथमिक तरंगें’ तेजी से गति करती हैं और सतह पर सबसे पहले पहुंचती हैं। P-तरंगें ध्वनि तरंगों के समान हैं। वे गैसीय, तरल और ठोस पदार्थों के माध्यम से यात्रा करती हैं। P-तरंगें तरंग की दिशा के समानांतर कंपन करती हैं। यह प्रसार की दिशा में पदार्थ पर दबाव डालती है। परिणामस्वरूप, यह पदार्थ के घनत्व में अंतर पैदा होता है जिससे सामग्री खिंचती और सिकुड़ती है।

S-तरंगें या द्वितीयक तरंगें कुछ समय अंतराल के साथ सतह पर आती हैं। वे केवल ठोस पदार्थों में ही गमन कर सकती हैं S-तरंगों की यह विशेषता काफी महत्वपूर्ण है। इससे वैज्ञानिकों को पृथ्वी के आंतरिक भाग की संरचना को समझने में मदद मिली है। S-तरंगों के कंपन की दिशा ऊर्ध्वाधर तल में तरंग की दिशा के लंबवत होती है। इसलिए, वे जिस पदार्थ से गुजरती हैं उसमें गर्त और शिखर बनाते हैं। सतही तरंगें सबसे अधिक हानिकारक तरंगें मानी जाती हैं। अतः केवल कथन 1 सही है

2. सौर कलंक के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. सौर कलंक वे क्षेत्र हैं जो सूर्य की सतह (फोटोस्फियर) पर काले दिखाई देते हैं। ये सूर्य की सतह के अन्य भागों की तुलना में अधिक गर्म हैं जिससे ये काले दिखाई देते हैं ।
2. वे चुंबकीय क्षेत्र प्रवाह की सांद्रता के कारण कम तापमान वाले क्षेत्र हैं जो संवहन को रोकते हैं।
उपर्युक्त में से कौन सा/से कथन सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2

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उत्तर – (B)

व्याख्या – वे काले दिखाई देते हैं क्योंकि वे (कुछ व्यास में 50,000 किमी तक बड़े) ऐसे क्षेत्र हैं जो सूर्य की सतह (फोटोस्फियर) पर काले दिखाई देते हैं। वे सूर्य की सतह के अन्य भागों की तुलना में ठंडे हैं जिससे वे काले दिखाई देते हैं । हालाँकि, सौर कलंक का तापमान लगभग 6,500 डिग्री फ़ारेनहाइट। वे चुंबकीय क्षेत्र प्रवाह की सांद्रता के कारण कम तापमान वाले क्षेत्र हैं जो संवहन को रोकते हैं।

फोटोस्फीयर सूर्य की एक दृश्य सतह है, जिससे सूर्य का अधिकांश प्रकाश उत्सर्जित होता है जो सीधे पृथ्वी तक पहुंचता है। वे अपेक्षाकृत ठंडे होते हैं क्योंकि वे उन क्षेत्रों में बनते हैं जहां चुंबकीय क्षेत्र विशेष रूप से मजबूत होते हैं। ये चुंबकीय क्षेत्र इतने मजबूत हैं कि इसके कारण सूर्य की आंतरिक गर्मी का कुछ हिस्सा सतह तक नहीं पहुँच पाता है। अतः कथन 1 सही नहीं है, जबकि कथन 2 सही है

3. अंतरउष्णकटिबंधीय अभिसरण क्षेत्र (आईटीसीजेड) के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. आईटीसीजेड तापीय भूमध्य रेखा पर अभिसरण का एक क्षेत्र है जहां व्यापारिक हवाएं अभिसारित होती हैं।
2. यह एक ऐसा क्षेत्र है जहां हवा ऊपर की ओर उठती है।
3. यह एक निम्न दाब पेटी है और तापीय भूमध्य रेखा की बदलती स्थिति के साथ स्थानांतरित होती है।
उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं/हैं?
(a) केवल एक
(b) केवल दो
(c) सभी तीन
(d) कोई भी नहीं

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उत्तर – (C)

व्याख्या – आईटीसीजेड तापीय भूमध्य रेखा पर अभिसरण का एक क्षेत्र है जहां व्यापारिक हवाएं अभिसारित होती हैं और यह एक ऐसा क्षेत्र है जहां हवा ऊपर की ओर उठती है। यह एक निम्न दाब पेटी है और तापीय भूमध्य रेखा की बदलती स्थिति के साथ स्थानांतरित होती है। जुलाई में, ITCZ 20°N-25°N अक्षांशों (गंगा के मैदान के ऊपर) के आसपास स्थित होता है, जिसे कभी-कभी मानसून गर्त भी कहा जाता है। यह मानसून गर्त उत्तर और उत्तर-पश्चिम भारत में तापीय गर्त के विकास को प्रोत्साहित करता है। ITCZ के बदलाव के कारण, दक्षिणी गोलार्ध की व्यापारिक हवाएँ 40° और 60°E देशांतर के बीच भूमध्य रेखा को पार करती हैं और कोरिओलिस बल के कारण दक्षिण-पश्चिम से उत्तर-पूर्व की ओर बहने लगती हैं।

4. उष्णकटिबंधीय चक्रवात भूमध्य रेखा के निकट उत्पन्न नहीं होते हैं जिसका है:
(a) कमजोर कोरिओलिस बल

(b) हल्की और परिवर्तनशील हवाएँ
(c) अत्यधिक आर्द्रता
(d) संवहनी गतिविधि

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उत्तर – (A)

व्याख्या – उष्णकटिबंधीय चक्रवात प्रचंड तूफ़ान हैं जो उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में महासागरों के ऊपर उत्पन्न होते हैं और तटीय क्षेत्रों की ओर बढ़ते हैं और प्रचंड हवाओं, बहुत भारी वर्षा और तूफ़ान के कारण बड़े पैमाने पर विनाश करते हैं। यह सबसे विनाशकारी प्राकृतिक आपदाओं में से एक है। कोरिओलिस बल की उपस्थिति उष्णकटिबंधीय तूफानों के निर्माण और तीव्रता के लिए अनुकूल महत्वपूर्ण परिस्थितियों में से एक है। चूंकि, भूमध्य रेखा के करीब कमजोर कोरिओलिस बल होता है, इसलिए उष्णकटिबंधीय चक्रवात का निर्माण भूमध्य रेखा के करीब नहीं होता है।

 

5. इसका निर्माण महासागर-महाद्वीप टकराव के कारण हुआ था। इस पर्वत की औसत ऊँचाई 4,000 मीटर है। यह विश्व की सबसे लंबी महाद्वीपीय पर्वत श्रृंखला है। यह एशिया के बाहर विश्व की सबसे ऊंची पर्वत श्रृंखला है।
उपर्युक्त परिच्छेद निम्नलिखित में से किस पर्वत से संबंधित है?
(a) रॉकी पर्वत

(b) एंडीज पर्वत
(c) यूराल पर्वत
(d) एपलाशियन पर्वत

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उत्तर – (B)

व्याख्या – एंडीज़ विश्व की सबसे लंबी महाद्वीपीय पर्वत श्रृंखला है। इसका निर्माण महासागर-महाद्वीप के टकराव से हुआ है। इस पर्वत की औसत ऊँचाई 4,000 मीटर है। यह वेनेजुएला, कोलंबिया, इक्वाडोर, पेरू, बोलीविया, चिली और अर्जेंटीना तक फैला हुआ है। एंडीज़ एशिया के बाहर विश्व की सबसे ऊँची पर्वत श्रृंखला है। इसकी सबसे ऊँची चोटी, माउंट एकांकागुआ, समुद्र तल से लगभग 6,962 मीटर की ऊँचाई तक पहुँचती है। विश्व के सबसे ऊंचे ज्वालामुखी एंडीज़ में हैं। चिली-अर्जेंटीना सीमा पर ओजोस डेल सालाडो (6,893 मीटर) पृथ्वी पर सबसे ऊंचा ज्वालामुखी है। अतः विकल्प (b) सही है

 

Daily MCQs – भारत एवं विश्व का भूगोल – 07 January 2025 (Tuesday)

Daily MCQs : भारत एवं विश्व का भूगोल (India and World Geography)
07 January, 2025 (Tuesday)

1. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. पैठिक लावा में सिलिका की अधिक होने की वजह से यह दूर-दूर तक फ़ैल जाता है।
2. इटली में स्ट्राम्बोली तथा फ़्रांस में पाई डी डोम पैठिक लावा शंकु के उदहारण है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1

(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 न ही 2

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उत्तर – (D)

व्याख्या – पैठिक लावा में सिलिका की मात्रा कम होती है और यह अम्ल लावा की अपेक्षा अधिक तरल तथा पतला होता है। इसलिए यह दूर-दूर तक फैल जाता है और कम ऊँचाई तथा मन्द ढाल वाले शंकु का निर्माण करता है। हवाई द्वीप का मोनालोआ शंकु इसका उत्तम उदाहरण है। अतः कथन 1 सही नहीं है

अम्ल लावा शंकु का निर्माण अम्ल लावा से होता है। इस लावा में सिलिका की मात्रा अधिक होती है अत: यह काफी गाढ़ा तथा चिपचिपा होता है। इस प्रकार यह ज्वालामुखी से निकलने के तुरन्त बाद उसके मुख के आस-पास जम जाता है और तीव्र ढाल वाले गुम्बद का निर्माण कर देता है। इटली में स्ट्राम्बोली तथा फ़्रांस में पाई डी इसके अच्छे उदहारण है। अतः कथन 2 सही नहीं है

2. निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिएः

1. वलन अंतर्जनित प्रक्रिया
2. अपक्षय बहिर्जनिक प्रक्रिया
3. ज्वालामुखी उद्गार बहिर्जनिक प्रक्रिया

उपर्युक्त में से कितने युग्म सही सुमेलित हैं?
(a) केवल एक युग्म

(b) केवल दो युग्म
(c) सभी तीन युग्म
(d) कोई भी नहीं

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उत्तर – (B)

व्याख्या – वलन से तात्पर्य अंतर्जात बलों जैसे टेक्टोनिक प्लेट गति और संपीड़न के कारण चट्टान की परतों के मुड़ने या विरूपण से है। यह अंतर्जात संचलन का एक उदाहरण है। अतः युग्म 1 सही सुमेलित है

पानी, तापमान परिवर्तन और रासायनिक प्रतिक्रियाओं जैसे विभिन्न मौसम कारकों के संपर्क के कारण पृथ्वी की सतह पर या उसके निकट चट्टानों का टूटना और विघटित होना अपक्षय है। अपक्षय एक बहिर्जनिक प्रक्रिया का एक उदाहरण है। अतः युग्म 2 सही सुमेलित है

ज्वालामुखी विस्फोट में ज्वालामुखीय छिद्रों या दरारों के माध्यम से पृथ्वी की सतह पर पिघली हुई चट्टान, राख और गैसों का निर्वहन शामिल होता है। यह ज्वालामुखी गतिविधि से जुड़ी अंतर्जनित प्रक्रियाओं के कारण होता है, जो इसे अंतर्जनित संचलन का एक उदाहरण बनाता है। अतः युग्म 3 सुमेलित नहीं है

3. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. जिन क्षेत्रों में भूकंपीय तरंगें अभिलेखित हो जाती हैं उन क्षेत्रों को भूकंपीय छाया क्षेत्र कहा जाता है।

2. ‘P’ तरंगों का छाया क्षेत्र ‘S’ तरंगों के छाया क्षेत्र से अधिक विस्तृत है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1

(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2

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उत्तर – (D)

व्याख्या – भूकंपलेखी यंत्र पर दूरस्थ स्थानों से आने वाली भूकंपीय तरंगें अभिलेखित होती हैं। यद्यपि, कुछ ऐसे क्षेत्र भी हैं जहाँ कोई भूकंपीय तरंग अभिलेखित नहीं होती। ऐसे क्षेत्र को भूकंपीय छाया क्षेत्र कहा जाता है। विभिन्न भूकंपीय घटनाओं के अध्ययन से पता चलता है कि एक भूकंप का छाया क्षेत्र दूसरे भूकंप के छाया क्षेत्र से सर्वथा भिन्न होता है। अतः कथन 1 सही नहीं है

105º से परे पूरे क्षेत्र में ‘S’ तरंगें नहीं पहुँचती। ‘S’ तरंगों का छाया क्षेत्र ‘P’ तरंगों के छाया क्षेत्र से अधिक विस्तृत है। भूकंप अधिकेंद्र के 105º से 145º तक ‘P’ तरंगों का छाया क्षेत्र एक पट्टी के रूप में पृथ्वी के चारों तरफ प्रतीत होता है। ‘S’ तरंगों का छाया क्षेत्र न केवल विस्तार में बड़ा है, वरन् यह पृथ्वी के 40 प्रतिशत भाग से भी अधिक है। अतः कथन 2 सही नहीं है

4. निम्नलिखित नदियों में से कौन-सी सिंधु नदी से सीधी मिलती है/हैं?
1. जास्कर

2. व्यास
3. गोमल
4. श्योक
उपर्युक्त में से कितने सही है?
(a) केवल एक

(b) केवल दो
(c) केवल तीन
(d) सभी चार

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उत्तर – (C)

व्याख्या – सिंधु नदी एशिया की एक सीमा पार नदी है। यह तिब्बती पठार से निकलती है और भारत और पाकिस्तान से होकर बहती है। कई सहायक नदियाँ, जैसे, जास्कर, श्योक, गोमल, इत्यादि इससे सीधी मिलती हैं। सतलुज, व्यास, रावी, चेनाब और झेलम सिंधु में मिठानकोट, पाकिस्तान के पास मिलने से पूर्व आपस में संयुक्त हो जाती हैं। अतः विकल्प (c) सही उत्तर है

5. सक्रिय ज्वालामुखी के संदर्भ, में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. सिसली द्वीप का स्ट्राम्बोली भूमध्य सागर का प्रकाश मीनार कहलाता है।

2. विश्व का सबसे ऊँचा सक्रिय ज्वालामुखी कोतोपेकसी है।
3. हवाई द्वीप के दक्षिण-मध्य भाग में स्थित मौना लोआ सक्रिय ज्वालामुखी का उदहारण है।
उपर्युक्त में से कितने कथन सही है?
(a) केवल एक

(b) केवल दो
(c) सभी तीन
(d) कोई भी नहीं

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उत्तर – (C)

व्याख्या – सक्रिय ज्वालामुखी वे ज्वालामुखी हैं जिनके मुख से हमेशा धूल, धुआं, वाष्प, गैसें, राख, चट्टानखंड, लावा, आदि पदार्थ निकलते रहते हैं। इनमें समय-समय पर विस्फोट और उद्भेदन होते हैं। सिसली द्वीप का स्ट्राम्बोली ज्वालामुखी प्रत्येक 15 मिनट बाद फटता है और भूमध्य सागर का प्रकाश मीनार कहलाता है। अतः कथन 1 सही है

संयुक्त राज्य का सेंट हेलेना तथा फिलिपींस का पिनाट्बो सक्रिय ज्वालामुखी के अन्य उदहारण है। विश्व का सबसे ऊँचा सक्रीय ज्वालामुखी कोतोपेकसी है। यह इक्वेडोर के दक्षिण में स्थित है और चमकती चोटी के नाम से विख्यात है। अतः कथन 2 सही है। मौना लोआ दुनिया का सबसे बड़ा सक्रिय ज्वालामुखी है। यह हवाई द्वीप के दक्षिण-मध्य भाग में स्थित है। यह अपने आकार में सर्वोत्कृष्ट ढाल ज्वालामुखी है। अतः कथन 3 सही है

 

Daily MCQs – भारत एवं विश्व का भूगोल – 31 December 2024 (Tuesday)

Daily MCQs : भारत एवं विश्व का भूगोल (India and World Geography)
31 December, 2024 (Tuesday)

1. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. उत्तरी सागर, उच्च अक्षांशों में स्थित होने के बावजूद, उत्तरी अटलांटिक बहाव द्वारा लाए गए अधिक खारे पानी के कारण उच्च लवणता दर्ज करता है।

2. बाल्टिक सागर में बड़ी मात्रा में नदी जल के प्रवाह के कारण कम लवणता दर्ज की जाती है।
3. भूमध्य सागर, उच्च वाष्पीकरण के कारण उच्च लवणता दर्ज करता है।
4. बंगाल की खाड़ी में गंगा नदी के पानी के प्रवाह के कारण कम लवणता की प्रवृत्ति देखी जाती है।
उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं/हैं?
(a) केवल एक

(b) केवल दो
(c) केवल तीन
(d) सभी चार

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उत्तर – (D)

व्याख्या – सामान्य खुले महासागर में लवणता 33 o/oo और 37 o/oo के बीच होती है। भूमि से घिरे लाल सागर में, यह 41 o/oo तक ऊँचा है, जबकि मुहाने और आर्कटिक में, मौसमी रूप से लवणता 0 – 35 o/oo तक उतार-चढ़ाव करती है। गर्म और शुष्क क्षेत्रों में, जहाँ वाष्पीकरण अधिक होता है, लवणता कभी-कभी 70 o/oo तक पहुँच जाती है।

  • उत्तरी सागर – उच्च अक्षांशों में स्थित होने के बावजूद, उत्तरी अटलांटिक बहाव द्वारा लाए गए अधिक खारे पानी के कारण उच्च लवणता दर्ज करता है।
  • बाल्टिक सागर – बड़ी मात्रा में नदी जल के प्रवाह के कारण कम लवणता दर्ज करता है। भूमध्य सागर – उच्च वाष्पीकरण के कारण उच्च लवणता दर्ज करता है।
  • काला सागर – नदियों द्वारा ताजे पानी के भारी प्रवाह के कारण काला सागर में लवणता बहुत कम है।
  • हिंद महासागर – हिंद महासागर की औसत लवणता 35 o/oo है।
  • बंगाल की खाड़ी – गंगा नदी के पानी के प्रवाह के कारण बंगाल की खाड़ी में कम लवणता की प्रवृत्ति देखी जाती है।
  • अरब सागर – इसके विपरीत, उच्च वाष्पीकरण और ताजे पानी के कम प्रवाह के कारण अरब सागर में उच्च लवणता दिखाई देती है।

अतः सभी कथन सही हैं

2. सिक्किम और दार्जिलिंग हिमालय चाय बागानों के लिए सबसे उपयुक्त हैं क्योंकि:
1. मध्यम ढलान के कारण
2. उच्च जैविक सामग्री वाली मोटी मिट्टी का आवरण के कारण
3. पूरे वर्ष अच्छी तरह से वितरित वर्षा के कारण
4. कठोर सर्दियों के कारण
नीचे दिए गए कूट का उपयोग करके सही उत्तर चुनिए:
(a) केवल 1, 2 और 3
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 2, 3 और 4
(d) 1, 2, 3 और 4

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उत्तर – (A)

व्याख्या – सिक्किम और दार्जिलिंग हिमालय की भौतिक स्थितियाँ जैसे मध्यम ढलान, उच्च कार्बनिक सामग्री के साथ मोटी मिट्टी का आवरण, पूरे वर्ष अच्छी तरह से वितरित वर्षा और हल्की सर्दियाँ इसे चाय बागानों के लिए बहुत उपयुक्त बनाती हैं।

3. भारत में पाई जाने वाली निम्नलिखित में से कौन सी मिट्टी में नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और ह्यूमस की कमी है?
1. लाल एवं पीली मिट्टी
2. काली मिट्टी
3. लैटेराइट मिट्टी
4. पीटयुक्त मिट्टी
नीचे दिए गए कूट का उपयोग करके सही उत्तर चुनिए:
(a) केवल 1, 2 और 3
(b) केवल 2, 3 और 4
(c) केवल 1, 3 और 4
(d) उपर्युक्त सभी

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उत्तर – (A)

व्याख्या –

  • महीन दाने वाली लाल और पीली मिट्टी सामान्यतः उपजाऊ होती है, जबकि शुष्क ऊपरी क्षेत्रों में पाई जाने वाली मोटे दाने वाली मिट्टी की उर्वरता कम होती है। उनमें आमतौर पर नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और ह्यूमस की कमी होती है।
  • रासायनिक दृष्टि से, काली मिट्टी चूना, लोहा, मैग्नीशिया और एल्यूमिना से समृद्ध है। इनमें पोटाश भी होता है। लेकिन उनमें फॉस्फोरस, नाइट्रोजन और कार्बनिक पदार्थ की कमी होती है। मिट्टी का रंग गहरे काले से लेकर भूरे तक होता है।
  • लेटेराइट मिट्टी की ह्यूमस सामग्री बैक्टीरिया द्वारा तेजी से हटा दी जाती है जो उच्च तापमान में अच्छी तरह से पनपती है। इन मिट्टी में कार्बनिक पदार्थ, नाइट्रोजन, फॉस्फेट और कैल्शियम की कमी होती है, जबकि आयरन ऑक्साइड और पोटाश अधिक मात्रा में होते हैं
  • पीट मिट्टी भारी वर्षा और उच्च आर्द्रता वाले क्षेत्रों में पाई जाती है, जहाँ वनस्पति की अच्छी वृद्धि होती है। इस प्रकार, इन क्षेत्रों में बड़ी मात्रा में मृत कार्बनिक पदार्थ जमा हो जाते हैं, और इससे मिट्टी को समृद्ध ह्यूमस और कार्बनिक पदार्थ मिलते हैं।

4. हाल के वर्षों में चीनी मिलों के भारत के दक्षिणी और पश्चिमी राज्यों, विशेषकर महाराष्ट्र में स्थानांतरित होने और ध्यान केंद्रित करने की प्रवृत्ति का क्या कारण है/हैं?
1. प्रायद्वीपीय भारत में उष्णकटिबंधीय जलवायु है जो गन्ने की फसल के लिए उपयुक्त है, इसलिए दक्षिण में अधिक उपज होती है।
2. दक्षिणी गन्ने में सुक्रोज की मात्रा भी अधिक होती है।
3. पेराई का मौसम भी उत्तर में 3 या 4 महीने की तुलना में बहुत लंबा यानी 7 या 8 महीने का होता है।
उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं/हैं?
(a) केवल एक
(b) केवल दो
(c) सभी तीन
(d) कोई भी नहीं

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उत्तर – (C)

व्याख्या – प्रायद्वीपीय भारत में उष्णकटिबंधीय जलवायु है जो गन्ने की फसल के लिए उपयुक्त है, इसलिए दक्षिण में अधिक उपज होती है। दक्षिणी गन्ने में सुक्रोज की मात्रा भी अधिक होती है। पेराई का मौसम भी बहुत लंबा है – उत्तर में 3/4 महीने की तुलना में 7/8 महीने। उत्तर की तुलना में दक्षिण में सहकारी समितियों का प्रबंधन भी बेहतर है। दक्षिण की अधिकांश मिलें नई हैं इसलिए उनके पास आधुनिक मशीनें हैं। अतः सभी कथन सही हैं

5. दक्षिण-पश्चिम मानसून के मौसम के दौरान तमिलनाडु तट शुष्क रहता है। इसका कारण है:
1. तमिलनाडु तट दक्षिण पश्चिम मानसून की बंगाल की खाड़ी के समानांतर स्थित है।
2. यह दक्षिण-पश्चिम मानसून की अरब सागर शाखा के वर्षा छाया क्षेत्र में नहीं है।
3. मानसूनी हवाएँ तट से टकराती हैं और पूर्वी घाट की बहुत ऊँची चोटियों के कारण पुनः दिशा बदल लेती हैं।
उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं/हैं?
(a) केवल एक
(b) केवल दो
(c) सभी तीन
(d) कोई भी नहीं

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उत्तर – (A)

व्याख्या – तमिलनाडु तट दक्षिण-पश्चिम मानसून की बंगाल की खाड़ी के समानांतर स्थित है। इस कारण मानसूनी हवाएँ इस पर प्रहार नहीं करतीं बल्कि इसके ऊपर से गुजर जाती हैं। तमिलनाडु तट दक्षिण-पश्चिम मानसून की अरब सागर शाखा के वर्षा छाया क्षेत्र में स्थित है। लेकिन दिए गए कथन में कहा गया है कि यह अरब सागर शाखा के वर्षा छाया क्षेत्र में नहीं है। दोनों शाखाओं की नमी से रहित होने के कारण यह सूखा रहता है। इसके बजाय उत्तर-पूर्वी मानसून से वर्षा होती है जो वाप(c) के साथ आती है। पश्चिमी घाट की तुलना में पूर्वी घाट की ऊँचाई कम है और उनके शिखर भी बहुत ऊँचे नहीं हैं। अतः केवल कथन 1 सही है

 

Daily MCQs – भारत एवं विश्व का भूगोल – 17 December 2024 (Tuesday)

Daily MCQs : भारत एवं विश्व का भूगोल (India and World Geography)
17 December, 2024 (Tuesday)

1. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. जहां आइसोबार एक दूसरे के करीब होते हैं वहां दबाव प्रवणता मजबूत होती है।
2. कोरिओलिस बल दबाव प्रवणता बल के समानांतर कार्य करता है।
3. कोरिओलिस बल उत्तरी गोलार्ध में हवा को बायीं दिशा में विक्षेपित करता है।
उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं/हैं?
(a) केवल एक
(b) केवल दो
(c) सभी तीन
(d) कोई भी नहीं

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उत्तर – (A)

व्याख्या – दबाव प्रवणता बल दो क्षेत्रों के बीच दबाव में अंतर के कारण होता है। दूरी के संबंध में दबाव में परिवर्तन की दर दबाव प्रवणता है। जहां आइसोबार एक-दूसरे के करीब होते हैं वहां दबाव प्रवणता मजबूत होती है और जहां आइसोबार अलग होते हैं वहां दबाव प्रवणता कमजोर होती है। पृथ्वी का अपनी धुरी पर घूमना हवा की दिशा को प्रभावित करता है। इस बल को कोरिओलिस बल कहा जाता है। यह उत्तरी गोलार्ध में हवा को दाहिनी ओर और दक्षिणी गोलार्ध में बायीं ओर मोड़ देता है। कोरिओलिस बल दबाव प्रवणता बल के लंबवत कार्य करता है। अतः कथन 1 सही है

2. वायु द्रव्यमान के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. इसे हवा के एक बड़े पिंड के रूप में परिभाषित किया गया है जिसमें तापमान और नमी में बड़ी क्षैतिज भिन्नता होती है।
2. गर्म उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय महासागर वायु द्रव्यमान के निर्माण के स्रोत क्षेत्र हैं।
उपर्युक्त में से कौन सा/से कथन सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2

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उत्तर – (B) 

व्याख्या – जब हवा किसी समरूप क्षेत्र पर काफी लंबे समय तक रहती है, तो वह उस क्षेत्र की विशेषताएं प्राप्त कर लेती है। समरूप क्षेत्र विशाल महासागरीय सतह या विशाल मैदान हो सकते हैं। तापमान और आर्द्रता के संदर्भ में विशिष्ट विशेषताओं वाली वायु को वायु द्रव्यमान कहा जाता है। इसे हवा के एक बड़े पिंड के रूप में परिभाषित किया गया है जिसमें तापमान और नमी में थोड़ा क्षैतिज परिवर्तन होता है। समरूप सतहें, जिन पर वायुराशियाँ बनती हैं, स्रोत क्षेत्र कहलाती हैं। वायुराशियों को स्रोत क्षेत्रों के अनुसार वर्गीकृत किया जाता है। पाँच प्रमुख स्रोत क्षेत्र हैं। ये हैं: –
(i) गर्म उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय महासागर;
(ii) उपोष्णकटिबंधीय गर्म रेगिस्तान;
(iii) अपेक्षाकृत ठंडे उच्च अक्षांश महासागर;
(iv) उच्च अक्षांशों में अत्यधिक ठंडे बर्फ से ढके महाद्वीप;
(v) आर्कटिक और अंटार्कटिका में स्थायी रूप से बर्फ से ढके महाद्वीप।
अतः कथन 1 सही नहीं है

3. अरोरा या उत्तरी रोशनी के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. अरोरा उच्च अक्षांश पर चमकने वाली रोशनी हैं।
2. अरोरा को सामान्यतः समताप मंडल में देखा जा सकता है।
3. वायुमंडलीय तापमान में परिवर्तन से अरोरा उत्पन्न होता है।
उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं/हैं?
(a) केवल एक
(b) केवल दो
(c) सभी तीन
(d) कोई भी नहीं

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उत्तर – (A)

व्याख्या – अरोरा, जिसे कभी-कभी ध्रुवीय रोशनी, उत्तरी रोशनी (औरोरा बोरेलिस) या दक्षिणी रोशनी (औरोरा ऑस्ट्रेलिस) कहा जाता है, पृथ्वी के आकाश में एक प्राकृतिक प्रकाश प्रदर्शन है, जो मुख्य रूप से उच्च अक्षांश क्षेत्रों (आर्कटिक और अंटार्कटिक के आसपास) में देखा जाता है। जब मैग्नेटोस्फीयर सौर हवा से पर्याप्त रूप से परेशान होता है तो अरोरा उत्पन्न होते हैं। यह आमतौर पर पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र के कारण ऊपरी वायुमंडल (तापमंडल/बाह्यमंडल) में होता है। अतः केवल कथन 1 सही है

4. पृथ्वी के भीतर हॉट स्पॉट भूतापीय ऊर्जा का उत्पादन करने में मदद करते हैं। ये ‘हॉट स्पॉट’ क्या हैं?
(a) ऊपरी मेंटल के भीतर तीव्र चुंबकीय गतिविधि के क्षेत्र
(b) मेंटल के अंदर तीव्र दबाव के क्षेत्र
(c) पृथ्वी की सतह पर उच्च ज्वालामुखी के क्षेत्र
(d) क्रस्ट में वह क्षेत्र जहां गर्म पिघली हुई चट्टानें फंसी होती हैं

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उत्तर – (D)

व्याख्या – भूवैज्ञानिक परिवर्तनों के कारण, पृथ्वी की पपड़ी के गहरे गर्म क्षेत्रों में बनी पिघली हुई चट्टानें ऊपर की ओर धकेल दी जाती हैं और कुछ क्षेत्रों में फंस जाती हैं जिन्हें ‘हॉट स्पॉट’ कहा जाता है। जब भूमिगत जल गर्म स्थान के संपर्क में आता है तो भाप उत्पन्न होती है। कभी-कभी उस क्षेत्र का गर्म पानी सतह पर आउटलेट ढूंढ लेता है। ऐसे आउटलेट को हॉट स्प्रिंग्स के रूप में जाना जाता है। अतः विकल्प (d) सही है

5. तूफ़ान के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. अटलांटिक महासागर या मध्य और पूर्वी उत्तरी प्रशांत महासागर के ऊपर बनने वाले तूफान जिनकी हवा की गति लगभग 100 मील प्रति घंटा होती है, तूफान कहलाते हैं।
2. गर्म समुद्र का पानी और नम, आर्द्र हवा तूफान के निर्माण के लिए अनुकूल नहीं है।
3. जून से नवंबर तक उत्तरी अमेरिका में तूफान की गतिविधि आम है और सितंबर में चरम पर होती है।
उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं?
(a) केवल एक
(b) केवल दो
(c) सभी तीन
(d) कोई भी नहीं

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उत्तर – (B)

व्याख्या – तूफ़ान के लिए विशिष्ट “मौसम” बदल रहा है, क्योंकि जलवायु के गर्म होने से साल के अधिक महीनों में तूफ़ान के लिए अनुकूल परिस्थितियाँ पैदा होती हैं। और तूफान ऐतिहासिक मानदंड से दूर के क्षेत्रों में भी दस्तक दे रहे हैं। जहां तक समय की बात है, जून से नवंबर तक उत्तरी अमेरिका में तूफान की गतिविधि आम है, जो सितंबर में चरम पर होती है – गर्मियों में गर्म पानी की स्थिति बनने के बाद। तूफान को दो मुख्य सामग्रियों की आवश्यकता होती है – गर्म समुद्र का पानी और नम, आर्द्र हवा। जब गर्म समुद्री जल वाष्पित हो जाता है, तो इसकी ऊष्मा ऊर्जा वायुमंडल में स्थानांतरित हो जाती है। इससे तूफ़ान की हवाओं को तेज़ होने का मौका मिलता है। इसके बिना, तूफान तीव्र नहीं हो सकते और ख़त्म हो जायेंगे। अटलांटिक महासागर या मध्य और पूर्वी उत्तरी प्रशांत क्षेत्र में बनने वाले तूफानों को “तूफान” कहा जाता है, जब उनकी हवा की गति कम से कम 74 मील प्रति घंटे (119 किलोमीटर प्रति घंटे) तक पहुंच जाती है। उस बिंदु तक, उन्हें “उष्णकटिबंधीय तूफान” के रूप में जाना जाता था। अतः कथन 2 सही नहीं है

 

Daily MCQs – भारत एवं विश्व का भूगोल – 26 November 2024 (Tuesday)

Daily MCQs : भारत एवं विश्व का भूगोल (India and World Geography)
26 November, 2024 (Tuesday)

1. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. जहां आइसोबार एक दूसरे के करीब होते हैं वहां दबाव प्रवणता मजबूत होती है।

2. कोरिओलिस बल दबाव प्रवणता बल के समानांतर कार्य करता है।
3. कोरिओलिस बल उत्तरी गोलार्ध में हवा को बायीं दिशा में विक्षेपित करता है।
उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं/हैं?
(a) केवल एक

(b) केवल दो
(c) सभी तीन
(d) कोई भी नहीं

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उत्तर – (A)

व्याख्या – दबाव प्रवणता बल दो क्षेत्रों के बीच दबाव में अंतर के कारण होता है। दूरी के संबंध में दबाव में परिवर्तन की दर दबाव प्रवणता है। जहां आइसोबार एक-दूसरे के करीब होते हैं वहां दबाव प्रवणता मजबूत होती है और जहां आइसोबार अलग होते हैं वहां दबाव प्रवणता कमजोर होती है। पृथ्वी का अपनी धुरी पर घूमना हवा की दिशा को प्रभावित करता है। इस बल को कोरिओलिस बल कहा जाता है। यह उत्तरी गोलार्ध में हवा को दाहिनी ओर और दक्षिणी गोलार्ध में बायीं ओर मोड़ देता है। कोरिओलिस बल दबाव प्रवणता बल के लंबवत कार्य करता है। अतः कथन 1 सही है

2. वायु द्रव्यमान के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. इसे हवा के एक बड़े पिंड के रूप में परिभाषित किया गया है जिसमें तापमान और नमी में बड़ी क्षैतिज भिन्नता होती है।

2. गर्म उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय महासागर वायु द्रव्यमान के निर्माण के स्रोत क्षेत्र हैं।
उपर्युक्त में से कौन सा/से कथन सही है/हैं?
(a) केवल 1

(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2

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उत्तर – (B)

व्याख्या – जब हवा किसी समरूप क्षेत्र पर काफी लंबे समय तक रहती है, तो वह उस क्षेत्र की विशेषताएं प्राप्त कर लेती है। समरूप क्षेत्र विशाल महासागरीय सतह या विशाल मैदान हो सकते हैं। तापमान और आर्द्रता के संदर्भ में विशिष्ट विशेषताओं वाली वायु को वायु द्रव्यमान कहा जाता है। इसे हवा के एक बड़े पिंड के रूप में परिभाषित किया गया है जिसमें तापमान और नमी में थोड़ा क्षैतिज परिवर्तन होता है। समरूप सतहें, जिन पर वायुराशियाँ बनती हैं, स्रोत क्षेत्र कहलाती हैं। वायुराशियों को स्रोत क्षेत्रों के अनुसार वर्गीकृत किया जाता है। पाँच प्रमुख स्रोत क्षेत्र हैं। ये हैं: –
(i) गर्म उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय महासागर;
(ii) उपोष्णकटिबंधीय गर्म रेगिस्तान;
(iii) अपेक्षाकृत ठंडे उच्च अक्षांश महासागर;
(iv) उच्च अक्षांशों में अत्यधिक ठंडे बर्फ से ढके महाद्वीप;
(v) आर्कटिक और अंटार्कटिका में स्थायी रूप से बर्फ से ढके महाद्वीप।
अतः कथन 1 सही नहीं है

3. अरोरा या उत्तरी रोशनी के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. अरोरा उच्च अक्षांश पर चमकने वाली रोशनी हैं।

2. अरोरा को सामान्यतः समताप मंडल में देखा जा सकता है।
3. वायुमंडलीय तापमान में परिवर्तन से अरोरा उत्पन्न होता है।
उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं/हैं?
(a) केवल एक

(b) केवल दो
(c) सभी तीन
(d) कोई भी नहीं

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उत्तर – (A)

व्याख्या – अरोरा, जिसे कभी-कभी ध्रुवीय रोशनी, उत्तरी रोशनी (औरोरा बोरेलिस) या दक्षिणी रोशनी (औरोरा ऑस्ट्रेलिस) कहा जाता है, पृथ्वी के आकाश में एक प्राकृतिक प्रकाश प्रदर्शन है, जो मुख्य रूप से उच्च अक्षांश क्षेत्रों (आर्कटिक और अंटार्कटिक के आसपास) में देखा जाता है। जब मैग्नेटोस्फीयर सौर हवा से पर्याप्त रूप से परेशान होता है तो अरोरा उत्पन्न होते हैं। यह आमतौर पर पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र के कारण ऊपरी वायुमंडल (तापमंडल/बाह्यमंडल) में होता है। अतः केवल कथन 1 सही है

4. पृथ्वी के भीतर हॉट स्पॉट भूतापीय ऊर्जा का उत्पादन करने में मदद करते हैं। ये ‘हॉट स्पॉट’ क्या हैं?
(a) ऊपरी मेंटल के भीतर तीव्र चुंबकीय गतिविधि के क्षेत्र

(b) मेंटल के अंदर तीव्र दबाव के क्षेत्र
(c) पृथ्वी की सतह पर उच्च ज्वालामुखी के क्षेत्र
(d) क्रस्ट में वह क्षेत्र जहां गर्म पिघली हुई चट्टानें फंसी होती हैं

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उत्तर – (D)

व्याख्या – भूवैज्ञानिक परिवर्तनों के कारण, पृथ्वी की पपड़ी के गहरे गर्म क्षेत्रों में बनी पिघली हुई चट्टानें ऊपर की ओर धकेल दी जाती हैं और कुछ क्षेत्रों में फंस जाती हैं जिन्हें ‘हॉट स्पॉट’ कहा जाता है। जब भूमिगत जल गर्म स्थान के संपर्क में आता है तो भाप उत्पन्न होती है। कभी-कभी उस क्षेत्र का गर्म पानी सतह पर आउटलेट ढूंढ लेता है। ऐसे आउटलेट को हॉट स्प्रिंग्स के रूप में जाना जाता है। अतः विकल्प (D) सही है

5. तूफ़ान के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. अटलांटिक महासागर या मध्य और पूर्वी उत्तरी प्रशांत महासागर के ऊपर बनने वाले तूफान जिनकी हवा की गति लगभग 100 मील प्रति घंटा होती है, तूफान कहलाते हैं।

2. गर्म समुद्र का पानी और नम, आर्द्र हवा तूफान के निर्माण के लिए अनुकूल नहीं है।
3. जून से नवंबर तक उत्तरी अमेरिका में तूफान की गतिविधि आम है और सितंबर में चरम पर होती है।
उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं?
(a) केवल एक

(b) केवल दो
(c) सभी तीन
(d) कोई भी नहीं

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उत्तर – (B)

व्याख्या – तूफ़ान के लिए विशिष्ट “मौसम” बदल रहा है, क्योंकि जलवायु के गर्म होने से साल के अधिक महीनों में तूफ़ान के लिए अनुकूल परिस्थितियाँ पैदा होती हैं। और तूफान ऐतिहासिक मानदंड से दूर के क्षेत्रों में भी दस्तक दे रहे हैं। जहां तक समय की बात है, जून से नवंबर तक उत्तरी अमेरिका में तूफान की गतिविधि आम है, जो सितंबर में चरम पर होती है – गर्मियों में गर्म पानी की स्थिति बनने के बाद। तूफान को दो मुख्य सामग्रियों की आवश्यकता होती है – गर्म समुद्र का पानी और नम, आर्द्र हवा। जब गर्म समुद्री जल वाष्पित हो जाता है, तो इसकी ऊष्मा ऊर्जा वायुमंडल में स्थानांतरित हो जाती है। इससे तूफ़ान की हवाओं को तेज़ होने का मौका मिलता है। इसके बिना, तूफान तीव्र नहीं हो सकते और ख़त्म हो जायेंगे। अटलांटिक महासागर या मध्य और पूर्वी उत्तरी प्रशांत क्षेत्र में बनने वाले तूफानों को “तूफान” कहा जाता है, जब उनकी हवा की गति कम से कम 74 मील प्रति घंटे (119 किलोमीटर प्रति घंटे) तक पहुंच जाती है। उस बिंदु तक, उन्हें “उष्णकटिबंधीय तूफान” के रूप में जाना जाता था। अतः कथन 2 सही नहीं है

 

Daily MCQs – भारत एवं विश्व का भूगोल – 19 November 2024 (Tuesday)

Daily MCQs : भारत एवं विश्व का भूगोल (India and World Geography)
19 November, 2024 (Tuesday)

1. प्लेट टेक्टोनिक्स के सिद्धांत के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. यह महाद्वीपीय विस्थापन सिद्धांत का दूसरा नाम है। 2. इस सिद्धांत के अनुसार पृथ्वी का बाहरी आवरण कई प्लेटों में विभाजित है जो मेंटल के ऊपर सरकती हैं।
3. यह पारंपरिक भूवैज्ञानिक दृष्टिकोण को खारिज करता है कि मेंटल में संवहन धारा प्रवाहित होती है।
उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं/हैं?
(a) केवल एक

(b) केवल दो
(c) सभी तीन
(d) कोई भी नहीं

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उत्तर – (A)

व्याख्या – पृथ्वी के मेंटल की तुलना में प्लेटें एक कठोर और कठोर खोल की तरह काम करती हैं। इस मजबूत बाहरी परत को स्थलमंडल कहा जाता है। प्लेट टेक्टोनिक्स महाद्वीपीय बहाव का आधुनिक संस्करण है, यह सिद्धांत पहली बार 1912 में वैज्ञानिक अल्फ्रेड वेगेनर द्वारा प्रस्तावित किया गया था। वेगेनर के पास इस बात का कोई स्पष्टीकरण नहीं था कि महाद्वीप ग्रह के चारों ओर कैसे घूम सकते हैं, लेकिन शोधकर्ता अब ऐसा करते हैं। इस प्रकार प्लेट टेक्टोनिक्स को भूविज्ञान का एकीकृत सिद्धांत कहा जाता है। प्लेट टेक्टोनिक्स के पीछे प्रेरक शक्ति मेंटल में संवहन है। पृथ्वी के केंद्र के पास गर्म पदार्थ ऊपर उठता है, और ठंडा मेंटल चट्टान डूब जाता है। सादृश्य की दृष्टि से, यह चूल्हे पर उबल रहे बर्तन की तरह है। संवहन प्लेट टेक्टोनिक्स को मध्य-महासागर की चोटियों पर धकेलने और अलग-अलग फैलाने और सबडक्शन ज़ोन में खींचने और नीचे की ओर डूबने के संयोजन के माध्यम से संचालित करता है। अतः कथन 2 सही है

2. फोरशॉक और भूकंप झुंड के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. फोरशॉक हल्के भूकंप होते हैं जो एक ही स्थान पर बड़े भूकंप से पहले आते हैं।

2. किसी भूकंप को पूर्व झटके के रूप में तब तक नहीं पहचाना जा सकता जब तक कि उसी क्षेत्र में कोई बड़ा भूकंप न आ जाए।
3. भूकंप झुंड किसी स्थानीय क्षेत्र में अपेक्षाकृत कम समय के भीतर होने वाली भूकंपीय घटनाओं का एक क्रम है।
4. पूर्व झटके और भूकंप झुंड मुख्य रूप से उत्तर-पूर्वी और उत्तर-पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में एकत्रित होते हैं।
उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं/हैं?
(a) केवल एक

(b) केवल दो
(c) केवल तीन
(d) सभी चार

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उत्तर – (D)

व्याख्या – भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि भारत के विभिन्न हिस्सों में हाल ही में आए भूकंप, भले ही छोटी तीव्रता के हों, झटकों और झुंड के कारण आए हैं। पूर्व झटके – भूकंप से पहले हल्के झटके – या झुंड गतिविधियां – भूकंप की श्रृंखला – निरंतर विरूपण प्रक्रिया के दौरान टेक्टोनिक तनाव और तनाव की रिहाई का संकेत देते हैं, और इन झटकों का एक विस्तृत अध्ययन भविष्यवाणी करने में मदद कर सकता है कि क्या कोई महत्वपूर्ण भूकंपीय घटना होने वाली है। ये छोटे भूकंप मुख्य रूप से उत्तर-पूर्वी और उत्तर-पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र, दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीटी), पश्चिमी गुजरात और पश्चिमी महाराष्ट्र क्षेत्रों में आते हैं, जिन्हें भूकंपीय क्षेत्र IV और V के रूप में सीमांकित किया गया है। अतः सभी कथन सही हैं

3. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. मध्यमंडल में ऊंचाई बढ़ने के साथ तापमान बढ़ने लगता है।

2. आयनमंडल में ऊंचाई बढ़ने के साथ तापमान कम होने लगता है।
उपर्युक्त में से कौन सा/से कथन सही है/हैं?
(a) केवल 1

(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2

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उत्तर – (D)

व्याख्या – मध्यमंडल समतापमंडल के ऊपर स्थित है, जो 80 किमी की ऊंचाई तक फैला हुआ है। इस परत में ऊँचाई बढ़ने के साथ तापमान कम होने लगता है और 80 किमी की ऊँचाई पर शून्य से 100°C तक पहुँच जाता है। आयनमंडल मेसोपॉज़ से 80 से 400 किमी ऊपर स्थित है। इसमें विद्युत आवेशित कण होते हैं जिन्हें आयन कहा जाता है, और इसलिए, इसे आयनमंडल के रूप में जाना जाता है। यहाँ का तापमान ऊँचाई के साथ बढ़ने लगता है। अतः दोनों कथन सही नहीं हैं

4. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. पूर्वी हिमालय की दक्षिणी श्रेणियों में उत्तरी श्रेणियों की तुलना में अधिक हिमरेखा होती है क्योंकि उनमें अधिक वर्षा होती है।

2. पूर्वी घाट और दक्कन का पठार पश्चिमी घाट की तुलना में शुष्क हैं और परिणामस्वरूप यहाँ कम विविध वनस्पतियाँ हैं।
उपर्युक्त में से कौन सा/से कथन सही है/हैं?
(a) केवल 1

(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2

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उत्तर – (B)

व्याख्या – हिमालय पूर्व-पश्चिम की ओर उन्मुख है और उनकी दक्षिणी ढलानें वर्ष के अधिकांश समय सीधी धूप में रहती हैं, इसलिए चोटियों के दक्षिणी ढलानों पर बर्फ की रेखा उत्तरी ढलानों की तुलना में अधिक होती है। इसके अलावा, वर्षा की मात्रा दक्षिण से उत्तर की ओर कम हो जाती है, इसलिए पूर्वी हिमालय में दक्षिणी श्रेणियों में उत्तरी श्रेणियों की तुलना में कम बर्फबारी होती है क्योंकि वे अधिक वर्षा प्राप्त करते हैं जिससे कम ऊंचाई पर बर्फ बनती है। पूर्वी घाट और दक्कन का पठार पश्चिमी घाट की तुलना में शुष्क हैं और परिणामस्वरूप कम विविध वनस्पति हैं क्योंकि पूर्वी घाट मानसूनी हवाओं के वर्षा छाया क्षेत्र में हैं, और पश्चिमी घाट में दक्कन के पठार और पूर्वी घाट दोनों की तुलना में अधिक वर्षा होती है। अतः कथन 1 सही नहीं है

5. दक्कन पठार के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. यह पुराने क्रिस्टलीय आग्नेय और रूपांतरित चट्टानों से बना है।

2. क्षेत्र की जलवायु उत्तर में अर्ध-शुष्क से लेकर अधिकांश क्षेत्र में उष्णकटिबंधीय तक अलग-अलग गीले और शुष्क मौसम के साथ भिन्न होती है।
3. यह अपने पूर्वी किनारे से ऊंचा है और पश्चिम में अरब सागर की ओर धीरे-धीरे झुका हुआ है।
उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं/हैं?
(a) केवल एक

(b) केवल दो
(c) सभी तीन
(d) कोई भी नहीं

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उत्तर – (B)

व्याख्या – दक्कन का पठार उत्तर-पश्चिम में अरावली पहाड़ियों, उत्तर-पूर्व में हज़ारीबाग़ और राजमहल पहाड़ियों, पश्चिम में पश्चिमी घाट और पूर्व में पूर्वी घाट से घिरा है। यह भारतीय उपमहाद्वीप के समुद्र तट के दक्षिण-दिशा वाले त्रिकोण के भीतर एक उभरा हुआ त्रिकोण बनाता है। पश्चिमी किनारा ऊँचा है और पूर्व में बंगाल की खाड़ी की ओर ढलान वाला है। क्षेत्र की जलवायु उत्तर में अर्ध-शुष्क से लेकर अधिकांश क्षेत्र में उष्णकटिबंधीय तक अलग-अलग गीले और शुष्क मौसम के साथ भिन्न होती है। अतः कथन 3 सही नहीं है

 

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