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Daily MCQs – पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी – 08 March 2025 (Saturday)

Daily MCQs : पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी (Environment and Ecology)
08 March, 2025 (Saturday)

1. जैव सूचना विज्ञान के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. यह जीव विज्ञान,कम्प्यूटर विज्ञान और सूचना तकनीक का एक संग्रह है।
2. यह जैविक सूचना के प्रबंधन में सूचना तकनीक का अनुप्रयोग है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(A) केवल 1
(B) केवल 2
(C) 1 और 2 दोनों
(D) न तो 1 और न ही 2

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उत्तर – (C)

व्याख्या – जैव सूचना विज्ञान (Bioinformatics), विज्ञान का एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें जीव विज्ञान, कम्प्यूटर विज्ञान और सूचना तकनीक एक ही विषय में विलय हो जाते हैं। इस क्षेत्र का मुख्य लक्ष्य नई जीव वैज्ञानिक अंतर-दृष्टियों की खोज करना और एक ऐसे परिप्रेक्ष्य का निर्माण करना है जिसमें जीव विज्ञान के एकीकृत सिद्धांतों को देखा और समझा जा सके।अतः कथन 1 सही है। 

साधारण शब्दों में, जैव सूचना विज्ञान जैविक सूचना के प्रबंधन में सूचना तकनीक का अनुप्रयोग है। जैव सूचना विज्ञान जीव सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग से कच्चे आँकड़ों को बड़ी मात्रा में उपयोगी ज्ञान में परिवर्तित करता है। अतः कथन 2 सही है

2. निम्नलिखित में से कौन-सी प्रजाति भारत के पश्चिम घाट के लिए स्थानिक नहीं है?
(A) शेर जैसी पूंछ वाला मैकाक
(B) नीलगिरि लंगूर
(C) एशियाई हाथी
(D) नीलगिरि ताहर

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उत्तर – (C)

व्याख्या – स्थानिक प्रजाति (Endemic Species), एक ही भौगोलिक स्थान पर पाई जाती है और यह अन्य किसी भी जगह नहीं होती है। एक प्रजाति किसी क्षेत्र के लिए मूल निवासी हो सकती है किन्तु वह उस क्षेत्र के लिए स्थानिक नहीं हो सकती है, यदि वह किसी दूसरे स्थान पर भी पाई जाती है। उदाहरण के लिए, शेर जैसी पूंछ वाला मैकाक और नीलगिरि लंगूर, नीलगिरि ताहर भारत के पश्चिम घाट के लिए स्थानिक जंतु हैं। अतः विकल्प (c) सही उत्तर है

3. निम्नलिखित राज्यों पर विचार कीजिए:
1. बिहार
2. पश्चिम बंगाल
3. मणिपुर
4. पंजाब
उपर्युक्त में से कितने राज्य आर्सेनिक जल प्रदूषण से अत्यधिक प्रभावित है?
(A) केवल एक
(B) केवल दो
(C) केवल तीन
(D) सभी चार

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उत्तर – (C)

व्याख्या – भारत के गंगा मैदानी इलाकों में भूमिगत जल आर्सेनिक प्रदूषण से अत्यधिक ग्रस्त है। भारत के 7 राज्यों पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश, असम, मणिपुर तथा छत्तीसगढ़ में भूमिगत जल आर्सेनिक प्रदूषण से अत्यधिक प्रभावित है। अतः विकल्प (c) सही है

4. कीस्टोन प्रजाति के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. एक प्रजाति जो अपनी मौजूदगी वाले समुदायों में एक गैर-आनुपातिक वृहद प्रभाव डालती है।
2. एक प्रजाति जो समुदाय में रहने वाली अन्य प्रजातियों की एक बड़ी संख्या की उत्तरजीविता की क्षमता को निर्धारित करती है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(A) केवल 1
(B) केवल 2
(C) 1 और 2 दोनों
(D) न तो 1 और न ही 2

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उत्तर – (C)

व्याख्या – कीस्टोन प्रजाति वह होती है जो अपनी मौजूदगी वाले समुदायों में एक गैर-आनुपातिक वृहद प्रभाव डालती है। वास्तव में यह समुदाय में रहने वाली अन्य प्रजातियों की एक बड़ी संख्या की उत्तरजीविता की क्षमता को निर्धारित करती है। जब एक कीस्टोन प्रजाति लुप्त होती है तो अन्य प्रजातियों के विलोपन की एक श्रृंखला शुरू हो सकती है। अतः कथन 1 और 2 दोनों सही है

5. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. प्रजातियां जो ऊर्जा और उनके समुदायों की संरचना पर महत्वपूर्ण प्रभाव नहीं डालती हैं।
2. प्रजातियाँ जो अपने और अन्य प्रजातियों के लिए भौतिक आवास बनाने,संशोधित करने या बनाए रखने के द्वारा अपने समुदाय को प्रभावित करती हैं।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से कीस्टोन प्रजाति के संबंध में सही है/हैं?
(A) केवल 1
(B) केवल 2
(C) 1 और 2 दोनों
(D) न तो 1 और न ही 2

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उत्तर – (B)

व्याख्या – कीस्टोन प्रजाति एक ऐसा जीव है जो प्रणाली को एक साथ रखने में मदद करता है। ये प्रजातियाँ एक पारिस्थितिकी तंत्र की संरचना और कार्य को प्रभावित करती हैं। अतः कथन 1 सही नहीं है

यह प्रजाति अपने और अन्य प्रजातियों के लिए भौतिक निवास स्थान बनाने, संशोधित करने या बनाए रखने के द्वारा अपने समुदाय को प्रभावित करती है।  फल और फूलों का परागण, प्लेंक्टन: कई मछलियों का भोजन, स्टारफ़िश, समुद्री ऊदबिलाव, इत्यादि कीस्टोन प्रजाति के उदाहरण हैं। प्रजातियां जो पहले उन क्षेत्रों में पहुंचती हैं, जहां पहले कोई जीवन नहीं था, उन्हें अग्रणी प्रजातियां कहा जाता है। अतः कथन 2 सही है

 

Daily MCQs – पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी – 01 March 2025 (Saturday)

Daily MCQs : पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी (Environment and Ecology)
01 March, 2025 (Saturday)

1. प्राकृतिक वास पारितंत्रीय निकेत के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. यह,वह क्षेत्र होता है जिसमें जीव रहने और विकसित होने के लिए अनुकूलित होता है।
2. इसमें शिकारी-शिकार संबंध नहीं होता है।
3. इसमें केवल भौतिक दशाएँ शामिल होती हैं।
उपर्युक्त में से कितने कथन सही नहीं हैं?
(A) केवल एक
(B)
केवल दो
(C)
सभी तीन
(D)
कोई भी नहीं

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उत्तर – (A)

व्याख्या – एक पौधे या एक जंतु का प्राकृतिक वास वह क्षेत्र होता है जिसमें जीव या जीवों की एक जनसंख्या रहने और विकसित होने के लिए अनुकूलित होती है। प्राकृतिक वास को क्षेत्र के जैविक और अजैविक कारकों जैसे कि जलवायु, वनस्पति, मिट्टी, पानी इत्यादि के द्वारा चिन्हित किया जाता है। एक क्षेत्र में कई प्रजातियों का प्राकृतिक वास हो सकता है। अतः कथन 1 सही है

इस निकेत में ढेर सारी प्रजातियाँ एक ही प्राकृतिक वास में एक-दूसरे के साथ बिना प्रतिस्पर्धा किए और बिना एक-दूसरे को नष्ट किए रहती है।प्राकृतिक वास में भक्षक-शिकार संबंध होता है किन्तु शायद ही यह एक प्रजाति के पूर्ण विलोपन का कारण बनता है। अतः कथन 2 सही नहीं है

एक स्थिर पारितंत्र में प्रत्येक प्रजाति अपना पारितंत्रीय निकेत खोज लेती है और इस प्रकार यह दूसरी प्रजातियों के साथ सहभागिता के साथ रहने की योग्यता हासिल कर लेती है। एक जीव के पारितंत्रीय निकेत में वे सभी भौतिक रासायनिक और जैव दशाएँ शामिल होती हैं जो कि प्राकृतिक वास में रहने के लिए जरूरी होती हैं। निकेत में जीव की भोजन आदतें, घोंसले बनाने के तरीके और पुनर्जनन इत्यादि भी शामिल होते हैं। अतः कथन 3 सही नहीं है

2. निम्नलिखित पर विचार कीजिए:
1. लक्षद्वीप
2. मन्नार की खाड़ी
3. कच्छ की खाड़ी
4. सुंदरवन
उपर्युक्त में से किनमें प्रवाल भित्तियाँ नहीं पाई जाती हैं?
(A) केवल एक
(B)
केवल दो
(C)
केवल तीन
(D)
सभी चार

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उत्तर – (A)

व्याख्या – भारतीय सामुद्रिक विज्ञान संस्थान के अनुसार, भारत में प्रवाल-भित्ति वाले चार प्रमुख क्षेत्र -अण्डमान निकोबार द्वीप समूह, लक्षद्वीप, मन्नार की खाड़ी एवं कच्छ की खाड़ी हैं। जबकि सुंदरबन में प्रवाल भित्तियाँ नहीं पाई जाती हैं। अतः विकल्प (a) सही उत्तर है

3. कार्बन चक्र के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. पृथ्वी पर अधिकांश कार्बन चट्टानों में संचित है।
2. प्रकाश संश्लेषण प्रकिया में उत्पादक ऑक्सीजन ग्रहण करते है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(A) केवल 1
(B)
केवल 2
(C)
 केवल 1 और 2
(D)
न तो 1 और न ही 2

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उत्तर – (A)

व्याख्या – कार्बन कोशिकाओं के लिए अनिवार्य होता है। पृथ्वी पर अधिकांश कार्बन चट्टानों में संचित है। शेष कार्बन महासागरों, वायुमंडल, पेड़-पौधे मृदा और जीवाश्म ईंधनों में संचित होता है। अतः कथन 1 सही है

प्रकाश संश्लेषण के दौरान उत्पादक CO2, लेते हैं और ऑक्सीजन को वायुमंडल में निर्मुक्त करते है।मानव और जंतु श्वसन को प्रक्रिया में ऑक्सीजन ग्रहण करते हैं और CO₂ निर्मुक्त करते हैं जो कि वापस पौधे तक जाती है।अपघटक वियोजी जैविक पदार्थ को विखंडित करते हैं और इस प्रक्रिया में CO₂, वायुमंडल में निर्मुक्त होती है।जब ज्वालामुखी उद्‌गार होता है या बन में आग लगती है तब अधिक CO₂, वायुमंडल में प्रवेश करती है। अतः कथन 2 सही नहीं है

4. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. नाइट्रोजन जीवों द्वारा सीधा अवशोषित होने वाली गैस है।
2. जटिल नाइट्रोजन चक्र नाइट्रोजन को अमोनिया में बदलता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही नहीं है/हैं?
(A) केवल 1
(B) केवल 2
(C) केवल 1 और 2
(D) न तो 1 और न ही 2

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उत्तर – (A)

व्याख्या – कोशिकाओं को अपने प्रोटीनों और जीनों का निर्माण करने के लिए नाइट्रोजन की आवश्यकता होती है। पृथ्वी पर अधिकांश नाइट्रोजन गैस के रूप में वायुमंडल में मौजूद होती है। जीवों को नाइट्रोजन की जरूरत होती है लेकिन वे इसे सीधे-सीधे अवशोषित नहीं कर सकते। अतः कथन 1 सही नहीं है

जटिल नाइट्रोजन चक्र नाइट्रोजन को अमोनिया में बदलता है जिसे जीवों द्वारा अवशोषित किया जा सकता है। इस प्रक्रिया को नाइट्रोजन स्थिरीकरण कहा जाता है जो कि जीवाणु द्वारा संपन्न की जाती है। ये जीवाणु फलीदार पौधों की जड़ों; जैसे कि सेम आदि में रहते हैं। अतः कथन 2 सही है

5. निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिए:

1. अल्फ़ा     पारिस्थितिकी प्रणालियों में विविधता की तुलना करती है।
2. बीटा विशेष क्षेत्र या पारिस्थितिकी तंत्र के भीतर विविधता को संदर्भित करती है।
3. गामा  एक क्षेत्र के भीतर विभिन्न पारिस्थितिकी प्रणालियों के लिए समग्र विविधता का एक उपाय है।

उपर्युक्त में से कितने युग्म सही सुमेलित हैं?
(A) केवल एक युग्म
(B) केवल दो युग्म
(C) सभी तीन युग्म
(D) कोई भी युग्म नहीं

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उत्तर – (A)

व्याख्या – पारितंत्रीय विविधता का संबंध एक क्षेत्र या भू-भाग में पाए जाने वाले पारितंत्रों की किस्म से है। भारत में समग्र रूप से अत्यधिक पारितंत्रीय विविधता पाई जाती है। अल्फा विविधता, किसी विशेष क्षेत्र या पारिस्थितिकी तंत्र के भीतर विविधता को संदर्भित करती है और आमतौर पर उस पारिस्थितिकी तंत्र में प्रजातियों की संख्या द्वारा अभिव्यक्त की जाती है। अतः युग्म 1 सही सुमेलित नहीं है

बीटा विविधता, पारिस्थितिकी प्रणालियों में विविधता की तुलना करती है। यह तुलना की गई पारिस्थितिकी प्रणालियों में पाई जाने वाली अद्वितीय प्रजातियों की कुल संख्या को परिगणित करती है। अतः युग्म 2 सही सुमेलित नहीं है

गामा विविधता, एक क्षेत्र के भीतर विभिन्न पारिस्थितिकी प्रणालियों के लिए समग्र विविधता का एक उपाय है। यह पूरे क्षेत्र में पाई जाने वाली अद्वितीय प्रजातियों की कुल संख्या की गणना करती है। अतः युग्म 3 सही सुमेलित है

 

Daily MCQs – पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी – 22 February 2025 (Saturday)

Daily MCQs : पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी (Environment and Ecology)
22 February, 2025 (Saturday)

1. प्रकाश संश्लेषण के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. इस प्रक्रिया में पौधे सूर्य से उर्जा प्राप्त करते है।
पौधों के हरित वर्णक में मौजूद मैग्नीशियम पौधों को सूर्य से प्राप्त प्रकाश को उर्जा में बदलनें की क्षमता प्रदान करती है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(A) केवल 1
(B)
केवल 2
(C)
1 और 2 दोनों
(D)
न तो 1 और न ही 2

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उत्तर – (C)

व्याख्या – प्रकाश संश्लेषण एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें पौधे सूर्य के प्रकाश का प्रयोग करते हुए कार्बन डाईऑक्साइड और इस को संयोजित करके ऑक्सीजन, कार्बोहाइड्रेट (ग्लूकोज) और अन्य पोषक तत्वों का उत्पादन करते हैं। पौधे सूर्य से ऊर्जा लेते हैं, पत्तियों के द्वारा वायुमंडल से कार्बन डाईऑक्साइड लेते हैं और जड़ों के द्वारा मिट्टी से पानी लेते हैं। अतः कथन 1 सही है

प्रकाश संश्लेषण को पौधे में मौजूद हरित वर्णक (क्लोरोफिल) द्वारा समर्थन प्रदान होता है। क्लोरोफिल मेंमैग्नीशियम होता है जो कि पौधे को यह क्षमता देता है कि वह प्रकाश को ऊर्जा में बदल सके। इस प्रक्रिया को निम्न रूप में वर्णित किया जा सकता है।
कार्बन डाईऑक्साइड + जल + सौर ऊर्जा →कार्बोहाइड्रेट + ऑक्सीजन
अतः कथन 2 सही है

2. प्रकाश संश्लेषण के महत्त्व के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. प्रकाश संश्लेषण के लिए जरुरी तत्व प्रकाश और पोषक दोनों गहरे महासागर में आसानी से उपलब्ध होते हैं।
2. रासायनिक संश्लेषण की प्रक्रिया जलतापीय छिद्रों के आस-पास घटित होती है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(A) केवल 1
(B) केवल 2
(C) 1 और 2 दोनों
(D) न तो 1 और न ही 2 

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उत्तर – (B)

व्याख्या – प्रकाश संश्लेषणसभी जीवों के लिए जीवन और ऊर्जा का आधारभूत स्रोत है। इसमें उत्पादित होने वाली ऑक्सीजन इंसानों और जानवरों के लिए जीवनदायी होती है।प्रकाश संश्लेषण के लिए प्रकाश और पोषक तत्वो की जरूरत होती है और ये दोनों गहरे महासागर में दुर्लभ होते हैं। इस प्रकार यह प्रक्रिया महासागर की केवल ऊपरी परतो (सतह से लगभग 75 मीटर की गहराई तक) में ही हो पाती है। अतः कथन 1 सही नहीं है

महासागरों की गहराई में सूर्य का प्रकाश नहीं पहुँचता है इसलिए यहाँ एक अन्य प्रक्रिया घटित होती है जिसे रासायनिक संश्लेषण कहा जाता है। यह प्रक्रिया जलतापीय छिद्रों के आस-पास घटित होती है और इसमें ऊर्जा स्रोत के रूप में सौर ऊर्जा के स्थान पर रसायनों का प्रयोग होता है। इस प्रक्रिया में हरे सल्फर जीवाणुओं द्वारा हाइड्रोजन सल्फाइड, कार्बन डाईऑक्साइड और ऑक्सीजन को संयोजित करके ग्लूकोज और सल्फर यौगिकों का उत्पादन किया जाता है। अतः कथन 2 सही है

3. निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिए:

प्राथमिक उपभोक्ता  हरे पौधों से भोजन प्राप्त करते हैं
द्वितीयक उपभोक्ता   प्राथमिक उपभोक्ताओं को खाते है
तृतीयक उपभोक्ता    द्वितीयक उपभोक्ताओं को खाते हैं

उपर्युक्त में से कितने युग्म सही सुमेलित हैं?

(A) केवल एक युग्म
(B) केवल दो युग्म
(C) सभी तीन युग्म
(D) कोई भी युग्म नहीं 

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उत्तर – (C)

व्याख्या – प्रथम स्तर पर उत्पादकों को जीवों द्वारा खाया जाता है, जो कि प्राथमिक उपभोक्ता कहलाते हैं। उदहारण के तौर पर खरगोश, बकरी इत्यादि जो पौधे खाते हैं, प्राथमिक उपभोक्ताओं को शाकाहारी भी कहा जाता है। अतः युग्म 1 सही सुमेलित है

अगले स्तर पर द्वितीयक उपभोक्ता होते हैं जो कि प्राथमिक उपभोक्ताओं को अपना आहार बनाते हैं। उदाहरण के लिए, शेर जो कि हिरन को खाते हैं। अतः युग्म 2 सही सुमेलित है

तीसरे स्तर पर तृतीयक उपभोक्ता होते हैं जो द्वितीयक उपभोक्ताओं को भोजन के रूप में प्रयुक्त करते हैं।उदाहरण के लिए, बाज तृतीयक उपभोक्ता हैं जो साँप को खाते हैं। तृतीयक उपभोक्ताओं को अन्य उपभोक्ताओं द्वारा खाया जा सकता है और श्रृंखला आगे बढ़ती रहती है। अतः युग्म 3 सही सुमेलित है

4. निम्नलिखित पर विचार कीजिए:
1. मक्खियाँ
2. कॉकरोच
3. केंकड़े
4. जेलीफिश
उपर्युक्त में से कौन-से जीव अपरदाहारी कहलाते हैं?
(A) केवल एक
(B) केवल दो
(C) सभी तीन
(D) सभी चार

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उत्तर – (C)

व्याख्या – एक अपरदाहारी अपरद या कूड़े को खाता है, जिसमें जैविक कचरा, मलवा और जंतुओं के सूखे मल आदि शामिल होते हैं।अपरदाहारों के उदाहरण हैं-मक्खियाँ, कॉकरोच, केंकड़े, केंचुए, दीमक और काष्ठ चींटी।अपघटक और अपरदाहारी दोनों मृत और सड़े-गले पदार्थों के वियोजन या अपघटन में सहायता करते हैं।दोनों अपशिष्ट पदार्थों से अपनी ऊर्जा प्राप्त करते हैं।उनके योगदान के बिना पृथ्वी मृत पदार्थ और मृत शरोरों से भर जाएगी।जहाँ अपरदाहारी वास्तविक रूप से अपशिष्ट पदार्थ को खाते हैं वहीं अपघटक कचरे को पचाने के लिए एंजाइम स्रावित करते हैं और इसके बाद निर्मुक्त अणुओं को अवशोषित कर लेते हैं। अपरदाहारी की तुलना में अपघटक एक अन्य अतिरिक्त कार्य निष्पादित करते हैं। वे पारितंत्र में आवश्यक पोषक तत्वों को वापस लौटाते हैं। अतः विकल्प (c) सही है

5. निम्नलिखित गैसों पर विचार कीजिए:
1. नाइट्रोजन
2. ऑक्सीजन
3. कार्बन डाईआक्साइड
4. मिथेन
उपर्युक्त में से ‘एक्स-सिटू’ संरक्षण के लिए कौन-सी/से गैस सामान्यतः प्रयोग होती है?
(A) केवल एक
(B) केवल दो
(C) केवल तीन
(D) सभी चार 

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उत्तर – (A)

व्याख्या – एक्स-सिटू संरक्षण एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके द्वारा वनस्पतियों एवं जानवरों की विलुप्त प्रायः प्रजातियों का संरक्षण उनके प्राकृतिक आवास से पृथक किया जाता है। एक्स-सिटू संरक्षण की दो विधियाँ प्रथम जूलॉजिकल पार्कों में विलुप्तप्राय प्रजातियों का पालन पोषण किया जाता है और द्वितीय जीवित शुक्राणुओं तथा अण्डों के नमूनों को अत्यंत कम तापमान पर द्रवित नाइट्रोजन में सरंक्षित किया जाता है।

 

Daily MCQs – पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी – 15 February 2025 (Saturday)

Daily MCQs : पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी (Environment and Ecology)
15 February, 2025 (Saturday)

1. ‘आर्द्रभूमि’ के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. आर्द्रभूमि स्थायी या मौसम के अनुरूप जल से संतृप्त भूमि क्षेत्र है,यह अपने स्वयं के अनूठे पारिस्थितिकी तंत्र की विशेषताओं को विकसित करता है।
2. अष्टमुडी आर्द्रभूमि को रामसर कन्वेंशन के तहत अंतरराष्ट्रीय महत्व की पहली भारतीय आर्द्रभूमि के रूप में नामित किया गया था।
उपर्युक्त दिए गए कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?
(A) केवल 1
(B) केवल 2
(C) 1 और 2 दोनों
(D) न तो 1 और न ही 2

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उत्तर – (A)

व्याख्या – आर्द्रभूमि एक भूमि क्षेत्र है जो स्थायी रूप से या मौसमी रूप से पानी से संतृप्त होता है, जिससे यह अपने स्वयं के अनूठे पारिस्थितिकी तंत्र की विशेषताओं को विकसित करता है। आर्द्रभूमियाँ आम तौर पर जलीय मिट्टी की बनी होती हैं, जो जलीय पौधों को सहारा देती हैं। अतः कथन 1 सही है

चिल्का झील को रामसर कन्वेंशन के तहत वर्ष 1981 में अंतर्राष्ट्रीय महत्व की पहली भारतीय आर्द्रभूमि नामित किया गया था। केरल के कोल्लम जिले स्थित अष्टमुडी झील, दूसरी सबसे बड़ी और गहरी आर्द्रभूमि पारिस्थितिकी तंत्र है। इसे 19 अगस्त, 2002 को रामसर कन्वेंशन द्वारा परिभाषित अंतर्राष्ट्रीय महत्व की आर्द्रभूमि की सूची में शामिल किया गया था। अतः कथन 2 सही नहीं है

2. निम्नलिखित जानवरों पर विचार कीजिए:
1. ज़ेबरा
2. काला हिरण
3. कंगारू चूहा
4. सींग वाला टोड
5. ऊँट
उपर्युक्त जानवरों में से कौन सा/से मरुस्थलीय परिस्थितियों के लिए अनुकूलित नहीं है/हैं?
(A) केवल 1
(B) केवल 1 और 2
(C) केवल 2, 3 और 4
(D) केवल 3, 4 और 5

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उत्तर – (B)

व्याख्या – कंगारू चूहा, सींग वाला टोड और ऊँट मरुस्थलीय जीवन के लिए अनुकूलित हैं, जबकि ज़ेबरा और काला हिरण मरुस्थलीय जीवन के लिए अनुकूलित नहीं हैं।

3. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. कार्बन डाइऑक्साइड सौर विकिरण के लिए पारदर्शी जबकि पार्थिव विकिरण के लिए अपारदर्शी है।
2. ओजोन एक फिल्टर के रूप में कार्य करता है,जो सूर्य द्वारा उत्सर्जित पराबैंगनी प्रकाश को अवशोषित करता है।
3. जलवाष्प एक कंबल की तरह कार्य करता है,जो पृथ्वी को बहुत गर्म या बहुत ठंडा नहीं होने देता है।
उपर्युक्त दिए गए कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?
(A) केवल 1 और 2
(B) केवल 2 और 3
(C) केवल 1 और 3
(D) 1, 2 और 3

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उत्तर – (D)

व्याख्या – कार्बन डाई आक्साइड मौसम विज्ञान की दृष्टि से एक बहुत ही प्रभावकारी गैस है, यह सौर विकिरण के लिए पारदर्शी जबकि पार्थिव विकिरण के लिए अपारदर्शी है। यह स्थलीय विकिरण के एक भाग को अवशोषित करता है और उसके कुछ भाग को वापस पृथ्वी की सतह की ओर परावर्तित कर देता है। ओजोन वायुमंडल का एक अन्य महत्वपूर्ण घटक है जो पृथ्वी की सतह से 10 से 50 किमी ऊपर स्थित है तथा एक फिल्टर के रूप में कार्य करता है, यह सूर्य से आने वाली पराबैंगनी किरणों को अवशोषित करता है। जलवाष्प वायुमंडल में एक परिवर्तनशील गैस है, जो ऊंचाई के साथ घटती जाती है। यह सूर्य से निकलने वाले सूर्यातप का कुछ भाग अवशोषित करता है और पृथ्वी की विकिरणित गर्मी को संरक्षित करता है। इस प्रकार, यह एक कंबल की तरह कार्य करता है जिससे पृथ्वी न तो अधिक ठंडी होती है और न ही अधिक गर्म। जलवाष्प हवा में स्थिरता और अस्थिरता में योगदान देता है। अतः सभी कथन सही हैं

4. एक ‘बायोम’ को इस प्रकार परिभाषित किया जा सकता है:
(A) विशिष्ट परिस्थितियों में परस्पर क्रिया करने वाले पौधों और जानवरों की प्रजातियों का कुल संयोजन।
(B) नियंत्रित वातावरण में पौधे उगाने की तकनीक।
(C) जीव और उनके पर्यावरण के बीच संबंध।
(D) पर्यावरण पर पौधों और जानवरों का प्रभाव।

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उत्तर – (A)

व्याख्या – पारिस्थितिकी तंत्र दो प्रमुख प्रकार के होते हैं: स्थलीय और जलीय। स्थलीय पारिस्थितिकी तंत्र को आगे ‘बायोम’ में वर्गीकृत किया जा सकता है। बायोम भौगोलिक रूप से वितरित पौधों और पशुओं का समुदाय है। भूमि पर विभिन्न बायोम की सीमाएँ मुख्य रूप से जलवायु से निर्धारित होती हैं। अतः, बायोम को विशिष्ट परिस्थितियों में परस्पर क्रिया करने वाले पौधों और जानवरों की प्रजातियों के कुल संयोजन के रूप में परिभाषित किया जा सकता है। इनमें वर्षा, तापमान, आर्द्रता और मिट्टी की स्थिति शामिल होती  है। विश्व के कुछ प्रमुख बायोम हैं: वन घास के मैदान, रेगिस्तान और टुंड्रा बायोम। अतः विकल्प (a) सही है

5. भारत सरकार लुप्तप्राय और संकटग्रस्त प्रजातियों की सुरक्षा और संरक्षण हेतु विशेष उपाय करती है। निम्नलिखित में से कौन से बाह्य–स्थाने संरक्षण के उदाहरण हैं?
1. जेनेटिक इंजीनियरिंग
2. बीज बैंक
3. वानस्पतिक उद्यान
4. पराग बैंक
5. वन्यजीव अभ्यारण्य
नीचे दिए गए कूट का उपयोग करके सही उत्तर चुनिए:
(A) केवल 1 और 5
(B) केवल 2, 3 और 4
(C) केवल 1, 2, 3 और 4
(D) 1, 2, 3, 4 और 5

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उत्तर – (C)

व्याख्या – वन्यजीव अभयारण्यों को छोड़कर सभी पूर्व-स्थिति संरक्षण के उदाहरण हैं। वन्यजीव अभयारण्य राष्ट्रीय उद्यान, बायोस्फीयर रिजर्व, विश्व धरोहर स्थलों, सांस्कृतिक परिदृश्य आदि के साथ इन-सीटू संरक्षण से संबंधित हैं।

 

Daily MCQs – पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी – 08 February 2025 (Saturday)

Daily MCQs : पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी (Environment and Ecology)
08 February, 2025 (Saturday)

1. निम्नलिखित पर विचार कीजिए :
1. मक्खियाँ

2. कॉकरोच
3. केंकड़े
4. जेलीफिश
उपर्युक्त जीवों में से कितने अपरदाहारी हैं?
(a) केवल एक

(b) केवल दो
(c) केवल तीन
(d) सभी चार

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उत्तर – (C)

व्याख्या – एक अपरदाहारी अपरद अपशिष्टों का भक्षण करते हैं, जिसमें जैविक कचरा, मलवा और जंतुओं के सूखे मल आदि शामिल होते हैं। अपरदाहारों के उदाहरण हैं-मक्खियाँ, कॉकरोच, केंकड़े, केंचुए, दीमक और काष्ठ चींटी , जबकि जेलीफ़िश अपरदहारी नहीं है । अपघटक और अपरदाहारी दोनों मृत और सड़े-गले पदार्थों के वियोजन या अपघटन में सहायता करते हैं। दोनों अपशिष्ट पदार्थों से अपनी ऊर्जा प्राप्त करते हैं। यदि उनका योगदान न होगा तो पृथ्वी मृत पदार्थ और मृत शरीरों से भर जाएगी।

2. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
कथन-I :  भारत ने क्योटो प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किए हैं, लेकिन भारत को इसकी बाध्यताओं से छूट दी गई है।

कथन-II : भारत का मानना है कि विकसित देशों को ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने के लिए अधिक जिम्मेदारी लेनी चाहिए।
उपर्युक्त कथनों के बारे में, निम्नलिखित में से कौन-सा एक सही है?
(a) कथन-I और कथन-II दोनों सही है तथा कथन- II, कथन-I की सही व्याख्या है

(b) कथन-I और कथन-II दोनों सही है तथा कथन-II, कथन-I की सही व्याख्या नहीं है
(c) कथन-I सही है किन्तु कथन-II गलत है
(d) कथन-1 गलत है किन्तु कथन-II सही है

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उत्तर – (A)

व्याख्या – भारत ने 2002 में क्योटो प्रोटोकॉल (1997) पर हस्ताक्षर किए और इसका अनुमोदन किया। भारत, चीन और अन्य विकासशील देशों को क्योटो प्रोटोकॉल की बाध्यताओं से छूट दी गई है क्योंकि औद्योगीकरण के दौर में ग्रीनहाऊस गैसों के उत्सर्जन के मामले में इनका कुछ ख़ास योगदान नहीं था। अतः कथन-I सही है

2005 के जून में ग्रुप-8 के देशों की बैठक हुई। इसमें भारत ने ध्यान दिलाया कि विकासशील देशों में ग्रीन हाऊस गैसों की प्रति व्यक्ति उत्सर्जन दर विकसित देशों की तुलना में नाममात्र हैं। साझी परंतु विभेदीकृत उत्तरदायित्व के सिद्धांत के अनुरूप भारत का विचार है कि उत्सर्जन दर में कमी करने की सबसे ज्यादा जिम्मेदारी विकसित देशों की है क्योंकि इन देशों ने एक लंबी अवधि तक बहुत ज्यादा उत्सर्जन किया है। अतः कथन-II सही है

कथन-II, कथन-I की सही व्याख्या है, क्योंकि यह बताता है कि क्यों भारत ने क्योटो प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किए हैं तथा भारत को क्यों इसकी बाध्यताओं से छूट दी गई है।

3. जलीय पारितंत्र के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. बेन्थोस, वे जीव हैं जो जल के तल में निवास करते हैं।

2. नेक्टन, ऐसे जीव हैं जो जड़ वाले पौधों के तनों और पत्तियों से जुड़े रहते हैं।
3. न्यूस्टन, अनासक्त जीव हैं जो वायु और जल के अंतरापृष्ठ में निवास करते हैं।
उपर्युक्त में से कितने कथन सही है?
(a) केवल एक

(b) केवल दो
(c) सभी तीन
(d) कोई भी नहीं

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उत्तर – (B)

व्याख्या – बेन्थोस : बैंथिक जीव वे हैं जो जल के तल में रहते हैं। व्यावहारिक रूप से प्रत्येक जलीय पारितंत्र में सुविकसित बेंथोस पाए जाते हैं। अतः कथन 1 सही है

नेक्टन : यह पानी या समुद्री जीवों का एक समूह है जो एक साथ स्वतंत्र रूप से यात्रा करते हैं. ये जीव मछली, क्रस्टेशियंस या मोलस्क हो सकते हैं जो समुद्र या झील में रहते हैं। अतः कथन 2 सही नहीं है

न्यूस्टन : ये अनासक्त जीव हैं जो वायु और जल के अंतरापृष्ठ में निवास करते हैं, जैसे- तैरते पौधे आदि। अतः कथन 3 सही है

4. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. औद्योगीकरण के दौर को मौजूदा वैश्विक तापवृद्धि का जिम्मेदार माना जाता है।

2. भारत ने 2 अक्तूबर 2017 को पेरिस जलवायु समझौते को अनुमोदित किया।
उपर्युक्त कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1

(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न दो

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उत्तर – (A)

व्याख्या – औद्योगिक क्रांति के दौरान जीवाश्म ईंधन के जलने, वनों की कटाई और अन्य मानवीय गतिविधियों के कारण ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में उल्लेखनीय वृद्धि हुई। ग्रीनहाउस गैसें वायुमंडल में गर्मी को रोकती हैं, जिससे पृथ्वी का तापमान बढ़ता है। अतः कथन 1 सही है

पेरिस समझौता(2015) एक ऐतिहासिक समझौता है, जो देशों से जलवायु परिवर्तन से निपटने और वैश्विक तापमान वृद्धि को 2 डिग्री सेल्सियस से नीचे सीमित करने का आह्वान करता है। भारत ने 2 अक्टूबर, 2016 को पेरिस समझौते अनुमोदित किया। अतः कथन 2 सही नहीं है

5. निम्नलिखित में से कौन-सा पारिस्थितिकी तंत्र किसी दिए गए क्षेत्र की इकाई के लिए सबसे अधिक कार्बन का प्रच्छादन करेगा?
(a) लवणीय भूमि

(b) घास का मैदान
(c) अनावृत मिट्टी
(d) परिपक्व उष्णकटिबंधीय वन

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उत्तर – (A)

व्याख्या – लवणीय आर्द्रभूमियाँ महत्वपूर्ण तटीय ‘ब्लू कार्बन’ पारिस्थितिकी तंत्र हैं क्योंकि इनमें जमीन के ऊपर और नीचे के बायोमास और तलछट में कार्बन जमा करने की क्षमता होती है। उष्णकटिबंधीय वनों की तुलना में लवणीय मिट्टी दो से चार गुना अधिक कार्बन अवशोषित करती है।

 

Daily MCQs – पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी – 18 January 2025 (Saturday)

Daily MCQs : पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी (Environment and Ecology)
18 January, 2025 (Saturday)

1. निम्नलिखित पर विचार कीजिए:
1. पराबैंगनी (यूवी) विकिरण के संपर्क में वृद्धि।

2. भारी बारिश से बड़ी मात्रा में तूफ़ान का पानी चट्टान में भर जाता है।
3. मूंगे को ढकने वाले रेत या गंदगी जैसे तलछट।
मूंगा विरंजन के उपर्युक्त में से कितने कारण हैं?
(a) केवल एक

(b) केवल दो
(c) सभी तीन
(d) कोई भी नहीं

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उत्तर – (C)

व्याख्या – कोरल पॉलीप्स के ऊतकों से सहजीवी ज़ोक्सांथेला के नुकसान के कारण मूंगा कालोनियों का सफेद होना कोरल ब्लीचिंग कहा जाता है। ज़ोक्सांथेला एककोशिकीय शैवाल हैं जो मूंगों को रंग प्रदान करते हैं। वे मूंगों को भी भोजन प्रदान करते हैं और उनकी मृत्यु से उनके बीच सहजीवी संबंध टूट जाता है। सहजीवी संबंध के टूटने से भुखमरी होती है और परिणामस्वरूप कोरल पॉलीप्स की मृत्यु हो जाती है। यह स्थिति कोरल कॉलोनी के सफेद कैल्शियम कार्बोनेट कंकाल को उजागर करती है।

2. मैंग्रोव के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. मैंग्रोव कुछ समुद्री तटों की सीमा से लगे उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों के बहुत विशिष्ट वन पारिस्थितिकी तंत्र हैं।

2. ये कम ऑक्सीजन वाली मिट्टी में नहीं उगते।
उपर्युक्त में से कौन सा/से कथन सही नहीं है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2

(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2

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उत्तर – (B) 

व्याख्या – मैंग्रोव पेड़ों और झाड़ियों का एक समूह है, जो ग्रह के तटीय क्षेत्रों में पाया जाता है। ये पेड़ धीमी गति से बहने वाले पानी के साथ कम ऑक्सीजन वाली मिट्टी में उगते हैं। उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय अंतर-ज्वारीय क्षेत्रों के ये पारिस्थितिकी तंत्र संरक्षित समुद्री तटों और मुहल्लों की सीमा से लगे हैं, वे तटरेखा को स्थिर करते हैं और समुद्र द्वारा अतिक्रमण के खिलाफ एक ढाल के रूप में कार्य करते हैं। अतः कथन 2 सही नहीं है

3. छत्रक प्रजाति के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. छत्रक प्रजाति एक बड़ा जानवर या अन्य जीव है जिस पर कई अन्य प्रजातियाँ निर्भर होती हैं।

2. भारत में बाघ छत्रक प्रजाति का उदाहरण है।
उपर्युक्त में से कौन सा/से कथन सही है/हैं?
(a) केवल 1

(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2

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उत्तर – (C) 

व्याख्या – अंब्रेला प्रजाति एक बड़ा जानवर या अन्य जीव है जिस पर कई अन्य प्रजातियाँ निर्भर होती हैं। अंब्रेला प्रजातियाँ कीस्टोन प्रजातियों से काफी मिलती-जुलती हैं, लेकिन अंब्रेला प्रजातियाँ आमतौर पर प्रवासी होती हैं और उन्हें बड़े आवास की आवश्यकता होती है। अंब्रेला प्रजातियाँ संरक्षण संबंधी निर्णय लेने के लिए चुनी जाने वाली प्रजातियाँ हैं, आमतौर पर क्योंकि इन प्रजातियों की रक्षा अप्रत्यक्ष रूप से कई अन्य प्रजातियों की रक्षा करती है जो इसके निवास स्थान के पारिस्थितिक समुदाय को बनाती हैं। भारत में, बंगाल टाइगर सबसे प्रमुख छत्र प्रजाति है। अतः दोनों कथन सही हैं

4. जैविक विविधता पर कन्वेंशन (सीबीडी) के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. जैविक विविधता पर कन्वेंशन (सीबीडी) जैव विविधता से संबंधित सभी पहलुओं को संबोधित करने वाला पहला व्यापक वैश्विक समझौता है।
2. एक वैश्विक मुद्दे के रूप में जैव विविधता को 2002 के रियो+10 शिखर सम्मेलन में महत्व मिला जहां विश्व नेताओं ने “सतत विकास” के लिए एक व्यापक रणनीति पर सहमति व्यक्त की।
3. कन्वेंशन का उद्देश्य जैविक विविधता का संरक्षण है; इसके घटकों का सतत उपयोग और आनुवंशिक संसाधनों के उपयोग से उत्पन्न होने वाले लाभों का उचित और न्यायसंगत बंटवारा
उपर्युक्त दिए गए कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1 और 2

(b) केवल 1 और 3
(c) केवल 2 और 3
(d) 1, 2 और 3

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उत्तर – (B) 

व्याख्या – एक वैश्विक मुद्दे के रूप में जैव विविधता को ब्राजील के रियो डी जनेरियो में 1992 के पृथ्वी शिखर सम्मेलन में महत्व मिला, जहां विश्व नेताओं ने “सतत विकास” के लिए एक व्यापक रणनीति पर सहमति व्यक्त की। रियो में अपनाए गए प्रमुख समझौतों में से एक ‘जैविक विविधता पर सम्मेलन’ (सीबीडी) था, जिस पर दुनिया की अधिकांश सरकारों ने हस्ताक्षर किए थे, जो दुनिया भर में आर्थिक विकास के रूप में दुनिया की पारिस्थितिक नींव को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्धता दिखाती थी।

कन्वेंशन का उद्देश्य जैविक विविधता का संरक्षण है; इसके घटकों का सतत उपयोग और आनुवंशिक संसाधनों के उपयोग से उत्पन्न होने वाले लाभों का उचित और न्यायसंगत बंटवारा। सीबीडी जैव विविधता से संबंधित सभी पहलुओं को संबोधित करने वाला पहला व्यापक वैश्विक समझौता है। सीबीडी के कार्यान्वयन के लिए संस्थागत ढांचा पार्टियों के सम्मेलन (सीओपी) द्वारा प्रदान किया जाता है। सीओपी सीबीडी का शासी निकाय है जो कन्वेंशन के कार्यान्वयन की समीक्षा करता है, और इसके विकास का संचालन करता है सीओपी सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था है जिसके पास कन्वेंशन के तहत प्रोटोकॉल को अपनाने का अधिकार है। इसके पास कन्वेंशन में संशोधन करने का भी अधिकार है। अतः कथन 2 सही नहीं है

5. आंध्र प्रदेश का होप द्वीप ऑलिव रिडले कछुओं की कब्रगाह क्यों बन गया है?
(a) होप आइलैंड के पास ऑलिव रिडले का अवैध रूप से शिकार किया जाता है

(b) अधिकांश ओलिव रिडले मशीनीकृत नावों के नीचे कुचले जाते हैं और घायल हो जाते हैं
(c) बांधों और सिंचाई परियोजनाओं का निर्माण ओलिव रिडले के लिए कब्रगाह साबित हुआ है
(d) तेल रिसाव और भोजन की कमी इस क्षेत्र में ओलिव रिडले पर बड़ा खतरा है

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उत्तर – (B)

व्याख्या – ओलिव रिडले कछुआ दुनिया में पाए जाने वाले सभी समुद्री कछुओं में सबसे छोटा और सबसे प्रचुर मात्रा में पाया जाने वाला कछुआ है। इसका नाम इसके जैतून के रंग के खोल के कारण पड़ा है, जो दिल के आकार का और गोल है। यह प्रशांत और हिंद महासागर के गर्म पानी में पाया जाता है। यह अपना पूरा जीवन समुद्र में बिताता है और एक वर्ष के दौरान भोजन और संभोग क्षेत्रों के बीच हजारों किलोमीटर तक प्रवास करता है। हालाँकि बहुतायत में पाए जाते हैं, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में इनकी संख्या में गिरावट आ रही है। इसे IUCN रेड लिस्ट द्वारा सुभेद्य के रूप में मान्यता दी गई है। भारत में इसे वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम के तहत संरक्षित किया गया है।

  • यहां होप द्वीप के समुद्र तटों पर ऑलिव रिडली कछुओं के शव बहकर आ रहे हैं, जो दर्शाता है कि मशीनीकृत मछली पकड़ने वाली नौकाओं द्वारा इस साल लुप्तप्राय प्रजातियों के प्रजनन चक्र को गंभीर झटका लगा है।
  • जैसे ही ये मछली पकड़ने वाली नावें बंगाल की खाड़ी के तट पर पहुँचती हैं, संरक्षणवादियों और वन विभाग के अधिकारियों के बीच निराशा है कि यह साल कछुओं के लिए बुरा होगा।
  • कछुए, जो वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम के तहत संरक्षित हैं, अक्टूबर और नवंबर में अपने संभोग के मौसम के दौरान हिंद महासागर से अपनी यात्रा शुरू करते हैं। जब वे बंगाल की खाड़ी में पहुंचते हैं, तो मादाएं समुद्र तटों पर अंडे देती हैं। हालांकि कछुओं का गंतव्य ओडिशा में गहिरमाथा है, कोरिंगा वन्यजीव अभयारण्य के होप द्वीप के रेतीले हिस्से हर साल कुछ सौ कछुओं के लिए प्रजनन क्षेत्र में बदल गए हैं।
  • मशीनीकृत नावों के मालिक कछुओं की सुरक्षा के लिए सावधानी नहीं बरत रहे हैं। उनमें से अधिकांश नावों के नीचे कुचले जाते हैं और घायल होकर दम तोड़ देते हैं।

 

Daily MCQs – पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी – 11 January 2025 (Saturday)

Daily MCQs : पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी (Environment and Ecology)
11 January, 2025 (Saturday)

1. निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिए:

रामसर स्थल राज्य
1. सिरपुर आर्द्रभूमि मध्य प्रदेश
2. नंदा झील उत्तराखंड
3. समान पक्षी अभयारण्य उत्तर प्रदेश
4. शालबुघ आर्द्रभूमि सिक्किम

उपर्युक्त में से कितने युग्म सही सुमेलित हैं?
(a) केवल एक युग्म

(b) केवल दो युग्म
(c) केवल तीन युग्म
(d) सभी चार युग्म

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उत्तर – (B)

व्याख्या – 

1. सिरपुर आर्द्रभूमि : मध्य प्रदेश
2. नंदा झील : गोवा
3. समान पक्षी अभयारण्य : उत्तर प्रदेश
4. शालबुघ आर्द्रभूमि : जम्मू और कश्मीर

2. बर्डलाइफ़ इंटरनेशनल के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. यह संरक्षण संगठनों की एक वैश्विक साझेदारी है जो प्राकृतिक संसाधनों के उपयोग में स्थिरता की दिशा में लोगों के साथ काम करते हुए पक्षियों, उनके आवासों और वैश्विक जैव विविधता के संरक्षण का प्रयास करती है।
2. बर्डलाइफ इंटरनेशनल एक वार्षिक पत्रिका, वर्ल्ड बर्डवॉच प्रकाशित करता है, जिसमें दुनिया भर में पक्षियों, उनके आवास और उनके संरक्षण के बारे में हालिया समाचार और आधिकारिक लेख शामिल होते हैं।
उपर्युक्त में से कौन सा/से कथन सही है/हैं?
(a) केवल 1

(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2 

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उत्तर – (A) 

व्याख्या – बर्डलाइफ़ इंटरनेशनल संरक्षण संगठनों की एक वैश्विक साझेदारी है जो प्राकृतिक संसाधनों के उपयोग में स्थिरता की दिशा में लोगों के साथ काम करते हुए पक्षियों, उनके आवासों और वैश्विक जैव विविधता के संरक्षण का प्रयास करती है। यह पक्षियों और उनके आवासों के संरक्षण के लिए दुनिया की सबसे बड़ी संरक्षण पहल है। इसे पहले अंतर्राष्ट्रीय पक्षी संरक्षण समिति के नाम से भी जाना जाता है । अतः कथन 1 सही है। 

यह एक त्रैमासिक पत्रिका, वर्ल्ड बर्डवॉच प्रकाशित करता है, जिसमें दुनिया भर में पक्षियों, उनके आवासों और उनके संरक्षण के बारे में हालिया समाचार और आधिकारिक लेख शामिल होते हैं। यह अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ(IUCN) के लिए पक्षियों के चयन हेतु आधिकारिक रेड लिस्ट प्राधिकरण है। यह महत्वपूर्ण पक्षी क्षेत्रों (आईबीए) सूची भी प्रकाशित करता है । अतः कथन 2 सही नहीं है

3. फ्लाई ऐश के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. फ्लाई ऐश कोयला थर्मल पावर प्लांट में कोयले के दहन का एक अवांछित, बिना जला हुआ अवशेष है।

2. इसका उपयोग कंक्रीट और सीमेंट उत्पादों, सड़क आधार, धातु पुनर्प्राप्ति और खनिज भराव में किया जाता है।
3. फ्लाई ऐश में कोई जहरीला तत्व नहीं होता है।
उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं/हैं?
(a) केवल एक

(b) केवल दो
(c) सभी तीन
(d) कोई भी नहीं

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उत्तर – (B) 

व्याख्या – फ्लाई ऐश कोयला थर्मल पावर प्लांट में कोयले के दहन का एक अवांछित, बिना जला हुआ अवशेष है। यह भट्टी में कोयला जलाने के दौरान फ्लू गैसों के साथ उत्सर्जित होता है और इलेक्ट्रोस्टैटिक प्रीसिपिटेटर्स का उपयोग करके एकत्र किया जाता है। क्षणिक धूल उत्सर्जन को कम करने के लिए प्रीसिपिटेटर्स की मदद से एकत्रित फ्लाई ऐश को गीले घोल में बदल दिया जाता है। फ्लाई ऐश की संरचना जलाए जाने वाले कोयले की संरचना पर निर्भर करती है। इसमें बेरिलियम, आर्सेनिक, अधजला कार्बन, सिलिकॉन ऑक्साइड, डाइऑक्सिन, एल्यूमीनियम ऑक्साइड, फेरिक ऑक्साइड, कैल्शियम ऑक्साइड आदि हो सकते हैं। ये तत्व गंभीर पर्यावरण प्रदूषक हैं।

इसका उपयोग कंक्रीट और सीमेंट उत्पादों, सड़क आधार, धातु पुनर्प्राप्ति और खनिज भराव सहित अन्य में किया जाता है। फ्लाई ऐश के कण जहरीले वायु प्रदूषक हैं। वे हृदय रोग, कैंसर, श्वसन रोग और स्ट्रोक को ट्रिगर कर सकते हैं। अतः कथन 3 सही नहीं है

4. यूट्रोफिकेशन के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. यूट्रोफिकेशन तब होता है जब पानी का भंडार खनिजों और पोषक तत्वों से अत्यधिक समृद्ध हो जाता है जो पौधों और शैवाल की अत्यधिक वृद्धि को प्रेरित करता है।
2. जल निकाय में फाइटोप्लांकटन की वृद्धि पोषक तत्वों के बढ़े हुए स्तर की प्रतिक्रिया है।
उपर्युक्त में से कौन सा/से कथन सही है/हैं?
(a) केवल 1

(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2

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उत्तर – (C) 

व्याख्या – यूट्रोफिकेशन या हाइपरट्रॉफिकेशन, तब होता है जब पानी का शरीर खनिजों और पोषक तत्वों से अत्यधिक समृद्ध हो जाता है जो पौधों और शैवाल की अत्यधिक वृद्धि को प्रेरित करता है। इस प्रक्रिया के परिणामस्वरूप जल निकाय में ऑक्सीजन की कमी हो सकती है। एक उदाहरण “शैवाल खिलना” या पोषक तत्वों के बढ़े हुए स्तर की प्रतिक्रिया के रूप में जल निकाय में फाइटोप्लांकटन की बड़ी वृद्धि है। यूट्रोफिकेशन अक्सर जलीय प्रणाली में नाइट्रेट या फॉस्फेट युक्त डिटर्जेंट, उर्वरक या सीवेज के निर्वहन से प्रेरित होता है। अतः दोनों कथन सही हैं

5. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. इकोटोन दो बायोम (विविध पारिस्थितिक तंत्र) के बीच का एक संक्रमण क्षेत्र है।

2. जो जीव इस क्षेत्र में मुख्य रूप से या सबसे अधिक मात्रा में पाए जाते हैं, उन्हें सीमांत प्रजाति के रूप में जाना जाता है।
3. निकेत किसी प्रजाति की उसके आवास या पारिस्थितिकी तंत्र में अद्वितीय कार्यात्मक भूमिका और स्थिति को संदर्भित करता है।
उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं/हैं?
(a) केवल एक

(b) केवल दो
(c) सभी तीन
(d) कोई भी नहीं

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उत्तर – (C) 

व्याख्या: –   

इकोटोन: इकोटोन दो बायोम (विविध पारिस्थितिक तंत्र) के बीच जंक्शन या संक्रमण क्षेत्र का एक क्षेत्र है। इकोटोन वह क्षेत्र है जहां दो समुदाय मिलते हैं और एकीकृत होते हैं। उदाहरण के लिए मैंग्रोव वन समुद्री और स्थलीय पारिस्थितिकी तंत्र के बीच एक इकोटोन का प्रतिनिधित्व करते हैं।

इकोक्लाइन: यह एक पारिस्थितिकी तंत्र से दूसरे पारिस्थितिकी तंत्र में क्रमिक लेकिन निरंतर परिवर्तन का क्षेत्र है जब प्रजातियों की संरचना के संदर्भ में दोनों के बीच कोई स्पष्ट सीमा नहीं होती है। इकोक्लाइन पर्यावरणीय ढाल (ऊंचाई), तापमान (थर्मोक्लाइन), लवणता (हेलोक्लाइन), गहराई, आदि जैसे अजैविक कारकों में क्रमिक परिवर्तन) में होता है।

एज इफ़ेक्ट – एज प्रजातियाँ: एज इफ़ेक्ट जनसंख्या या सामुदायिक संरचनाओं में होने वाले परिवर्तनों को संदर्भित करता है जो दो आवासों (इकोटोन) की सीमा पर होते हैं। कभी-कभी इकोटोन में प्रजातियों की संख्या और कुछ प्रजातियों का जनसंख्या घनत्व किसी भी समुदाय की तुलना में बहुत अधिक होता है। इसे एज इफ़ेक्ट कहा जाता है. जो जीव इस क्षेत्र में मुख्य रूप से या सबसे अधिक मात्रा में पाए जाते हैं, उन्हें सीमांत प्रजाति के रूप में जाना जाता है। स्थलीय पारिस्थितिकी तंत्र में किनारे का प्रभाव विशेष रूप से पक्षियों पर लागू होता है। उदाहरण के लिए, जंगल और रेगिस्तान के बीच के इकोटोन में पक्षियों का घनत्व अधिक होता है।

पारिस्थितिक निकेत: निकेत अपने निवास स्थान या पारिस्थितिकी तंत्र में किसी प्रजाति की अद्वितीय कार्यात्मक भूमिका और स्थिति को संदर्भित करता है। जीवों के संरक्षण में निकेत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यदि हमें प्रजातियों को उनके मूल निवास स्थान में संरक्षित करना है, तो हमें प्रजातियों की विशिष्ट आवश्यकताओं के बारे में जानकारी होनी चाहिए। एक निवास स्थान में किसी भी दो प्रजातियों का स्थान एक जैसा नहीं हो सकता। इसका कारण एक-दूसरे के साथ तब तक प्रतिस्पर्धा करना है जब तक कोई विस्थापित न हो जाए। अतः सभी कथन सही हैं।

 

Daily MCQs – पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी – 04 January 2025 (Saturday)

Daily MCQs : पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी (Environment and Ecology)
04 January, 2025 (Saturday)

1. ‘पारिस्थितिकी तंत्र उत्पादकता’ के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:
1. एक पारिस्थितिकी तंत्र की सकल प्राथमिक उत्पादकता प्रकाश संश्लेषण के दौरान कार्बनिक पदार्थ के उत्पादन की दर है।

2. प्राथमिक उत्पादकता किसी विशेष क्षेत्र में रहने वाले पौधों की प्रजातियों पर निर्भर करती है।
3. द्वितीयक उत्पादकता को उपभोक्ताओं द्वारा नए कार्बनिक पदार्थ के निर्माण की दर के रूप में परिभाषित किया गया है।
उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं?
(a) केवल एक

(b) केवल दो
(c) सभी तीन
(d) कोई भी नहीं

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उत्तर – (C)

व्याख्या – जब आप निम्नलिखित पहलुओं पर विचार करते हैं तो पारिस्थितिक तंत्र के घटक एक इकाई के रूप में कार्य करते दिखाई देते हैं: (i) उत्पादकता; (ii) अपघटन; (iii) ऊर्जा प्रवाह; और (iv) पोषक चक्रण किसी भी पारिस्थितिकी तंत्र के कार्य करने और उसे बनाए रखने के लिए सौर ऊर्जा का निरंतर प्रवाह प्राथमिक आवश्यकता है। प्राथमिक उत्पादन को प्रकाश संश्लेषण के दौरान पौधों द्वारा एक समय अवधि में प्रति इकाई क्षेत्र में उत्पादित बायोमास या कार्बनिक पदार्थ की मात्रा के रूप में परिभाषित किया जाता है।

एक पारिस्थितिकी तंत्र की सकल प्राथमिक उत्पादकता प्रकाश संश्लेषण के दौरान कार्बनिक पदार्थ के उत्पादन की दर होती है। श्वसन में पौधों द्वारा काफी मात्रा में GPP का उपयोग किया जाता है।

शुद्ध प्राथमिक उत्पादकता विषमपोषी (शाकाहारी और अपघटक) की खपत के लिए उपलब्ध बायोमास होता है। द्वितीयक उत्पादकता को उपभोक्ताओं द्वारा नए कार्बनिक पदार्थ के निर्माण की दर के रूप में परिभाषित किया गया है। प्राथमिक उत्पादकता किसी विशेष क्षेत्र में रहने वाले पौधों की प्रजातियों पर निर्भर करती है। यह विभिन्न पर्यावरणीय कारकों, पोषक तत्वों की उपलब्धता और पौधों की प्रकाश संश्लेषण क्षमता पर भी निर्भर करता है। इसलिए, यह विभिन्न प्रकार के पारिस्थितिक तंत्रों में भिन्न होता है। अतः सभी कथन सही है

2. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:
1. पारस्परिकता (Mutualism),प्रजातियों के बीच एक अंतःक्रिया है जिसमें दोनों को लाभ होता है।

2. सहभोजिता (Commensalism) जीवों के बीच एक प्रकार का संबंध है जिसमें एक जीव को लाभ होता है जबकि दूसरे जीव को न तो लाभ होता है और न ही हानि।
उपर्युक्त दिए गए कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1

(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1, न ही 2

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उत्तर – (C)

व्याख्या -–पारस्परिकता(Mutualism), प्रजातियों के बीच एक अंतःक्रिया है जिसमें दोनों को लाभ होता है। सहभोजिता(Commensalism) जीवों के बीच एक प्रकार का संबंध है जिसमें एक जीव को लाभ होता है जबकि दूसरे जीव को न तो लाभ होता है और न ही हानि। अतः दोनों कथन सही है

3. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. ऊर्जा का पिरामिड हमेशा उल्टा होता है, यह कभी सीधा नहीं हो सकता।

2. जब ऊर्जा एक विशेष पोषी स्तर से अगले पोषी स्तर तक प्रवाहित होती है, तो कुछ ऊर्जा हमेशा प्रत्येक चरण पर ऊष्मा के रूप में लुप्त हो जाती है।
उपर्युक्त दिए गए कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1

(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1, न ही 2

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उत्तर – (B)

व्याख्या – ऊर्जा का पिरामिड हमेशा सीधा होता है, यह काभी उल्टा नहीं हो सकता ,क्योंकि जब ऊर्जा एक विशेष पोषी स्तर से अगले पोषी स्तर तक प्रवाहित होती है, तो प्रत्येक चरण पर कुछ ऊर्जा हमेशा ऊष्मा के रूप में लुप्त हो जाती है। ऊर्जा पिरामिड में प्रत्येक स्तर एक निश्चित समय में या सालाना प्रति इकाई क्षेत्र में मौजूद ऊर्जा की मात्रा को इंगित करता है। अतः कथन 1 सही नहीं है लेकिन कथन 2 सही है

4. निम्न में से कौन से वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड के स्रोत हैं?
1. श्वसन और अपघटन

2. प्रकाश संश्लेषण
3. जीवाश्म ईंधन का दहन
4. भूमि उपयोग परिवर्तन
5. ज्वालामुखी विस्फ़ोट
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए:
(a) केवल 1, 3 और 4

(b) केवल 3, 4 और 5
(c) केवल 1 और 2
(d) 1, 3, 4 और 5

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उत्तर – (D)

व्याख्या – भूमि उपयोग परिवर्तन विश्व स्तर पर कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन का एक बड़ा स्रोत है, जो मानव कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन के 9% के लिए जिम्मेदार है। ज्वालामुखीय विस्फोटों से एक मामूली मात्रा में कार्बन डाइऑक्साइड का निर्माण होता है, जो प्राकृतिक उत्सर्जन का 0.03% है। इसके अलावा श्वसन और अपघटन एवं जीवाश्म ईंधन का दहन भी कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन करता है। जबकि प्रकाश संश्लेषण क्रिया मे वातावरण मे ऑक्सीजन निर्मुक्त होती है । अतः सही उत्तर (d) विकल्प है

5. वन्य जीवों और वनस्पतियों की लुप्तप्राय प्रजातियों में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर कन्वेंशन (CITES) के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. CITES जंगली जानवरों और पौधों की प्रजातियों के वैश्विक व्यापार को विनियमित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय समझौता है।

2. इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के कारण जंगली प्रजातियों के अस्तित्व को खतरा उत्पन्न न हो ।
3. CITES कन्वेंशन के प्रावधान इसमे शामिल देशों पर कानूनी रूप से बाध्यकारी नहीं है।
उपर्युक्त दिए गए कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1

(b) केवल 1 और 2
(c) केवल 2 और 3
(d) 1, 2 और 3

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उत्तर – (B)

व्याख्या – CITES जंगली जानवरों और पौधों की प्रजातियों के वैश्विक व्यापार को विनियमित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय समझौता है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि अंतर्राष्ट्रीय व्यापार जंगली में प्रजातियों के अस्तित्व को खतरे में न डाले। अतः कथन 1 और 2 सही हैं

प्रकृति के संरक्षण के लिए अंतर्राष्ट्रीय संघ (IUCN) के सदस्यों की 1963 में हुई बैठक में अपनाए गए एक संकल्प के परिणामस्वरूप इसका मसौदा तैयार किया गया था। यह जुलाई 1975 में लागू हुआ। CITES कन्वेंशन के प्रावधान इसमे शामिल देशों पर कानूनी रूप से बाध्यकारी है। अतः कथन 3 सही नहीं है

 

Daily MCQs – पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी – 28 December 2024 (Saturday)

Daily MCQs : पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी (Environment and Ecology)
28 December, 2024 (Saturday)

1. शीतोष्ण पर्णपाती बायोम के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. वे गर्म नम ग्रीष्मकाल और ठंडी सर्दियों वाले क्षेत्रों में पाए जाते हैं।

2. समशीतोष्ण वनों की मिट्टी पोडोज़ोलिक और काफी गहरी होती है।
3. गर्मी के मौसम में पेड़ अपने पत्ते गिरा देते हैं।
उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं/हैं?
(a) केवल एक

(b) केवल दो
(c) सभी तीन
(d) कोई भी नहीं

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उत्तर – (B)

व्याख्या – समशीतोष्ण पर्णपाती या समशीतोष्ण चौड़ी पत्ती वाले वन विभिन्न प्रकार के समशीतोष्ण वन हैं जो उन पेड़ों पर हावी होते हैं जो हर साल अपनी पत्तियाँ खो देते हैं। वे गर्म नम ग्रीष्मकाल और ठंडी सर्दियों वाले क्षेत्रों में पाए जाते हैं। समशीतोष्ण वनों की मिट्टी पोडोज़ोलिक और काफी गहरी होती है। ठंड के मौसम में पेड़ अपने पत्ते गिरा देते हैं। यह सर्दियों की बर्फ और ठंढ से खुद को बचाने के लिए एक अनुकूलन है। अतः कथन 3 सही नहीं है

2. पीटलैंड्स के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. पीटलैंड आर्द्रभूमि हैं जहां स्थायी रूप से जल भराव की स्थिति मृत पौधों की सामग्री के पूर्ण अपघटन को रोकती है।

2. पीटलैंड अत्यधिक अंतरिक्ष-प्रभावी कार्बन भंडार हैं और इसमें दुनिया के संपूर्ण वन बायोमास की तुलना में अधिक कार्बन होता है।
3. पीटलैंड का निर्माण उष्णकटिबंधीय जलवायु परिस्थितियों में ही होता है।
उपर्युक्त में से कितने कथन सही नहीं हैं/हैं?
(a) केवल एक

(b) केवल दो
(c) सभी तीन
(d) कोई भी नहीं

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उत्तर – (A)

व्याख्या – पीटलैंड का निर्माण जल-जमाव की स्थिति में हजारों वर्षों से आंशिक रूप से विघटित पौधों के अवशेषों के संचय के कारण होता है। पीटलैंड, जो कार्बन सिंक के रूप में कार्य करके वैश्विक जलवायु को विनियमित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, गिरावट का सामना कर रहे हैं। पीटलैंड्स (सतह पर पीट वाली भूमि) अत्यधिक स्थान-प्रभावी कार्बन भंडार हैं: वे केवल 3% भूमि को कवर करते हैं, लेकिन दुनिया के पूरे वन बायोमास की तुलना में अधिक कार्बन रखते हैं। पीटलैंड में दुनिया की मिट्टी का 30 प्रतिशत कार्बन होता है। जब सूखा दिया जाता है, तो ये ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन करते हैं, जो ऑक्सीकरण के माध्यम से प्रति वर्ष एक गीगाटन उत्सर्जन में योगदान करते हैं। पीटलैंड विभिन्न जलवायु क्षेत्रों में पाए जाते हैं। जबकि उष्णकटिबंधीय जलवायु में, वे मैंग्रोव में पाए जा सकते हैं, आर्कटिक क्षेत्रों में, पीटलैंड में काई का प्रभुत्व है। कुछ मैंग्रोव प्रजातियाँ अपने नीचे पीटलैंड मिट्टी विकसित करने के लिए जानी जाती हैं। जलवायु शमन के अलावा, पीटलैंड पुरातत्व के लिए महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि वे अपनी अम्लीय और जल-भराव वाली स्थितियों में पराग, बीज और मानव अवशेषों को लंबे समय तक बनाए रखते हैं। कई देशों में, प्राचीन पीटलैंड मनोरंजन गतिविधियों के लिए महत्वपूर्ण हैं। ये क्षेत्र पशुचारण के रूप में आजीविका का भी समर्थन करते हैं। प्राचीन पीटलैंड पर उगने वाली वनस्पति निर्माण गतिविधियों और हस्तशिल्प के लिए विभिन्न प्रकार के फाइबर प्रदान करती है। अतः कथन 3 सही नहीं है

3. जैव आवर्धन घटित होने के लिए प्रदूषकों की निम्नलिखित में से कौन सी विशेषताएँ हैं?
1. प्रदूषक को जैविक रूप से सक्रिय होना चाहिए।

2. प्रदूषक तत्व अल्पकालिक होना चाहिए।
3. प्रदूषक पदार्थ वसा में घुलनशील होने चाहिए।
नीचे दिए गए कूट का उपयोग करके सही उत्तर चुनिए:
(a) 1 और 2

(b) 1 और 3
(c) 2 और 3
(d) 1, 2 और 3

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उत्तर – (B)

व्याख्या – जैव आवर्धन से तात्पर्य प्रदूषकों की एक पोषी स्तर से दूसरे पोषी स्तर तक जाते समय सांद्रित होने की प्रवृत्ति से है। इस प्रकार जैवआवर्धन में खाद्य श्रृंखला में एक कड़ी से दूसरी कड़ी में प्रदूषक की सांद्रता में वृद्धि होती है। जैव आवर्धन होने के लिए, प्रदूषक को होना चाहिए: दीर्घकालिक, गतिशील, वसा में घुलनशील, जैविक रूप से सक्रिय। यदि कोई प्रदूषक अल्पकालिक है, तो वह खतरनाक बनने से पहले ही नष्ट हो जाएगा। यदि यह गतिशील नहीं है, तो यह एक ही स्थान पर रहेगा और जीवों द्वारा इसे ग्रहण करने की संभावना नहीं है। यदि प्रदूषक पानी में घुलनशील है, तो यह जीव द्वारा उत्सर्जित हो जाएगा। हालाँकि, वसा में घुलने वाले प्रदूषक लंबे समय तक बने रह सकते हैं। अतः कथन 2 सही नहीं है

4. जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क प्रोजेक्ट टाइगर पहल के अंतर्गत आने वाला पहला पार्क था।

2. जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क एक राष्ट्रीय उद्यान और बाघ अभयारण्य है जो हिमालय की तलहटी के पास, शिवालिक को पूरी तरह से घेरता है।
3. जिम कॉर्बेट टाइगर रिजर्व (सीटीआर) में भारत के जंगली इलाकों में बाघों का घनत्व सबसे अधिक है।
उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं/हैं?
(a) केवल एक

(b) केवल दो
(c) सभी तीन
(d) कोई भी नहीं

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उत्तर – (B)

व्याख्या – जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान भारत का एक राष्ट्रीय उद्यान है जो उत्तराखंड राज्य के नैनीताल जिले में स्थित है। भारत का पहला राष्ट्रीय उद्यान, इसकी स्थापना 1936 में ब्रिटिश राज के दौरान की गई थी। यह पार्क प्रोजेक्ट टाइगर पहल के अंतर्गत आने वाला पहला पार्क था। कॉर्बेट टाइगर रिजर्व (सीटीआर) ने भारत के बाघ अभयारण्यों में सबसे अधिक बाघ घनत्व की सूचना दी है। राजाजी राष्ट्रीय उद्यान एक भारतीय राष्ट्रीय उद्यान और बाघ अभयारण्य है जो हिमालय की तलहटी के पास शिवालिक को कवर करता है। अतः कथन 2 सही नहीं है

5. निम्नलिखित में से कौन सा राष्ट्रीय उद्यान असम में स्थित है?
1. नामेरी राष्ट्रीय उद्यान

2. ओरंग राष्ट्रीय उद्यान
3. गोरुमारा राष्ट्रीय उद्यान
4. मानस राष्ट्रीय उद्यान
नीचे दिए गए कूट का उपयोग करके सही उत्तर चुनिए:
(a) 1 और 2

(b) 1, 2 और 4
(c) 2 और 4
(d) 1, 2, 3 और 4

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उत्तर – (B)

व्याख्या – नामेरी राष्ट्रीय उद्यान, मानस राष्ट्रीय उद्यान, काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान, ओरंग राष्ट्रीय उद्यान और दीपोर बील पक्षी अभयारण्य असम में स्थित हैं। गोरुमारा राष्ट्रीय उद्यान पश्चिम बंगाल में स्थित है।

 

Daily MCQs – पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी – 21 December 2024 (Saturday)

Daily MCQs : पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी (Environment and Ecology)
21 December, 2024 (Saturday)

1. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. कार्बन पृथक्करण वायुमंडलीय कार्बन डाइऑक्साइड को पकड़ने और संग्रहीत करने की प्रक्रिया है।

2. प्रकाश संश्लेषण के दौरान कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करने वाले वन और अन्य भूमि वनस्पति कार्बन पृथक्करण के तरीकों में से एक है।
3. वह क्षेत्र जो छोड़ने की तुलना में अधिक कार्बन अवशोषित करता है, कार्बन सिंक माना जाता है।
उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं/हैं?
(a) केवल एक

(b) केवल दो
(c) सभी तीन
(d) कोई भी नहीं

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उत्तर – (C)

व्याख्या – कार्बन पृथक्करण वैश्विक कार्बन चक्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, क्योंकि यह वायुमंडलीय कार्बन डाइऑक्साइड को पकड़ने और संग्रहीत करने की प्रक्रिया है। ऐसा होने का एक तरीका यह है कि जब जंगल और अन्य भूमि वनस्पति प्रकाश संश्लेषण के दौरान कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करते हैं। 2014 में नासा के नेतृत्व वाले एक अध्ययन के अनुसार, उष्णकटिबंधीय वन वायुमंडल से 30 प्रतिशत तक मानव कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन को हटाते हैं और एक महत्वपूर्ण कार्बन सिंक बनाते हैं – एक ऐसा क्षेत्र जो छोड़ने की तुलना में अधिक कार्बन को अवशोषित करता है। इसलिए वैश्विक तापमान को कम रखने में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका है। अतः सभी कथन सही हैं

2. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. कार्बन सिंक प्राकृतिक प्रणालियाँ हैं जो वायुमंडल से कार्बन डाइऑक्साइड को सोखती हैं और संग्रहीत करती हैं।

2. पृथ्वी की भूमि और महासागर मानवीय गतिविधियों से होने वाले सभी कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन का लगभग आधा हिस्सा अवशोषित करते हैं।
3. महाद्वीपीय वन मैंग्रोव, समुद्री घास तल और नमक दलदल की तुलना में कम से कम दस गुना अधिक कार्बन संग्रहीत करते हैं।
उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं/हैं?
(a) केवल एक

(b) केवल दो
(c) सभी तीन
(d) कोई भी नहीं

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उत्तर – (B)

व्याख्या – कार्बन सिंक प्राकृतिक प्रणालियाँ हैं जो वायुमंडल से कार्बन डाइऑक्साइड को सोखती हैं और संग्रहीत करती हैं। पृथ्वी की भूमि और महासागर मानवीय गतिविधियों से होने वाले सभी कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन का लगभग आधा हिस्सा अवशोषित करते हैं। मैंग्रोव, समुद्री घास के मैदान और नमक दलदल महाद्वीपीय जंगलों की तुलना में कम से कम दस गुना अधिक कार्बन संग्रहीत करते हैं। पृथ्वी की पपड़ी में तलछटी चट्टानों में भारी मात्रा में कार्बन यौगिक होते हैं, जिसमें हाइड्रोकार्बन भी शामिल है जिसका उपयोग हम जीवाश्म ईंधन के रूप में करते हैं जो हमारे वायुमंडल में अतिरिक्त कार्बन डाइऑक्साइड का कारण बनता है। एक जंगल को कार्बन सिंक माना जाता है यदि वह छोड़ने की तुलना में अधिक कार्बन अवशोषित करता है। चिंता की बात यह है कि अमेज़ॅन वर्षावन अब कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करने के बजाय छोड़ रहा है। अतः कथन 3 सही नहीं है

3. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. “कार्बन क्रेडिट” एक इलेक्ट्रॉनिक और क्रमबद्ध इकाई है जो एक टन सीओ समकक्ष का प्रतिनिधित्व करती है जिसे अनुमोदित कार्बन क्रेडिट पद्धति को लागू करने वाली परियोजनाओं से कम किया जाता है, टाला जाता है या अलग किया जाता है।

2. डीकार्बोनाइजेशन से तात्पर्य समय के साथ अपने उत्सर्जन की कार्बन तीव्रता को कम करने वाली आर्थिक प्रणाली या व्यक्तिगत कार्बन उत्सर्जक इकाई के रूपांतरण से है।
उपर्युक्त में से कौन सा/से कथन सही है/हैं?
(a) केवल 1

(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2

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उत्तर – (B)

व्याख्या: “कार्बन क्रेडिट” (जिसे “कार्बन ऑफसेट” के रूप में भी जाना जाता है) एक इलेक्ट्रॉनिक और क्रमबद्ध इकाई है जो एक टन CO2 समकक्ष का प्रतिनिधित्व करती है जिसे अनुमोदित कार्बन क्रेडिट पद्धति को लागू करने वाली परियोजनाओं से कम किया जाता है, टाला जाता है या अलग किया जाता है। डीकार्बोनाइजेशन का अर्थ है कार्बन का कम होना। अधिक विशेष रूप से, यह शब्द समय के साथ अपने (प्रत्यक्ष या मूल्य श्रृंखला) उत्सर्जन की कार्बन तीव्रता को कम करने के लिए आर्थिक प्रणाली या व्यक्तिगत कार्बन उत्सर्जक इकाई के रूपांतरण को संदर्भित करता है। अतः कथन 1 सही नहीं है

4. उष्णकटिबंधीय वर्षावन बायोम की विशेषताओं के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. बहुत अधिक वार्षिक वर्षा

2. उच्च औसत तापमान
3. पोषक तत्वों की कमी वाली मिट्टी
4. प्रजातियों की समृद्धि का उच्च स्तर
उपर्युक्त में से कितने विकल्प सही हैं/हैं?
(a) केवल एक

(b) केवल दो
(c) केवल तीन
(d) सभी चार

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उत्तर – (D)

व्याख्या – उष्णकटिबंधीय वर्षावन बायोम की चार मुख्य विशेषताएं हैं: बहुत अधिक वार्षिक वर्षा, उच्च औसत तापमान, पोषक तत्वों की कमी वाली मिट्टी, और उच्च स्तर की जैव विविधता (प्रजाति समृद्धि)। भारी बारिश के कारण मिट्टी की ऊपरी परत बार-बार बह जाती है, जिससे मिट्टी में पोषक तत्व कम हो जाते हैं। तापमान अधिक है क्योंकि वे बड़े पैमाने पर भूमध्यरेखीय क्षेत्रों में पाए जाते हैं और प्रजातियों की समृद्धि पारिस्थितिकी तंत्र में व्यक्त जैविक और अजैविक कारकों की प्रचुरता के कारण अधिक है। अतः सभी सही हैं

5. घटती उत्पादकता के क्रम में निम्नलिखित में से कौन सा पारिस्थितिक तंत्र का सही क्रम है?
(a) महासागर, मैंग्रोव, झीलें, घास के मैदान

(b) मैंग्रोव, महासागर, घास के मैदान, झीलें
(c) मैंग्रोव, घास के मैदान, झीलें, महासागर
(d) महासागर, झीलें, घास के मैदान, मैंग्रोव

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उत्तर – (C)

व्याख्या – उत्पादन/इकाई क्षेत्र उत्पादकों की संख्या और विविधता पर निर्भर करता है। मैंग्रोव दुनिया में सबसे अधिक उत्पादक क्षेत्रों में से एक है जबकि महासागर में सबसे कम उत्पादकता है। अतः विकल्प (c) सही है

 

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