भारतीय नृत्यकला (Indian Dance Art)
भारत के पौराणिक ग्रंथों में नटराज शिव का वर्णन मिलता है जो नृत्यकला (Dance Art) में पारंगत माने जाते थे। ऐसा माना जाता है कि नटराज शिव ने 108 विभिन्न तरह के नृत्यों का आविष्कार किया, जिसमें से ताण्डव नृत्य प्रमुख है। जहां तक इसकी प्राचीनता की बात है तो वैदिक काल में इसके अस्तित्व के साक्ष्य मिलते हैं। एक किवदंती के अनुसार एक बार संसार में बढ़ते ईर्ष्या, द्वेष, क्रोध दु:ख तथा संताप आदि से दु:खी होकर ब्रह्मा जी ने पंचम वेद नाट्यवेद का सृजन किया। नाट्यवेद चारों वेदों का सार है। इसमें ऋग्वेद से बौद्धिकता सामवेद से संगीत, यजुर्वेद से अभिनय तथा अथर्ववेद से रस लिया गय है। संस्कृत नाटककार भरतमुनि ने इसी नाट्यवेद को आधार नाट्यशास्त्र की रचना की।
भारत के प्रमुख शास्त्रीय नृत्य
- भरतनाट्यम् (Bharatanatyam)
- कथकली (Kathakali)
- मोहिनीअट्टम (Mohiniyattam)
- कुचिपुड़ी नृत्य (Kuchipudi Dance)
- ओड़िसी नृत्य (Odissi Dance)
- कत्थक नृत्य (Kathak Dance)
- मणिपुरी
- छऊ नृत्य
- यक्षगान
- कुडियाट्टम्
- ओट्टनतुल्लन
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