Increased Competition on the Android Platform

गूगल के खिलाफ अमेरिकी अदालत का बड़ा फैसला

October 18, 2024

अमेरिकी अदालत के आदेश से गूगल को अपने एंड्रॉइड प्लेटफॉर्म में तीसरे पक्ष के ऐप स्टोर्स और वैकल्पिक भुगतान विकल्पों की अनुमति देनी होगी। इससे एंड्रॉइड इकोसिस्टम में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और उपयोगकर्ताओं को कम कीमत पर सेवाएं मिल सकती हैं।

गूगल के खिलाफ अमेरिकी अदालत का आदेश

अमेरिकी जिला न्यायाधीश जेम्स डोनाटो ने हाल ही में गूगल को अपने एंड्रॉइड प्लेटफॉर्म पर तीसरे पक्ष के ऐप स्टोर्स और वैकल्पिक भुगतान विकल्पों को अनुमति देने का आदेश दिया है। यह आदेश गूगल और एपिक गेम्स के बीच 2020 से चल रहे एंटीट्रस्ट मुकदमे का परिणाम है। एपिक गेम्स ने गूगल की भुगतान शर्तों का उल्लंघन कर अपने लोकप्रिय गेम ‘फोर्टनाइट’ को सीधे उपयोगकर्ताओं से भुगतान प्राप्त करके प्ले स्टोर से बाहर कर दिया था, जिसके बाद यह कानूनी लड़ाई शुरू हुई। न्यायाधीश डोनाटो का यह फैसला नवंबर में लागू होगा और गूगल को उन प्रथाओं को रोकना होगा जो प्रतिस्पर्धा को सीमित करती हैं। इसमें ऐप्स को केवल गूगल के मार्केटप्लेस पर लॉन्च करने के लिए भुगतान करना या गूगल प्ले को डिवाइसों में प्रीइंस्टॉल करना शामिल है। इस फैसले का प्रभाव अगले तीन वर्षों तक देखा जाएगा, जिससे गूगल के ऐप इकोसिस्टम में बड़े बदलाव आ सकते हैं।

एंड्रॉइड इकोसिस्टम में प्रतिस्पर्धा का नया दौर

न्यायालय के इस फैसले से एंड्रॉइड प्लेटफॉर्म पर प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा मिलेगा, क्योंकि अब तीसरे पक्ष के ऐप स्टोर्स को भी गूगल प्ले स्टोर पर जगह मिलेगी। इसके अलावा, ऐप डेवलपर्स को अपने ऐप्स के लिए वैकल्पिक भुगतान विकल्प दिखाने की अनुमति दी जाएगी। गूगल का कहना है कि इससे उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा और गोपनीयता पर असर पड़ सकता है, लेकिन यह आदेश उनके पास कुछ नियंत्रण बनाए रखने की भी अनुमति देता है।

गूगल टैक्स: ऐप डेवलपर्स के लिए बड़ा मुद्दा

इस कानूनी लड़ाई का मुख्य मुद्दा गूगल का “गूगल टैक्स” है, जो प्ले स्टोर पर किए गए लेनदेन पर 15%-30% तक का कमीशन लेता है। इस कमीशन से गूगल को अरबों डॉलर की कमाई होती है। मुकदमे के दौरान यह सामने आया कि गूगल ने कुछ प्रमुख डेवलपर्स जैसे स्पॉटिफाई और मैच ग्रुप के साथ विशेष समझौते किए थे, जिनसे उन्हें कम कमीशन देना पड़ा। यह खुलासा ऐप बाजार में अनुचित प्रतिस्पर्धा के आरोपों को और मजबूत करता है।

उपयोगकर्ताओं और डेवलपर्स पर संभावित प्रभाव

न्यायालय का यह आदेश केवल कमीशन पर ही नहीं, बल्कि तकनीकी कंपनियों द्वारा अपने प्लेटफॉर्म पर वर्चस्व बनाए रखने के तरीकों पर भी सवाल खड़ा करता है। गूगल लंबे समय से ऐप डेवलपर्स पर अपनी भुगतान प्रणाली थोप रहा था, जिससे डेवलपर्स के पास सीमित विकल्प बचे थे। अब इस आदेश से गूगल को अपनी भुगतान प्रणाली खोलने और अधिक निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा की अनुमति देने की आवश्यकता होगी। इससे उपभोक्ताओं को लाभ होगा, क्योंकि जब डेवलपर्स को भारी कमीशन नहीं देना पड़ेगा, तो वे यह बचत उपयोगकर्ताओं को कम कीमतों के रूप में दे सकते हैं।

निष्कर्ष

यह निर्णय तकनीकी उद्योग में बड़े बदलाव का संकेत है। यह गूगल जैसे दिग्गजों को अपने प्लेटफॉर्म के संचालन के तरीके पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर करेगा और लंबे समय से चली आ रही अनुचित व्यापार प्रथाओं पर लगाम लगाने में मदद करेगा। इस आदेश से वैश्विक डिजिटल अर्थव्यवस्था में पारदर्शिता और निष्पक्षता का नया दौर शुरू हो सकता है।

 

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