कानपुर देहात जनपद का परिचय (Introduction of Ramabai Nagar (Kanpur Dehat) District)
कानपुर देहात की स्थिति (Location of Ramabai Nagar (Kanpur Dehat))
- मुख्यालय – अकबरपुर माती
- पुराना नाम व उपनाम – रामाबाई नगर
- मंडल – कानपुर
- क्षेत्रफल – 3021 वर्ग किमी
- सीमा रेखा
- पूर्व में – कानपुर नगर
- पश्चिम में – औरैया
- उत्तर में – कन्नोज
- दक्षिण में – जालौन, हमीरपुर
- राष्ट्रीय राजमार्ग – NH002A, NH0025, NH0002
- नदियाँ – गंगा, यमुना
कानपुर देहात की प्रशासनिक परिचय (Administrative Introduction of Ramabai Nagar (Kanpur Dehat)
- विधानसभा क्षेत्र –4 (रसूलाबाद, अकबरपुर-रनिया, भोगनीपुर, सिकन्दरा)
- लोकसभा सीट – 1 (कानपुर देहात)
- तहसील – 6 (अकबरपुर, भोगनीपुर, डेरापुर, रसूलाबाद, सिकन्दरा, मैथा)
- विकासखंड (ब्लाक) – 10 (अकबरपुर, मैथा, सरवनखेडा, डेरापुर, झींझक, रसूलाबाद, अमरौधा, मलासा, संदलपुर, राजपुर)
- कुल ग्राम – 1031
- कुल ग्राम पंचायत – 640
- नगर परिषद – 2 (झींझक, पुखरायाँ)
- नगर पंचायत – 8
कानपुर देहात की जनसंख्या (Population of Ramabai Nagar (Kanpur Dehat))
- जनसंख्या – 17,96,184
- पुरुष जनसंख्या – 9,63,255
- महिला जनसंख्या – 8,32,929
- शहरी जनसंख्या – 1,73,423(9.66 %)
- ग्रामीण जनसंख्या – 16,22,761(90.34 %)
- साक्षरता दर – 75.78%
- पुरुष साक्षरता – 83.45%
- महिला साक्षरता – 66.86%
- जनसंख्या घनत्व – 595
- लिंगानुपात – 865
- जनसंख्या वृद्धि दर – 14.89%
- हिन्दू जनसंख्या – 16,12,968(89.80 %)
- मुस्लिम जनसंख्या – 1,76,327(9.82 %)
Population Source – census2011.co.in
कानपुर देहात के संस्थान व प्रमुख स्थान (Institution & Prime Location of Ramabai Nagar (Kanpur Dehat))
- प्रसिद्ध स्थल – प्राचीन बरगद का वृक्ष (शिव बजरंग धाम किशुनपुर )
- उद्योग – चमड़ा, नायलॉन , (रस्सी प्रसंस्करण) पेय, पेंट, फर्नीचर , पॉलीस्टर फिल्म विनिर्माण
Notes –
- प्रदेश सरकार ने 23 अप्रैल 1981 मे कानपुर जिले को ‘कानपुर नगर’ व ‘कानपुर देहात’ दो जिलों में विभक्त किया।
- लगभग 150 वर्ष पहले परगना अकबरपुर, शाहपुर एवं अकबरपुर बीरबल के नाम से जाना जाता था।
- सम्राट अकबर के दीवान शीतल शुक्ल का उल्लेख 1878 मे प्रकाशित एफ.एन.राइट की पुस्तक ‘स्टेस्टिकल डिस्क्रिप्टिव एण्ड हिस्टोरिक एकाउण्ट‘ में तथा माउण्ट गोमरी के गजेटियर मे उल्लेख है कि अकबरपुर मे शीतल शुक्ल तथा छब्बा कलार द्वारा दो तालाब निर्मित कराये गये।
- मुगल सम्राट अकबर के शासनकाल में रिसालदार कुंवरसिंह, जो क्षत्रिय थे तथा सम्भवतः जिन्होनें इस नये कस्बे का निर्माण कराया था इसका नाम गुड़ईखेड़ा से बदल कर ‘अकबरपुर‘ कर दिया गया।
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