Daily MCQs - Science and Technology

Daily MCQs – विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी – 24 May 2024 (Fri)

Daily MCQs : विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी (Science and Technology)
24 May, 2024 (Friday)

1. निम्नलिखित में से कौन सी बीमारी जैविक युद्ध के कारण हो सकती है?
1. चेचक
2. बोटुलिज़्म
3. एंथ्रेक्स
4. प्लेग
नीचे दिए गए कोड का उपयोग करके सही उत्तर चुनिए:
(A) केवल 1, 2 और 3

(B) केवल 3 और 4
(C) केवल 1, 2 और 4
(D) उपर्युक्त सभी

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उत्तर – (D) 

व्याख्या – जैव आतंकवाद एजेंट रोगजनक जीव या जैविक विषाक्त पदार्थ हैं जिनका उपयोग मनुष्यों, जानवरों या पौधों में मृत्यु और बीमारी पैदा करने के लिए किया जाता है। जैवआतंकवादी हमले वस्तुतः किसी भी रोगजनक सूक्ष्मजीव के कारण हो सकते हैं। सर्वोच्च प्राथमिकता वाले जैव-आतंकवादी एजेंट एंथ्रेक्स (बैसिलस एन्थ्रेसीस), बोटुलिज़्म (क्लोस्ट्रीडियम बोटुलिनम), प्लेग (येरसिनिया पेस्टिस), चेचक (वेरियोला मेजर), टुलारेमिया (फ्रांसिसेला तुलारेन्सिस) और वायरल रक्तस्रावी बुखार (फिलोवायरस और एरेना वायरस) के कारण हैं।

2. परमाणु संलयन और परमाणु विखंडन के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. परमाणु संलयन अभिक्रियाएँ केवल बहुत कम तापमान पर होती हैं, जैसे क्रायोजेनिक तापमान सीमा।
2. परमाणु संलयन ऊर्जा का कार्बन-मुक्त स्रोत है, और इसमें विकिरण जोखिम नगण्य है।
उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं/हैं?
(A) केवल 1
(B) केवल 2
(C) 1 और 2 दोनों
(D) न तो 1, न ही 2

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उत्तर – (B)

व्याख्या – इन दोनों प्रक्रियाओं में बड़ी मात्रा में ऊर्जा निकलती है, लेकिन विखंडन की तुलना में संलयन में काफी अधिक ऊर्जा निकलती है। उदाहरण के लिए, हाइड्रोजन के भारी समस्थानिक, जिसे ट्रिटियम कहा जाता है, के दो नाभिकों के संलयन से यूरेनियम परमाणु के विखंडन से कम से कम चार गुना अधिक ऊर्जा उत्पन्न होती है, जो परमाणु रिएक्टर में बिजली पैदा करने की सामान्य प्रक्रिया है। अधिक ऊर्जा उपज के अलावा, संलयन ऊर्जा का कार्बन-मुक्त स्रोत भी है, और इसमें विकिरण जोखिम नगण्य है। लेकिन संलयन प्रतिक्रियाएं केवल बहुत उच्च तापमान पर होती हैं, जो सूर्य के मूल में मौजूद तापमान से 10 गुना अधिक है, और प्रयोगशाला में इस तरह के चरम वातावरण को बनाने के लिए भारी मात्रा में ऊर्जा की आवश्यकता होती है। अतः केवल कथन 2 सही है

3. कभी-कभी समाचारों में दिखने वाले इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. यह इलेक्ट्रॉनिक्स, सॉफ्टवेयर, सेंसर और नेटवर्क कनेक्टिविटी से जुड़े भौतिक उपकरणों, वाहनों और इमारतों की एक इंटर-नेटवर्किंग है।
2. फिलहाल यह केवल वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (VPN) पर ही काम करता है।
उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं/हैं?
(A) केवल 1
(B) केवल 2
(C) 1 और 2 दोनों
(D) न तो 1, न ही 2

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उत्तर – (B)

व्याख्या – IoT परस्पर संबंधित कंप्यूटिंग उपकरणों, मैकेनिकल और डिजिटल मशीनों, वस्तुओं या लोगों की एक प्रणाली है जिन्हें विशिष्ट पहचानकर्ता प्रदान किए जाते हैं। इस प्रकार, यह कहा जा सकता है कि यह भौतिक उपकरणों, वाहनों, इमारतों और अन्य वस्तुओं की एक इंटर-नेटवर्किंग है – जो इलेक्ट्रॉनिक्स, सॉफ्टवेयर, सेंसर और नेटवर्क कनेक्टिविटी के साथ एम्बेडेड है। इंटर-नेटवर्किंग में मानव-से-मानव या मानव-से-कंप्यूटर इंटरैक्शन की आवश्यकता के बिना नेटवर्क पर डेटा स्थानांतरित करने की क्षमता है। IoT को सूचना समाज का बुनियादी ढांचा भी कहा जाता है। यह मौजूदा नेटवर्क बुनियादी ढांचे में वस्तुओं को दूर से महसूस करने और नियंत्रित करने की अनुमति देता है। अतः कथन 2 सही नहीं है

4. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. एक्स-रे प्रतिदीप्ति का उपयोग आमतौर पर गैर-विनाशकारी तरीके से सामग्रियों की संरचना का अध्ययन करने के लिए किया जाता है।
2. जब सूर्य सौर ज्वालाएं छोड़ता है, तो बड़ी मात्रा में एक्स-रे विकिरण चंद्रमा पर गिरता है, जिससे एक्स-रे प्रतिदीप्ति शुरू हो जाती है।
उपर्युक्त में से कौन सा कथन गलत है/हैं?
(A) केवल 1
(B) केवल 2
(C) 1 और 2 दोनों
(D) न तो 1, न ही 2

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उत्तर – (C) 

व्याख्या – भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के वैज्ञानिकों ने चंद्रमा की सतह पर सोडियम के वैश्विक वितरण का नक्शा तैयार किया है। उन्होंने चंद्रयान-2 द्वारा ले जाए गए क्लास उपकरण (चंद्रयान-2 बड़े क्षेत्र सॉफ्ट एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर) का उपयोग किया। एक्स-रे फ्लोरोसेंट स्पेक्ट्रा का उपयोग करके चंद्र सतह पर सोडियम का वैश्विक स्तर पर माप प्रदान करने का यह पहला प्रयास है। एक्स-रे प्रतिदीप्ति का उपयोग आमतौर पर गैर-विनाशकारी तरीके से सामग्रियों की संरचना का अध्ययन करने के लिए किया जाता है। जब सूर्य सौर ज्वालाएं छोड़ता है, तो बड़ी मात्रा में एक्स-रे विकिरण चंद्रमा पर गिरता है, जिससे एक्स-रे प्रतिदीप्ति शुरू हो जाती है। अतः दोनों कथन सही हैं

5. वायरलेस मोबाइल चार्जर काफी तेजी से यूएसबी मोबाइल चार्जर की जगह ले रहा है। वायरलेस मोबाइल चार्जर निम्नलिखित में से किस सिद्धांत पर काम करता है?
(A) बर्नौली का सिद्धांत
(B) किरचॉफ का नियम
(C) विद्युत चुम्बकीय प्रेरण का सिद्धांत
(D) पास्कल का नियम

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उत्तर – (C) 

व्याख्या – वायरलेस चार्जिंग इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंडक्शन के माध्यम से चार्जर से फोन के पीछे रिसीवर तक ऊर्जा स्थानांतरित करके काम करती है। चार्जर एक वैकल्पिक विद्युत चुम्बकीय क्षेत्र बनाने के लिए एक इंडक्शन कॉइल का उपयोग करता है, जिसे फोन में रिसीवर कॉइल बैटरी में फीड करने के लिए वापस बिजली में परिवर्तित करता है। अतः विकल्प (C) सही है

 

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