Daily MCQs - Constitution and Polity - 20 May 2024

Daily MCQs – संविधान एवं राजव्यवस्था – 20 May 2024 (Mon)

Daily MCQs : संविधान एवं राजव्यवस्था (Constitution and Polity)
20 May, 2024 (Monday)

1. रेग्यूलेटिंग एक्ट-1773 के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सही नहीं है?
(A) इस अधिनियम के अंतर्गत कलकत्ता में 1773 में एक सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना की गई थी।
(B) इस अधिनियम के द्वारा बंगाल के गवर्नर को बंगाल के गवर्नर जनरल पद नाम दिया गया।
(C) लॉर्ड वॉरेन हेस्टिंग्स बंगाल के प्रथम गवर्नर जनरल बने।
(D) इस अधिनियम के द्वारा भारत में ईस्ट इंडिया कंपनी पर नियंत्रण रखने का प्रथम प्रयास किया गया था।

Show Answer/Hide

उत्तर – (A) 

व्याख्या – कथन (a) सत्य नहीं है, क्योंकि रेग्यूलेटिंग एक्ट-1773 के द्वारा भारत में एक सर्वोच्च न्यायालय स्थापित करने संबंधी प्रावधान किया गया था, परंतु इसकी स्थापना वर्ष 1774 में कलकत्ता में की गई थी न कि 1773 में। इस सर्वोच्च न्यायालय में एक मुख्य न्यायाधीश एवं तीन अन्य न्यायाधीश थे। सर एलिजा इम्पे को मुख्य न्यायाधीश बनाया गया था।

  • इस अधिनियम के द्वारा बंगाल के गवर्नर को बंगाल का गवर्नर जनरल पद का नाम दिया गया। मद्रास एवं बंबई के गवर्नरों को बंगाल के गवर्नर जनरल के अंतर्गत कर दिया गया। गवर्नर जनरल की सहायता के लिये चार सदस्यों वाली एक कार्यकारी परिषद का गठन किया गया। बंगाल का पहला गवर्नर जनरल वॉरेन हेस्टिंग्स को बनाया गया।
  • इस अधिनियम के द्वारा ईस्ट इंडिया कंपनी पर नियंत्रण रखने के लिये प्रथम बार प्रयास किया गया था। इस अधिनियम में पहली बार भारत में कंपनी के राज के लिये लिखित संविधान प्रस्तुत किया गया तथा कंपनी के राजनीतिक एवं प्रशासनिक उत्तरदायित्वों को स्वीकार किया गया।
  • रेग्यूलेटिंग एक्ट 1773 की कमियों को दूर करने के लिये ब्रिटिश  संसद द्वारा 1781 में एक संशोधन अधिनियम पारित किया गया, जिसे ‘एक्ट ऑफ सैटलमेंट’ के नाम से जाना जाता है।

 

2. निम्नलिखित पर विचार कीजियेः
1. प्रांतीय स्वायत्तता
2. प्रांतों में द्वैध शासन
3. संघीय व्यवस्था
4. संघीय न्यायालय की स्थापना
5. भारतीय रिज़र्व बैंक की स्थापना
उपरोक्त में से कौन-से भारत शासन अधिनियम, 1935 के संदर्भ में सही हैं?
(A) केवल 1, 2 और 3
(B) केवल 1, 2, 3 और 4
(C) केवल 1, 3, 4 और 5
(D) उपरोक्त सभी

Show Answer/Hide

उत्तरः (C)

व्याख्या – कथन 2 असत्य है, क्योंकि भारत शासन अधिनियम, 1935 के द्वारा अधिनियम, 1919 में लागू की गई प्रांतों में द्वैध शासन व्यवस्था समाप्त करके केंद्र में द्वैध शासन की स्थापना की गई। केंद्रीय विषयों को आरक्षित एवं हस्तांतरित भागों में विभाजित किया गया। प्रतिरक्षा, वैदेशिक मामले, धार्मिक मामले (ईसाई धर्म संबंधी) तथा कबाइली क्षेत्र आरक्षित विषय थे।

  • इस अधिनियम के द्वारा प्रांतीय स्वायत्तता लागू की गई, क्योंकि प्रत्येक प्रांत में एक कार्यपालिका एवं विधानमंडल की स्थापना की गई थी। गवर्नर को उन मंत्रियों की सलाह पर कार्य करना पड़ता था, जो विधान परिषद के प्रति उत्तरदायी होते थे।
  • इस अधिनियम के द्वारा एक अखिल भारतीय संघ की स्थापना का प्रावधान किया गया था, जो ब्रिटिश शासन के प्रांतों एवं उन देशी रियासतों, जो स्वेच्छा से शामिल होना चाहते थे, से मिलकर बनने वाला था। तीन सूचियों-संघ सूची, राज्य सूची एवं समवर्ती सूची का बँटवारा केंद्र एवं राज्यों के बीच होना था। अवशिष्ट शक्तियाँ वायसराय को दी गई थीं, परंतु यह अखिल भारतीय संघ अस्तित्व में आ न सका, क्योंकि देशी रियासतों ने इसमें शामिल होने से इनकार कर दिया था।
  • इस अधिनियम द्वारा संघ की राजधानी दिल्ली में एक संघीय न्यायालय का प्रावधान किया गया था। इसमें एक मुख्य न्यायाधीश, तीन अन्य न्यायाधीश एवं दो अतिरिक्त न्यायाधीशों का प्रावधान था। सम्राट द्वारा न्यायाधीश का चुनाव किया जाना था, जो 65 वर्ष की आयु तक अपने पद पर रह सकता था। सन् 1937 में एक संघीय न्यायालय की स्थापना की गई।
  • इस अधिनियम के तहत एक भारतीय रिज़र्व बैंक की स्थापना की गई।
  • इस अधिनियम के द्वारा संघीय लोक सेवा के अतिरिक्त प्रांतीय सेवा आयोग एवं दो या अधिक राज्यों के लिये संयुक्त सेवा आयोग की स्थापना की गई।
  • गवर्नर जनरल आपातकाल की घोषणा कर छः माह के लिये केंद्रीय सरकार के सभी कार्यों को सीधे अपने उत्तरदायित्व में ले सकता था।

 

3. भारत शासन अधिनियम, 1919 के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन असत्य है?
(A) इस अधिनियम ने भारत में आंशिक रूप से उत्तरदायी शासन व्यवस्था की स्थापना की।
(B) इस अधिनियम के द्वारा केंद्र में द्विसदनीय व्यवस्था प्रारंभ की गई।
(C) इस अधिनियम द्वारा केंद्र में द्वैध शासन की स्थापना की गई।
(D) इस अधिनियम द्वारा पृथक् निर्वाचन प्रणाली का विस्तार किया गया।

Show Answer/Hide

उत्तर – (C)

व्याख्या – कथन (c) गलत है, क्योंकि भारत शासन अधिनियम, 1919 के द्वारा केंद्र में नहीं, बल्कि प्रांतों में द्वैध शासन प्रणाली की स्थापना हुई। प्रांतीय विषयों को दो भागों में विभाजित किया गया था: हस्तांतरित एवं आरक्षित विषय।

  • हस्तांतरित विषय पर गवर्नर का शासन होता था और इन कार्यों में वह उन मंत्रियों की सहायता लेता था, जो विधान परिषद के प्रति उत्तरदायी थे। आरक्षित विषयों पर गवर्नर, कार्यपालिका परिषद की सहायता से कार्य करता था और कार्यपालिका परिषद विधान परिषद के प्रति उत्तरदायी नहीं थी। शिक्षा, स्वास्थ्य आदि हस्तांतरित विषय थे, जबकि पुलिस, जेल, न्याय, वित्त, राजस्व आदि आरक्षित विषय थे।
  • भारत शासन अधिनियम, 1919 ने भारत में आंशिक रूप से (Partially) उत्तरदायी शासन की स्थापना की। इस अधिनियम के द्वारा ब्रिटिश संसद ने पहली बार भारत में उत्तरदायी प्रशासन की दिशा में कदम बढ़ाया। इस अधिनियम में प्रांतीय स्तर पर संसदीय शासन व्यवस्था की झलक मिलती है।
  • इस अधिनियम द्वारा केंद्र में पहली बार द्विसदनीय व्यवस्था प्रारंभ की गई-
    • (i)  राज्य परिषद (Council of State)- ऊपरी सदन (5 वर्ष के लिये)
    • (ii) विधान सभा (Legislative Assembly)- निचला सदन (3 वर्ष के लिये)
  • इस अधिनियम द्वारा पृथक् निर्वाचन प्रणाली का विस्तार मुस्लिमों के अलावा सिखों, भारतीय ईसाइयों, आंग्ल-भारतीयों एवं यूरोपियों तक किया गया।
  • इस अधिनियम द्वारा केंद्र एवं प्रांतीय विषयों की सूची पहचान कर पृथक् किया गया तथा केंद्रीय एवं प्रांतीय विधान परिषदों को अपनी सूचियों के विषयों पर विधान बनाने की शक्ति प्रदान की गई। यातायात, डाकतार, सुरक्षा एवं वैदेशिक मामले केंद्रीय विषय के अंतर्गत तथा कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य, स्थानीय प्रशासन प्रांतीय विषयों के अंतर्गत शामिल किये गए।
  • संपत्ति, कर या शिक्षा के आधार पर सीमित संख्या में लोगों को मताधिकार प्रदान किया गया।
  • इस अधिनियम के द्वारा एक लोकसेवा आयोग का गठन किया गया तथा ली आयोग की सिफारिश पर सन् 1926 में सिविल सेवकों की भर्ती के लिये केंद्रीय लोक सेवा आयोग का गठन किया गया।
  • इस अधिनियम द्वारा केंद्रीय बजट को राज्यों के बजट से अलग किया गया।
  • इस अधिनियम द्वारा एक वैधानिक आयोग का गठन किया गया।
  • इस अधिनियम द्वारा लंदन में भारत के उच्चायुक्त कार्यालय का सृजन किया गया।
  • भारत शासन अधिनियम, 1919 मोंटेग्यू-चेम्सफोर्ड सुधार पर आधारित, जिसकी घोषणा 20 अगस्त, 1917 में की गई तथा यह अधिनियम सन् 1921 में लागू हुआ एवं 1937 तक भारत में लागू रहा।

 

4. भारतीय परिषद अधिनियम, 1909 के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन-सा/से कथन सत्य है/हैं?
1. इस अधिनियम के द्वारा पहली बार विधान परिषद को बजट पर बहस करने की शक्ति प्राप्त हुई।
2. इस अधिनियम के द्वारा सांप्रदायिक निर्वाचन प्रणाली की शुरुआत हुई।
3. यह अधिनियम मोंटेग्यू-चेम्सफोर्ड सुधार के नाम से जाना जाता है।
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर का चयन कीजिये:
(A) केवल 1 और 2
(B) केवल 2
(C) केवल 1 और 3
(D) 1, 2 और 3

Show Answer/Hide

उत्तर – (B)

व्याख्या – कथन 1 और 3 असत्य हैं, क्योंकि विधान परिषद को बजट पर बहस करने का अधिकार पहली बार भारत परिषद अधिनियम, 1892 द्वारा प्रदान किया गया था, परंतु बजट पर मतदान करने एवं पूरक प्रश्न पूछने की शक्ति प्रदान नहीं की गई थी। बजट पर मतदान करने एवं पूरक प्रश्न पूछने तथा सार्वजनिक हित के विषयों पर प्रस्ताव पेश करने की शक्ति विधान परिषद को भारतीय परिषद अधिनियम, 1909 के द्वारा प्राप्त हुई।

  • इस अधिनियम के द्वारा सांप्रदायिक निर्वाचन प्रणाली अथवा पृथक निर्वाचन की व्यवस्था की गई अर्थात् मुस्लिम सदस्यों का चुनाव केवल मुस्लिम मतदाता ही कर सकते थे।
  • इस अधिनियम को मॉर्ले-मिंटो सुधार के नाम से जाना जाता है, न कि मोंटेग्यू-चेम्सफोर्ड सुधार। मार्ले भारत-सचिव एवं लॉर्ड मिंटो भारत के वायसराय थे।
  • लॉर्ड मिंटो को सांप्रदायिक निर्वाचन के जनक के रूप में जाना जाता है।
  • सत्येंद्र सिन्हा वायसराय की कार्यपालिका परिषद के प्रथम भारतीय सदस्य बने। इन्हें विधि सदस्य बनाया गया था।

 

5. भारत परिषद अधिनियम, 1861 के विषय में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन असत्य है?
(A) इस अधिनियम के द्वारा पहली बार भारतीय प्रतिनिधियों को कानून बनाने की प्रक्रिया में शामिल किया गया।
(B) इस अधिनियम ने विकेंद्रीकरण प्रक्रिया का प्रारंभ किया।
(C)  इस अधिनियम ने वायसराय को अध्यादेश निकालने की शक्ति प्रदान की, जिसकी अवधि एक वर्ष थी।
(D)  इस अधिनियम ने कैनिंग के द्वारा प्रारंभ की गई पोर्टफोलियो प्रणाली को मान्यता प्रदान की।

Show Answer/Hide

उत्तर – (C) 

व्याख्या – कथन (c) असत्य है, क्योंकि यह अधिनियम वायसराय को आपातकाल में परिषद की संस्तुति के बिना अध्यादेश जारी करने की शक्ति प्रदान करता है, परंतु इसकी अवधि एक वर्ष नहीं, बल्कि छः माह होती थी।

  • इस अधिनियम के द्वारा पहली बार भारतीय प्रतिनिधियों को कानून बनाने की प्रक्रिया में शामिल किया गया। सन् 1862 में लॉर्ड कैनिंग द्वारा तीन भारतीयों: बनारस के राजा, पटियाला के महाराज एवं सर दिनकर राव को गैर-सरकारी सदस्य के रूप में विधान परिषद में मनोनीत किया गया।
  • इस अधिनियम द्वारा रेग्यूलेटिंग एक्ट, 1773 में प्रारंभ की गई केंद्रीकरण की प्रवृत्ति को बदल दिया गया एवं विकेन्द्रीकरण की प्रक्रिया प्रारंभ की गई। मद्रास एवं बंबई प्रेसीडेंसियों को विधायी शक्तियाँ पुनः प्रदान की गईं।
  • इस अधिनियम के आधार पर बंगाल (1862), उत्तर-पश्चिम सीमा प्रांत (1866) एवं पंजाब (1897) में विधान परिषदों का गठन हुआ।
  • इस अधिनियम ने लॉर्ड कैनिंग द्वारा 1859 में प्रारंभ की गई पोर्टफोलियो प्रणाली को मान्यता प्रदान की गई।

 

Read Also :
All Daily MCQs  Click Here
Uttarakhand Study Material in Hindi Language (हिंदी भाषा में) Click Here
Uttarakhand Study Material in English Language
Click Here 
Uttarakhand Study Material One Liner in Hindi Language
Click Here
Previous Year Solved Paper  Click Here
UP Study Material in Hindi Language   Click Here
Bihar Study Material in Hindi Language Click Here
MP Study Material in Hindi Language Click Here
Rajasthan Study Material in Hindi Language Click Here

Leave a Reply

Your email address will not be published.

error: Content is protected !!