Major Environmental Conferences

पर्यावरण से संबंधित प्रमुख सम्मेलन

पर्यावरण से संबंधित प्रमुख सम्मेलन
(Major Environmental Conferences)

सम्मेलन विशेषता
स्टॉकहोम सम्मेलन
(Stockholm Convention)
  • स्टॉकहोम सम्मेलन का आयोजन 5 जून 1972 को स्वीडन के स्टॉकहोम शहर में किया गया था।
  • स्टॉकहोम सम्मेलन की वर्षगांठ के तौर पर प्रत्येक वर्ष 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाने का निर्णय 1972 में लिया गया। 
  • स्टॉकहोम सम्मेलन के दौरान संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) का जन्म हुआ जिसका वर्तमान मुख्यालय केन्या देश के नैरोबी शहर में स्थित है।
  • यह मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण को स्‍थायी कार्बनिक प्रदूषक (POPs) से बचाने के लिये एक वैश्विक संधि है।
  • भारत ने 13 जनवरी, 2006 को स्टॉकहोम समझौते की पुष्टि की थी।
हेलसिंकी सम्मेलन
(Helsinki Convention)
  • हेलसिंकी सम्मेलन का आयोजन फिनलैंड देश के हेलसिंकी शहर में 1974 में किया गया था।
  • इस सम्मेलन का मुख्य विषय ‘समुद्री पर्यावरण की रक्षा करना’ रखा गया था।
  • इस सम्मेलन के विषय (समुद्री पर्यावरण की रक्षा करना) को स्पष्ट रूप से परिभाषित न किये जाने के कारण यह सम्मेलन असफल हो गया।
लंदन सम्मेलन
(London Convention)
  • लंदन सम्मेलन का आयोजन ब्रिटेन के लन्दन शहर में 1975 में किया गया था।
  • इस सम्मेलन का मुख्य विषय ‘समुद्री कचरे का निस्तारण’ रखा गया था।
  • जिसके अंतर्गत कहा गया कि बाह्य सभी स्रोत्तों से आने वाले कचरे को बहार ही रोका जायेगा और समुद्र में विद्यमान कचरे का प्रभावी निस्तारण किया जायेगा।
वियना सम्मेलन
(
Vienna Convention)
  • वियना सम्मेलन यह ओज़ोन परत के संरक्षण के लिए एक बहुपक्षीय पर्यावरण समझौता है।
  • 1985 के वियना सम्मेलन में सहमति बनी और 1988 में यह लागू किया गया। 
  • इस सम्मेलन में मानव स्वास्थ्य और ओज़ोन परत में परिवर्तन करने वाली मानवीय गतिविधियों की रोकथाम करने के लिये प्रभावी उपाय अपनाने पर सदस्य देशों ने प्रतिबद्धता व्यक्त की।
मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल
(Montreal Protocol)
  • ओज़ोन परत को नुकसान पहुँचाने वाले विभिन्न पदार्थों के उत्पादन तथा उपभोग पर नियंत्रण के उद्देश्य के साथ विश्व के कई देशों ने 16 सितंबर, 1987 को मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किये थे।
  • 16 सितंबर को ओज़ोन दिवस मानने का निर्णय लिया गया।
  • जिसे आज विश्व का सबसे सफल प्रोटोकॉल माना जाता है।
टोरंटो सम्मेलन
(Toronto Conference)
  • 14वां G-7 शिखर सम्मेलन टोरंटो, ओंटारियो, कनाडा में 19 से 21 जून, 1988 के बीच आयोजित किया गया था।
  • इस सम्मेलन का मुख्य विषय ग्रीन हाउस गैसों के अंतर्गत आनेवाली गैस कार्बन डाई आक्साइड (CO2) रखा गया था।
  • इस सम्मलेन में सभी राष्ट्र एक समान रूप से भागीदार नहीं हुए इसलिए यह सम्मलेन असफल हो गया।
रियो सम्मेलन (पृथ्वी सम्मेलन)
Rio Conference (Earth Conference)
  • यह शिखर सम्मेलन ब्राजील की राजधानी रिओ डि जेनेरियों में 3 जून 1992 से 14 जून 1992 तक चला जिसमें 182 देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
  • पर्यावरण एवं विकास पर संयुक्त राष्ट्र द्वारा आयोजित इस शिखर सम्मेलन को ही ‘पृथ्वी सम्मेलन’ या ‘रियो सम्मेलन’ के नाम से जाना जाता है।
  • इस सम्मलेन का मुख्य विषय 21वीं सदी के लिए पर्यावरण के महत्वपूर्ण नियमों का एक दस्तावेज तैयार करना था जिसे एजेंडा-21 के नाम से जाना जाता है।
  • पृथ्वी दिवस 22 अप्रैल को दुनिया भर में पर्यावरण संरक्षण के लिए समर्थन प्रदर्शित करने के लिए आयोजित किया जाता है।  
एजेंडा – 21
(Agenda 21)
  • एजेंडा – 21 (Agenda 21) पर्यावरण एवं विकास के संदर्भ में एक अन्तर्राष्ट्रीय दस्तावेज है जिसे सम्मेलन में उपस्थित 182 देशों के प्रतिनिधियों द्वारा सर्वसम्मति से स्वीकार किया गया।
  • एजेंडा-21 (Agenda 21) सदस्य राष्ट्रों पर बाध्यकारी नहीं है फिर भी राष्ट्रों से यह अपेक्षा की गई कि अपनी भावी विकास की नीतियां एजेंडा-21 (Agenda 21) की नीतियों के अनुरूप निर्माण करेंगे।
  • एजेंडा-21 पारिस्थितिकी एवं आर्थिक विकास के संदर्भ में संतुलन स्थापित करते हुए निम्न विषयों पर बल प्रदान करता है –
    1. गरीबी
    2. उपभोग के ढंग
    3. स्वास्थ्य
    4. मानवीय व्यवस्थापन
    5. वित्तीय संसाधन
    6. प्रौद्योगिकीय उपकरण
  • एजेंडा-21 (Agenda 21) में निहित घोषणाओं के अनुपालन हेतु 1993 में एक आयोग का गठन किया गया जिसे सतत् विकास पर आयोग कहा गया। इस आयोग ने मई, 1993 से कार्य करना शुरू कर दिया।
न्यूयॉर्क सम्मेलन
(New York Convention) 
  • इस सम्मेलन का आयोजन अमेरिका के वाशिंगटन राज्य के न्यूयार्क शहर में 1997 में किया गया था।
  • इस सम्मेलन का मुख्य विषय ‘एजेंडा-21 को प्रभावी बनाना’ रखा गया था।
नैरोबी घोषणा पत्र
(Nairobi Declaration)
  • इस सम्मेलन का आयोजन केन्या देश के नैरोबी शहर में 1997 में किया गया था।
  • नैरोबी घोषणा पत्र अभी तक हुए सभी अंतर्राष्ट्रीय संधियों को प्रभावी बनाने के लिए किया गया था।
क्योटो प्रोटोकॉल
(Kyoto Protocol)
  • क्योटो प्रोटोकॉल एक अंतरराष्ट्रीय संधि है, जिसे ग्लोबल वार्मिंग द्वारा हो रहे जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए 11 दिसंबर, 1997 को अपनाया गया था।
  • इस सम्मेलन में सभी राष्ट्र एकमत होकर कार्बन डाई ऑक्साइड में कटौती के लिए सहमत हुए।
  • इसकी पहली प्रतिबद्धता अवधि वर्ष 2008 से 2012 तक थी। अपनी दूसरी प्रतिबद्धता अवधि 2012 में अपनाया गया था लेकिन, केवल 65 देशों में अब तक दूसरी प्रतिबद्धता अवधि (2013 – 2020) की पुष्टि की है।
सिएटल सम्मेलन
(Seattle Conference)
  • इस सम्मलेन का आयोजन अमेरिका के वाशिंगटन राज्य के सिएटल शहर में 1999 में किया गया था।
  • इस सम्मेलन का मुख्य विषय ‘विश्व व्यापार को पर्यावरण के दायरे में लाना’ रखा गया था।
जोहान्सबर्ग सम्मेलन (रियो+10)
Johannesburg Conference (Rio +10)
  • इस सम्मेलन का आयोजन दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग शहर में बर्ष 2002 में किया था।
  • इस सम्मेलन का मुख्य विषय सतत विकास (Sustainable Development) था।
  • जोहान्सबर्ग सम्मेलन के द्वारा वैश्विक गरीबी उन्मूलन के लिए “विश्व एकजुटता कोष” की स्थापना को मंजूरी प्रदान की गई।
रियो + 20
(Rio + 20)
  • इस सम्मेलन का आयोजन ब्राज़ील के रिओ-डी-जेनेरिओ शहर में 2012 में आयोजित किया गया था।
  • इस सम्मेलन का मुख्य विषय सतत विकास पर बल देना रखा गया था। इसमें “फ्यूचर वी वांट” (Future We Want) की संकल्पना दी गई थी।
कानकुन सम्मेलन
(Cancun Conference)
  • मेक्सिको में हुए संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन पर कानकुन सम्मेलन 29 नवम्बर से 10 दिसम्बर, 2010 के बीच आयोजित किया गया।
  • इसे UNFCCC CoP – 16 के नाम से जाना जाता है। इसमें 194 देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
  • इस सम्मेलन का उद्देश्य जलवायु परिवर्तन पर एक नवीन संधि के लिए सर्वसम्मति कायम करना, उत्सर्जन की मात्रा तय करना तथा वातावरण वृद्धि को पूर्व औद्योगिक काल के तापमान से 2 डिग्री कम तक बनाए रखने पर सहमत होना था।

 

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