संज्ञा (Noun)

April 6, 2021

संज्ञा की परिभाषा 

संज्ञा उस शब्द को कहते हैं, जिससे किसी विशेष वस्तु अथवा व्यक्ति के नाम का बोध होता है। संज्ञा के अन्तर्गत वस्तु और प्राणी के नाम के साथ ही उसके धर्म-गुण भी आते हैं। संज्ञा विकारी शब्द है, क्योंकि संज्ञा शब्दों में लिंग, वचन और कारक के अनुसार विकार अर्थात् रूप परिवर्तन होता है।

संज्ञा के भेद

  1. व्यक्तिवाचक
  2. जातिवाचक
    1. समूहवाचक
    2. पदार्थवाचक/द्रव्यवाचक
  3.  भाववाचक

व्यक्तिवाचक संज्ञा 

किसी व्यक्ति या वस्तु विशेष नाम का बोध कराने वाले शब्द व्यक्तिवाचक संज्ञा कहलाते हैं। प्रत्येक व्यक्तिवाचक संज्ञा अपने मूल रूप में जातिवाचक संज्ञा होती है, किन्तु जाति विशेष के प्राणी या वस्तु को जब कोई नाम दिया जाता है, तब वह नाम व्यक्तिवाचक संज्ञा बन जाता है। व्यक्तिवाचक संज्ञा निम्नलिखित रूपों में होती है

  • व्यक्तियों के नाम – गीता, अनिल, मंजू। 
  • दिन/महीनों के नाम – रविवार, मंगलवार, जनवरी, फरवरी। 
  • देशों के नाम – भारत, चीन, पाकिस्तान, अमेरिका। 
  • दिशाओं के नाम – पूर्व, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण। 
  • नदियों के नाम – गंगा, यमुना, गोदावरी, कावेरी, सिन्धु। 
  • त्योहार/उत्सवों के नाम – होली, दीवाली, ईद, बैसाखी। 
  • नगरों/रास्तों के नाम – दिल्ली, मुम्बई, कोलकाता, महात्मा गाँधी मार्ग। 
  • पुस्तकों के नाम – रामायण, गीता, कुरान, बाइबिल। 
  • समाचार पत्रों के नाम – अमर उजाला, दैनिक जागरण, हिन्दुस्तान।
  • पर्वतों के नाम – हिमालय, विन्ध्याचल, शिवालिक, अलकनंदा। 

जातिवाचक संज्ञा 

प्राणियों या वस्तुओं की जाति का बोध कराने वाले शब्दों को जातिवाचक संज्ञा कहते हैं। 

  • मनुष्य – लड़का, लड़की, नर, नारी। 
  • पशु-पक्षी – गाय, बैल, बंदर, कोयल, कौआ, तोता। 
  • वस्तु – घर, किताब, कलम, मेज, बर्तन। 
  • पद-व्यवसाय – अध्यापक, छात्रा, लेखक, व्यापारी, नेता, अभिनेता। 
जातिवाचक संज्ञा के दो उपभेद हैं

समूहवाचक संज्ञा 

जिस संज्ञा से एक ही जाति के व्यक्तियों या वस्तुओं के समूह का बोध होता है, उसे समूहवाचक संज्ञा कहते हैं। 

  • व्यक्ति समूह – संघ, वर्ग, दल, गिरोह, सभा, भीड़, मेला, कक्षा, झुंड, समिति, जुलूस।
  • वस्तु-समूह – ढेर, गुच्छा, शृंखला। 

द्रव्यवाचक संज्ञा 

इसे पदार्थवाचक संज्ञा भी कहते हैं। इससे उस द्रव्य या पदार्थ का बोध होता है, जिन्हें हम माप-तौल तो सकते हैं, किन्तु गिन नहीं सकते। यह संज्ञा सामान्यतः एकवचन में होती है। इसका बहुवचन नहीं होता। 

  • धातु अथवा खनिज पदार्थ – सोना, चाँदी, कोयला। 
  • खाद्य पदार्थ – दूध, पानी, तेल, घी।

भाववाचक संज्ञा 

व्यक्ति या वस्तु के गुण-धर्म, कर्म, अवस्था, भाव, दशा आदि का बोध कराने वाले शब्द भाववाचक संज्ञा कहलाते हैं। भाववाचक संज्ञाओं का संबंध हमारे भावों से होता है। इनका कोई रूप या आकार नहीं होता है। भाववाचक संज्ञा का प्रायः बहुवचन नहीं होता। 

  • मनोभाव – प्रेम, घृणा, दु:ख, शान्ति।
  • अवस्था – बचपन, बुढ़ापा, अमीरी, गरीबी। भाववाचक संज्ञाओं की रचना

जातिवाचक संज्ञा से भाववाचक संज्ञा 

जातिवाचक संज्ञा  भाववाचक संज्ञा 
बालक बालकपन 
मनुष्य मनुष्यत्व/मनुष्यता 
देव देवत्व 
नारी नारीत्व
विद्वान विद्वता 
मित्र मित्रता/मैत्री 
अमीर अमीरी 
व्यक्ति व्यक्तित्व 
स्त्री स्त्रीत्व

संज्ञा प्रयोग संबंधी विशेष नियम

समूहवाचक और जातिवाचक संज्ञाओं का संबंध 

सभी समूहवाचक संज्ञाएँ प्रत्येक जातिवाचक संज्ञाओं के साथ प्रयुक्त नहीं होती। दोनों में विशिष्ट संबंध होता है, जिनके आधार पर उनका परस्पर प्रयोग सुनिश्चित होता है, जैसे

अशुद्ध प्रयोग 

  1. नेताओं का गिरोह प्रधानमंत्री से मिला। 
  2. अंगूरों का ढेर कितना ताजा है। 
  3. डाकुओं के शिष्टमण्डल ने आत्मसमर्पण कर दिया। 
  4. लताओं का झुंड बहुत सुन्दर है।

इन वाक्यों में नेताओं, अंगूरों, डाकुओं और लताओं के लिए क्रमशः गिरोह, ढेर, शिष्टमण्डल और झुंड का प्रयोग अशुद्ध है।

अतः अशुद्ध प्रयोग से बचने के लिए समूहवाचक संज्ञा और जातिवाचक संज्ञा के निम्नलिखित संबंध को ध्यान में रखें – 

  1. श्रृंखला – पर्वतों की (अब मानव श्रृंखला भी बनने लगी है)। 
  2. जत्था – सैनिक, स्वयंसेवकों का। 
  3. मण्डल – नक्षत्रों, व्यक्तियों का।
  4. गिरोह – चोर, डाकुओं, लुटेरों, जेबकतरों का। 
  5. काफिला/कारवाँ – ऊँटों, यात्रियों का। 
  6. ढेर – अनाज, फल, तरकारी का। 
  7. मण्डली – गायकों, विद्वानों, मूर्खों की। 
  8. संघ – कर्मचारी, मजदूर, राज्यों का। 
  9. झुंड – भेड़ों या बिना सोचे-समझे काम करने वालों का।
  10. शिष्टमण्डल – अच्छे उद्देश्यों के लिए व्यक्तियों का। 

द्रव्यवाचक संज्ञाओं का वचन 

द्रव्यवाचक संज्ञाओं के साथ यदि मात्रावाचक विशेषण का प्रयोग हो तो वे एकवचन में प्रयुक्त होती हैं, जैसे इन वाक्यों को देखें – 

  1. मुझे दो किलो मिठाइयाँ चाहिए। 
  2. उसने पाँच टन कोयले खरीदे।

इन वाक्यों में ‘मिठाइयाँ’ और ‘कोयले’ का प्रयोग अशुद्ध है, क्योंकि उनके साथ मात्रावाचक शब्दों ‘दो किलो’ और ‘पाँच टन’ का प्रयोग हुआ।

इसके साथ ही खाने-पीने के अर्थ में भी द्रव्यवाचक संज्ञा का प्रयोग सदैव एकवचन में ही करना चाहिए, जैसे

  1. मुझे पूड़ियाँ अच्छी नहीं लगती। 
  2. तेल की बनी मिठाइयाँ अच्छी नहीं होती। 
  3. आज मैंने रोटियाँ और मछलियाँ खायीं।

इन वाक्यों में पूड़ियाँ, मिठाइयाँ, रोटियाँ और मछलियाँ का अशुद्ध प्रयोग है। इसके स्थान पर पूड़ी, मिठाई, रोटी और मछली का प्रयोग शुद्ध होगा।

भाववाचक संज्ञाओं का वचन 

प्रायः भाववाचक संज्ञाओं का प्रयोग बहुवचन में नहीं होता, जैसे 

उदाहरण 

  1. बच्चों की चंचलताएँ मन को मोह लेती हैं। 
  2. भारत-पाक के बीच शत्रुताएँ अधिक हैं, मित्रताएँ कम। 
  3. इन कमरों की लम्बाइयाँ-चौडाइयाँ क्या हैं? 
  4. मरीज कमजोरियों के कारण चल-फिर नहीं सकता। 
  5. तुमने मेरे साथ बहुत भलाइयाँ की हैं।

इन वाक्यों में भाववाचक संज्ञाएँ – चंचलताएँ, शत्रुताएँ, मित्रताएँ, लम्बाइयाँ-चौड़ाइयाँ, कमजोरियों और भलाइयाँ का बहुवचन में अशुद्ध प्रयोग है। इनके स्थान पर इनका प्रयोग एकवचन में ही होना चाहिए। 

अपवाद स्वरूप भाववाचक संज्ञाओं का बहुवचन प्रयोग वहाँ उचित होता है, जहाँ विविधता का बोध होता है। ऐसे स्थलों पर भाववाचक संज्ञा का बहुवचन प्रयोग जातिवाचक संज्ञा के समान होता है। 

उदाहरण

  1. मनुष्य में बहुत-सी कमजोरियाँ होती हैं। 
  2. ‘कामायनी’ की अनेक विशेषताएँ हैं।

आदरसूचक संज्ञा के लिए बहुवचन का प्रयोग

व्यक्तिवाचक और जातिवाचक संज्ञाओं के साथ एकवचन होने पर भी आदर का भाव प्रकट करने के लिए बहुवचन क्रिया का प्रयोग किया जाता है। 

उदाहरण 

  1. तुलसीदास समन्वयकारी कवि थे। 
  2. आप आजकल क्या कर रहे हैं? 
  3. प्रधानमंत्री आज नहीं आयेंगे। 
  4. पिताजी अभी लखनऊ से नहीं लौटे हैं। 
  5. माँजी! आप क्या सोच रही हैं? 
  6. आपके दर्शन के लिए रुका था।

पुल्लिंग बहुवचन की जातिवाचक संज्ञाएँ

कुछ जातिवाचक संज्ञाएँ सदैव पुल्लिंग में प्रयोग की जाती हैं। जैसे—प्राण, आँसू, अक्षत, ओंठ आदि एकवचन में होते हुए भी बहुवचन में प्रयुक्त किए जाते हैं।

उदाहरण

  1. रोगी के प्राण निकल चुके थे। 
  2. शेर के बाल होते हैं, शेरनी के नहीं। 
  3. मैंने अपने हस्ताक्षर कर दिए थे। 
  4. बारातियों पर अक्षत बरसाए गए।

 

Read Also :

 

UKSSSC Graduation Level Exam 2025 Mock Test Series

UKSSSC Graduation Level Exam 2025 Mock Test Series

SOCIAL PAGE

E-Book UK Polic

Uttarakhand Police Exam Paper

CATEGORIES

error: Content is protected !!
Go toTop
error: Content is protected !!
Go toTop