उत्तराखंड लोकसेवा आयोग व अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा आयोजित की जानेवाली आगामी परीक्षाओं (UKPSC/ UKSSSC) को मध्यनजर रखते हुए Exam Pillar आपके लिए Daily MCQs प्रोग्राम लेकर आया है। इस प्रोग्राम के माध्यम से अभ्यर्थियों को उत्तराखंड लोकसेवा आयोग व अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के परीक्षाओं के प्रारूप के अनुरूप वस्तुनिष्ठ अध्ययन सामग्री उपलब्ध कराये जायेंगे।
Daily UKPSC / UKSSSC MCQs : उत्तराखंड (Uttarakhand)
24 November, 2025
| Read This UKPSC / UKSSSC Daily MCQ – (Uttarakhand) in English Language |
Q1. कौषीतकि ब्राह्मण ग्रंथ में वाक् देवी का निवास स्थान कहाँ बताया गया है?
(A) कैलाश पर्वत
(B) बद्रीकाश्रम
(C) केदारनाथ
(D) नन्दादेवी
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व्याख्या: कौषीतकि ब्राह्मण ग्रंथ में वाक् देवी (सरस्वती) का निवास स्थान बद्रीकाश्रम बताया गया है। यह स्थल आज के बद्रीनाथ क्षेत्र से संबद्ध माना जाता है, जो धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से अत्यंत पवित्र स्थान है।
Q2. स्कन्द पुराण में हिमालय के कितने खण्डों का वर्णन किया गया है?
(A) तीन
(B) चार
(C) पाँच
(D) सात
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व्याख्या: स्कन्द पुराण में पाँच हिमालयी खण्डों का वर्णन किया गया है — नेपाल, केदारखण्ड, मानसखण्ड, कश्मीर, और जालंधर। ये खण्ड हिमालय के विभिन्न भौगोलिक एवं धार्मिक क्षेत्रों को दर्शाते हैं।
Q3. केदारखण्ड किस क्षेत्र से संबद्ध है?
(A) कुमाऊँ
(B) गढ़वाल
(C) हरिद्वार
(D) जालंधर
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व्याख्या: केदारखण्ड गढ़वाल क्षेत्र से संबद्ध है। स्कन्द पुराण में माया क्षेत्र से हिमालय तक के विस्तृत क्षेत्र को केदारखण्ड कहा गया है। इस क्षेत्र में प्रसिद्ध केदारनाथ धाम स्थित है, जो भगवान शिव को समर्पित है।
Q4. मानसखण्ड किस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करता है?
(A) गढ़वाल
(B) कुमाऊँ
(C) हरिद्वार
(D) नेपाल
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व्याख्या: मानसखण्ड कुमाऊँ क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करता है। स्कन्द पुराण में नन्दादेवी पर्वत से कालगिरी तक के क्षेत्र को मानसखण्ड कहा गया है। यह क्षेत्र नंदा देवी मंदिर और अनेक तीर्थ स्थलों के कारण धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है।
Q5. पुराणों में केदारखण्ड और मानसखण्ड के संयुक्त क्षेत्र को क्या कहा गया है?
(A) हिमवंत
(B) इलावर्त
(C) ब्रह्मपुर
(D) उत्तर-कुरु
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व्याख्या: पुराणों में केदारखण्ड और मानसखण्ड के संयुक्त क्षेत्र को ब्रह्मपुर, खसदेश, इलावर्त तथा उत्तर-खण्ड कहा गया है। यह नाम इस बात का संकेत देता है कि यह क्षेत्र धार्मिक, सांस्कृतिक और दार्शनिक दृष्टि से अत्यंत महत्त्वपूर्ण था।
