उत्तराखंड लोकसेवा आयोग व अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा आयोजित की जानेवाली आगामी परीक्षाओं (UKPSC/ UKSSSC) को मध्यनजर रखते हुए Exam Pillar आपके लिए Daily MCQs प्रोग्राम लेकर आया है। इस प्रोग्राम के माध्यम से अभ्यर्थियों को उत्तराखंड लोकसेवा आयोग व अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के परीक्षाओं के प्रारूप के अनुरूप वस्तुनिष्ठ अध्ययन सामग्री उपलब्ध कराये जायेंगे।
Daily UKPSC / UKSSSC MCQs : उत्तराखंड (Uttarakhand)
18 November, 2025
| Read This UKPSC / UKSSSC Daily MCQ – (Uttarakhand) in English Language |
Q1. मलारी गाँव के शवाधान किस प्रकार बनाए गए थे?
(A) घुटने मोड़कर औंधे मुँह लिटाया गया
(B) बैठकर रखा गया
(C) सीधे शरीर को लिटाया गया
(D) पेड़ों पर रखा गया
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व्याख्या: मलारी गाँव में शवाधान पहाड़ी काटकर बनाए गए थे, और शवों को घुटने मोड़कर औंधे मुँह लिटाया गया। यह दफन प्रणाली उस समय के धार्मिक विश्वासों और मृत्यु संस्कार की प्राचीन प्रथाओं को दर्शाती है।
Q2. मलारी गाँव से प्राप्त मृदभांड और मोनाल का चित्र किस रंग का था?
(A) लाल और सफेद
(B) काला और धूसर
(C) नीला और हरा
(D) पीला और भूरा
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व्याख्या: मलारी गाँव से काले और धूसर रंग के मृदभांड और हत्थे युक्त कुतुप पर बने मोनाल के चित्र प्राप्त हुए। ये कलाकृतियाँ प्राचीन कला और सामाजिक जीवन की झलक प्रदान करती हैं।
Q3. मलारी ग्राम से उत्तराखण्ड में सर्वाधिक प्राचीन लौह फलक कहाँ से प्राप्त हुए?
(A) निति घाटी
(B) महापाषाण कालीन शवाधान
(C) रामगंगा घाटी
(D) हुडली स्थल
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व्याख्या: उत्तराखण्ड में सर्वाधिक प्राचीन लौह फलक मलारी ग्राम के महापाषाण कालीन शवाधान से प्राप्त हुए। यह पुरातात्विक प्रमाण क्षेत्र में प्राचीन मानव तकनीकी और हथियार निर्माण की क्षमता को दर्शाता है।
Q4. नौला-जैनल गाँव के शवाधानों की खोज किसने की थी?
(A) एम. पी. जोशी
(B) यशोधर मठपाल
(C) यशवंत सिंह कठौच
(D) शिवप्रसाद डबराल
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व्याख्या: नौला-जैनल गाँव, जो अल्मोड़ा के पश्चिमी रामगंगा घाटी में स्थित है, के शवाधानों की खोज यशोधर मठपाल ने की। उनकी खोज प्राचीन मानव जीवन और दफन प्रथाओं के अध्ययन में महत्वपूर्ण प्रमाण प्रदान करती है।
Q5. सानणा एवं बसेड़ी ग्राम के शवाधानों से कितने प्रकार के शवाधान प्राप्त हुए?
(A) एक प्रकार
(B) दो प्रकार
(C) तीन प्रकार
(D) चार प्रकार
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व्याख्या: सानणा और बसेड़ी ग्राम से दो प्रकार के शवाधान प्राप्त हुए: सिस्ट और अर्न बैरियल। सिस्ट शवाधान पहाड़ी खोदकर बनाए जाते हैं जबकि अर्न बैरियल शव को जमीन में दफन करने की पद्धति है। यह विविधता प्राचीन मानव की दफन प्रथाओं और सामाजिक-सांस्कृतिक दृष्टिकोण को दर्शाती है।
