उत्तराखंड लोकसेवा आयोग व अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा आयोजित की जानेवाली आगामी परीक्षाओं (UKPSC/ UKSSSC) को मध्यनजर रखते हुए Exam Pillar आपके लिए Daily MCQs प्रोग्राम लेकर आया है। इस प्रोग्राम के माध्यम से अभ्यर्थियों को उत्तराखंड लोकसेवा आयोग व अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के परीक्षाओं के प्रारूप के अनुरूप वस्तुनिष्ठ अध्ययन सामग्री उपलब्ध कराये जायेंगे।
Daily UKPSC / UKSSSC MCQs : उत्तराखंड (Uttarakhand)
15 November, 2025
| Read This UKPSC / UKSSSC Daily MCQ – (Uttarakhand) in English Language |
Q1. 1982 में यशवंत सिंह कठौच ने लाखु उड्यार से कितनी मानव आकृतियों की खोज की थी?
(A) 5
(B) 6
(C) 7
(D) 8
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व्याख्या: वर्ष 1982 में यशवंत सिंह कठौच ने लाखु उड्यार से 7 मानव आकृतियों की खोज की थी। इन आकृतियों का महत्व इस बात में है कि वे प्रागैतिहासिक मानव की कलात्मक अभिव्यक्ति, सामूहिक जीवन और सांस्कृतिक गतिविधियों का स्पष्ट संकेत प्रदान करती हैं।
Q2. ग्वारख्या गुफा में कुल कितने रंगीन चित्र पाए गए और उनमें कितने पशुओं के चित्र थे?
(A) 35 चित्र, 5 पशु चित्र
(B) 41 चित्र, 8 पशु चित्र
(C) 50 चित्र, 10 पशु चित्र
(D) 30 चित्र, 6 पशु चित्र
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व्याख्या: ग्वारख्या गुफा से कुल 41 रंगीन चित्र प्राप्त हुए, जिनमें से 8 चित्र पशुओं के थे और बाकी मानव आकृतियाँ थीं। यह संख्या दर्शाती है कि प्राचीन लोग मानव और पशु जीवन दोनों को चित्रित करने में रुचि रखते थे और चित्रों का विषय सामाजिक और आर्थिक गतिविधियों से जुड़ा था।
Q3. ग्वारख्या गुफा के शैलचित्रों का मुख्य विषय क्या है?
(A) सामूहिक नृत्य और उत्सव
(B) युद्ध और शिकार
(C) पशुओं को हांका देकर भगाना या घेरना और मनुष्यों को त्रिशूल आकार में अंकित करना
(D) कृषि और जल स्रोत
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उत्तर: (C) पशुओं को हांका देकर भगाना या घेरना और मनुष्यों को त्रिशूल आकार में अंकित करना
व्याख्या: ग्वारख्या गुफा के शैलचित्रों का मुख्य विषय पशुओं को हांका देकर भगाना या घेरना और मानव आकृतियों को त्रिशूल आकार में अंकित करना है। यह दर्शाता है कि उस समय के लोग पशुपालन और शिकार गतिविधियों को सांस्कृतिक एवं कलात्मक रूप से चित्रित करते थे, जिससे उनकी आर्थिक और सामाजिक गतिविधियों की झलक मिलती है।
Q4. किमनी गाँव की खोज किस वर्ष और किस पुरातत्वविद ने की थी?
(A) 1995 ई० में यशवंत सिंह कठौच
(B) 1998 ई० में एम. पी. जोशी
(C) 2000 ई० में यशोधर मठपाल
(D) 1992 ई० में राकेश भट्ट
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व्याख्या: किमनी गाँव की खोज वर्ष 1998 में डॉ. एम. पी. जोशी ने की थी। यह खोज चमोली जिले के पिण्डर नदी घाटी में स्थित प्रागैतिहासिक शैलचित्र अध्ययन के लिए महत्वपूर्ण साबित हुई। इस खोज से क्षेत्र में मानव जीवन और सांस्कृतिक गतिविधियों के प्रमाण सामने आए।
Q5. किमनी गाँव किस स्थान के पास स्थित है?
(A) अलकनंदा घाटी, हुग्री गाँव
(B) पिण्डर नदी घाटी, थराली, चमोली
(C) यमुना घाटी, हुड़ली, उत्तरकाशी
(D) रामगंगा घाटी, महरू उड्यार
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व्याख्या: किमनी गाँव पिण्डर नदी घाटी में, थराली तहसील के पास चमोली जिले में स्थित है। इसकी भौगोलिक स्थिति प्रागैतिहासिक मानव गतिविधियों और शैलचित्रों के संरक्षण के लिए उपयुक्त है।
