उत्तराखंड लोकसेवा आयोग व अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा आयोजित की जानेवाली आगामी परीक्षाओं (UKPSC/ UKSSSC) को मध्यनजर रखते हुए Exam Pillar आपके लिए Daily MCQs प्रोग्राम लेकर आया है। इस प्रोग्राम के माध्यम से अभ्यर्थियों को उत्तराखंड लोकसेवा आयोग व अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के परीक्षाओं के प्रारूप के अनुरूप वस्तुनिष्ठ अध्ययन सामग्री उपलब्ध कराये जायेंगे।
Daily UKPSC / UKSSSC MCQs : उत्तराखंड (Uttarakhand)
13 December, 2025
| Read This UKPSC / UKSSSC Daily MCQ – (Uttarakhand) in English Language |
Q1. मुनि की रेती से किन शासक की कितनी स्वर्ण मुद्राएँ प्राप्त हुईं और किस वर्ष?
(A) हुविष्क — 44 स्वर्ण मुद्राएँ — 1972
(B) कनिष्क — 44 स्वर्ण मुद्राएँ — 1960
(C) वासुदेव द्वितीय — 3 स्वर्ण मुद्राएँ — 1972
(D) वसु — 7 स्वर्ण मुद्राएँ — 1960
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Explanation: दर्ज सूचनाओं के अनुसार मुनि की रेती से हुविष्क की 44 स्वर्ण मुद्राएँ 1972 में प्राप्त हुईं। यह खोज हुविष्क के उत्थान और कुषाण स्वर्ण-नाण्यों की प्रचुरता का संकेत देती है। विकल्प (B) में वर्ष और शासक का मेल गलत है; विकल्प (C) वासुदेव द्वितीय की 3 मुद्राएँ गोविषाण टीले से मिली थीं न कि मुनि की रेती से, और वर्ष का मेल गलत संयोजन बनता है। विकल्प (D) भी खटीमा की 7 स्वर्ण मुद्राओं से वसु नाम जुड़ा है पर वर्ष 1960 का उपयोग यहाँ भ्रमित कर रहा है। इसलिए (A) तथ्यात्मक रूप से संगत है।
Q2. गोविषाण टीले से प्राप्त मुद्राओं पर किस देव की आकृति अंकित थी और किस शासक की मुद्राएँ थीं?
(A) शिव व नंदी — वासुदेव द्वितीय
(B) विष्णु व गरुड़ — कनिष्क
(C) इन्द्र व हाथी — हुविष्क
(D) ब्रह्मा व कमल — वसु
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Explanation: सामग्री में स्पष्ट उल्लेख है कि गोविषाण टीले से प्राप्त तीन स्वर्ण मुद्राओं पर शिव व नंदी का चित्र बना था तथा वे वासुदेव द्वितीय से संबंधित बतायी गईं। यह धार्मिक-प्रतीकात्मक अभिव्यक्ति वासुदेव द्वितीय के शासनकाल या धार्मिक अभिरूचि के बारे में संकेत देती है। अन्य विकल्पों में दर्शाए गए देव-दृश्य और शासक संयोजन का समर्थन उपलब्ध तथ्यों में नहीं मिलता। अतः (A) ही सटीक उत्तर है।
Q3. किस शासक को कुषाण साम्राज्य का सर्वाधिक शक्तिशाली शासक माना गया है और उसकी राजधानी कौन-सी बतायी गई है?
(A) हुविष्क — काशीपुर
(B) वासुदेव द्वितीय — पुरुषपुर/पेशावर
(C) कनिष्क — पुरुषपुर/पेशावर
(D) वसु — मुनि की रेती
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Explanation: साम्राज्य के प्रभाव, सिक्कों की व्यापकता तथा रेशम मार्ग पर नियंत्रण के कारण कनिष्क को प्रमुख शासक के रूप में चिन्हित किया गया है। उसकी राजधानी पुरुषपुर (जो आधुनिक पेशावर से संबंधित शहर है) बतायी गयी है। हुविष्क कनिष्क का उत्तराधिकारी था पर सर्वाधिक शक्तिशाली का पद कनिष्क को दिया जाता है। वासुदेव द्वितीय तथा वसु को स्थानीय स्वर्ण मुद्राओं से जोड़ा गया है, पर वे समग्र कुषाण साम्राज्य के सर्वाधिक प्रभावशाली शासक नहीं माने जाते। इसलिए विकल्प (C) तथ्यनिष्ठता के साथ सही है।
Q4. किन कारणों से कुषाणों को भारत में सर्वाधिक शुद्ध सोने के सिक्के जारी करने वाला समूह कहा गया है?
(A) उनके स्वर्ण सिक्कों का व्यापक भौगोलिक वितरण तथा उत्कीर्णन की गुणवत्ता
(B) उनके सिक्कों पर केवल स्थानीय देवताएँ अंकित थीं
(C) उनके सिक्के केवल तांबे के बने पाये गये
(D) उनके सिक्के केवल मठों में संरक्षित रहे
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Explanation: वर्णित तथ्य यह इंगित करता है कि कुषाणों ने अत्युत्तम शुद्धता वाले स्वर्ण सिक्के जारी किए, जिनका गुण और विस्तृत वितरण उनके आर्थिक सामर्थ्य और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार—विशेषकर रेशम मार्ग—पर नियंत्रण की ओर संकेत करता है। विकल्प (B) इस निष्कर्ष के लिए अपर्याप्त है क्योंकि देवताओं का अंकन सिक्कों की शुद्धता के कारण नहीं होता। विकल्प (C) प्रतिकूल है क्योंकि यह तांबे पर केंद्रित है जबकि प्रश्न का बिंदु शुद्ध सोने के सिक्कों का है। विकल्प (D) संग्रह-स्थितियों तक सीमित दावे पर केन्द्रित है और शुद्धता/व्यापकता के प्रमाण नहीं देता। अतः (A) व्यापक और तर्कसंगत कारणों के साथ सच है।
Q5. किस शासक ने 78 ई. में शक् संवत् आरम्भ किया और उसका उत्तराधिकारी कौन था?
(A) कनिष्क — हुविष्क
(B) हुविष्क — वासुदेव द्वितीय
(C) वसु — कनिष्क
(D) वासुदेव द्वितीय — हुविष्क
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Explanation: उल्लेखित श्रृंखला के अनुसार कनिष्क ने 78 ई. में शक् संवत् आरम्भ किया तथा उसका उत्तराधिकारी हुविष्क था। यह कालगणना तथा राजसंज्ञा दोनों सिक्कों और इतिहास-परंपरा के सहारे बताई गई है। विकल्प (B) और (D) में उत्तराधिकार की दिशा उल्टी या असंगत है, जबकि विकल्प (C) में वसु को अग्रज बताना ऐतिहासिक श्रेणी के अनुरूप नहीं आता। इस कारण (A) ही यथार्थ-अनुरूप विकल्प है।
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