Daily Uttarakhand MCQs - 12 November 2025

UKPSC / UKSSSC Daily MCQ – (Uttarakhand) – 12 November 2025

November 12, 2025

उत्तराखंड लोकसेवा आयोग व अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा आयोजित की जानेवाली आगामी परीक्षाओं (UKPSC/ UKSSSC) को मध्यनजर रखते हुए Exam Pillar आपके लिए Daily MCQs प्रोग्राम लेकर आया है। इस प्रोग्राम के माध्यम से अभ्यर्थियों को उत्तराखंड लोकसेवा आयोग व अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के परीक्षाओं के प्रारूप के अनुरूप वस्तुनिष्ठ अध्ययन सामग्री उपलब्ध कराये जायेंगे। 

Daily UKPSC / UKSSSC MCQs : उत्तराखंड (Uttarakhand)
12 November, 2025 

Q1. भोटांतिकों की उपजातियों में से कौन-सी इनमें शामिल नहीं है?
(A) गर्व्याल
(B) टोलिया
(C) पांगती
(D) पालिया

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उत्तर: (D) पालिया
व्याख्या: भोटांतिकों की उपजातियाँ गर्व्याल, गुंजयाल, मर्तोलिया, टोलिया, पांगती, कुटियाल और दताल आदि थीं। इनमें “पालिया” नाम की कोई उपजाति नहीं थी। इन उपजातियों की अपनी-अपनी सामाजिक और व्यापारिक पहचान थी।

Q2. भोटांतिकों की उपजातियाँ किस सामाजिक प्रणाली में विभक्त थीं?
(A) कुल प्रणाली
(B) राठ या संगोत्र प्रणाली
(C) जाति प्रणाली
(D) कुलीन प्रणाली

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उत्तर: (B) राठ या संगोत्र प्रणाली
व्याख्या: भोटांतिकों की उपजातियाँ राठ या संगोत्र नामक सामाजिक समूहों में विभाजित थीं। प्रत्येक राठ को एक अलग बिरादरी का सूचक माना जाता था और इन समूहों के बीच विवाह संबंध स्थापित नहीं किए जाते थे, जिससे वंश की शुद्धता बनी रहती थी।

Q3. रड़-बड़ प्रथा का प्रचलन किन घाटियों के भोटांतिकों में था?
(A) दारमा व व्यास घाटी
(B) गोरी व धौली घाटी
(C) भागीरथी व अलकनंदा घाटी
(D) टौंस व पिंडर घाटी

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उत्तर: (A) दारमा व व्यास घाटी
व्याख्या: रड़-बड़ प्रथा दारमा और व्यास घाटी में रहने वाले भोटांतिकों में प्रचलित थी। यह प्रथा उनके सामाजिक संगठन और पारिवारिक संबंधों की एक विशिष्ट विशेषता थी, जो स्थानीय परंपराओं पर आधारित थी।

Q4. भोटिया लोग घूरमा देवता और घबला देवता की पूजा क्रमशः किस रूप में करते थे?
(A) मृत्यु देवता और ज्ञान देवता के रूप में
(B) वर्षा देवता और सम्पत्ति-व्यापार देवता के रूप में
(C) युद्ध देवता और कृषि देवता के रूप में
(D) पर्वत देवता और जल देवता के रूप में

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उत्तर: (B) वर्षा देवता और सम्पत्ति-व्यापार देवता के रूप में
व्याख्या: भोटिया लोग घूरमा देवता की पूजा वर्षा देवता के रूप में करते थे ताकि खेती और पशुपालन के लिए अनुकूल मौसम मिले, वहीं घबला देवता की पूजा सम्पत्ति और व्यापार के देवता के रूप में की जाती थी, जिससे उनके व्यापारिक कार्यों में सफलता की कामना की जाती थी।

Q5. अल्मोड़ा जनपद में प्रागैतिहासिक काल के शैलचित्र किन स्थानों से प्राप्त हुए हैं?
(A) हटवालघोड़ा और ठडुंगा
(B) कालामाटी और मल्लापैनाली
(C) कसार देवी और द्वाराहाट
(D) धनगल और देवीधुरा

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उत्तर: (B) कालामाटी और मल्लापैनाली
व्याख्या: अल्मोड़ा के कालामाटी और मल्लापैनाली नामक स्थानों से प्रागैतिहासिक काल के शैलचित्र प्राप्त हुए हैं। ये चित्र उस युग की सांस्कृतिक चेतना और कलात्मक अभिव्यक्ति को प्रदर्शित करते हैं। इस खोज से यह सिद्ध होता है कि अल्मोड़ा क्षेत्र में मानव सभ्यता का आरंभ बहुत प्राचीन काल में हो चुका था।

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