UKPSC UKSSSC Daily MCQ – (Uttarakhand) – 09 December 2025

UKPSC / UKSSSC Daily MCQ – (Uttarakhand) – 09 December 2025

December 9, 2025

उत्तराखंड लोकसेवा आयोग व अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा आयोजित की जानेवाली आगामी परीक्षाओं (UKPSC/ UKSSSC) को मध्यनजर रखते हुए Exam Pillar आपके लिए Daily MCQs प्रोग्राम लेकर आया है। इस प्रोग्राम के माध्यम से अभ्यर्थियों को उत्तराखंड लोकसेवा आयोग व अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के परीक्षाओं के प्रारूप के अनुरूप वस्तुनिष्ठ अध्ययन सामग्री उपलब्ध कराये जायेंगे। 

Daily UKPSC / UKSSSC MCQs : उत्तराखंड (Uttarakhand)
09 December, 2025 

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Q1. कुणिन्दों के बारे में जानकारी प्राप्त करने का मुख्य स्रोत क्या है?
(A) शिलालेख
(B) प्राचीन ग्रंथ
(C) सिक्के
(D) मनुशास्त्र

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Answer: (C)
Explanation: प्रस्तुत सामग्री स्पष्ट करती है कि कुणिन्दों के विषय में मुख्यतः सिक्के ही उपलब्ध स्रोत हैं। सिक्कों से शासकों के नाम, मुद्राओं की प्रकार-प्रकृति, लिपि तथा प्रतीकात्मक आकृतियाँ पता चलती हैं। शिलालेख और प्राचीन ग्रंथ अन्य प्राचीन समुदायों के लिए उपयोगी होते हैं, पर यहाँ उपलब्ध जानकारी विशेष रूप से सिक्कों से ही प्राप्त हुई है। मनुशास्त्र एक विधिक-सामाजिक ग्रंथ है और उसके आधार पर किसी स्थानीय वंश का प्रत्यक्ष ऐतिहासिक प्रमाण देना संभव नहीं होता। इसलिए सिक्के सबसे निर्णायक स्रोत हैं।

Q2. कुणिन्द मुद्राओं को कितने प्रमुख प्रकारों में वर्गीकृत किया गया है?
(A) दो प्रकार
(B) तीन प्रकार
(C) चार प्रकार
(D) पाँच प्रकार

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Answer: (B)
Explanation: उपलब्ध विवरण में कुणिन्द मुद्राओं को तीन प्रकार बताया गया है — अमोघभूति प्रकार, अल्मोड़ा प्रकार और छत्रेश्वर/चत्रेश्वर प्रकार। इस वर्गीकरण से मुद्राओं के भौगोलिक वितरण, धातु, लिपि और नुमाइश के आधार पर अंतर स्पष्ट होता है। अन्य विकल्प (दो, चार, पाँच) संख्या के हिसाब से मेल नहीं खातीं क्योंकि मूल सूची में कुल तीन प्रमुख प्रकार उल्लिखित हैं।

Q3. अमोघभूति प्रकार की मुद्राएँ किन-किन लिपियों में लिखी हुई मिली हैं?
(A) ब्राह्मी और देवनागरी
(B) खरोष्ठी और देवनागरी
(C) ब्राह्मी और खरोष्ठी
(D) प्राकृत और पाली

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Answer: (C)
Explanation: अमोघभूति श्रेणी की मुद्राओं पर ब्राह्मी तथा खरोष्ठी दोनों लिपियों में अभिलेख दृष्टिगोचर होते हैं। यह संगमलिखित प्राचीन सिक्कों की बहुभाषिकता और विस्तृत व्यापार-परिचालन का संकेत देता है। देवनागरी उस काल की लिपि नहीं थी, और प्राकृत तथा पाली भाषाएँ भाषाई श्रेणियाँ हैं—लिपि नहीं। इसलिए ब्राह्मी व खरोष्ठी का संयोजन ही सटीक उत्तर है।

Q4. अल्मोड़ा से प्राप्त चार मुद्राओं में से कौन-सा नाम शामिल नहीं है?
(A) शिवपालित
(B) हरिदत्त
(C) गौमित्र
(D) शिवदत्त

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Answer: (C)
Explanation: प्रस्तुत सूची के अनुसार अल्मोड़ा से मिली चार मुद्राओं के नाम शिवपालित, हरिदत्त, शिवदत्त और मगभत (मगभत/मगभत सम्बन्धित) बताए गए हैं। गौमित्र का नाम कत्यूरी घाटी से मिले 54 मुद्राओं में प्रमुख रूप से मिलता है, पर अल्मोड़ा के उन चार में इसका उल्लेख नहीं है। इसलिए गौमित्र यहाँ अपवाद है। इस प्रकार विकल्प (C) गलत तरीके से समाविष्ट प्रतीत होता है जबकि शेष तीन नाम सीधे अल्मोड़ा खोज से सम्बद्ध हैं।

Q5. कत्यूरी घाटी (बागेश्वर) से मिलने वाली 54 मुद्राओं में से अधिकांश किसके नाम की हैं?
(A) शिवदत्त
(B) गोमित्र (गौमित्र)
(C) विजयभूति
(D) आसेक

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Answer: (B)
Explanation: विवरण में कहा गया है कि कत्यूरी घाटी से मिली 54 मुद्राओं में एक आसेक की तथा एक शिवदत्त की है, शेष अधिकांश मुद्राएँ गोमित्र (गौमित्र) की हैं। इसका अर्थ है कि गोमित्र का सिक्का वहाँ सर्वाधिक मात्रा में मिला, जो उस क्षेत्र में या उस शासक के शासनकाल में आर्थिक/राजनैतिक प्रभाव की पुष्टि करता है। अतः गोमित्र (गौमित्र) ही सही उत्तर है।

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