उत्तराखंड लोकसेवा आयोग व अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा आयोजित की जानेवाली आगामी परीक्षाओं (UKPSC/ UKSSSC) को मध्यनजर रखते हुए Exam Pillar आपके लिए Daily MCQs प्रोग्राम लेकर आया है। इस प्रोग्राम के माध्यम से अभ्यर्थियों को उत्तराखंड लोकसेवा आयोग व अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के परीक्षाओं के प्रारूप के अनुरूप वस्तुनिष्ठ अध्ययन सामग्री उपलब्ध कराये जायेंगे।
Daily UKPSC / UKSSSC MCQs : उत्तराखंड (Uttarakhand)
01 November, 2025
Q1. पाँच ताम्र मानव आकृतियों की खोज नैनीपाताल में किस वर्ष हुई थी?
(A) 1989 ई.
(B) 1998 ई.
(C) 1999 ई.
(D) 2000 ई.
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व्याख्या: नैनीपाताल में 1999 ई. में पाँच ताम्र मानव आकृतियों की खोज हुई थी, जो उस समय की कलात्मक और धार्मिक मान्यताओं का प्रमाण हैं।
Q2. मोरध्वज में उत्खनन कार्य किसने किया था?
(A) एम. मरखम
(B) हेनवुड़
(C) दयाराम साहनी
(D) यशोधर मठपाल
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व्याख्या: मोरध्वज में उत्खनन का कार्य 1887 ई. में एम. मरखम द्वारा किया गया था। इस उत्खनन में ताम्र और पत्थर के युग से संबंधित कई वस्तुएँ मिलीं।
Q3. उत्तराखण्ड के मंदिरों का अध्ययन किसने किया था?
(A) दयाराम साहनी
(B) के. पी. नौटियाल
(C) शिवप्रसाद डबराल
(D) यशवंत सिंह कठौच
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व्याख्या: 1919–20 ई. में दयाराम साहनी ने उत्तराखण्ड के मंदिरों का अध्ययन किया था। बाद में 1921 ई. में उन्होंने हड़प्पा सभ्यता की खोज की, जिससे वे भारतीय पुरातत्व के प्रमुख विद्वानों में गिने गए।
Q4. चार अश्वमेध यज्ञों का उल्लेख किस स्थान से मिलता है?
(A) देवीधुरा
(B) बाड़वाला या जगतग्राम
(C) धनगल गाँव
(D) हरिपुर
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व्याख्या: बाड़वाला या जगतग्राम से चार अश्वमेध यज्ञों का विवरण प्राप्त होता है। इसमें एक गुप्तकालीन राजा शिवभवानी का भी उल्लेख मिलता है, जो उस समय की वैदिक परंपराओं को दर्शाता है।
Q5. बनकोट (पिथौरागढ़) से आठ ताम्र पत्रों की खोज कब की गई थी?
(A) 1986 ई.
(B) 1989 ई.
(C) 1998 ई.
(D) 1999 ई.
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व्याख्या: पिथौरागढ़ जिले के बनकोट से 1989 ई. में आठ ताम्र पत्रों की खोज की गई थी। ये ताम्रपत्र उस समय की प्रशासनिक और धार्मिक गतिविधियों के साक्ष्य हैं।
