UKSSSC Assistant Accountant Syllabus

UKSSSC Assistant Accountant Official Syllabus

UKSSSC SYLLABUS (Assistant Accountant)

पाठ्यक्रम
पद – सहायक लेखाकार
स्तर – स्नातक

यूनिट I : बही-खाता एवं लेखाशास्त्र

बही-खाता – अर्थ और प्रक्रिया; लेखाशास्त्र – लेखांकन की प्रकृति और क्षेत्र, अवधारणाएं, परंपराएं और लेखांकन मानकों का बुनियादी ज्ञान, बुनियादी लेखा शब्दावली, पूंजीगत एवं आयगत व्यय की अवधारणा; लेखांकन प्रक्रिया – जर्नल, लेजर, सहायक पुस्तकें और तलपट, बैंक समाधान विवरण और त्रुटियों का सुधार, हास लेखांकन; समायोजनाओं के साथ एकल व्यापारियों के अंतिम खातों की तैयारी, गैर-लाभकारी संगठनों के लिए लेखांकन; साझेदारी खाते – प्रवेश, सेवानिवृत्ति, मृत्यु और विघटन ।

यूनिट II : उच्चतर लेखांकन

अधिकार शुल्क खाते, किराया क्रय और किस्त भुगतान प्रणाली, विभागीय और शाखा खाते, संयुक्त उद्यम और प्रेषण खाते; कम्प्यूटरीकृत लेखा प्रणाली, लेखांकन में कंप्यूटर सॉफ्टवेयर का उपयोग और प्रबंधकीय निर्णयन हेतु विभिन्न स्कंध रिपोर्ट तैयार करना।

यूनिट III : निगमीय लेखांकन

अंशो का निर्गमन, हरण और पुनर्निर्गमन, पूर्वाधिकार अंशों और ऋणपत्रों का निर्गमन और मोचन, बोनस अंशो का निर्गमन और स्टॉक विभाजन, अंशो की पुन:क्रय; ख्याति एवं अंशो का मूल्यांकन, समामेलन अवशोषण एवं पुनर्निर्माण, सूत्रधारी कंपनी, कंपनियों का परिसमापन, समामेलन के पूर्व और पश्चात् लाभ हानि ।

यूनिट IV : लागत लेखांकन

लागत लेखांकन की प्रकृति, क्षेत्र एवं लाभ, लागत और वित्तीय लेखांकन के मध्य अंतर, लागत अवधारणा और वर्गीकरण, लागत के तत्व- सामग्री, श्रम और उपरिव्यय; स्कंध के मूल्यांकन के तरीके; लागत के तरीके इकाई, जॉब, अनुबंध, प्रक्रिया और परिचालन लागत; लागत और वित्तीय खातों का मिलान, लागत नियंत्रण और लागत में कमी।

यूनिट V : वित्तीय प्रबंधन एवं प्रबंधकीय लेखांकन

  • वित्तीय प्रबंधन की प्रकृति क्षेत्र और उद्देश्य, धन का समय वरीयता मूल्य (Time Value of Money), जोखिम व प्रत्याय, बांड और इक्विटी मूल्यांकन, पूंजी संरचना और पूंजी की लागत, निवेश निर्णय, वित्तीय निर्णय, लाभांश निर्णय और कार्यशील पूंजी प्रबंधन । 
  • प्रबंधकीय लेखांकन के उद्देश्य, प्रकृति और क्षेत्र, वित्तीय और प्रबंधकीय लेखांकन के मध्य अंतर, बजट और बजटीय नियंत्रण, प्रमाप लागत और विचरण विश्लेषण, सीमांत लागत एवं निर्णयन; अनुपात विश्लेषण, कोष और रोकड़ प्रवाह विवरण, प्रबंधकीय लेखांकन में समकालीन मुद्दे ।

यूनिट VI : कराधान, विधि और अंकेक्षण

  • आयकर – मूल अवधारणाएं, आवासीय स्थिति और कर देयता, करमुक्त आयें, आय के शीर्षक, कुल आय की गणना और व्यक्ति की कर देयता, टी०डी०एस०, ऑनलाइन रिटर्न दाखिल करना ।
  • माल और सेवा कर (GST) – सी०जी०एस०टी० एस० जी०एस०टी०, यू०टी०जी०एस०टी० और आई०जी०एस०टी० को सम्मलित करते हुए जी०एस०टी० का अर्थ और संरचना, पंजीकरण की प्रक्रिया, माल और सेवाओं की आपूर्ति, आपूर्ति का स्थान, टी०डी०एस० टी०सी०एस० और रिटर्नस, इनपुट टैक्स क्रेडिट और ई-वे बिल ।
  • व्यापार नियामक ढांचा
    • भारतीय अनुबंध अधिनियम 1872
    • माल विक्रय अधिनियम 1930
    • साझेदारी अधिनियम 1932
    • परक्राम्य लिखत अधिनियम 1881
    • सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000
    • कंपनी अधिनियम 2013
    • उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019
    • सेबी अधिनियम 1992
    • आईआरडीए अधिनियम 1999
      (सभी अधिनियम नवीनतम संशोधनों के साथ)
  • अंकेक्षण – अंकेक्षण के उद्देश्य, सिद्धांत, तकनीक और प्रकार, कंपनी अंकेक्षक की योग्यता और अयोग्यता, नियुक्ति, निष्कासन, पारिश्रमिक तथा अधिकार और कर्तव्य; आंतरिक जांच और आंतरिक अंकेक्षण, संपत्ति व देनदारियों का प्रमाणन और सत्यापन, अंकेक्षक की रिपोर्ट के प्रकार; लागत अंकेक्षण, कर अंकेक्षण और प्रबंधन अंकेक्षण की मुख्य विशेषताएं ।

यूनिट VII : अर्थशास्त्र के मूलभूत सिद्धांत

अर्थशास्त्र की प्रकृति और क्षेत्र, मांग विश्लेषण और मांग की लोच, उपयोगिता विश्लेषण और उत्पत्ति के नियम, लागत और राजस्व, विभिन्न बाजार संरचना के अंतर्गत मूल्य निर्धारण, राजकोषीय और मौद्रिक नीति, नार्थ प्रबंधन, मुद्रा, बैंकिंग प्रणाली और मौद्रिक नियंत्रण; मुद्रास्फीति और बेरोजगारी ।

यूनिट VIII : व्यवसाय प्रबंधन

व्यवसाय प्रबंधन का अर्थ, प्रकृति व सार्थकता और प्रबंधन विचारों का विकास योजना, उद्देश्य, व्यूहरचना, निर्णयन प्रक्रिया; प्रबंधन के कार्य (POSDCORB) नियोजन, संगठन, स्टाफिंग, निर्देशन, समन्वय, प्रतिवेदन और बजटिंग, कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व, कॉर्पोरेट प्रशासन और व्यावसायिक नैतिकता, प्रबंधन सूचना प्रणाली (MIS) और प्रबंधन सूचना प्रणाली के रिपोर्टिंग तत्व; व्यापार में नवीन रुझान और समकालीन मुद्दे ।

यूनिट IX : व्यावसायिक सांख्यिकी

सांख्यिकी की प्रकृति, क्षेत्र, महत्व, दुरुपयोग और सीमाएं; आकड़ो का संग्रहण और वर्गीकरण; प्राथमिक और द्वितीयक संमकों को एकत्र करने के तरीके, प्रतिदर्श के तरीके और सिद्धांत, संमकों का वर्गीकरण और सारणीकरण; विभिन्न सांख्यिकीय औसतों के उपयोग, सीमाएं और गणना; सैद्धांतिक वितरण, प्रतिगमन और सहसंबंध के आधारभूत तत्व; अपकिरण और विषमता की माप, काल-श्रेणी का विश्लेषण; केंद्र और उत्तराखंड के सांख्यिकीय संगठन।

यूनिट X : मुद्रा, बैंकिंग और वित्तीय संस्थान

मुद्रा के कार्य, महत्व और प्रकार: भारत में नोट निर्गमन करने के विभिन्न तरीके, मुद्रास्फीति और मुद्रासंकुचन, बैंकों के प्रकार और कार्य वित्तीय बाजार का अर्थ और वित्तीय प्रणाली में इसका महत्व, संगठित क्षेत्र में वित्तीय बाजार, भारत में मुद्रा बाजार का अर्थ और संरचना, नए निर्गम बाज़ारों के पक्षकार (Players) और उनकी भूमिकाएँ; स्टॉक एक्सचेंजों के कार्य और भूमिका, प्राथमिक और द्वितीयक बाज़ार ।

यूनिट XI : व्यावसायिक सम्प्रेषण

सम्प्रेषण की प्रक्रिया, महत्व और प्रकार, सम्प्रेषण की बाधाएं; साक्षात्कार कौशल, लेखन कौशल, व्यावसायिक भाषा का महत्व और मौखिक प्रस्तुति, कार्यालय पत्राचार, प्रतिवेदन लेखन ।

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