Maharajganj (Mahrajganj) District in UP Archives | TheExamPillar

Maharajganj (Mahrajganj) District in UP

महाराजगंज जनपद (Mahrajganj District)

महाराजगंज जनपद का परिचय (Introduction of Mahrajganj District)

महाराजगंज की स्थिति (Location of Maharajganj)

  • मुख्यालय – महाराजगंज
  • पुराना नाम व उपनाम – कारापथ नगर 
  • मंडल – गोरखपुर
  • स्थापना 2 अक्टूबर, 1989 
  • क्षेत्रफल – 2,952 वर्ग किमी.
  • सीमा रेखा
    • पूर्व में – कुशीनगर
    • पश्चिम में सिद्धार्थनगर 
    • उत्तर में – नेपाल
    • दक्षिण में – गोरखपुर एवं संत कबीर नगर
  • राष्ट्रीय राजमार्ग NH-730, NH-29E
  • नदियाँ/ नहरें –गण्डक
  • परियोजनाएँ – गण्डक नहर 

महाराजगंज की प्रशासनिक परिचय (Administrative Introduction of Maharajganj)

  • विधानसभा क्षेत्र – 5 (नौतनवां, महराजगंज, पनियरा, सिसवा, फरेन्दा)
  • लोकसभा सीट – 1 (महराजगंज)
  • तहसील – 4 (महराजगंज (सदर), फरेंदा, निचलौल, नौतनवा)
  • विकासखंड (ब्लाक)   12 (बृजमनगंज, धानी, परतावल, पनियरा, लक्ष्मीपुर, घुघली,  मिठौरा, नौतनवा, फरेंदा, निचलौल, सदर,  सिसवां)
  • कुल ग्राम 1,262
  • कुल ग्राम पंचायत 929
  • नगर पालिका परिषद 2 (नौतनवा, महराजगंज)
  • नगर पंचायत – 5

महाराजगंज की जनसंख्या (Population of Maharajganj (Mahrajganj))

  • जनसंख्या – 26,84,703
    • पुरुष जनसंख्या – 13,81,754 
    • महिला जनसंख्या – 13,02,949
  • शहरी जनसंख्या – 1,34,730 (5.02%)
  • ग्रामीण जनसंख्या – 25,49,973 (94.98%)
  • साक्षरता दर – 62.76%
    • पुरुष साक्षरता – 75.85%
    • महिला साक्षरता – 48.92%
  • जनसंख्या घनत्व – 909
  • लिंगानुपात – 943
  • जनसंख्या वृद्धि दर – 23.50%
  • हिन्दू जनसंख्या – 21,96,884 (81.83%)
  • मुस्लिम जनसंख्या – 4,58,650 (17.08%)
  • इस्लाम जनसंख्या – 3,527 (0.13%)

Population Source – census2011.co.in

महाराजगंज के संस्थान व प्रमुख स्थान (Institution & Prime Location of Maharajganj)

  • धार्मिक स्थल – कटहरा के उभय शिवलिंग, अदरौना (लेहड़ा) देवी का मंदिर, कटहरा के उभय शिवलिंग, बोकड़ा देवी स्थल
  • प्रसिद्ध स्थल बनर सिहागढ़ (वनरसिया कला)
  • उद्योग लकड़ी आधारित फर्नीचर, कृषि आधारित, रेडी-मेड गारमेंट्स एवं कढ़ाई, रसायन आधारित उत्पाद, धातु आधारित (स्टील फ़ेब्रिकेशन), इंजीनियरिंग इकाइयाँ, विद्युत मशीनरी एवं यातायात उपकरण, मरम्मत एवं सर्विसिंग
  • अभयारण्य – सोहगीबरबा वन्यजीव

Notes –

  • महाकाव्य काल में यह क्षेत्र ‘कारापथ’ के रूप में जाना जाता था, जो कोसल राज्य का एक अंग था।
  • बाल्मीकि रामायण से ज्ञात होता है कि मल्ल उपाधिकारी लक्ष्मण पुत्र चन्द्रकेतु ने इसके उपरान्त इस सम्पूर्ण क्षेत्र के शासन सूत्र का संचालन करना प्रारम्भ किया।
  • ऐसा प्रतीत होता है कि इस क्षेत्र पर राज्य करने वाले प्राचीनतम सम्राट अयोध्या नरेश इक्ष्वाकु थे, जिन्होंने सुर्यवंश की स्थापना की थी।
  • बौद्धगंथों में भगवान गौतम बुद्ध की माता महामाया, मौसी महाप्रजापति गौतमी एवं पत्नी भद्रा कात्यायनी (यशोधरा) को देवदह नगर से ही सम्बबंधित बताया गया है।
  • अठारहवीं शताब्दी ई. में प्रारम्भ में यह क्षेत्र अवध के सूबे के गोरखपुर सरकार का अंग था।
  • 9 सितम्बर 1722 ई. को सआदत खां को अवध का नवाब और गोरखपुर का फौजदार बनाया गया।
  • 19 मार्च 1739 को सआदत खां की मृत्यु हो गयी तथा सफदरजंग अवध का नवाब बना।
  • 5 अक्टूबर 1754 को सफदरजंग की मृत्यु हुई और उसका पुत्र एवं उत्तराधिकारी शुजाऊददौला अवध का नवाब बना। उसके शासन काल में इस क्षेत्र में सुख-समृद्धि का वातावरण उत्पन्न हुआ।
  • 26 जनवरी 1775 को शुजाऊददौला की मृत्यु हुई और उसका पुत्र आसफददौला गददी पर बैठा।
  • 10 नवम्बर 1801 को नवाब ने कंपनी के कर्ज से मुकित हेतु कतिपय अन्य क्षेत्रों के साथ-साथ गोरखपुर क्षेत्र को भी कंपनी को दे दिया। इस संधि के फलस्वरूप वर्तमान महराजगंज का क्षेत्र भी कंपनी के अधिकार में चला गया। इस संपूर्ण क्षेत्र का शासन रूटलेज नामक कलेक्टर को सौंपा गया।

 

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