NCERT Solutions Class 9 Hindi (Sparsh Part – I) Chapter 7 रैदास

NCERT Solutions Class 9 Hindi (Sparsh Part – I) 

The NCERT Solutions in Hindi Language for Class 9 हिंदी (स्पर्श काव्य – खंड) भाग – I पाठ – 7 रैदास has been provided here to help the students in solving the questions from this exercise. 

पाठ – 7 (रैदास) 

(1)
अब कैसे छूटै राम नाम रट लागी।

प्रभु जी, तुम चंदन हम पानी , जाकी अँग-अँग बास समानी।
प्रभु जी, तुम घन बन हम मोरा , जैसे चितवत चंद चकोरा।
प्रभु जी, तुम दीपक हम बाती , जाकी जोति बरै दिन राती।
प्रभु जी, तुम मोती हम धागा , जैसे सोनहिं मिलत सुहागा।
प्रभु जी, तुम तुम स्वामी हम दासा , ऐसी भक्ति करै रैदासा।

(2)
ऐसी लाल तुझ बिनु कउनु करै।

गरीब निवाजु गुसाईआ मेरा माथै छत्रु धरै॥
जाकी छोति जगत कउ लागै ता पर तुहीं ढरै।
नीचउ ऊच करै मेरा गोबिंदु काहू ते न डरै॥
नामदेव कबीरू तिलोचनु सधना सैनु तरै।
कहि रविदासु सुनहु रे संतहु हरिजीउ ते सभै सरै॥

प्रश्न – अभ्यास

1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-

(क) पहले पद में भगवान और भक्त की जिन-जिन चीजों से तुलना की गई है, उनका उल्लेख कीजिए।
उत्तर – पहले पद में भगवान और भक्त की तुलना निम्नलिखित चीज़ों से की गई हैं−

  • भगवान की घन बन से, भक्त की मोर से
  • भगवान की चंद्र से, भक्त की चकोर से
  • भगवान की दीपक से, भक्त की बाती से
  • भगवान की मोती से, भक्त की धागे से
  • भगवान की सुहागे से, भक्त की सोने से
  • भगवान की चंदन से, भक्त की पानी से

(ख) पहले पद की प्रत्येक पंक्ति के अंत में तुकांत शब्दों के प्रयोग से नाद-सौंदर्य आ गया है, जैसे – पानी, समानी आदि। इस पद में से अन्य तुकांत शब्द छाँटकर लिखिए।
उत्तर – अन्य तुकांत शब्द इस प्रकार हैं

मोरा चकोरा
दासा रैदासा
बाती राती
धागा सुहागा

(ग) पहले पद में कुछ शब्द अर्थ की दृष्टि से परस्पर संबद्ध हैं। ऐसे शब्दों को छाँटकर लिखिए-
उदाहरण :

दीपक   बाती
___________ ___________
___________
___________
___________
___________
___________
___________

उत्तर –

मोती धागा
घन बन मोर
सुहागा सोना
चंदन पानी
दासा स्वामी

(घ) दूसरे पद में कवि ने ‘गरीब निवाजु’ किसे कहा है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर –  ‘गरीब निवाजु’ का अर्थ है, गरीबों पर दया करने वाला। कवि ने भगवान को ‘गरीब निवाजु’ कहा है क्योंकि ईश्वर ही गरीबों का उद्धार करते हैं, सम्मान दिलाते हैं, सबके कष्ट हरते हैं और भवसागर से पार उतारते हैं।

(ङ) दूसरे पद की ‘जाकी छोति जगत कउ लागै ता पर तुहीं ढरै’ इस पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए।
उत्तर – इसका आशय है – रैदास अछूत माने जाते थे। वे जाति से चमार थे। इसलिए लोग उनके छूने में भी दोष मानते थे। फिर भी प्रभु उन पर द्रवित हो गए। उन्होंने उन्हें महान संत बना दिया।

(च) ‘रैदास’ ने अपने स्वामी को किन-किन नामों से पुकारा है?
उत्तर – रैदास ने अपने स्वामी को ‘लाल’, गरीब निवाजु, गुसईआ, गोबिंदु आदि नामों से पुकारा है।

(छ) निम्नलिखित शब्दों के प्रचलित रूप लिखिए −
मोरा, चंद, बाती, जोति, बरै, राती, छत्रु, धरै, छोति, तुहीं, गुसइआ
उत्तर –

प्रयुक्त रूप  प्रचलित रूप
मोरा  मोर 
चंद चाँद
बाती बत्ती
जोति ज्योति
बरै जलै
राती रात्रि, रात
छत्रु छत्र, छाता
धरै धारण करे 
छोति छूते
तुहीं तुम्हीं
गुसईआ  गोसाईं

2. नीचे लिखी पंक्तियों का भाव स्पष्ट कीजिए-

(क) जाकी अँग-अँग बास समानी
उत्तर – कवि के अंग-अंग मे राम-नाम की सुगंध व्याप्त हो गई है। जैसे चंदन को पानी के साथ रगड़ने पर सुंगधित लेप बनती है, उसी प्रकार राम-नाम के लेप की सुंगधि उसके अंग-अंग में समा गई है कवि इसकी अनुभूति करता है।

(ख) जैसे चितवत चंद चकोरा
उत्तर – चकोर पक्षी अपने प्रिय चाँद को एकटक निहारता रहता है, उसी तरह कवि अपने प्रभु राम को भी एकटक निहारता रहता है। इसीलिए कवि ने अपने को चकोर कहा है।

(ग) जाकी जोति बरै दिन राती
उत्तर – ईश्वर दीपक के समान है जिसकी ज्योति हमेशा जलती रहती है। उसका प्रकाश सर्वत्र सभी समय रहता है।

(घ) ऐसी लाल तुझ बिनु कउनु करै
उत्तर – भगवान को लाल कहा है कि भगवान ही सबका कल्याण करता है इसके अतिरिक्त कोई ऐसा नहीं है जो गरीबों को ऊपर उठाने का काम करता हो।

(ङ) नीचहु ऊच करै मेरा गोबिंदु काहू ते न डरै
उत्तर – कवि का कहना है कि ईश्वर हर कार्य को करने में समर्थ हैं। वे नीच को भी ऊँचा बना लेता है। उनकी कृपा से निम्न जाति में जन्म लेने के उपरांत भी उच्च जाति जैसा सम्मान मिल जाता है।

3. रैदास के इन पदों का केंद्रीय भाव अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर – पहले पद का केंद्रीय भाव यह है कि राम नाम की रट अब छूट नहीं सकती। रैदास ने राम नाम को अपने अंग-अंग में समा लिया है। वह उनका अनन्य भक्त बन चुका है।

दूसरे पद का केंद्रीय भाव यह है कि प्रभु दीन दयालु हैं, कृपालु हैं, सर्वसमर्थ हैं तथा निडर हैं। वे अपनी कृपा से नीच को उच्च बना सकते हैं। वे उद्धारकर्ता हैं।

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