NCERT Solutions Class 9 Hindi (Kshitij Part – I) Chapter 16 यमराज की दिशा

NCERT Solutions Class 9 Hindi (Kshitij Part – I) 

The NCERT Solutions in Hindi Language for Class 9 हिंदी (क्षितिज काव्य – खंड) भाग – I पाठ – 16 यमराज की दिशा has been provided here to help the students in solving the questions from this exercise. 

पाठ – 16 (यमराज की दिशा)

यमराज की दिशा

माँ की ईश्वर से मुलाकात हुई या नहीं
कहना मुश्किल है
पर वह जताती थी
जैसे ईश्वर से उसकी बातचीत होती रहती है
और उससे प्राप्त सलाहों के अनुसार
जिंदगी जीने और दुख बर्दाश्त करने
के रास्ते खोज लेती है

माँ ने एक बार मुझसे कहा था
दक्षिण की तरफ पैर करके मत सोना
वह मृत्यु की दिशा है
और यमराज को क्रोधित करना
बुद्धिमानी की बात नहीं है

तब मैं छोटा था
और मैने यमराज के घर का पता पूछा था
उसने बताया था
तुम जहाँ भी हो वहाँ से हमेशा दक्षिण में

माँ की समझाइश के बाद
मैं दक्षिण में पैर करके कभी नहीं सोया
और इससे इतना फायदा जरूर हुआ
दक्षिण दिशा पहचानने में
मुझे कभी मुश्किल का सामना नहीं करना पड़ा

मैं दक्षिण में दूर दूर तक गया
और मुझे हमेशा माँ याद आई
दक्षिण को लांघ लेना संभव नहीं था
होता छोर तक पहुँच पाना
तो यमराज का घर देख लेता

पर आज जिधर भी पैर करके सोओ
वही दक्षिण दिशा हो जाती है
सभी दिशाओं में यमराज के आलीशान महल हैं
और वे सभी में एक साथ
अपनी दहकती आँखों सहित विराजते हैं

माँ अब नहीं हैं
और यमराज की दिशा भी अब वह नहीं रही
जो माँ जानती थी

प्रश्न – अभ्यास

1. कवि को दक्षिण दिशा पहचानने में कभी मुश्किल क्यों नहीं हुई?
उत्तर – कवि हमेशा अपनी माँ की सीख का पालन करते हुए यह ध्यान रखता है कि दक्षिण की ओर पैर करके नहीं सोना चाहिए। ऐसा करने में उसे हमेशा दक्षिण दिशा का पता चल जाता है और कोई मुश्किल नहीं होती है।

2. कवि ने ऐसा क्यों कहा कि दक्षिण को लाँघ लेना संभव नहीं था?
उत्तर – बचपन से ही उनके मन में यह अवधारणा बन गई थी कि दक्षिण दिशा की ओर पैर करके सोने से मृत्यु की प्राप्ति होती है। मृत्यु के भय से कवि का मन आजीवन आशंकित रहा। इसी कारणवश दक्षिण दिशा को लाँघना कवि के लिए संभव नहीं था।

3. कवि के अनुसार आज हर दिशा दक्षिण दिशा क्यों हो गई है?
उत्तर – कवि को लगता है कि आज पापी इतने बढ़ गये हैं कि हर दिशा में यमराज नजर आते हैं। इसलिए आज हर दिशा दक्षिण दिशा हो गई है जहाँ यमराज का निवास है।

4. भाव स्पष्ट कीजिए-
सभी दिशाओं में यमराज के आलीशान महल हैं।
और वे सभी में एक साथ
अपनी दहकती आँखों सहित विराजते हैं।
उत्तर – कवि कहता है कि शोषण करने वाले लोग यमराज की भाँति क्रूर हैं। वे सर्वत्र ठाठ-बाट से निवास करते हैं। सब जगह उनका एक-सा हाल है। वे क्रोध, घृणा और क्रूरता से भरे हुए हैं। वे सबके साथ कठोरता से पेश आते हैं।

रचना और अभिव्यक्ति

5. कवि की माँ ईश्वर से प्रेरणा पाकर उसे कुछ मार्ग-निर्देश देती है। आपकी माँ भी समय-समय पर आपको सीख देती होंगी-
(क) वह आपको क्या सीख देती हैं?
उत्तर – माँ हमेशा सही रास्ते पर चलने की सीख देती है। माँ हमेशा इमानदारी, सत्य और अनुशासन की सीख देती है।

(ख) क्या उसकी हर सीख आपको उचित जान पड़ती है? यदि हाँ तो क्यों और नहीं तो क्यों नहीं?
उत्तर – माँ की हर सीख मुझे उचित जान पड़ती है। क्योंकि माँ की सीख से सही रास्ते पर चलने में मदद मिलती है।

6. कभी-कभी उचित-अनुचित निर्णय के पीछे ईश्वर का भय दिखाना आवश्यक हो जाता है, इसके क्या कारण हो सकते हैं?
उत्तर – ऐसा माना जाता है कि किसी भी बात को आस्था से जोड़ने से मनुष्य उसका पालन आसानी से कर पाता है। इसलिए कभी कभी उचित अनुचित निर्णय के पीछे ईश्वर का भय दिखाना आवश्यक हो जाता है।

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