NCERT Solutions Class 9 Hindi (Kshitij Part – I) Chapter 15 मेघ आए

NCERT Solutions Class 9 Hindi (Kshitij Part – I) 

The NCERT Solutions in Hindi Language for Class 9 हिंदी (क्षितिज काव्य – खंड) भाग – I पाठ – 15 मेघ आए has been provided here to help the students in solving the questions from this exercise. 

पाठ – 15 (मेघ आए)

मेघ आये

मेघ आये बड़े बन ठन के संवर के
आगे-आगे नाचती गाती बयार चली
दरवाजे खिड़कियाँ खुलने लगीं गली गली
पाहुन ज्यो आये हों गाँव में शहर के
मेघ आये बड़े बन ठन के संवर के।

पेड़ झुक झाँकने लगे गरदन उचकाये
आंधी चली, धूल भागी घाघरा उठाये
बांकी चितवन उठा, नदी ठिठकी घूंघट सरके
मेघ आये बड़े बन-ठन के संवर के।

बूढ़े पीपल ने बढ़कर आगे जुहार की
बरस बाद सुधि लीन्ही’ –
बोली अकुलाई लता ओट हो किवाड़ की
हरसाया ताल लाये पानी परात भर के
मेघ आये बड़े बन-ठन के संवर के।

क्षितिज अटारी गहराई दामिनी दमकी
क्षमा करो गांठ खुल गई अब भरम की
बाँध टूटा झर-झर मिलन के अश्रु ढ़रके
मेघ आये बड़े बन-ठन के संवर के।

प्रश्न – अभ्यास

1. बादलों के आने पर प्रकृति में जिन गतिशील क्रियाओं को कवि ने चित्रित किया है, उन्हें लिखिए।
उत्तर – बादलों के आने पर प्रकृति में निम्न गतिशील क्रियाएँ हुई

  • बयार नाचती-गाती चलने लगी।
  • पेड़ झुकने लगे, मानो वे गरदन उचकाकर बादलों को निहार रहे हों।
  • आँधी चलने लगी। धूल उठने लगी।
  • नदी मानो बाँकी नज़र उठाकर ठिठक गई। पीपल का पेड़ झुकने लगा।
  • लताएँ पेड़ों की शाखाओं में छिप गईं।
  • तालाब जल से भर गए।
  • क्षितिज पर बिजली चमकने लगी।
  • धारासार जल बरसने लगा जिसके कारण जगह-जगह से बाँध टूट गए।

2. निम्नलिखित किसके प्रतीक हैं?

  • धूल
  • पेड़
  • नदी
  • लता
  • ताल

उत्तर – नीचे दिए गए शब्द और उनके प्रतीक इस प्रकार हैं-

  • धूल – मेघ रूपी मेहमान के आगमन से उत्साहित अल्हड़ बालिका का प्रतीक है।
  • पेड़ – गाँव के आम व्यक्ति का प्रतीक है जो मेहमान को देखने के लिए उत्सुक है।
  • नदी – गाँव की नवविवाहिता का प्रतीक है जो पूँघट की ओर से तिरछी नज़र से मेघ को देखती है।
  • लता – नवविवाहिता मानिनी नायिका का प्रतीक है जो अपने मायके में रहकर मेघ का इंतजार कर रही है।
  • ताल – घर के नवयुवक का प्रतीक है जो मेहमान के पैर धोने के लिए पानी लाता है।

3. लता ने बादल रूपी मेहमान को किस तरह देखा और क्यों?
उत्तर – लता ने बादल रुपी मेहमान को किवाड़ की ओट से देखा क्योंकि वह मेघ के देर से आने के कारण व्याकुल हो रही थी तथा संकोचवश उसके सामने नहीं आ सकती थी।

4. भाव स्पष्ट कीजिए
(क) क्षमा करो गाँठ खुल गई अब भरम की
उत्तर – नायिका को यह भ्रम था कि उसके प्रिय (मेघ) आएँगे या नहीं, परन्तु बादल रुपी नायक के आने से सारे भ्रम दूर हो गए। अपनी शंका पर दु:ख व्यक्त करती हुई नायिका अपने प्रिय से क्षमा याचना करती है।

(ख) बाँकी चितवन उठा, नदी ठिठकी, घूँघट सरके।
उत्तर –
प्रकृति के अन्य सभी रुपों पर मेघ के आने का प्रभाव पड़ा। नदी ठिठकी तथा उठकर ऊपर देखने की चेष्टा में उसका घूँघट सरक गया। वह भी मेघ के आगमन की प्रतीक्षा कर रही थी।

5. मेध रूपी मेहमान के आने से वातावरण में क्या परिवर्तन हुए?
उत्तर – मेघ रूपी मेहमान के आने से हर ओर खुशी की लहर दौड़ गई है। जिसे देखो वही अपने अपने तरीके से मेघ का स्वागत कर रहा है। तेज हवाएँ चल रही हैं, पेड़ हिलडुल कर मेघ का स्वागत कर रहे हैं। बिजली चमक रही है। नदियों में उफान आने लगा है।

6. मेघों के लिए ‘बन-ठने के, सँवर के आने की बात क्यों कही गई है?
उत्तर – मेघों के लिए ‘बन-ठन के, सँवर के आने की बात इसलिए कही गई है क्योंकि वर्षा के बादल काले-भूरे रंग के होते हैं। नीले आकाश में उनका रंग मनोहारी लगता है। इसके अलावा गाँवों में बादलों का बहुत महत्त्व है तथा उनका इंतजार किया जाता है।

7. कविता में आए मानवीकरण तथा रूपक अलंकार के उदाहरण खोजकर लिखिए।
उत्तर – कविता में प्रयुक्त मानवीकरण अलंकार इस प्रकार है—

  • आगेआगे नाचती बयार चली – यहाँ बयार का स्त्री के रुप में मानवीकरण हुआ है।
  • मेघ आए बड़े बनठन के सँवर के – मेघ का दामाद के रुप में मानवीकरण हुआ है।
  • पेड़ झुक झाँकने लगे गरदन उचकाए – पेड़ो का नगरवासी के रुप में मानवीकरण किया गया है।
  • धूल भागी घाघरा उठाए – धूल का स्त्री के रुप में मानवीकरण किया गया है।
  • बूढ़े पीपल ने आगे बढ़कर जुहार की – पीपल का पुराना वृक्ष गाँव के सबसे बुज़र्ग आदमी के रुप में है।
  • बोली अकुलाई लता – लता स्त्री की प्रतीक है।

कविता में प्रयुक्त अलंकार –

  • क्षितिज अटारी – यहाँ क्षितिज को अटारी के रुपक द्वारा प्रस्तुत किया गया है।
  • दामिनी दमकी – दामिनी दमकी को बिजली के चमकने के रुपक द्वारा प्रस्तुत किया गया है।
  • बाँध टूटा झरझर मिलन के अश्रु ढरके। – झर-झर मिलन के अश्रु द्वारा बारिश को पानी के माध्यम से प्रस्तुत किया गया है।

8. कविता में जिन रीति-रिवाजों का मार्मिक चित्रण हुआ है, उनका वर्णन कीजिए।
उत्तर – कविता में गांव के रीति-रिवाजों का मार्मिक चित्रण हुआ है। दामाद के अपने ससुराल आने पर सभी लोगों का उससे मिलना और उत्साहित हो जाना, जिज्ञासा से मेहमान को देखना,बुजुर्गों द्वारा मेहमान का आदर सत्कार करना, पैरों को धोने के लिए थाल में पानी लाना, नवविवाहिता औरतों का घूंघट में छुप छुप कर मेहमान को देखना, बूढ़ी स्त्रियों का मंगलकामना करना। 

9. कविता में कवि ने आकाश में बादल और गाँव में मेहमान (दामाद) के आने का जो रोचक वर्णन किया है, उसे लिखिए।
उत्तर – प्रस्तुत कविता में मेघ और दमाद की तुलना की गई है। दोनों का आगमन समान बताया गया है। दोनों के आने से गांव में हर्ष उल्लास छा गया है। जैसे हवा के तेज बहाव के कारण पेड़ अपना संतुलन खो बैठते हैं, नदियों के जल में उथल-पुथल होने लगती हैं। ठीक उसी प्रकार जब मेहमान आते हैं तो लोग उनको देखने के लिए आते हैं और स्त्रियां छुपकर दामाद को देखने का प्रयास करती है और गांव के सबसे बुजुर्ग आदमी उनका आदर सत्कार करते हैं। 

10. काव्य-सौंदर्य लिखिए-
पाहन ज्यों आए हों गाँव में शहर के।
मेघ आए बड़े बन-ठन के सँवर के।
उत्तर – यहाँ पाहुन (दामाद) के माध्यम से प्रकृति का मानवीकृत रुप प्रस्तुत किया गया है। कविता में चित्रात्मक शैली का प्रयोग किया गया है। कविता में भाषा का सहज तथा सरल रुप प्रस्तुत किया गया है। कहीं कहीं पर ग्रामीण शब्दों जैसे- ‘पाहुन’ का प्रयोग किया गया है।
‘बड़े बन-ठन के’ में ‘ब’ वर्ण का प्रयोग बार-बार हुआ है। अत: यहाँ अनुप्रास अलंकार है। मेघों को पाहुन के रुपक द्वारा प्रस्तुत किया गया है। अत: यहाँ रुपक अलंकार है।

रचना और अभिव्यक्ति

11. वर्षा के आने पर अपने आसपास के वातावरण में हुए परिवर्तनों को ध्यान से देखकर एक अनुच्छेद लिखिए।
उत्तर –  वर्षा के आने पर वातावरण में गर्मी खत्म हो जाती है, पेड़-पौधें स्वच्छ दिखते हैं, आस-पास के गड्ढों में पानी भर जाता है। सड़क किनारे नालों में पानी भर जाता है, ये पानी सड़क पर आ जाता है। इससे यात्रियों को असुविधा होती है। कभी-कभी अधिक वर्षा होने से सड़क पूरी तरह से पानी में डूब जाती है। उस समय बसों तथा टेक्सियों का आना-जाना भी मुश्किल हो जाता है।

12. कवि ने पीपल को ही बड़ा बुजुर्ग क्यों कहा है? पता लगाइए।
उत्तर – पीपल का पेड़ आकार में विशाल, हरा-भरा, छायादार होने के साथ ही शुभ माना जाता है। पूजा-पाठ और हर मांगलिक कार्यों में इसका पूजन किया जाता है, इसीलिए कवि ने पीपल को ही बड़ा बुजुर्ग कहा है।

13. कविता में मेघ को ‘पाहुन’ के रूप में चित्रित किया गया है। हमारे यहाँ अतिथि (दामाद) को विशेष महत्त्व प्राप्त है, लेकिन आज इस परंपरा में परिवर्तन आया है। आपको इसके क्या करण नज़र आते हैं, लिखिए।
उत्तर – शहरी परिवेश में दामाद की उतनी खातिर नहीं होती है जितनी पहले हुआ करती थी। इसका सबसे मुख्य कारण है आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी। इसके अलावा अब परिवार भी छोटे और अपने आप में सीमित होते जा रहे हैं। अब लोगों के पास दूसरों के लिए खाली समय की कमी हो गई है।

भाषा अध्ययन

14. कविता में आए मुहावरों को छाँटकर अपने वाक्यों में प्रयुक्त कीजिए।
उत्तर – कविता में आए मुहावरे और उनका वाक्य प्रयोग-

  • बन-ठनकर आना – (तैयारी के साथ) आज काव्य सम्मेलन में सभी कवि बनठन के आए हैं।
  • सुधि लेना – (खबर लेना) बहुत दिन हो गए मैंने अपने प्रिय मित्र की सुधि तक नहीं ली।
  • गाँठ खुलना – (समस्या का समाधान होना) बात की तह तक पहुँचकर ही दोनों के बीच बंधी गाँठ खुल सकती है।
  • बाँध टूटना – (मिलने की खुशी) इतने दिनों के बाद अपने सगे भाई से मिलकर उसकी आँखों से मिलन के अश्रु  बह  निकले।

15. कविता में प्रयुक्त आँचलिक शब्दों की सूची बनाइए।
उत्तर – आँचलिक शब्दों की सूची –
बन-ठन, पाहुन, घाघरा, पूँघट, जुहार, ओट, किवार, परात, अटारी, भरम।

16. मेघ आए कविता की भाषा सरल और सहज है-उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर – ‘मेघ आए’ कविता की भाषा सरल, सहज और आडंबरहीन है। कविता में आम बोल-चाल के शब्दों के अलावा आंचलिक शब्दों का भी प्रयोग है। इसमें कवि ने अपनी बात को अत्यंत सीधे-सादे सरल शब्दों में कह दिया है। भाषा में मुहावरों का प्रयोग करने तथा प्रकृति का मानवीकरण करने से भाषा की सजीवता एवं रोचकता बढ़ गई जिससे यह और भी सरल, सहज और बोधगम्य हो गई है।

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