NCERT Solutions Class 9 Hindi (Kshitij Part – I) Chapter 14 चंद्र गहना से लौटती बेर

NCERT Solutions Class 9 Hindi (Kshitij Part – I) 

The NCERT Solutions in Hindi Language for Class 9 हिंदी (क्षितिज काव्य – खंड) भाग – I पाठ – 14 चंद्र गहना से लौटती बेर has been provided here to help the students in solving the questions from this exercise. 

पाठ – 14 (चंद्र गहना से लौटती बेर)

चाँद गहना से लौटती बेर

देख आया चंद्र गहना
देखता हूँ दृश्य अब मैं
मेड़ पर इस खेत की बैठा अकेला।

एक बीते के बराबर
ये हरा ठिगना चना
बांधे मुरैठा शीश पर
छोटे गुलाबी फूल का
सजकर खड़ा है।

पास ही मिलकर उगी है
बीच में अलसी हठीली
देह की पतली, कमर की है लचीली
नीले फूले फूल को सर पर चढ़ा कर
कह रही, जो छुए यह
दूँ हृदय का दान उसको।

और सरसों की न पूछो
हो गयी सबसे सयानी,
हाथ पीले कर लिए हैं
ब्याह मंडप में पधारी
फाग गाता मास फागुन
आ गया है आज जैसे।

देखता हूँ मैं, स्वयंवर हो रहा है
प्रकृति का अनुराग अंचल हिल रहा है
इस विजन में,
दूर व्यापारिक नगर से
प्रेम की प्रिय भूमि उपजाऊ अधिक है।

और पैरों के तले है एक पोखर
उठ रहीं इसमें लहरियाँ।
नील तल में जो उगी हैं घास भूरी
ले रही वो भी लहरियाँ।
एक चांदी का बड़ा सा गोल खम्भा
आँख को है चकमकाता।
है कई पत्थर किनारे
पी रहे चुप चाप पानी
प्यास जाने कब बुझेगी।

चुप खड़ा बगुला डुबाये टांग जल में,
देखते ही मीन चंचल
ध्यान निद्रा त्यागता है,
चट दबा कर चोंच में
नीचे गले को डालता है।

एक काले माथ वाली चतुर चिड़िया
श्वेत पंखों के झपाटे मार फौरन
टूट पड़ती है भरे जल के हृदय पर
एक उजली चटुल मछली
चोंच पीली में दबाकर
दूर उड़ती है गगन में।

औ यहीं से
भूमि ऊंची है जहाँ से
रेल की पटरी गयी है
ट्रेन का टाइम नहीं है
मैं यहाँ स्वच्छंद हूँ
जाना नहीं है।

चित्रकूट की अनगढ़ चौड़ी
कम ऊंची ऊंची पहाड़ियां
दूर दिशाओं तक फैली हैं।
बाँझ भूमि पर
इधर उधर रीवां के पेड़
कांटेदार कुरूप खड़े हैं।

सुन पड़ता है मीठा मीठा रस टपकाता
सुग्गे का स्वर
टें टें टें टें।
सुन पड़ता है वनस्थली का हृदय चीरता
उठता गिरता सारस का स्वर
टिरटों टिरटों।

मन होता है
उड़ जाऊं मैं
पर फैलाए सारस के संग
जहाँ जुगुल जोड़ी रहती है
हरे खेत में,
सच्ची प्रेम कहानी सुन लूं
चुप्पे चुप्पे।

प्रश्न – अभ्यास

1. ‘इस विजन में .अधिक है’- पंक्तियों में नगरीय संस्कृति के प्रति कवि का क्या आक्रोश है और क्यों?
उत्तर – उपर्युक्त पंक्तियों में कवि ने नगरीय संस्कृति की व्यावसायिकता पर आक्रोश प्रकट किया है। उनके अनुसार, नगर के लोग व्यापार को महत्त्व देते हैं। वे प्रेम और सौंदर्य से बहुत दूर हैं। वे प्रकृति से भी कर चुके हैं। कवि इसे नगर संस्कृति का दुर्भाग्य मानता है।

2. सरसों को ‘सयानी’ कहकर कवि क्या कहना चाहता होगा?
उत्तर – कवि ने सरसो को सयानी इसलिए कहा है क्योंकि अब सरसों की फसल पूर्णतः पक चुकी है। उसका रूप सौंदर्य निखर रहा है और उसका पूरी तरीके से विकास हो चुका है और अब वह परिपक्व होकर कटने के लिए तैयार हो चुकी है। 

3. अलसी के मनोभावों का वर्णन कीजिए।
उत्तर – प्रस्तुत काव्य रचना में कवि ने अलसी को एक सुंदर नायिका के रूप में चित्रित किया है। उसकी कमर लचीली है देह पतला है और वह बहुत ही हठीली है। उसके सर पर नीले फूल लगे हुए हैं और जो उस फूल को सबसे पहले छूएगा वह उसको अपना हृदय दान कर देगी। 

4. अलसी के लिए ‘हठीली’ विशेषण का प्रयोग क्यों किया गया है?
उत्तर – कवि ने ‘अलसी’ के लिए ‘हठीली’ विशेषण का प्रयोग करके उसके चरित्र पर प्रकाश डाला है। क्योंकि वह चने के पौधों के बीच इस प्रकार उग आई है मानों ज़बरदस्ती वह सबको अपने अस्तित्व का परिचय देना चाहती है। उसके सर पर उगे हुए नीले फूल उसकी इस हठीली प्रवृति को परिभाषित करते प्रतीत होते हैं।

5. ‘चाँदी का बड़ा-सा गोल खंभा’ में कवि की किस सूक्ष्प कल्पना का आभास मिलता है?
उत्तर – पोखर के जल में जब सूर्य की किरणें सीधी पड़ती हैं तो उसका प्रतिबिंब गोल और लंबा-सा बन जाता है। यह प्रतिबिंब कवि को चाँदी के खंभे सी लगता है। इस प्रकार कवि की यह कल्पना मनोरम बन पड़ी है।

6. कविता के आधार पर ‘हरे चने’ का सौंदर्य अपने शब्दों में चित्रित कीजिए।
उत्तर – प्रस्तुत काव्यांश में कवि ने हरे चने का बहुत ही सुंदर रूप से चित्रण किया है। हरा चना एक बीते के बराबर है उसके सिर पर गुलाबी फूलों की पगड़ी है और बहुत सुशोभित हो रहा है और ऐसा लगता है जैसे वह किसी मांगलिक कार्यक्रम में जाने के लिए तैयार हो। 

7. कवि ने प्रकृति का मानवीकरण कहाँ-कहाँ किया है?
उत्तर – कवि ने कविता में निम्नलिखित स्थानों पर प्रकृति का मानवीकरण किया है –

  • यह हरा ठिगना चना, बाँधे मुरैठा शीश पर
    छोटे गुलाबी फूल का, सज कर खड़ा है।

यहाँ हरे चने के पौधे का छोटे कद के मनुष्य, जो कि गुलाबी रंग की पगड़ी बाँधे खड़ा है, के रुप में मानवीकरण किया गया है।

  • पास ही मिल कर उगी है, बीच में अलसी हठीली।
    देह की पतली, कमर की है लचीली,
    नील फूले फूल को सिर पर चढ़ाकर
    कह रही है, जो छुए यह दूँ हृदय का दान उसको।

यहाँ अलसी के पौधे को हठीली तथा रमणीय स्त्री के रुप में प्रस्तुत किया गया है। अत: यहाँ अलसी के पौधे का मानवीकरण किया गया है।

  • और सरसों की न पूछो
    हो गई सबसे सयानी,
    हाथ पीले कर लिए हैं,
    ब्याह-मंडप में पधारी।

यहाँ सरसों के पौधें को एक नायिका के रुप में प्रस्तुत किया गया है, जिसका ब्याह होने वाला है।

  • हैं कई पत्थर किनारे, पी रहे चुपचाप पानी

यहाँ पत्थर जैसे निर्जीव वस्तु को भी मानवीकरण के द्वारा जीवित प्राणी के रुप में प्रस्तुत किया गया है।

8. कविता में से उन पंक्तियों को ढूंढ़िए जिनमें निम्नलिखित भाव व्यंजित हो रहा है और चारों तरफ़ सूखी और उजाड़ जमीन है लेकिन वहाँ भी तोते का मधुर स्वर मन को स्पंदित कर रहा है।
उत्तर – उपर्युक्त भाव को व्यंजित करने वाली पंक्तियाँ हैं –
बाँझ भूमि पर
मीठा-मीठा रस टपकाता
इधर-उधर रीवा के पेड़
सुग्गे का स्वर
काँटेदार कुरूप खड़े हैं।
टें हें टें टें।
सुन पड़ता है।

रचना और अभिव्यक्ति

9. ‘और सरसों की न पूछो’-इस उक्ति में बात को कहने का एक खास अंदाज़ है। हम इस प्रकार की शैली का प्रयोग कब और क्यों करते हैं?
उत्तर – इस प्रकार की शैली का प्रयोग प्रशंसा करते समय किया जाता है और जब हम एक बात को कहने के लिए दूसरी बात का सहारा लेते हैं तब भी। इसके प्रयोग से वस्तु की विशेषता पर ध्यान केंद्रित हो जाता है और बात की रोचकता बनी रहती है। 

10. काले माथे और सफ़ेद पंखों वाली चिड़िया आपकी दृष्टि में किस प्रकार के व्यक्तित्व का प्रतीक हो सकती है?
उत्तर – काले माथे और सफ़ेद पंखों वाली चिड़िया यहाँ पर दोहरे व्यक्तित्व का प्रतीक हो सकती है। ऐसे लोग समाज के प्रति दोगुले होते हैं। वे एक तरफ तो दोस्ती का भाग दिखाते हैं और दूसरी तरफ आप के खिलाफ ही कार्य करते हैं। 

भाषा अध्ययन

11. बीते के बराबर, ठिगना, मुरैठा आदि सामान्य बोलचाल के शब्द हैं, लेकिन कविता में इन्हीं से सौंदर्य उभरा है और कविता सहज बन पड़ी है। कविता में आए ऐसे ही अन्य शब्दों की सूची बनाइए।
उत्तर – मेड़, हठीली, सयानी, ब्याह-मंडप, फागुन, पोखर, खंभा, चकमकोता, चट, झपाटे, सुग्गा, जुगुल जोड़ी, चुप्पे-चुप्पे।

12. कविता को पढ़ते समय कुछ मुहावरे मानस-पटल पर उभर आते हैं, उन्हें लिखिए और अपने वाक्यों में प्रयुक्त कीजिए।
उत्तर – कविता में आए कुछ मुहावरे-

  • हृदय का दान देना – (प्रेम करना) – पद्मावती के रूप सौंदर्य का वर्णन सुनते ही रत्नसेन ने उसे अपने हृदय का दान दे दिया।
  • सयानी होना – (समझदार होना) – मिनी को देखते ही काबुली वाले को याद आया कि उसकी अपनी बेटी भी सयानी हो गई होगी।
  • हाथ पीले करना – (विवाह करना) – अपनी बिटिया के हाथ पीले करने के बाद गरीब माँ-बाप ने चैन की साँस ली।
  • पैरों के तले होना – (एकदम निकट होना) – कवि जहाँ बैठा था वहीं पैरों के तले ही पोखर था।
  • ध्यान-निद्रा त्यागना – (सजग हो जाना) – मछली देखते ही बगुला ध्यान निद्रा त्याग देता है।
  • गले के नीचे डालना – (खा जाना) – भूखा भिखारी सूखी रोटियाँ गले के नीचे डालता जा रहा था।
  • हृदय चीरना – (दुख पहुँचाना) – प्रेमी युगल द्वारा एक-दूसरे के साथ विश्वासघात करना हृदय चीरने वाली बात होती है।

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