NCERT Solutions Class 8 Hindi (Vasant)
The NCERT Solutions in Hindi Language for Class 8 हिंदी (वसंत) भाग – III पाठ – 6 भगवान के डाकिये has been provided here to help the students in solving the questions from this exercise.
पाठ – 6 (भगवान के डाकिये)
प्रश्न – अभ्यास
कविता से
1. कवि ने पक्षी और बादल को भगवान के डाकिए क्यों बताया हैं? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर : – कवि को लगता है कि पक्षी और बादल एक स्थान से दूसरे स्थान तक भगवान का संदेशा पहुँचाने का काम करते हैं। उन संदेशों को समझना मनुष्य के वश की बात नहीं है, लेकिन पेड़ और पहाड़ उन संदेशों को समझ लेते हैं। इसलिए कवि ने पक्षी और बादल को भगवान के डाकिए कहा है।
2. पक्षी और बादल द्वारा लाई गई चिट्ठियों को कौन-कौन पढ़ पाते हैं? सोच कर लिखिए।
उत्तर : – पक्षी और बादल द्वारा लाई गई चिट्ठियों को केवल पशु-पक्षी, पेड़-पौधे, नदियाँ व पहाड़ ही पढ़ सकते हैं।
3. किन पंक्तियों का भाव है :
(क) पक्षी और बादल प्रेम, सद्भाव और एकता का संदेश एक देश से दूसरे देश को भेजते हैं।
उत्तर : – पक्षी और बादल,
ये भगवान के डाकिए हैं,
जो एक महादेश से
दूसरे महादेश को जाते हैं।
हम तो समझ नहीं पाते हैं
मगर उनकी लाई चिट्ठियाँ
पेड़, पौधें, पानी और पहाड़
बाँचते हैं।
(ख) प्रकृति देश-देश में भेद भाव नहीं करती। एक देश से उठा बादल दूसरे देश में बरस जाता है।
उत्तर : – और एक देश का भाप
दूसरे देश में पानी
बनकर गिरता है।
4. पक्षी और बादल की चिट्ठियों में पेड़-पौधे, पानी और पहाड़ क्या पढ़ पाते हैं?
उत्तर : – इन चिट्टियों में पेड़-पौधे, पानी और पहाड़ खुशहाली और भाईचारे का संदेश पढ़ते हैं।
5. “एक देश की धरती दूसरे देश को सुगंध भेजती है” – कथन का भाव स्पष्ट कीजिए।
उत्तर : – इस धरती पर सीमाएँ इंसानों ने बनाई है, प्रकृति ने नहीं। प्रकृति को तो शायद यह भी नहीं पता होगा कि इस पृथ्वी पर इतने सारे देश या राज्य हैं। इसलिए प्रकृति विभिन्न स्थानों में कोई भेदभाव नहीं करती है और हर स्थान के लिए अपना प्यार बराबर बाँटती है।
पाठ से आगे
1. पक्षियों और बादल की चिट्ठियों के आदान-प्रदान को आप किस दृष्टि से देख सकते हैं?
उत्तर : – पक्षी और बादल की चिट्ठियों के आदान-प्रदान को हम प्रेम, सौहार्द और आपसी सद्भाव की दृष्टि से देख सकते हैं। यह हमें यहीं संदेश देते हैं।
2. आज विश्व में कहीं भी संवाद भेजने और पाने का एक बड़ा साधन इंटरनेट है। पक्षी और बादल की चिट्ठियों की तुलना इंटरनेट से करते हुए दस पंक्तियाँ लिखिए।
उत्तर : – आज विश्व में कहीं भी संवाद भेजने और पाने का एक बड़ा साधन इंटरनेट है। इससे व्यक्ति जब चाहे, जहाँ चाहे, घर बैठे-बैठे बात कर सकता है। अपने विचार लिखकर भेज सकता है और साथ ही दूसरे का उत्तर भी पा सकता है। दूसरी ओर बादल व पक्षियों की चिट्ठियाँ शांत हैं। वे चुपचाप बहकर अपना ईश्वरीय संदेश दूर-दराज के देशों तक पहुँचा कर विश्व-बंधुत्व की भावना फैलाना चाहते हैं। ये पूर्णतया मौन रहते है। इनके अंतर्मन की आवाज व ईश्वर के संदेश को प्रकृति अर्थात् पेड़-पौधे, पानी और पहाड़ समझ लेते हैं लेकिन मनुष्य उनका संदेश समझने में असमर्थ रहता है।
3. ‘हमारे जीवन में डाकिए की भूमिका’ क्या है? इस विषय पर दस वाक्य लिखिए।
उत्तर : – हमारे जीवन में डाकिया अहम् भूमिका निभाता है क्योंकि यह देशीय व अंतर-देशीय पत्र व संदेश एक मनुष्य से दूसरे मनुष्य तक पहुँचाता है। आज धन कमाने की लालसा व एकांकी परिवारों के प्रचलन से संयुक्त परिवार टूटते जा रहै हैं। जिससे सगे-संबंधी भी दूर-दूर निवास करने लगे हैं। ऐसे में उनके विचार, भावनाएँ व जरूरी बातें पत्राचार द्वारा एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुँचाई जाती हैं। डाकिया ही है जो जब आता है तो किसी के लिए खुशियाँ, किसी के लिए प्रेम संदेश, किसी की आर्थिक मजबूरियों से या दुख से भरे आदि पत्र लाता है। जो किसी के चेहरे की मुस्कुराहट बन जाते हैं व किसी को शोक में डुबो देते हैं। डाकिया मनीआर्डर लाने का भी कार्य करता है। इस प्रकार हमारे जीवन में डाकिया महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।