NCERT Solutions Class 8 Hindi (Vasant) Chapter 17 बाज और साँप

NCERT Solutions Class 8 Hindi (Vasant) 

The NCERT Solutions in Hindi Language for Class 8 हिंदी (वसंत) भाग – III पाठ – 17 बाज और साँप has been provided here to help the students in solving the questions from this exercise. 

पाठ – 17 (बाज और साँप) 

प्रश्न – अभ्यास

कहानी से

1. घायल होने के बाद भी बाज ने यह क्यों कहा, “मुझे कोई शिकायत नहीं है।” विचार प्रकट कीजिए।
उत्तर : – घायल होने के बाद भी बाज ने कहा, “मुझे कोई शिकायत नहीं है।” क्योंकि उसके शरीर में जब तक जान थी उसने अपनी जिंदगी को अच्छे तरीके से जिया था। वो अपने पंखों से उड़ान भरके आसमान की असीम ऊँचाइयों को नाप आया था।

2. बाज ज़िंदगी भर आकाश में ही उड़ता रहा फिर घायल होने के बाद भी वह उड़ना क्यों चाहता था?
उत्तर : – बाज जिंदगी भर उड़ता रहा, फिर भी वह घायल होने पर भी उड़ना चाहता था क्योंकि

  • उसे आकाश की असीम शून्यता से प्यार था।
  • वह आजीवन उड़ने से प्यार करता था और मरने तक ऐसा करना चाहता था।
  • उसे आकाश में स्वच्छंद उड़ना पसंद था।
  • उसने जिंदगी से हार नहीं मानी थी।
  • उसमें साहस तथा स्वतंत्रप्रियता थी।

3. साँप उड़ने की इच्छा को मूर्खतापूर्ण मानता था। फिर उसने उड़ने की कोशिश क्यों की?
उत्तर : – साँप उड़ने कि इच्छा को मूर्खतापूर्ण मानता था। उसके लिए उड़ान और रेंगने में कोई अंतर न था। पर जब उसने बाज के मन में आकाश में उड़ने के लिए तड़प देखी तब साँप को भी लगा कि इस आकाश के रहस्य का पता लगाना ही चाहिए। तब उसने भी आकाश में एक बार उड़ने की कोशिश करने का निश्चय किया। 

4. बाज के लिए लहरों ने गीत क्यों गाया था?
उत्तर : – बाज के साहसी, वीरता, एवं स्वतंत्रता-प्रिय रूप को सम्मान देने के लिए लहरों ने गीत गाया था। वह साहसी और बहादूर था। उसने अपने प्राण गँवा दिए परन्तु ज़िंदगी के खतरे का सामना करने से पीछे नहीं हटा।

5. घायल बाज को देखकर साँप खुश क्यों हुआ होगा?
उत्तर : – साँप का शत्रु बाज है चूँकि वो उसका आहार होता है इसलिए घायल बाज को देखकर साँप के लिए खुश होना स्वाभाविक था।

कहानी से आगे

1. कहानी में से वे पंक्तियाँ चुनकर लिखिए जिनसे स्वतंत्रता की प्रेरणा मिलती हो।
उत्तर : – स्वतंत्रता की प्रेरणा देने वाली पंक्तियाँ:
1. दूर-दूर तक उड़ानें भरी हैं, आकाश की असीम उंचाइयों को पंखों से नाप आया हूँ।
2. आह! काश, मैं फिर एक बार आकाश में उड़ पाता।
3. यदि तुम्हें स्वतंत्रता इतनी प्यारी है तो इस चट्टान के किनारे से ऊपर क्यों नहीं उड़ने की कोशिश करते।
4. उसने गहरी सांस ली और अपने पंख फैलाकर हवा में कूद पड़ा।
5. कम से कम उस आकाश का स्वाद तो चख लूंगा।
6. हमारा यह गीत उन साहसी लोगों के लिए है जो अपने प्राणों को हथेली पर लिए घूमते हैं।

2. लहरों का गीत सुनने के बाद साँप ने क्या सोचा होगा? क्या उसने फिर से उड़ने की कोशिश की होगी? अपनी कल्पना से आगे की कहानी पूरी कीजिए।
उत्तर : –
 बाज की मृत्यु के बाद लहरों का गीत सुनकर सांप में साहसपूर्ण जिंदगी जीने की प्रेरणा जागी होगी। बाज की अंत समय तक उड़ान भरने की इच्छा ने जरूर उससे कहा होगा कि जब एक दिन मरना ही है तो क्यों न जीवन के हर पल को खुशी और निडरता के साथ जिया जाए। बाज का साहस देखकर उसकी कायरता ने तुरंत भाग खड़े होने का फैसला कर लिया होगा। बाज की तरह सांप ने भी दोबारा उठने का प्रयास किया होगा। उसने जरूर जमीन पर रेंगने की बजाए अपने शरीर को हवा में उछाला होगा।
आगे की कहानी:
बाज की मृत्यु के बाद दुखी सांप ने अपना शरीर हवा में उछाला तो होगा, लेकिन पंख न होने की वजह से वह वापस धरातल पर आ गिरा होगा। आकाश की शून्यता एवं विस्तार उसमें जोश भर रहे थे। इसके बावजूद सांप ने बार-बार उठने का प्रयत्न किया होगा। हां, बल लगाकर शरीर उछालने के कारण वह इस बार चट्टान पर न गिरा। वह सरिता की धारा में गिरा। सरिता की सफेद लहरों ने उसे ढक लिया होगा, साँप ने जल्दी ही अपना फन धारा के ऊपर उठाया और तैरकर बाहर आ गया। इस प्रकार वह उड़ने का प्रयास लगातार करता रहा होगा और प्रयास करने पर हमेशा संतुष्टि प्राप्त होती है| संभव है साँप उड़ न पाया होगा परन्तु उसके मन में उड़ने का हर संभव प्रयास करने की संतुष्टि अवश्य रही होगी।

3. क्या पक्षियों को उड़ते समय सचमुच आनंद का अनुभव होता होगा या स्वाभाविक कार्य में आनंद का अनुभव होता ही नहीं? विचार प्रकट कीजिए।
उत्तर : –  हाँ, पक्षियों को उड़ान भरते समय सचमुच आनंद का अनुभव होता होगा। प्रकृति ने उन्हें पंख उड़ने के मकसद से ही दिए हैं। पंखों की मदद से जब पक्षी आसमान में उड़ते हैं तो इसकी प्रसन्नता देखते ही बनती है। इसका अंदाजा आपको इस बात से हो जाएगा यदि किसी पक्षी को पिंजरे में बंद करके रखते हैं और जैसे ही उसे उड़ाया जाए तो आसमान में आजाद होकर उड़ने की खुशी आपको अलग ही नजर आएगी। पिंजरे में उसे उसकी पसंद की चीजें मिलने के बाद भी वह उदास रहता है। ऐसा लगता है मानो उसी सारी खुशियां छीन ली गई हो। जैसे ही पक्षी को आजाद करो तो ऐसा लगता है जैसे उसे उसकी सारी खुशियां वापस मिल गई हो। इसके अलावा पक्षियों को अपने घोंसले के तैयार करने के लिए तिनका जुटाने व अपने बच्चों के लिए भोजन लाने आदि स्वाभाविक कार्य में भी आनंद का अनुभव होता है।

4. मानव ने भी हमेशा पक्षियों की तरह उड़ने की इच्छा मन में रखी हैं। मनुष्य की इस इच्छा का परिणाम क्या हुआ। आज मनुष्य उड़ने की इच्छा किन साधनों से पूरी करता है।
उत्तर : – मानव ने आदिकाल से ही पक्षियों की तरह उड़ने की इच्छा मन में रखी है। किन्तु शारीरिक असमर्थता की वजह से उड़ नहीं पा रहा था जिसका परिणाम यह हुआ कि मनुष्य हवाई जहाज का आविष्कार कर दिखाया। आज मनुष्य अपने उड़ने की इच्छा की पूर्ति हवाई जहाज, हेलीकॉप्टर, गैस-बैलून आदि से करता है।

भाषा की बात

1. कहानी में से अपनी पसंद के पाँच मुहावरे चुनकर उनका वाक्यों में प्रयोग कीजिए।
उत्तर : –
1. भाँप लेना – बच्चों का मुँह देखकर माता जी ने परीक्षा का क्या नतीजा आया होगा यह भाँप लिया।
2. हिम्मत बाँधना – मित्र के आने पर ही परीक्षा के लिए राहुल की हिम्मत बँधी।
3. अंतिम साँस गिनना – दादाजी की गिरती साँसें देखकर माता जी ने स्थिति भाँप ली वे कि वे उनकी अंतिम साँस गिन रहे हैं।
4. मन में आशा जागना – शिक्षिका की कहानी ने मेरे मन में आशा जगा दी।
5. प्राण हथेली में रखना – सिपाही ने देशवासियों की जान बचाने के लिए अपने प्राणों को हथेली में रख देते हैं।

2. ‘आरामदेह’ शब्द में ‘देह’ प्रत्यय है। यहाँ ‘देह’ ‘देनेवाला’ के अर्थ में प्रयुक्त है। देनेवाला के अर्थ में ‘द’, ‘प्रद’, ‘दाता’, ‘दाई’ आदि का प्रयोग भी होता है, जैसे – सुखद, सुखदाता, सुखदाई, सुखप्रद। उपर्युक्त समानार्थी प्रत्ययों को लेकर दो-दो शब्द बनाइए।
उत्तर : –
प्रत्यय       शब्द
द – सुखद, दुखद
दाता – परामर्शदाता, सुखदाता
दाई – सुखदाई, दुखदाई
देह – विश्रामदेह, लाभदेह, आरामदेह
प्रद – लाभप्रद, हानिप्रद, शिक्षाप्रद

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