NCERT Solutions Class 8 Hindi (Vasant)
The NCERT Solutions in Hindi Language for Class 8 हिंदी (वसंत) भाग – III पाठ – 1 ध्वनि has been provided here to help the students in solving the questions from this exercise.
पाठ – 1 (ध्वनि)
प्रश्न – अभ्यास
कविता से
1. कवि को ऐसा विश्वास क्यों है कि उसका अंत अभी नहीं होगा?
उत्तर : – कवि के अंदर जीवन जीने की उत्साह, प्रेरणा और ऊर्जा बची है। वह युवा पीढ़ी को आलस्य कि दशा से उबारना चाहते हैं। अभी उसे काफ़ी काम करना है। वह स्वयं को काम के सर्वथा उपयुक्त मानता है। इसलिए उसे विश्वास है कि उसका अंत अभी नहीं होगा।
2. फूलों को अनंत तक विकसित करने के लिए कवि कौन-कौन-सा प्रयास करता है?
उत्तर : – फूलों के अनंत तक विकसित करने के लिए कवि उन्हें कलियों कि स्थिति से निकालकर खिले फुल बनाना चाहता है। कवि का मानना है कि उसके जीवन में वसंत आई हुई है। इसलिए वह कलियों पर वासंती स्पर्श का अपना हाथ फेरकर खिला देगा। अर्थात कवि उस युवा पीढ़ी को काव्य प्रेरणा से अनंत का द्वार दिखाना चाहता है जो अब तक अपना समय व्यर्थ कर रहे हैं।
3. कवि पुष्पों की तंद्रा और आलस्य दूर हटाने के लिए क्या करना चाहता है?
उत्तर : – कवि पुष्पों की तंद्रा और आलस्य दूर हटाने के लिए उन पर अपना हाथ फेरकर उन्हें जगाना चाहता है। वह उनको चुस्त, प्राणवान, आभावान व पुष्पित करना चाहता है। अतः कवि नींद में पड़े युवकों को प्रेरित करके उनमें नए उत्कर्ष के स्वप्न जगह देगा, उनका आलस्य दूर भगा देगा तथा उनमें नये उत्साह का संचार करना चाहता है।
कविता से आगे
1. वसंत को ऋतुराज क्यों कहा जाता है? आपस में चर्चा कीजिए।
उत्तर : – वसंत को सभी ऋतुओं में सर्वश्रेठ माना जाता है। इस ऋतु में ना तो अधिक ठण्ड पड़ती है ना ही अधिक गर्मी। इस ऋतु में में पंच तत्व अपना प्रकोप छोड़कर सुहावने रूप में प्रकट होते हैं। पेड़ों पर नए कोपलें आने लगती हैं।चारों ओर हरियाली छा जाती है।शीतल मंद हवा सबको मोहित कर देता है। इसीलिए वसंत को ऋतुराज कहा जाता है।
2. वसंत ऋतु में आनेवाले त्योहारों के विषय में जानकारी एकत्र कीजिए और किसी एक त्योहार पर निबंध लिखिए।
उत्तर : – वसंत ऋतु में कई त्यौहार मनाए जाते है, जैसे – वसंत-पंचमी, महा शिवरात्रि, होली आदि।
होली
फाल्गुन मास की पुर्णिमा को यह त्योहार मनाया जाता है। होली के साथ अनेक कथाएं जुड़ीं हैं। होली के होलिका दहन किया जाता है। रंगों का त्योहार होली हिंदुओं का प्रसि़द्ध त्योहार है।
यह त्योहार रंग एवं उमंग का अनुपम त्योहार है जब वसंत अपने पूरे यौवन पर होता है। सर्दी को विदा देने और ग्रीष्म का स्वागत करने के लिए इसे मनाया जाता है। संस्कृत साहित्य में इस त्योहार को ‘मदनोत्सव’ के नाम से भी पुकारा जाता है। होली के संबंध में एक पौराणिक कथा प्रचलित है कि भगवान विष्णु के परम भक्त प्रहलाद को अग्नि में जलाने के प्रयास में उसकी बुआ ‘होलिका’ अग्नि में जलकर स्वाहा हो गई थी। इसी घटना को याद कर प्रतिवर्ष होलिका दहन किया जाता है। दूसरे दिन फाग खेला जाता है। इस दिन छोटे-बड़े, अमीर-गरीब आदि का भेदभाव मिट जाता है। सब एक दूसरे पर रंग फेंकते हैं, गुलाल लगाते हैं और गले मिलते हैं। चारों ओर आनंद, मस्ती और उल्लास का समाँ बँध जाता है। ढोल पर थिरकते, मजीरों की ताल पर झूमते, नाचते-गाते लोग आपसी भेदभाव भुलाकर अपने शत्रु को भी गले लगा लेते हैं। परन्तु कुछ लोग अशोभनीय व्यवहार कर इस त्योहार की पवित्रता को नष्ट कर देते हैं।
हमारा कर्तव्य है कि हम होली का त्योहार उसके आदर्शो के अनुरूप मनाएँ तथा आपसी वैमनस्य, वैर-भाव, घृणा आदि को जलाकर एक-दूसरे पर गुलाल लगाकर आपस में प्रेम, एकता और सद्भाव बढ़ाने का प्रयास करें।
“होली के अवसर पर आओ एक दूजे पर गुलाल लगाएँ
अपने सब भेदभाव भूलाकर, प्रेम और सद्भाव बढाएँ”
इस दिन लोग प्रात:काल उठकर रंगों को लेकर अपने नाते-रिश्तेदारों व मित्रों के घर जाते हैं और उनके साथ जमकर होली खेलते हैं। बच्चे गुब्बारों व पिचकारी से अपने मित्रों के साथ होली का आनंद उठते हैं। सभी लोग बैर-भाव भूलकर एक-दूसरे से परस्पर गले मिलते हैं। होली के दिन सभी सरकारी तथा प्राइवेट संस्थाओं में अवकाश होता है।
3. “ऋतु परिवर्तन का जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है”- इस कथन की पुष्टि आप किन-किन बातों से कर सकते हैं? लिखिए।
उत्तर : – ऋतु परिवर्तन का जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है। गर्मी के मौसम लोग लू से बचकर रहते हैं। दोपहर में घरों से काम निकलते हैं तथा ज्यादा से ज्यादा ठंडी पेय-पदार्थों का उपयोग करते हैं इसके ठीक उलट ठण्ड के मौसम में हम ठंडी चीज़ो से बचने प्रयास करते हैं। मौसम के अनुसार ही हमारे क्रियाकलापों में परिवर्तन आते हैं। खानपान औए स्वस्थ्य पर भी ऋतु गहरा प्रभाव डालती है। कुल मिलाकर ये पंक्ति सार्थक सिद्ध होती है।
अनुमान और कल्पना
1. कविता की निम्नलिखित पंक्तियाँ पढ़कर बताइए कि इनमें किस ऋतु का वर्णन है।
फूटे हैं आमों में बौर
भौंर वन-वन टूटे हैं।
होली मची ठौर-ठौर
सभी बंधन छूट जाते हैं।
उत्तर : – इस कविता में वसंत ऋतु का ही वर्णन है। यहाँ आम के बौर और होली के त्योहार का वर्णन है।
2. स्वप्न भरे कोमल-कोमल हाथों को अलसाई कलियों पर फेरते हुए कवि कलियों को परबजात के आने का सन्देश देता है, उन्हें जगाना चाहता है और खुशी-खुशी अपने जीवन के अमृत से उन्हें सींचकर हरा-भरा करना चाहता है। फूलों-पौधों के लिए आप क्या-क्या करना चाहेंगे?
उत्तर : – फूल-पौधों के लिए मैं निम्नलिखित कार्य करना चाहूँगा :
- फूलों और पौधों को नष्ट होने से बचाना चाहूंगा।
- पौधों के लिए सिंचाई और खाद संबंधी विशेष व्यवस्था करूंगा।
- पौधों को अन्य तरह के दुष्प्रभावों से बचाने का प्रयास करूंगा।
- पौधों का अच्छे से ध्यान रखने के लिए दूसरे लोगों से जानकारी प्राप्त करूंगा, ताकि उनकी अच्छे से देखभाल कर सकूं।
- फूलों और फलों की अच्छे से देख-रेख कर प्रकृति के सौंदर्य को बनाए रखने में मदद करूंगा।
3. कवि अपनी कविता में एक कल्पनाशील कार्य की बात बता रहा है। अनुमान कीजिये और लिखिए कि उसके बताये कार्यों का अन्य किन-किन सन्दर्भों से सम्बन्ध जुड़ सकता है? जैसे नन्हे-मुन्ने बालक को माँ जगा रही हो…।
उत्तर : – उपर्यक्त कार्यों का निम्नलिखित संदर्भों से संबंध जुड़ सकता हैः
- माली वन में उलझी लताओं को सहज तरीके से सुलझाने का प्रयास कर रहा है।
- छोटा बच्चा उपवन में उड़ती तितली के पीछे दौड़कर उन्हें पकड़ने का प्रयास कर रहा है।
- मैं फूलों पर जमी ओस की बूंदों को स्पर्श कर आत्ममुग्ध हो रहा हूँ।
- बुजुर्ग पार्क में उगी घास को नष्ट करने से इंकार कर रहे हैं और फूलों को बचाए रखने की अपील कर रहे हैं।
भाषा की बात
1. ‘हरे-हरे’, ‘पुष्प-पुष्प’ में एक शब्द की एक ही अर्थ में पुनरावृत्ति हुई है।
कविता के ‘हरे-हरे ये पात’ वाक्यांश में ‘हरे-हरे’ शब्द युग्म पत्तों के लिए विशेषण के रूप में प्रयुक्त हुए हैं। यहाँ ‘पात’ शब्द बहुवचन में प्रयुक्त है। ऐसा प्रयोग भी होता है जब कर्ता या विशेष्य एक वचन में हो और कर्म, या क्रिया या विशेषण बहुवचन में; जैसे – वह लंबी-चौड़ी बातें करने लगा। कविता में एक ही शब्द का एक से अधिक अर्थों में भी प्रयोग होता है – ”तीन बेर खाती ते वे तीन बेर खाती है।” जो तीन बार खाती थी वह तीन बेर खाने लगी है। एक शब्द ‘बेर’ का दो अर्थों में प्रयोग करने से वाक्य में चमत्कार आ गया। इसे यमक अलंकार कहा जाता है।
कभी-कभी उच्चारण की समानता से शब्दों की पुनरावृत्ति का आभास होता है जबकि दोनों दो प्रकार के शब्द होते हैं; जैसे – मन का/मनका।
ऐसे वाक्यों को एकत्र कीजिए जिनमें एक ही शब्द की पुनरावृत्ति हो। ऐसे प्रयोगों को ध्यान से देखिए और निम्नलिखित पुनरावृत शब्दों का वाक्य में प्रयोग कीजिए – बातों-बातों में, रह-रहकर, लाल-लाल, सुबह-सुबह, रातों-रात, घड़ी-घड़ी।
उत्तर : –
बातों-बातों में – बातों-बातों में कब घर आ गया पता ही नहीं चला।
रह-रहकर – कल रात से रह-रहकर बारिश हो रही है।
लाल-लाल – लाल-लाल आँखों से पिताजी अमर को घूर रहें थे।
सुबह-सुबह – दादीजी सुबह-सुबह ही पूजा करने मंदिर निकल जाती हैं।
रातों-रात – ईश्वर की कृपा से रामन रातों-रात अमीर हो गया।
घड़ी-घड़ी – घड़ी-घड़ी शिक्षक उसे पढ़ाई में ध्यान लगाने के लिए टोकते रहते थे।
2. ‘कोमल गात, मृदुल वसंत, हरे-हरे ये पात’
विशेषण जिस संज्ञा (या सर्वनाम) की विशेषता बताता है, उसे विशेष्य कहते हैं। ऊपर दिए गए वाक्यांशों में गात, वसंत और पात शब्द विशेष्य हैं, क्योंकि इनकी विशेषता (विशेषण) क्रमश: कोमल, मृदुल और हरे-हरे शब्द बता रहे है।
हिंदी विशेषणों के सामान्यतया चार प्रकार माने गए है – गुणवाचक विशेषण, परिमाणवाचक विशेषण, संख्यावाचक विशेषण और सार्वनामिक विशेषण।
उत्तर : –
गुणवाचक विशेषण :- अच्छा बंदर, सुन्दर कार
परिमाणवाचक विशेषण :- दो गज ज़मीन, चार किलो गेहूँ
संख्यावाचक विशेषण :- चार संतरे, प्रथम स्थान
सार्वनामिक विशेषण :- यह लाल फूल है, वह तेरी फ्राक है