NCERT Solutions Class 6 Hindi (Vasant) Chapter 7 साथी हाथ बढ़ाना

NCERT Solutions Class 6 Hindi (Vasant)

The NCERT Solutions in Hindi Language for Class 6 हिंदी (वसंत) भाग – I पाठ – 7 साथी हाथ बढ़ाना has been provided here to help the students in solving the questions from this exercise.

पाठ – 7 (साथी हाथ बढ़ाना)

प्रश्न-अभ्यास

गीत से

1. इस गीत की किन पंक्तियों को तुम अपने आसपास के जिंदगी में घटते हुए देख सकते हो?
उत्तर – इस गीत की निम्नलिखित पंक्तियों को हम अपने आसपास के जिंदगी में घटते हुए देख सकते हैं:
साथी हाथ बढ़ाना।
एक अकेला थक जाएगा, मिलकर बोझ उठाना।
साथी हाथ बढ़ाना।
हम मेहनतवालों ने जब भी मिलकर कदम बढ़ाया।
सागर ने रस्ता छोड़ा, परबत ने सीस झुकाया,
फ़ौलादी हैं सीने अपने, फ़ौलादी हैं बाँहें।
हम चाहें तो चट्टानों में पैदा कर दें राहें।

2. ‘सागर ने रस्ता छोड़ा, परबत ने सीस झुकाया’ – साहिर ने ऐसा क्यों कहा है? लिखो।
उत्तर – साहिर ने ऐसा इसलिए कहा क्योंकि एक साथ मिलकर काम करने से बड़ी से बड़ी बाधाओं में भी रास्ता निकल आता है, यानी काम आसान हो जाता है। साहसी व्यक्ति सभी बाधाओं पर आसानी से विजय पा लेता है क्योंकि एकता और संगठन में शक्ति होती है जिसके बल पर वह पर्वत और सागर को भी पार कर लेता है।

3. गीत में सीने और बाँहों को फौलादी क्यों कहा गया है?
उत्तर – सीने और बाँह को फ़ौलादी इसलिए कहा गया है क्योंकि हमारे इरादे मजबूत हैं। हमारे बाजुओं में आपार शक्ति है। हम ताकतवर हैं। हम बलवान हैं। हमारी बाँहें फ़ौलादी इसलिए भी हैं कि इसमें असीम कार्य क्षमता का पता चलता है। हमारी बाजुएँ काफ़ी शक्तिशाली भी हैं।

गीत से आगे

1. अपने आसपास तुम किसे साथी मानते हो और क्यों ? इससे मिलते-जुलते कुछ और शब्द खोजकर लिखो।
उत्तर – हमारे माता-पिता, भाई-बहन, मित्र, सहपाठी, शिक्षक, पड़ोसी-ये सभी हमारे साथी हैं। क्योंकि ये सब हमें किसी न किसी रूप में सहयोग करते हैं। साथी से मिलते-जुलते शब्द हैं-सहायक, सखा, संगी, सहचर, शुभचिंतक, मित्र, मीत आदि।

2. ‘अपना दुख भी एक है साथी, अपना सुख भी एक कक्षा, मोहल्ले और गाँव/शहर के किस-किस तरह के साथियों के बीच तुम्हें इस वाक्य की सच्चाई महसूस होती है। और कैसे?
उत्तर –
जब हम अपने साथियों की बातों से सहमत होते हैं तो हमें वाक्य की सच्चाई महसूस होती है। जैसे: मोहल्ले के सभी लोगों को वहाँ की सफाई से मतलब होता है और शहर या गाँव के लोगों को रोजगार चाहिए होता है। इन उदाहरणों से ज्ञात होता है कि जब लोगों का हित एक ही चीज में होता है तो वह साथ मिलकर साथियों की तरह कार्य करते है।

3. इस गीत को तुम किस माहौल में गुनगुना सकते हो?
उत्तर – इस गीत को स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस या किसी संगठन की स्थापना के अवसर पर गा सकते हैं। खेल के मैदान में भी यह गीत खिलाड़ियों में जोश पैदा कर सकता है। वैसे तो यह गीत कभी-भी गुनगुनाया जा सकता है, पर विशेषकर जब सहयोग और संगठन की शक्ति बतानी हो तब यह गीत महत्त्व रखता है।

4. ‘एक अकेला थक जाएगा, मिलकर बोझ उठाना’-
(क) तुम अपने घर में इस बात का ध्यान कैसे रख सकते हो?

उत्तर – अपने घर के छोटे-बड़े कामों में माता-पिता का हाथ बँटा कर हम इस बात की। ध्यान रख सकते हैं।

(ख) पापा के काम और माँ के काम क्या-क्या हैं?
उत्तर – पापा और माँ को बहुत से काम करने होते हैं। जहाँ एक ओर पापा कार्यालय जाते हैं और घर के लिए आवश्यक बाहरी कामों का ध्यान रखते हैं वहीं माँ घर की सफाई, खाना बनाना, कपड़े धोना, हम सबों को पढ़ाना, खरीदारी करना और कई छोटे-बड़े कामों की जिम्मेदारी अपने ऊपर लेती है।

(ग) क्या वे एक-दूसरे का हाथ बँटाते हैं?
उत्तर – हाँ, वे इन कामों से एक-दूसरे का हाथ बँटाते हैं।

5. यदि तुमने ‘नया दौर’ फ़िल्म देखी है तो बताओ कि यह गीत फ़िल्म में कहानी के किस मोड़ पर आता है? यदि तुमने फ़िल्म नहीं देखी है तो फ़िल्म देखो और बताओ।
उत्तर –
‘नया दौर’ फिल्म में जब कच्ची सड़क को पक्का करने के लिए सब मिल जुल कर काम करते हैं तब यह गीत आता है। यह गीत उनके सहयोग, उत्साह और जोश को प्रदर्शित करता है।

कहावतों की दुनिया

1.
• अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता।

• एक और एक मिल कर ग्यारह होते हैं।
(क) ऊपर लिखी कहावतों का अर्थ गीत की किन पक्तियों से मिलता-जुलता है?
उत्तर – 
एक अकेला थक जाएगा, मिलकर बोझ उठाना।
एक से एक मिले तो कतरा, बन जाता है दरिया,
एक से एक मिले तो राई, बन सकती है परबत,
एक से एक मिले तो इंसाँ, बस में कर ले किस्मत।

(ख) इन दोनों कहावतों का अर्थ कहावेत-कोश में देखकर समझो और उनका वाक्यों में प्रयोग करो।
उत्तर – अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता- (अकेला व्यक्ति मुश्किल काम नहीं कर सकता) – देश से गरीबी हटाना अकेले तुम्हारे बस की बात नहीं, क्योंकि अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता।
एक और एक ग्यारह होते हैं – (एकता में शक्ति होती है) – अकेला व्यक्ति कुछ नहीं कर सकता। सच है – एक और एक मिलकर ग्यारह होते हैं।

2. नीचे हाथ से संबंधित कुछ मुहावरे दिए गए हैं। इनके अर्थ समझो और प्रत्येक मुहावरे से वाक्य बनाओ –
(क) हाथ को हाथ न सूझना

उत्तर – (कुछ भी न दिखाई देना) घर में तो इतना अंधेरा था कि हाथ को हाथ नहीं सूझ रहा था।

(ख) हाथ साफ करना
उत्तर – (गायब कर देना) चोर ने तिजोरी पर हाथ साफ़ कर लिया।

(ग) हाथ-पैर फूलना
उत्तर – (घबरा जाना) पुलिस को देखते ही चोर के हाथ-पैर फूल गए।

(घ) हाथों-हाथ लेना
उत्तर – (सम्मान देना) नई पुस्तक के बाज़ार में आते ही सबने उसे हाथों-हाथ लिया।

(ङ) हाथ लगना
उत्तर – (अचानक मिल जाना) सफ लता परिश्रमी लोगों को ही हाथ लगती है।

भाषा की बात

1. हाथ और हस्त एक ही शब्द के दो रूप हैं। नीचे दिए गए शब्दों में हस्त और हाथ छिपे हैं। शब्दों को पढ़कर बताओ कि हाथों का इनमें क्या काम है-

हाथघड़ी,  हथौड़ा,  हस्तशिल्प,  हस्तक्षेप, 
निहत्था,  हथकंडा,  हस्ताक्षर,  हथकरघा

उत्तर – 

  • हाथघड़ी – हाथघड़ी हाथ की कलाई पर पहनी जाती है।
  • हथौड़ा – एक ऐसा लोहे का औज़ार है जिसे हाथ से पकड़कर चलाया जाता है।
  • हस्तशिल्प – इस शिल्पकारी को हाथ (हस्त) से किया जाता है।
  • हस्तक्षेप – बीच-बचाव करने के लिए। इसका अर्थ है दखल देना।
  • निहत्था – जिसके हाथ में कोई हथियार न हो, उसे निहत्था कहते हैं।
  • हथकंडा – किसी कार्य को पूरा करने के लिए अनुचित तरीका अपनाने को हथकंडा कहते हैं। इसमें भी हाथ का कार्य नहीं है।
  • हस्ताक्षर – हाथ से अपना नाम लिखकर किसी कार्य हेतु स्वीकृति देना।
  • हथकरघा – हाथ से किए जाने वाले छोटे-मोटे उद्योग धंधे, जैसे चरखा चलाना, कपड़ा बुनना, टोकरी बुनना आदि।

2. इस गीत में परबत, सीस, रस्ता, इंसाँ शब्दों के प्रयोग हुए हैं। इन शब्दों के प्रचलित रूप लिखो।
उत्तर

  • परबत – पहाड़, पर्वत
  • सीस – शीश, सिर, माथा
  • रस्ता – रास्ता
  • इंसाँ – इंसान, मनुष्य

3. ‘कल गैरों की खातिर की, आज अपनी खातिर करना’-
इस वाक्य को गीतकार इस प्रकार कहना चाहता है – 
(तुमने) कल गैरों की खातिर (मेहनत) की, आज (तुम) अपनी खातिर करना।
इस वाक्य में ‘तुम’ कर्ता है जो गीत की पंक्ति में छंद बनाए रखने के लिए हटा दिया गया है। उपर्युक्त पंक्ति में रेखांकित शब्द ‘अपनी’ का प्रयोग कर्ता ‘तुम’ के लिए हो रहा है, इसलिए यह सर्वनाम है। ऐसे सर्वनाम जो अपने आप के बारे में बताएँ निजवाचक सर्वनाम कहलाते हैं। (निज का अर्थ ‘अपना’ होता है।)
निजवाचक सर्वनाम के तीन प्रकार होते हैं जो नीचे दिए वाक्यों में रेखांकित हैं –

  • मैं अपने आप (या आप) घर चली जाऊँगी।
  • बब्बन अपना काम खुद करता है।
  • सुधा ने अपने लिए कुछ नहीं खरीदा।

अब तुम भी निजवाचक सर्वनाम के निम्नलिखित रूपों का वाक्यों में प्रयोग करो।

अपने को अपने से अपना
अपने पर अपने लिए आपस में

उत्तर –

  • अपने को – हमें अपने को दुश्मन से बचाना है।
  • अपने पर – मुझे अपने पर भरोसा है।
  • अपने से – अपने से बड़े व्यक्तियों की बात मानना चाहिए।
  • अपने लिए – हमें अपने लिए कुछ वक्त निकलना चाहिए।
  • अपना – आप इसे अपना ही समझिए।
  • आपस में – आपस में झगड़े मत करो।

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