NCERT Solutions Class 10 Hindi (Kshitij Part – II)
The NCERT Solutions in Hindi Language for Class 10 हिंदी (क्षितिज भाग 2) भाग – II (गद्य खंड) पाठ – 13 मानवीय करूणा की दिव्य चमक (सर्वेश्वर दयाल सक्सेना) has been provided here to help the students in solving the questions from this exercise.
पाठ – 13 (सर्वेश्वर दयाल सक्सेना)
मानवीय करूणा की दिव्य चमक |
प्रश्न-अभ्यास |
1. फादर की उपस्थिति देवदार की छाया जैसी क्यों लगती थी?
उत्तर – फादर बुल्के के पोर पोर से ममता झलकती थी। उनकी नीली आँखें हमेशा प्यार भरा आमंत्रण देती थीं। देवदार की छाया घनी होती है जिससे थके हुए पथिक को आराम मिलता है। इसलिए लेखक को फादर की उपस्थिति देवदार की छाया जैसी लगती थी।
2. फादर बुल्के भारतीय संस्कृति के एक अभिन्न अंग हैं, किस आधार पर ऐसा कहा गया है?
उत्तर – फादर बुल्के 47 वर्षों तक भारत में रहे। उन्होंने रामकथा पर शोध किया। उन्होंने पहला अंग्रेजी से हिंदी का शब्दकोश तैयार किया। वे हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने के पक्षधर थे। इसलिए फादर बुल्के को भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग कहा गया है।
3. पाठ में आए उन प्रसंगों का उल्लेख कीजिए जिनसे फादर बुल्के का हिंदी प्रेम प्रकट होता है?
उत्तर – फादर बुल्के ने पहला अंग्रेजी-हिंदी शब्दकोश तैयार किया था। वे हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाना चाहते थे। यहाँ के लोगों की हिंदी के प्रति उदासीनता देखकर वे क्रोधित हो जाते थे। इन प्रसंगों से पता चलता है कि वे हिंदी प्रेमी थे।
4. इस पाठ के आधार पर फादर कामिल बुल्के की जो छवि उभरती है उसे अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर – फादर बुल्के एक सरल इंसान थे। उनमें करुणा लबालब भरी हुई थी। वे कभी भी किसी बात पर खीझते नहीं थे, लेकिन अपनी बात पूरे जोश से किसी के सामने रखते थे। वे लोगों से दीर्घकालीन संबंध बनाने में विश्वास रखते थे।
5. लेखक ने फादर बुल्के को ‘मानवीय करुणा की दिव्य चमक’ क्यों कहा है?
उत्तर – फादर बुल्के के मन में अपने प्रियजनों के लिए असीम ममता और अपनत्व था। इसलिए लेखक ने फादर बुल्के को ‘मानवीय करुणा की दिव्य चमक’ कहा है।
6. फादर बुल्के ने सन्यासी की परंपरागत छवि से अलग एक नयी छवि प्रस्तुत की है, कैसे?
उत्तर – फादर बुल्के एक बार किसी से संबंध बना लेते थे तो उसे अंत तक निभाते थे। वे अपने दोस्तों से जब भी मौका मिलता जरूर मिलते। दिल्ली आने पर वे लेखक से दो मिनट के लिए ही सही मिलते जरूर थे। कोई भी सन्यासी इस तरह से रिश्तों के बंधन में नहीं पड़ता है। इसलिए यह कहा गया है कि फादर बुल्के ने सन्यासी की परंपरागत छवि से अलग एक नयी छवि प्रस्तुत की है।
7. आशय स्पष्ट कीजिए:
(क) नम आँखों को गिनना स्याही फैलाना है।
उत्तर – फ़ादर कामिल बुल्के की मृत्यु पर उनकी अंतिम यात्रा पर बहुत से लोग आए थे तथा फ़ादर बुल्के की मृत्यु से रोने वालों की कमी नहीं थी। उस समय रोने वालों की सूची तैयार करना कठिन था अर्थात् बहुत लोग थे।
(ख) फादर को याद करना एक उदास शांत संगीत सुनने जैसा है।
उत्तर – फ़ादर को याद करने से दु:ख होता है और यह दु:ख एक उदास शांत संगीत की तरह हृदय पर एक अमिट छाप छोड़ जाता है। उनको याद कर मन दु:खी हो जाता है।
रचना और अभिव्यक्ति |
8. आपके विचार से बुल्के ने भारत आने का मन क्यों बनाया होगा?
उत्तर – ऐसा हो सकता है कि फादर बुल्के भारत के अध्यात्म और पारंपरिक ज्ञान से प्रभावित रहे होंगे। हो सकता है कि वे भारत की विविधता से प्रभावित रहे होंगे और उससे रूबरू होना चाहते होंगे। इसलिए उन्होंने भारत आने का मन बनाया होगा।
9. ‘बहुत सुंदर है मेरी जन्मभूमि – रेम्सचैपल।’ – इस पंक्ति में फादर बुल्के की अपनी जन्मभूमि के प्रति कौन सी भावनाएँ व्यक्त होती हैं? आप अपनी जन्मभूमि के बारे में क्या सोचते हैं?
उत्तर: इस पंक्ति में फादर बुल्के ने अपनी जन्मभूमि के प्रति अपने प्रेम और अटूट रिश्ते को दर्शाया है। किसी भी व्यक्ति के लिए उसकी जन्मभूमि उसकी माँ के समान होती है। वहीं की मिट्टी में खेलकूदकर वह व्यक्ति बड़ा होता है।
भाषा – अध्ययन |
10. मेरा भारत देश विषय पर 200 शब्दों का निबंध लिखिए।
उत्तर –
भूमिका – मेरा देश भारत है तथा हमें अपने भारतीय होने पर गर्व है। भारत वर्ष को सोने की चिड़िया कहते हैं। यहाँ विभिन्नता में भी एकता है। इस देश में तरह-तहर की बोलियाँ तथा भाषाएँ बोली जाती हैं। एक देश होने के बावजूद भी यहाँ लगभग हर जाति तथा धर्म के लोग रहते हैं फिर भी इनमें भाईचारा है। यह भारत वर्ष की एकता का प्रतीक है।
ऐतिहासिकता – यहाँ अनेक महापुरूषों का जन्म हुआ है। यहाँ राम जैसे मर्यादा पुरुषोत्तम का जन्म हुआ है, जिन्होंने धर्म पूर्ण शासन कर न्याय को कायम रखा। तो वहीं कृष्ण जैसे महाप्रतापी राजा भी हुए। इसी देश में महात्मा गाँधी का भी जन्म हुआ जिन्होंने समाज को अहिंसा का पाठ पढ़ाया। इसका प्रभाव आज भी यहाँ के जन जीवन में देखने को मिलता है। आज भी यहाँ के लोग धर्म तथा नीति से बँधे हुए हैं। भारतवासी आतिथ्य सत्कार करना अपना धर्म समझते हैं।
भौगौलिक सीमाएँ – भारतवर्ष उत्तर में कश्मीर से लेकर दक्षिण में कन्याकुमारी, पूर्व में असम से लेकर पश्चिम में गुजरात तक फैला हुआ है। उत्तर में हिमालय पर्वत भारत माता के सिर पर मुकुट के समान सुशोभित है। यहाँ नदी को भी देवी की संज्ञा दी गई है। गंगा नदी की देवी के रुप में पूजा होती है।
महत्व – दुनिया के प्रगतिशील देशों में भारत प्रथम स्थान पर है। दुनिया के सात अजूबों में पहला अजूबा यहीं पर है – ताजमहल, जिसे शाहजहाँ ने अपनी बेग़म मुमताज़ की याद में बनवाया था।
भारतवर्ष में विभिन्नता में भी एकता है। हर क्षेत्र से यह एक महत्वपूर्ण देश है। भारत का राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा है। इसमें तीन रंग है – केसरिया, सफ़ेद, हरा तथा बीच में अशोक चक्र सुशोभित है। हमारा राष्ट्रीय गान जन-गन-मन है, जिसके लेखक रविन्द्र नाथ ठाकुर हैं।
11. आपका मित्र हडसन एंड्री ऑस्ट्रेलिया में रहता है। उसे इस बार की गर्मी की छुट्टियों के दौरान भारत के पर्वतीय प्रदेशों के भ्रमण हेतु निमंत्रित करते हुए पत्र लिखिए।
उत्तर –
पता – ______________ (आपका पता)
दिनांक – ______________
प्रिय मित्र ______________ (मित्र का नाम)
सप्रेम!
कैसे हो तुम? हम सब यहाँ मजे में है। और आशा करता हूँ कि आप सब भी वहां हडसन एन्ड्री ऑस्ट्रेलिया में मंगल से होंगे और यह पत्र पाकर अचम्भित हुए होगे। तुम्हारी गर्मी की छुट्टियाँ शुरू होने वाली होंगी। मैं चाहता हूँ कि, इस बार क्यों न तुम मेरे यहाँ कुछ दिन गर्मियों की छुट्टियाँ बिताने आओ। तुम तो जानते ही हो की हिमाचल की वादियाँ कितनी सुन्दर हैं और यहाँ का मौसम गर्मी में भी बड़ा ही सुहावना होता है। यहाँ बहुत से पर्यटन स्थल हैं। हम मण्डी , धर्मशाला , कांगड़ा भी घूमने चलेंगे। बड़ा मजा आएगा। साथ ही साथ हम लोग ट्रैकिंग पर भी चलेंगे।वैसे भी तुम्हारा बड़े दिनों से मन कर रहा था न यहां घूमने का।
यदि तुम कुछ दिनों के लिए यहाँ आओगे तो मुझे बड़ी खुशी होगी और मां पापा भी कह रहे हैं कि बहुत दिनों से तुमसे मुलाकात नहीं हुई है।
चाचा और चाची को मेरा नमस्कार कहना और छोटू को ढेर सारा प्यार।
तुम्हारा मित्र
______________ (आपका नाम)
12. निम्नलिखित वाक्यों में समुच्यबोध छाँटकर अलग लिखिए –
(क) तब भी जब वह इलाहाबाद में थे और तब भी जब वह दिल्ली आते थे।
उत्तर – समुच्चयबोधक अव्यय “और” है।
(ख) माँ ने बचपन में ही घोषित कर दिया था कि लड़का हाथ से गया।
उत्तर – समुच्चयबोधक अव्यय “कि” है।
(ग) वे रिश्ता बनाते थे तो तोड़ते नहीं थे।
उत्तर – समुच्चयबोधक अव्यय “तो” है।
(घ) उनके मुख से सांत्वना के जादू भरे दो शब्द सुनना एक ऐसी रोशनी से भर देता था जो किसी गहरी तपस्या से जनमती है।
उत्तर – समुच्चयबोधक अव्यय “जो” है।
(ङ) पिता और भाइयों के लिए बहुत लगाव मन में नहीं था लेकिन वो स्मृति में अकसर डूब जाते।
उत्तर – समुच्चयबोधक अव्यय “लेकिन” है।