NCERT Solutions Class 10 Hindi (Kshitij Part – II) Chapter 12 (यशपाल)

NCERT Solutions Class 10 Hindi (Kshitij Part – II) 

The NCERT Solutions in Hindi Language for Class 10 हिंदी (क्षितिज भाग 2) भाग – II (गद्य खंड) पाठ – 12 यशपाल (लखनवी अंदाज़) has been provided here to help the students in solving the questions from this exercise. 

पाठ – 12 (यशपाल)

लखनवी अंदाज़ 
प्रश्न-अभ्यास

1. लेखक को नवाब साहब के किन हाव भावों से महसूस हुआ कि वे उनसे बातचीत करने के लिए तनिक भी उत्सुक नहीं हैं?
उत्तर – जब लेखक अपनी सीट पर बैठा तो नवाब साहब उनसे नजरें मिलाने से बच रहे थे। नवाब साहब खिड़की के बाहर देख रहे थे। इन हाव भावों से पता चलता है कि नवाब साहब लेखक से बातचीत करने के लिए तनिक भी उत्सुक नहीं थे।

2. नवाब साहब ने बहुत ही यत्न से खीरा काटा, नमक-मिर्च बुरका, अंतत: सूँघकर ही खिड़की से बाहर फेंक दिया। उन्होंने ऐसा क्यों किया होगा? उनका ऐसा करना उनके कैसे स्वभाव को इंगित करता है?
उत्तर – नवाब साहब को झूठी शान दिखाने की आदत रही होगी। वे खीरे को गरीबों का फल मानते होंगे और इसलिए किसी के सामने खीरे को खाने से बचना चाहते होंगे। वह यह भी दिखाना चाहते होंगे कि नफासत के मामले में उनका कोई सानी नहीं है। इसलिए उन्होंने खीरे को बड़े यत्न से काटा, नमक-मिर्च बुरका और फिर खिड़की से बाहर फेंक दिया।

3. बिना विचार, घटना और पात्रों के भी क्या कहानी लिखी जा सकती है। यशपाल के इस विचार से आप कहाँ तक सहमत हैं?
उत्तर – बिना विचार, घटना और पात्रों के भी क्या कहानी लिखी जा सकती है अर्थात नहीं लिखी जा सकती। और मैं भी लेखक के इन विचारों से पूर्णतया सहमत हूं। क्योंकि कहानी किसी घटना विशेष का वर्णन करती है जैसे कब, क्यों और कैसे। इसका अर्थ है कि वह घटना कब हुई, क्यों हुई और कैसे हुई। और कोई भी घटना पात्रों के बिना अधूरी है। क्योंकि पात्र ही संवाद से उस घटना को व्यक्त करते हैं।

4. आप इस निबंध को और क्या नाम देना चाहेंगे?
उत्तर – मैं इस निबंध को दूसरा नाम देना चाहूंगा- ‘नकली अंदाज’। क्योंकि नवाब साहबों का समय तो कब का जा चुका था और उनकी नवाबी भी बहुत पहले ही छिन चुकी थी। लेकिन दिखावे की प्रकृति अभी भी बरकरार है।

रचना और अभिव्यक्ति

5. (क) नवाब साहब द्वारा खीरा खाने की तैयारी करने का एक चित्र प्रस्तुत किया गया है। इस पूरी प्रक्रिया को अपने शब्दों में व्यक्त कीजिए।
उत्तर – नवाब साहब ने बड़े करीने से खीरों को तौलिये पर रखा। फिर उन्होंने अपनी जेब में से चाकू निकाला और खीरे के सिरे को काट दिया। फिर खीरे के सिरे को गोदकर उसे रगड़कर झाग निकाला। कई जगह इस प्रक्रिया को खीरे का बुखार निकालना कहते हैं। उसके बाद नवाब साहब ने खीरे के छिलके उतारे। फिर उन्होंने खीरे की पतली-पतली फाँकें काटीं और उन्हें तौलिये पर सजा दिया। उसके बाद उन फाँकों पर नमक-मिर्च छिड़का जिससे उनकी खीरा खाने की तैयारी पूरी हो गई।

(ख) किन-किन चीजों का रसास्वादन करने के लिए आप किस प्रकार की तैयारी करते हैं?
उत्तर – मैं आम का रसास्वादन करने के लिए पहले आम को पानी से अच्छी तरह से धोता हूँ। फिर आम को दबाकर उसका दूध निकाल देता हूँ। उसके बाद आम चूसने के लायक बन जाता है। जलेबी के साथ अगर तीखी सब्जी हो तो इससे जलेबी का स्वाद बढ़ जाता है।

6. खीरे के संबंध में नवाब साहब के व्यवहार को उनकी सनक कहा जा सकता है। आपने नवाबों की और भी सनकों और शौक के बारे में पढ़ा सुना होगा। किसी एक के बारे में लिखिए।
उत्तर – एक बार लखनऊ के एक नवाब मसनद के सहारे बैठकर शतरंज खेल रहे थे। तभी उन्हें खबर मिली कि अंग्रेजों की सेना ने आक्रमण कर दिया है। नवाब साहब ने अपने अर्दली को आवज लगाई ताकि वह आकर उन्हें जूते पहना दे। लेकिन अर्दली तो अपनी जान बचाकर भाग चुका था। फिर क्या था, नवाब साहब वहीं बैठे रहे। एक नवाब भला अपने हाथों से जूते कैसे पहन सकता था। अंग्रेजों के सैनिक आये और नवाब साहब को पकड़कर ले गए।

7. क्या सनक का कोई सकारात्मक रूप हो सकता है? यदि हाँ तो ऐसी सनकों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर – यदि किसी व्यक्ति में लगन से काम करने की सनक हो तो इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। हमने ऐसे कई वैज्ञानिकों के बारे में सुना है जो दिन रात प्रयोगशाला में काम करते थे। अपनी इसी सनक के कारण उन वैज्ञानिकों ने कई महत्वपूर्ण आविष्कार किए हैं।

भाषा – अध्ययन

8. निम्नलिखित वाक्यों में से क्रियापद छाँटकर क्रिया-भेद भी लिखिए:

(क) एक सफ़ेदपोश सज्जन बहुत सुविधा से पालथी मारे बैठे थे।
उत्तर – बैठे थे – अकर्मक क्रिया

(ख) नवाब साहब ने संगति के लिए उत्साह नहीं दिखाया।
उत्तर – दिखाया – सकर्मक क्रिया

(ग) ठाली बैठे, कल्पना करते रहने की पुरानी आदत है।
उत्तर – आदत है- सकर्मक क्रिया

(घ) अकेले सफ़र का वक्त काटने के लिए ही खीरे खरीदे होंगे।
उत्तर – खरीदे होंगे – सकर्मक क्रिया

(ङ) दोनों खीरों के सिर काटे और उन्हें गोदकर झाग निकाला।
उत्तर – निकाला – सकर्मक क्रिया

(च) नवाब साहब ने सतृष्ण आँखों से नमक-मिर्च के संयोग से चमकती खीरे की फाँकों की ओर देखा।
उत्तर – देखा – सकर्मक क्रिया

(छ) नवाब साहब खीरे की तैयारी और इस्तेमाल से थककर लेट गए।
उत्तर – लेट गए- अकर्मक क्रिया

(ज) जेब से चाकू निकाला।
उत्तर – निकाला – सकर्मक क्रिया

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