NCERT Solutions Class 9 Hindi (Sparsh Part – I) Chapter 8 रहीम

NCERT Solutions Class 9 Hindi (Sparsh Part – I) 

The NCERT Solutions in Hindi Language for Class 9 हिंदी (स्पर्श काव्य – खंड) भाग – I पाठ – 8 रहीम has been provided here to help the students in solving the questions from this exercise. 

पाठ – 8 (रहीम)

दोहे

रहिमन धागा प्रेम का, मत तोड़ो चटकाय।
टूटे से फिर ना मिले, मिले गाँठ परि जाय॥

रहिमन निज मन की बिथा, मन ही राखो गोय।
सुनि अठिलैहैं लोग सब, बाँटि न लैहै कोय॥

एकै साधे सब सधै, सब साधे सब जाय।
रहिमन मूलहिं सींचिबो, फूलै फलै अघाय॥

चित्रकूट में रमि रहे, रहिमन अवध-नरेस।
जा पर बिपदा पड़त है, सो आवत यह देस॥

दीरघ दोहा अरथ के, आखर थोरे आहिं।
ज्यों रहीम नट कुंडली, सिमिटि कूदि चढ़ि जाहिं॥

धनि रहीम जल पंक को लघु जिय पियत अघाय।
उदधि बड़ाई कौन है, जगत पिआसो जाय॥

नाद रीझि तन देत मृग, नर धन देत समेत।
ते रहीम पशु से अधिक, रीझेहु कछू न देत॥

बिगरी बात बनै नहीं, लाख करौ किन कोय।
रहिमन फाटे दूध को, मथे न माखन होय॥

रहिमन देखि बड़ेन को, लघु न दीजिये डारि।
जहाँ काम आवे सुई, कहा करे तरवारि॥

रहिमन निज संपति बिन, कौ न बिपति सहाय।
बिनु पानी ज्यों जलज को, नहिं रवि सके बचाय॥

रहिमन पानी राखिए, बिनु पानी सब सून।
पानी गए न ऊबरै, मोती, मानुष, चून॥

प्रश्न – अभ्यास

1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए –

(क) प्रेम का धागा टूटने पर पहले की भाँति क्यों नहीं हो पाता?
उत्तर – जिस प्रकार जब कोई धागा टूट जाता है और उस टूटे हुए धागे को जोड़ने के लिए उसमें गाँठ लगानी पड़ती है। जिसके कारण वह पहले की तरह नहीं हो पाता, उसी तरह से जब कोई रिश्ता टूट जाता है और उस रिश्ते के टूटने के बाद रिश्तों को फिर जोड़कर पहले की तरह नहीं बनाया जा सकता।

(ख) हमें अपना दुख दूसरों पर क्यों नहीं प्रकट करना चाहिए? अपने मन की व्यथा दूसरों से कहने पर उनका व्यवहार कैसा हो जाता है?
उत्तर – जब हम अपना दुख दूसरों को बताते हैं तो दूसरे हमारा दुख बाँटने की बजाय उसका मजाक ही उड़ाते हैं। इसलिए हमें अपना दुख दूसरों पर प्रकट नहीं करना चाहिए। अपने मन की व्यथा दूसरों से कहने पर उनका व्यवहार हमारे प्रति अच्छा नहीं रहता।

(ग) रहीम ने सागर की अपेक्षा पंक जल को धन्य क्यों कहा है?
उत्तर – रहीम ने सागर की अपेक्षा पंक जल को धन्य इसलिए कहा है क्योंकि उससे न जाने कितने लघु जीवों की प्यास बुझती है। कवि यह कहना चाहता है कि यदि छोटे लोग भी किसी के काम आते हैं तो वे भी महिमावान हैं। सागर की बड़ाई इसलिए नहीं की क्योंकि उसमें अथाह जल होने पर भी प्यास नहीं बुझती, इसमें परोपकार की भावना नहीं होती।

(घ) एक को साधने से सब कैसे सध जाता है?
उत्तर – कवि की मान्यता है कि ईश्वर एक है। उसकी ही साधना करनी चाहिए। वह मूल है। उसे ही सींचना चाहिए। जैसे जड़ को सीचने से फल फूल मिल जाते हैं, उसी तरह एक ईश्वर को पूजने से सभी काम सफल हो जाते हैं। केवल एक ईश्वर की साधना पर ध्यान लगाना चाहिए।

(ङ) जलहीन कमल की रक्षा सूर्य भी क्यों नहीं कर पाता?
उत्तर – कमल के लिए जल ही संपत्ति है। क्योंकि जल के बिना कमल को जरूरी पोषण नहीं मिलेगा। जल के बिना कमल का जीवन असंभव है। बिना जल के कमल की सूर्य भी उसकी रक्षा नहीं कर पाएगा, बल्कि कमल सूर्य की गर्मी के कारण झुलस कर मर जाएगा।

(च) अवध नरेश को चित्रकूट क्यों जाना पड़ा?
उत्तर – अवध नरेश को चित्रकूट इसलिए जाना पड़ा क्योंकि उन्हें 14 वर्ष तक वनवास में रहना था। चित्रकूट एक तपोवन था, जहाँ ऋषि-मुनियों द्वारा तपस्या की जाती थी। वहाँ विभिन्न मुनियों के आश्रम भी थे। श्रीराम को यह स्थान वनवास बिताने के लिए उपयुक्त लगा इसलिए वह यहाँ आकर निवास करने लगे। 

(छ) ‘नट’ किस कला में सिद्ध होने के कारण ऊपर चढ़ जाता है?
उत्तर – नट कुंडली मारने की कला में सिद्ध होने के कारण ऊपर चढ़ जाता है। वह कुंडली में सिमट जाता है। इसलिए छलांग मारकर ऊपर चढ़ जाता है।

(ज) ‘मोती, मानुष, चून’ के संदर्भ में पानी के महत्व को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर – पानी के अभाव में मोती का निर्माण संभव नहीं है। बिना पानी के आदमी एक सप्ताह से अधिक जीवित नहीं रह सकता। आटे को बिना पानी के नहीं गूँधा जा सकता। अतः ‘मोती, मानुष, चून’ के संदर्भ में पानी का अत्यधिक महत्त्व है। 

2. निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिए –

(क) टूटे से फिर ना मिले, मिले गाँठ परि जाय।
उत्तर – कवि प्रेम रूपी धागा न तोड़ने की बात कहता है कि एक बार यह टूट जाए तो सामान्य स्थिति नहीं आ पाती है। उसे जोड़ भी दिया जाए तो उसमें गाँठ पड़ जाती है क्योंकि इसके टूटने पर अविश्वास और संदेह का भाव आ जाता है।

(ख) सुनि अठिलैहैं लोग सब, बाँटि न लैहैं कोय।
उत्तर – कवि का कहना है कि अपना दुख किसी के सामने प्रकट नहीं करना चाहिए क्योंकि सब लोग सुनकर हँस लेते हैं मज़ाक कर लेते हैं परन्तु उसे बाँटता कोई भी नहीं है।

(ग) रहिमन मूलहिं सचिबो, फूलै फलै अघाय।
उत्तर – एक बार में कोई एक कार्य ही करना चाहिए। एक काम के पूरा होने से कई काम अपने आप हो जाते हैं। यदि एक ही साथ आप कई लक्ष्य को प्राप्त करने की कोशिश करेंगे तो कुछ भी हाथ नहीं आता। यह वैसे ही है जैसे जड़ में पानी डालने से ही किसी पौधे में फूल और फल आते हैं।

(घ) दीरघ दोहा अरथ के, आखर थोरे आहिं।
उत्तर – किसी भी दोहे में कम शब्दों में ही बहुत बड़ा अर्थ छिपा होता है। यह वैसे ही होता है जैसे नट की कुंडली होती है। नट अपनी कुंडली में सिमट कर तरह तरह के आश्चर्यजनक करतब दिखा देता है।

(ङ) नाद :रीझि तन देत मृग, नर धन हेत समेत
उत्तर – जिस तरह संगीत की मोहनी तान पर रीझकर हिरण अपने प्राण तक त्याग देता है। इसी प्रकार मनुष्य धन कला पर मुग्ध होकर धन अर्जित करने को अपना उद्देश्य बना लेता है और इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए वो सब कुछ त्यागने को भी तैयार हो जाता है।

(च) जहाँ काम आवे सुई, कहा करे तरवारि।
उत्तर – जहाँ छोटी चीज की जरूरत होती है वहाँ पर बड़ी चीज बेकार हो जाती है। जैसे जहाँ सुई की जरूरत होती है वहाँ तलवार का कोई काम नहीं होता। अतः किसी को छोटा समझ कर उसका मजाक नहीं उड़ाना चाहिए।

(छ) पानी गए न ऊबरै, मोती, मानुष, चून।
उत्तर – बिना पानी के न तो मोती बनता है, न आटा गूँधा जा सकता है और पानी के बिना मनुष्य जीवन भी असंभव है।

3. निम्नलिखित भाव को पाठ में किन पंक्तियों द्वारा अभिव्यक्त किया गया है-

(क) जिस पर विपदा पड़ती है वही इस देश में आता है।
उत्तर – जा पर बिपदा पड़त है, सो आवत यह देस

(ख) कोई लाख कोशिश करे पर बिगड़ी बात फिर बन नहीं सकती।
उत्तर – बिगरी बात बनै नहीं, लाख करौ किन कोय।

(ग) पानी के बिना सब सूना है अतः पानी अवश्य रखना चाहिए।
उत्तर – रहिमन पानी राखिए, बिनु पानी सब सून।

4. उदाहरण के आधार पर पाठ में आए निम्नलिखित शब्दों के प्रचलित रूप लिखिए-
उदाहरण : कोय – कोई, जे – जो

ज्यों ___________ कछु ___________
नहिं ___________ कोय ___________
धनि ___________ आखर ___________
जिय ___________ थोरे ___________
होय ___________ माखन ___________
तरवारि ___________ सींचिबो ___________
मूलहिं ___________ पिअत ___________
पिआसो ___________ बिगरी ___________
आवे ___________ सहाय ___________
ऊबरै ___________ बिनु ___________
बिथा ___________ अठिलैहैं ___________
परिजाय ___________

उत्तर –

ज्यों जैसे कछु कुछ
नहिं नहीं कोय कोई
धनि धन्य आखर अक्षर
जिय जी थोरे थोड़े
होय होना माखन मक्खन
तरवारि तलवार सींचिबो सींचना
मूलहिं मूल को पिअत पीना
पिआसो प्यासा बिगरी बिगड़ी
आवे आए सहाय सहायक
ऊबरै उबरना बिनु बिना
बिथा व्यथा अठिलैहैं हँसी उड़ाना
परिजाय पड़ जाए

Go Back To Chapters

 

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Latest from Class 9 Hindi