NCERT Solutions Class 9 Hindi (Sparsh Part – I) Chapter 6 शुक्रतारे के समान

NCERT Solutions Class 9 Hindi (Sparsh Part – I) 

The NCERT Solutions in Hindi Language for Class 9 हिंदी (स्पर्श गद्य – खंड) भाग – I पाठ – 6 शुक्रतारे के समान has been provided here to help the students in solving the questions from this exercise. 

पाठ – 6 (शुक्रतारे के समान)

प्रश्न – अभ्यास

मौखिक

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-

1. महादेव भाई अपना परिचय किस रूप में देते थे?
उत्तर – महादेव भाई अपना परिचय ‘पीर-बावर्ची-भिश्ती-खर’ और गाँधी जी के ‘हम्माल’ के रूप में देते हैं।

2. ‘यंग इंडिया’ साप्ताहिक में लेखों की कमी क्यों रहने लगी थी?
उत्तर – यंग इंडिया के मुख्य लेखक हार्नीमैन को देश निकाला कर दिया गया था। वे इंग्लैंड चले गए थे। अत: मुख्य लिखने वाला चला गया था।

3. गांधी जी ने ‘यंग इंडिया’ प्रकाशित करने के विषय में क्या निश्चय किया?
उत्तर – गांधीजी ने ‘यंग इंडिया’ प्रकाशित करने के विषय में यह निश्चय किया कि यह हफ्ते में दो बार छपेगी।

4. गांधी जी से मिलने से पहले महादेव भाई कहाँ नौकरी करते थे?
उत्तर – गांधीजी से मिलने से पहले महादेव भाई सरकार के अनुवाद विभाग में नौकरी करते थे।

5. महादेव भाई के झोलों में क्या भरा रहता था?
उत्तर – महादेव भाई के झोलों में समाचार पत्र, मासिक पत्रिकाएँ पत्र और पुस्तकें भरी रहती थीं।

6. महादेव भाई ने गांधी जी की कौन-सी प्रसिद्ध पुस्तक का अनुवाद किया था?
उत्तर – महादेव जी ने गांधीजी द्वारा लिखित ‘सत्य के प्रयोग’ का अंग्रेजी में अनुवाद किया था।

7. अहमदाबाद से कौन-से दो साप्ताहिक निकलते थे?
उत्तर – अहमदाबाद से निकलने वाले साप्ताहिक पत्र थे – ‘यंग इंडिया’ तथा ‘नव जीवन’।

8. महादेव भाई दिन में कितनी देर काम करते थे?
उत्तर – महादेव भाई दिन में 17-18 घंटे काम करते थे।

9. महादेव भाई से गांधी जी की निकटता किस वाक्य से सिद्ध होती है?
उत्तर – महादेव भाई से गांधीजी की निकटता निम्न वाक्य से सिद्ध होती है −
‘ए रे जख्म जोगे नहि जशे’ − यह घाव कभी योग से भरेगा नहीं।

लिखित

(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-

1. गांधी जी ने महादेव को अपना वारिस कब कहा था?
उत्तर – गांधीजी जब 1919 में जलियाँ वाल बाग हत्याकांड के बाद पंजाब जा रहे थे तो पलवल रेलवे स्टेशन पर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। तभी गांधीजी ने महादेव भाई को अपना वारिस कहा था और तभी से वे इसी रूप में पूरे देश में लाडले बन गए।

2. गांधी जी से मिलने आनेवालों के लिए महादेव भाई क्या करते थे?
उत्तर – गाँधीजी से मिलने आनेवालों से महादेव जी खुद मिलते थे, उनकी समस्याएँ सुनते, उनकी संक्षिप्त टिप्पणी तैयार करते और गांधी को बताते। इसके बाद वे आने वालों को गांधीजी से मिलवाते थे।

3. महादेव भाई की साहित्यिक देन क्या है?
उत्तर – महादेव भाई ने गांधी जी की गतिविधियों पर टीका-टिप्पणी के अलावा ‘सत्य के प्रयोग’ का अंग्रेजी अनुवाद किया। इसके अलावा ‘चित्रांगदा’, ‘विदाई का अभिशाप’, ‘शरद बाबू की कहानियाँ’ आदि का अनुवाद उनकी साहित्यिक देन है।

4. महादेव, भाई की अकाल मृत्यु को कारण क्या था?
उत्तर – महादेव भाई भरी गर्मी में वर्घा से पैदल चलकर सेवाग्राम आते थे और जाते थे। 11 मील रोज़ गर्मी में पैदल चलने से स्वास्थय पर बुरा प्रभाव पड़ा और उनकी अकाल मृत्यु हो गई।

5. महादेव भाई के लिखे नोट के विषय में गांधी जी क्या कहते थे?
उत्तर – महादेव भाई के लिखे नोट के विषय में गांधीजी कहते थे कि वे सटीक होते हैं। उनमें कभी कोमा तक की गलती भी नहीं होती है लिखावट सुंदर भी है।

(ख) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-

1. पंजाब में फ़ौजी शासन ने क्या कहर बरसाया?
उत्तर – पंजाब में फ़ौजी शासन ने बहुत कहर बरसाया। अधिकतर नेताओं को गिरफ्तार करके उमर कैद की सज़ा देकर काला पानी भेज दिया गया। राष्ट्रीय दैनिक पत्र ‘ट्रिब्यून’ के संपादक को 10 साल की सज़ा मिली तथा 1919 में जलिया वाला बाग हत्याकांड हुआ।

2. महादेव जी के किन गुणों ने उन्हें सबका लाडला बना दिया था?
उत्तर – महादेव जी प्रतिभा संपन्न व्यक्ति थे। वे कर्तव्यनिष्ठ थे, विनम्र स्वभाव के थे, आने वालों के साथ सहयोग करते थे। उनकी लेखन शैली का सभी लोहा मानते थे। वे कट्टर विरोधियों के साथ भी सत्यनिष्ठता और विवेक युक्त बात करते थे। देश में ही नहीं विदेश में भी लोकप्रिय थे। इन्हीं सब करणों से वे सबके लाडले थे।

3. महादेव जी की लिखावट की क्या विशेषताएँ थीं?
उत्तर – महादेव जी की लिखावट बहुत सुंदर थी। उनके अक्षरों का कोई सानी नहीं था। वाइसराय को जाने वाले पत्र गांधीजी हमेशा महादेव जी से ही लिखाते थे। उनका लेखन सबको मंत्रमुग्ध कर देता था। वे शुद्ध और सुंदर लिखते थे। बड़े-बड़े सिविलियन और गवर्नर कहा करते थे कि सारी ब्रिटिश सर्विसों में उनके समान अक्षर लिखने वाला कोई नहीं था।

(ग) निम्नलिखित का आशय स्पष्ट कीजिए-

1. ‘अपना परिचय उनके ‘पीर-बावर्ची-भिश्ती-खर’ के रूप में देने में वे गौरवान्वित महसूस करते थे।’
उत्तर – महादेव जी गांधीजी के सब छोटे-बड़े सभी काम करते थे और सभी कार्य कुशलता पूर्वक करते थे। इसी कारण वे स्वयं को गांधीजी के ‘पीर-बावर्ची-भिश्ती-खर’ कहते थे और उसमें गौरव का अनुभव करते थे।

2. इस पेशे में आमतौर पर स्याह को सफेद और सफ़द को स्याह करना होता था।
उत्तर – एक वकील के पेशे में उसका काम गलत को सही और सही को गलत सिद्ध करना होता है। इसमें पूरी सच्चाई से काम नहीं होता। इसलिए ही गाँधीजी ने इसको छोड़ा था।

3. देश और दुनिया को मुग्ध करके शुक्रतारे की तरह ही अचानक अस्त हो गए।
उत्तर – महादेव देसाई जी को एक शुक्रतारे के समान माना गया है। वे चाहे थोड़े समय पर अपनी छटा से सबको मोहित करते रहे। जैसे शुक्रतारा अचानक छिप जाता है, उसी प्रकार महादेव भाई भी असमय काल के ग्रास बन गए।

4. उन पत्रों को देख-देखकर दिल्ली और शिमला में बैठे वाइसराय लंबी साँस-उसाँस लेते रहते थे।
उत्तर – महादेव देसाई जी की लिखाई बहुत ही सुन्दर थी। वे जो पत्र लिखकर गाँधीजी की ओर से भेजते थे, उन्हें दिल्ली और शिमला में बैठे वाइसराय भी पढ़कर हैरत में पड़ जाते थे। लेख और लेखनी दोनों ही बहुत अच्छी थी कि वे लंबी-लंबी साँसे लेने लगते थे।

भाषा-अध्ययन

1. ‘इक’ प्रत्यय लगाकर शब्दों का निर्माण कीजिए-

सप्ताह  साप्ताहिक अर्थ __________
साहित्य __________ धर्म __________
व्यक्ति
__________ मास __________
राजनीति __________ वर्ष __________

उत्तर –

सप्ताह  साप्ताहिक अर्थ आर्थिक
साहित्य साहित्यिक धर्म धार्मिक
व्यक्ति
वैयक्तिक मास मासिक
राजनीति राजनैतिक वर्ष वार्षिक

2. नीचे दिए गए उपसर्गों का उपयुक्त प्रयोग करते हुए शब्द बनाइए-
अ, नि, अन, दुर, वि, कु, पर, सु, अधि

आर्य __________ आगत __________
डर __________ आकर्षण __________
क्रय __________ मार्ग __________
उपस्थित __________ लोक __________
नायक __________ भाग्य __________

उत्तर –

आर्य अनार्य आगत स्वागत
डर निडर आकर्षण अनाकर्षक
क्रय विक्रय मार्ग कुमार्ग
उपस्थित अनुपस्थित लोक परलोक
नायक अधिनायक भाग्य सौभाग्य

3. निम्नलिखित मुहावरों को अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए-

आड़े हाथों लेना अस्त हो जाना
दाँतों तले अंगुली दबाना मंत्रमुग्ध करना
लोहे के चने चबाना
 

उत्तर –

मुहावरे  वाक्य प्रयोग
आड़े हाथों लेना  पुलिस ने चोर को आड़े हाथों ले लिया।
दाँतों तले अँगुली दबाना पाँच वर्ष के बालक को कम्प्यूटर पर काम करते देखा तो सबने दाँतों तले अँगुली दबा ली।
लोहे के चने चबाना आतंकवादियों ने अमेरिका जैसे शक्तिशाली देश को भी लोहे के चने चबवा दिए।
अस्त हो जाना बहुत मेहनत के बाद भारतीय अंग्रेजी राज्य के सूर्य को अस्त करने में सफल रहे।
मंत्रमुग्ध करना उसने अपने भाषण से सबको मंत्रमुग्ध कर दिया।

4. निम्नलिखित शब्दों के पर्याय लिखिए-

वारिस ________ जिगरी ________ कहर ________
मुकाम
________ रूबरू ________ फ़र्क ________
तालीम ________ गिरफ्तार ________  

उत्तर – 

  • वारिस – उत्तराधिकारी
  • जिगरी – घनिष्ठ, पक्का
  • कहर – घोर मुसीबत
  • मुकाम – लक्ष्य, मंजिल
  • रूबरू – आमने-सामने
  • फ़र्क – अंतर
  • तालीम – शिक्षा
  • गिरफ्तार – कैद, बंदी

5. उदाहरण के अनुसार वाक्य बदलिए-
उदाहरण : गांधी जी ने महादेव भाई को अपना वारिस कहा था।
गांधी जी महादेव भाई को अपना वारिस कहा करते थे।

  1. महादेव भाई अपना परिचय ‘पीर-बावर्ची-भिश्ती-खर’ के रूप में देते थे।
  2. पीड़ितों के दल-के-दल गामदेवी के मणिभवन पर उमड़ते रहते थे।
  3. दोनों साप्ताहिक अहमदाबाद से निकलते थे।
  4. देश-विदेश के समाचार-पत्र गांधी जी की गतिविधियों पर टीका-टिप्पणी करते थे।
  5. गांधी जी के पत्र हमेशा महादेव की लिखावट में जाते थे।

उत्तर –

  1. महादेव भाई अपना परिचय पीर-बावर्ची-भिश्ती-खर’ के रूप में दिया करते थे।
  2. पीड़ितों के दल-के-दल गामदेवी के भवन पर उमड़ा करते थे।
  3. दोनों साप्ताहिक अहमदाबाद से निकला करते थे।
  4. देश-विदेश के समाचार-पत्र गांधी जी की गतिविधियों पर टीका-टिप्पणी किया करते थे।
  5. गांधी जी के पत्र हमेशा महादेव की लिखावट में जाया करते थे।

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