Daily MCQs - Environment and Ecology - 08 February, 2025 (Saturday)

Daily MCQs – पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी – 08 February 2025 (Saturday)

Daily MCQs : पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी (Environment and Ecology)
08 February, 2025 (Saturday)

1. निम्नलिखित पर विचार कीजिए :
1. मक्खियाँ

2. कॉकरोच
3. केंकड़े
4. जेलीफिश
उपर्युक्त जीवों में से कितने अपरदाहारी हैं?
(a) केवल एक

(b) केवल दो
(c) केवल तीन
(d) सभी चार

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उत्तर – (C)

व्याख्या – एक अपरदाहारी अपरद अपशिष्टों का भक्षण करते हैं, जिसमें जैविक कचरा, मलवा और जंतुओं के सूखे मल आदि शामिल होते हैं। अपरदाहारों के उदाहरण हैं-मक्खियाँ, कॉकरोच, केंकड़े, केंचुए, दीमक और काष्ठ चींटी , जबकि जेलीफ़िश अपरदहारी नहीं है । अपघटक और अपरदाहारी दोनों मृत और सड़े-गले पदार्थों के वियोजन या अपघटन में सहायता करते हैं। दोनों अपशिष्ट पदार्थों से अपनी ऊर्जा प्राप्त करते हैं। यदि उनका योगदान न होगा तो पृथ्वी मृत पदार्थ और मृत शरीरों से भर जाएगी।

2. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
कथन-I :  भारत ने क्योटो प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किए हैं, लेकिन भारत को इसकी बाध्यताओं से छूट दी गई है।

कथन-II : भारत का मानना है कि विकसित देशों को ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने के लिए अधिक जिम्मेदारी लेनी चाहिए।
उपर्युक्त कथनों के बारे में, निम्नलिखित में से कौन-सा एक सही है?
(a) कथन-I और कथन-II दोनों सही है तथा कथन- II, कथन-I की सही व्याख्या है

(b) कथन-I और कथन-II दोनों सही है तथा कथन-II, कथन-I की सही व्याख्या नहीं है
(c) कथन-I सही है किन्तु कथन-II गलत है
(d) कथन-1 गलत है किन्तु कथन-II सही है

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उत्तर – (A)

व्याख्या – भारत ने 2002 में क्योटो प्रोटोकॉल (1997) पर हस्ताक्षर किए और इसका अनुमोदन किया। भारत, चीन और अन्य विकासशील देशों को क्योटो प्रोटोकॉल की बाध्यताओं से छूट दी गई है क्योंकि औद्योगीकरण के दौर में ग्रीनहाऊस गैसों के उत्सर्जन के मामले में इनका कुछ ख़ास योगदान नहीं था। अतः कथन-I सही है

2005 के जून में ग्रुप-8 के देशों की बैठक हुई। इसमें भारत ने ध्यान दिलाया कि विकासशील देशों में ग्रीन हाऊस गैसों की प्रति व्यक्ति उत्सर्जन दर विकसित देशों की तुलना में नाममात्र हैं। साझी परंतु विभेदीकृत उत्तरदायित्व के सिद्धांत के अनुरूप भारत का विचार है कि उत्सर्जन दर में कमी करने की सबसे ज्यादा जिम्मेदारी विकसित देशों की है क्योंकि इन देशों ने एक लंबी अवधि तक बहुत ज्यादा उत्सर्जन किया है। अतः कथन-II सही है

कथन-II, कथन-I की सही व्याख्या है, क्योंकि यह बताता है कि क्यों भारत ने क्योटो प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किए हैं तथा भारत को क्यों इसकी बाध्यताओं से छूट दी गई है।

3. जलीय पारितंत्र के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. बेन्थोस, वे जीव हैं जो जल के तल में निवास करते हैं।

2. नेक्टन, ऐसे जीव हैं जो जड़ वाले पौधों के तनों और पत्तियों से जुड़े रहते हैं।
3. न्यूस्टन, अनासक्त जीव हैं जो वायु और जल के अंतरापृष्ठ में निवास करते हैं।
उपर्युक्त में से कितने कथन सही है?
(a) केवल एक

(b) केवल दो
(c) सभी तीन
(d) कोई भी नहीं

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उत्तर – (B)

व्याख्या – बेन्थोस : बैंथिक जीव वे हैं जो जल के तल में रहते हैं। व्यावहारिक रूप से प्रत्येक जलीय पारितंत्र में सुविकसित बेंथोस पाए जाते हैं। अतः कथन 1 सही है

नेक्टन : यह पानी या समुद्री जीवों का एक समूह है जो एक साथ स्वतंत्र रूप से यात्रा करते हैं. ये जीव मछली, क्रस्टेशियंस या मोलस्क हो सकते हैं जो समुद्र या झील में रहते हैं। अतः कथन 2 सही नहीं है

न्यूस्टन : ये अनासक्त जीव हैं जो वायु और जल के अंतरापृष्ठ में निवास करते हैं, जैसे- तैरते पौधे आदि। अतः कथन 3 सही है

4. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. औद्योगीकरण के दौर को मौजूदा वैश्विक तापवृद्धि का जिम्मेदार माना जाता है।

2. भारत ने 2 अक्तूबर 2017 को पेरिस जलवायु समझौते को अनुमोदित किया।
उपर्युक्त कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1

(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न दो

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उत्तर – (A)

व्याख्या – औद्योगिक क्रांति के दौरान जीवाश्म ईंधन के जलने, वनों की कटाई और अन्य मानवीय गतिविधियों के कारण ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में उल्लेखनीय वृद्धि हुई। ग्रीनहाउस गैसें वायुमंडल में गर्मी को रोकती हैं, जिससे पृथ्वी का तापमान बढ़ता है। अतः कथन 1 सही है

पेरिस समझौता(2015) एक ऐतिहासिक समझौता है, जो देशों से जलवायु परिवर्तन से निपटने और वैश्विक तापमान वृद्धि को 2 डिग्री सेल्सियस से नीचे सीमित करने का आह्वान करता है। भारत ने 2 अक्टूबर, 2016 को पेरिस समझौते अनुमोदित किया। अतः कथन 2 सही नहीं है

5. निम्नलिखित में से कौन-सा पारिस्थितिकी तंत्र किसी दिए गए क्षेत्र की इकाई के लिए सबसे अधिक कार्बन का प्रच्छादन करेगा?
(a) लवणीय भूमि

(b) घास का मैदान
(c) अनावृत मिट्टी
(d) परिपक्व उष्णकटिबंधीय वन

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उत्तर – (A)

व्याख्या – लवणीय आर्द्रभूमियाँ महत्वपूर्ण तटीय ‘ब्लू कार्बन’ पारिस्थितिकी तंत्र हैं क्योंकि इनमें जमीन के ऊपर और नीचे के बायोमास और तलछट में कार्बन जमा करने की क्षमता होती है। उष्णकटिबंधीय वनों की तुलना में लवणीय मिट्टी दो से चार गुना अधिक कार्बन अवशोषित करती है।

 

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